🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 539* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*साहिबे रज्अते शम्सो शक़्कुल क़मर*
नाइबे दस्ते कुदरत पे लाखों सलाम
*फ़र्श ता अर्श है जिस के ज़ेरे नगीं*
उस की क़ाहिर रियासत पे लाखों सलाम
࿐ *मो'जिज़ा क्या है.?*
࿐ हज़राते अम्बियाए किराम عَلَیْھِمُ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام से उन की नुबुव्वत की सदाक़त ज़ाहिर करने के लिये किसी ऐसी तअज्जुब ख़ैज़ चीज़ का ज़ाहिर होना जो आदतन नहीं हुवा करती इसी खिलाफ़े आदत ज़ाहिर होने वाली चीज़ का नाम मोजिज़ा है।
࿐ मो'जिज़ा चूंकि नबी की सदाक़त जाहिर करने के लिये एक खुदा वन्दी निशान हुवा करता है। इस लिये मो'जिज़े के लिये ज़रूरी है कि वोह खारिके आदत हो। या'नी ज़ाहिरी इलल व असबाब और आदाते जारिया के बिल्कुल ही ख़िलाफ़ हो वरना ज़ाहिर है कि कुफ़्फ़ार उस को देख कर कह सकते हैं कि येह तो फुलां सबब से हुवा है और ऐसा तो हमेशा आदतन हुवा ही करता है। इस बिना पर मोजिज़े के लिये येह लाज़िमी शर्त है बल्कि येह मो'जिज़े के मफ़्हूम में दाखिल है कि वोह किसी न किसी ए'तिबार से अस्बाबे आदिया और आदाते जारिया के ख़िलाफ़ हो और ज़ाहिरी अस्बाब व इलल के अमल दख़ल से बिल्कुल ही बाला तर हो,
࿐ ताकि उस को देख कर कुफ़्फ़ार येह मानने पर मजबूर हो जाएं कि चूंकि इस चीज़ का कोई ज़ाहिरी सबब भी नहीं है और आदतन कभी ऐसा हुवा भी नहीं करता इस लिये बिला शुबा इस चीज़ का किसी शख़्स से ज़ाहिर होना इन्सानी ताक़तों से बाला तर कारनामा है। लिहाज़ा यक़ीनन येह शख़्स अल्लाह की तरफ़ से भेजा हुवा और उस का नबी है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह- 709📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 540* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मो'जिज़ात की चार किस्में :*
࿐ जब मो'जिज़े के लिये येह ज़रूरी और लाज़मी शर्त है कि वोह किसी न किसी लिहाज़ से इन्सानी ताकतों से बाला तर और आदाते जारिया के ख़िलाफ़ हो। इस बिना पर अगर बग़ौर देखा जाए तो ख़ारिके आदत होने के ए'तिबार से मो'जिज़ात की चार क़िस्में मिलेंगी जो हस्बे ज़ैल हैं :
࿐ अव्वल : बज़ाते खुद वोह चीज़ ही ऐसी हो जो ज़ाहिरी अस्बाब व आदात के बिल्कुल ही खिलाफ़ हो जैसे हुज़ूरे अक्दस ﷺ का चांद को दो टुकड़े कर के दिखा देना। हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम के असा का सांप बन कर जादूगरों के सांपों को निगल जाना। हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम का मुर्दों को ज़िन्दा कर देना वग़ैरा वग़ैरा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह- 710 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 541* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मो'जिज़ात की चार किस्में :*
࿐ दुवुम : बजाते खुद वोह चीज़ तो खिलाफ़े आदत नहीं होती मगर किसी खास वक़्त पर बिल्कुल ही ना गहां नबी से उस का जुहूर हो जाना इस ए’तिबार से येह चीज़ खारिके आदत हो जाया करती है लिहाज़ा येह भी मो'जिजा ही कहलाएगा। मसलन जंगे खन्दक़ में अचानक एक खौफ़नाक आंधी का आ जाना जिस से कुफ़्फ़ार के खैमे उखड़ उखड़ कर उड़ गए और भारी भारी देगें चूल्हों पर से उलट पलट कर दूर जा कर गिर पड़ीं या जंगे बद्र में तीन सो तेरह मुसलमानों के मुकाबले में कुफ्फार के एक हज़ार लश्करे जर्रार का जो मुकम्मल तौर पर मुसल्लह थे शिकस्त खा कर मक़्तूल व गरिफ़्तार हो जाना। जाहिर है कि आंधी का आना या किसी लश्कर का शिकस्त खा जाना येह बजाते खुद कोई ख़िलाफ़े आदत बात नहीं है बल्कि येह तो हमेशा हुवा ही करता है लेकिन इस एक ख़ास मौक़अ पर जब कि रसूल को ताईदे रब्बानी की खास जरूरत महसूस हुई बिग़ैर किसी ज़ाहिरी सबब के बिल्कुल ही अचानक आंधी का आ जाना और कुफ़्फ़ार का बा वुजूदे कसरते तादाद के क़लील मुसलमानों से शिकस्त खा जाना इस को ताईदे ख़ुदा वन्दी और ग़ैबी इमदाद व नुस्रत के सिवा कुछ भी नहीं कहा जा सकता। इस लिहाज़ से यक़ीनन येह आदाते जारिया के ख़िलाफ़ और ज़ाहिरी अस्बाब व इलल से बाला तर है। लिहाज़ा येह भी यक़ीनन मो'जिज़ा है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह- 710📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 542* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मो'जिज़ात की चार किस्में :*
࿐ *सिवुम :-* एक सूरत येह भी है कि न तो बजाते खुद वोह वाक़िआ ख़िलाफ़े आदत होता है न उस के ज़ाहिर होने के वक्ते खास में खिलाफ़े आदत कोई बात होती है। मगर उस वाकए के ज़ाहिर होने का तरीक़ा बिल्कुल ही नादिरुल वुजूद और खिलाफ़े आदत हुवा करता है। मसलन अम्बिया عَلَیْھِمُ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام की दुआओं से बिल्कुल ही ना गहां पानी का बरसना, बीमारों का शिफ़ायाब हो जाना, आफ़तों का टल जाना।
࿐ ज़ाहिर है कि येह बातें न तो खिलाफ़े आदत हैं न इन के ज़ाहिर होने का कोई खास वक्त है बल्कि यह बातें तो हमेशा हुवा ही करती हैं लेकिन जिन तरीक़ों और जिन असबाब से येह चीजें वुकूअ पज़ीर हुईं कि एक दम ना गहां नबी ने दुआ मांगी और बिल्कुल ही अचानक येह चीजें जुहूर में आ गई। इस ए'तिबार से यक़ीनन बिला शुबा येह सारी चीजें खारिके आदात और ज़ाहिरी अस्बाब से अलग और बाला तर हैं। 'लिहाज़ा येह चीजें भी मो'जिज़ात ही कहलाएंगे।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह- 710📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 543* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मो'जिज़ात की चार किस्में :*
࿐ *चहारुम :-* कभी ऐसा भी होता है कि न तो खुद वाकिआ आदाते जारिया के ख़िलाफ़ होता है न उस का तरीक़ए जुहूर खारिके आदत होता है लेकिन बिला किसी ज़ाहिरी सबब के नबी को उस वाक़िए का क़ब्ल अज़ वक़्त इल्मे ग़ैब हासिल हो जाना और वाकिए के वुकूअ से पहले ही नबी का इस वाक़िए की ख़बर दे देना येह खिलाफ़े आदत होता है। मसलन हज़राते अम्बिया عَلَیْھِمُ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام ने वाकआत के जुहूर से बहुत पहले जो ग़ैब की ख़बरें दी हैं येह सब वाक़िआत इस ए'तिबार से खारिके आदात और मो'जिज़ात हैं।
࿐ चुनान्चे मुस्लिम शरीफ़ की रिवायत है कि एक रोज़ बहुत ही जोरदार आंधी चली उस वक़्त हुज़ूर ﷺ मदीने से बाहर तशरीफ़ फ़रमा थे आप ने उसी जगह फ़रमाया कि यह आंधी मदीने के एक मुनाफिक की मौत के लिये चली है। चुनान्चे ऐसा ही हुवा कि जब लोग मदीना पहुंचे तो मालूम हुवा कि मदीने का एक मुनाफ़िक़ इस आंधी से हलाक हो गया।
࿐ गौर कीजिये कि इस वाक़िए में न तो आंधी का चलना खिलाफ़े आदत है न किसी आदमी का आंधी से हलाक होना अस्बाब व आदात ख़िलाफ़ है क्यूं कि आंधी हमेशा आती ही रहती है और आंधी में हमेशा आदमी मरते ही रहते हैं लेकिन इस वाक़िए का क़ब्ल अज वक्त हुज़ूर ﷺ को इल्म हो जाना और आप का लोगों को इस ग़ैब की ख़बर पर क़ब्ल अज़ वक्त मुत्तलअ कर देना यक़ीनन बिला शुबा येह खर्के आदात और मो'जिज़ात में से है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह- 711-712📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 544* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *अम्बियाए साबिक़ीन और खातमुन्नबिय्यीन के मों'जिज़ात :-*
࿐ हर नबी का मो'जिज़ा चूंकि उस की नुबुव्वत के सुबूत की दलील हुवा करता है इस लिये खुदा वन्दे आलम ने हर नबी को उस दौर के माहोल और उस की उम्मत के मिज़ाजे अक्ल व फ़हम के मुनासिब मो'जिज़ात से नवाज़ा। चुनान्चे मसलन हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम के दौर में चूंकि जादू और साहिराना कारनामे अपनी तरक़्क़ी की आ'ला तरीन मन्जिल पर पहुंचे हुए थे इस लिये अल्लाह तआला ने आप को "यदे बैज़ा" और “असा” के मो’जिजात अता फरमाए जिन से आप ने जादूगरों के साहिराना कारनामों पर इस तरह ग़लबा हासिल फ़रमाया कि तमाम जादूगर सज्दे में गिर पड़े और आप की नुबुव्वत पर ईमान लाए।
࿐ इसी तरह हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम के ज़माने में इल्मे तिब इनतिहाई मे'राजे तरक़्क़ी पर पहुंचा हुवा था और उस दौर के तबीबों और डॉक्टरों ने बड़े बड़े अमराज़ का इलाज कर के अपनी फ़न्नी महारत से तमाम इन्सानों को मस्हूर कर रखा था इस लिये अल्लाह तआला ने हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम को मादर ज़ाद अन्धों और कोढ़ियों को शिफा देने और मुर्दों को ज़िन्दा कर देने का मो'जिजा अता फ़रमाया जिस को देख कर दौरे मसीही के अतिब्बा और डॉक्टरों के होश उड़ गए और वोह हैरान व शश्दर रह गए और बिल आखिर उन्हों ने इन मो'जिज़ात को इन्सानी कमालात से बाला तर मान कर आप की नुबुव्वत का इकरार कर लिया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह- 712-713📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 545* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *अम्बियाए साबिक़ीन और खातमुन्नबिय्यीन के मों'जिज़ात :-*
࿐ इसी तरह हज़रते सालेह अलैहिस्सलाम के दौरे बिअसत में संग तराशी और मुजस्समा साज़ी के कमालात का बहुत ही चर्चा था इस लिये खुदा वन्दे आप को येह मो'जिज़ा अता फरमा कर भेजा कि आप ने एक पहाड़ी की तरफ़ इशारा फ़रमा दिया तो उस की एक चट्टान शक़ हो गई और उस में से एक बहुत ही खूब सूरत और तन्दुरुस्त ऊंटनी और उस का बच्चा निकल पड़ा और आप अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया कि : (तर्जुमा) येह अल्लाह की ऊंटनी है जो तुम्हारे लिये मो'जिज़ा बन कर आई है।
हज़रते सालेह अलैहिस्सलाम की क़ौम आप का येह मो' जिज़ा देख कर ईमान लाई।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -713📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 547* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *अम्बियाए साबिक़ीन और खातमुन्नबिय्यीन के मों'जिज़ात :-*
࿐ इसी लिये आप ﷺ की सूरत व सीरत आप की सुन्नत व शरीअत आप के अख़्लाक़ व आदात आप के दिन रात के मा'मूलात ग़रज़ आप की जात व सिफ़ात की हर हर एक एक बात अपने दामन में मो'जिज़ात की एक दुन्या लिये हुए है। आप पर जो किताब नाज़िल हुई वोह आप का सब से बड़ा और क़ियामत तक बाक़ी रहने वाला ऐसा अबदी मो'जिज़ा है जिस की हर हर आयत आयाते बय्यिनात की किताब और जिस की सतर सतर मो'जिज़ात का दफ़्तर है। आप के मो'जिजात आलमे आ'ला और आलमे अस्फ़ल की कानात में इस तरह जल्वा फ़िगन हुए कि फ़र्श से अर्श तक आप के मो'जिज़ात की अज़मत का डंका बज रहा है।
࿐ रूए ज़मीन पर जमादात, नबातात, हैवानात के तमाम आलमों में आप ﷺ के तरह तरह के मो'जिज़ात की ऐसी हमागीर हुक्मरानी व सल्तनत का परचम लहराया कि बड़े बड़े मुन्किरों को भी आप की सदाक़त व नुबुव्वत के आगे सर निगूं होना पड़ा और मुआनिदीन के सिवा हर इन्सान ख़्वाह वोह किसी क़ौम व मज़हब से तअल्लुक रखता हो और अपनी उफ्तादे तब्अ और मिज़ाजे अक्ल के लिहाज़ से कितनी ही मन्जिले बुलन्द पर फ़ाइज़ क्यूं न हो मगर आप के मो'जिज़ात की कसरत और इन की नौइय्यत व अज़मत को देख कर उस को इस बात पर ईमान लाना ही पड़ा कि बिला शुबा आप नबिय्ये बरहक़ और खुदा के सच्चे रसूल हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -714📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 548* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *अम्बियाए साबिक़ीन और खातमुन्नबिय्यीन के मों'जिज़ात :-*
࿐ खुद आप ﷺ की जिस्मानी व रूहानी खुदादाद ताकतों पर अगर नज़र डाली जाए तो पता चलता है कि आप की हयाते मुक़द्दसा के मुख्तलिफ़ दौर के मुहय्यिरुल उकूल कारनामे बजाए खुद अज़ीम से अज़ीम तर मो'जिज़ात ही मो'जिज़ात हैं। कभी अरब के ना क़ाबिले तस्ख़ीर पहलवानों से कुश्ती लड़ कर उन को पछाड़ देना, कभी दम ज़दन में फ़र्शे ज़मीन से सिद्रतुल मुन्तहा पर गुज़रते हुए अर्शे मुअल्ला की सैर, कभी उंगलियों के इशारे से चांद के दो टुकड़े कर देना, कभी डूबे हुए सूरज को वापस लौटा देना, कभी खन्दक की चट्टान पर फावड़ा मार कर रूम व फ़ारस की सल्तनतों में अपनी उम्मत को परचमे इस्लाम लहराता हुवा दिखा देना, कभी उंगलियों से पानी के चश्मे जारी कर देना, कभी मुठ्ठी भर खजूर से एक भूके लश्कर को इस तरह राशन देना कि हर सिपाही ने शिकम सैर हो कर खा लिया वग़ैरा वग़ैरा मो'जिज़ात का ज़ाहिर कर देना यक़ीनन बिला शुबा येह वोह मो'जिज़ाना वाक़िआत हैं कि दुन्या का कोई भी सलीमुल अक्ल इन्सान इन से मुतअस्सिर हुए बगैर नहीं रह सकता।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -715 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 549* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मो'जिज़ाते कसीरा में से चन्द :-*
࿐ हुज़ूरे अक्दस ﷺ के मो'जिज़ात की तादाद का हज़ार दो हज़ार की गिनतियों से शुमार करना इनतिहाई दुश्वार है। क्यूं कि हम तहरीर कर चुके हैं कि आप की जाते मुक़द्दसा तमाम अम्बियाए साबिक़ीन عَلَیْھِمُ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام के मो'जिज़ात का मजमूआ है। और इन के इलावा खुदा वन्दे कुद्दूस ने आप को दूसरे ऐसे बेशुमार मो'जिज़ात भी अता फ़रमाए हैं जो किसी नबी व रसूल को नहीं दिये गए। इस लिये येह कहना आफ्ताब से ज़ियादा ताबनाक हकीक़त है कि आप की मुक़द्दस ज़िन्दगी के तमाम लम्हात दर हक़ीक़त मो'जिज़ात की एक दुन्या और खवारिके आदात का एक आलमे अक्बर हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -715 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 550* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मो'जिज़ाते कसीरा में से चन्द :-*
࿐ ज़ाहिर है कि जब बड़ी बड़ी अज़ीम व जखीम किताबों मुसन्निफ़ीन हुज़ूर ﷺ के तमाम मो'जिज़ात को अपनी अपनी किताबों में जम्अ नहीं फ़रमा सके तो हमारी इस मुख़्तसर किताब का तंग दामन भला इन मोजिज़ाते कसीरा का किस तरह मुतहम्मिल हो सकता है? लेकिन मसल मश्हूर है कि या’नी जिस चीज़ को पूरा पूरा न हासिल किया जा सके उस को बिल्कुल ही छोड़ देना भी नहीं चाहिये। इस लिये मैं ने मुनासिब समझा कि अपनी इस मुख़्तसर किताब में चन्द मो'जिज़ात का भी जिक्र करूं ताकि इस किताब का 'दामन मो'जिज़ाते नुबुव्वत के गुलहाए रंगारंग से बिल्कुल ही खाली न रह जाए। चूंकि हम अर्ज़ कर चुके कि हमारे हुज़ूर नबिय्ये आखिरुज्जमान ﷺ के मो'जिज़ात आलमे अस्फ़ल ही तक महदूद नहीं बल्कि आलमे अस्फ़ल व आलमे आ'ला दोनों जहानों में मो'जिज़ाते नबविय्या की हुक्मरानी है इस लिये हम चन्द अक्साम के मो'जिज़ात की चन्द मिसालें मुख्तलिफ़ उन्वानों के तहत दर्ज करते हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -715📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 551* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *चांद दो टुकड़े हो गया :-*
࿐ हुज़ूर खातिमुन्नबिय्यीन ﷺ के मोजिज़ात में "शक़्कुल क़मर" का मोजिज़ा बहुत ही अज़ीमुश्शान और फ़ैसला कुन मोजिज़ा है। हदीसों में आया है कि कुफ़्फ़ारे मक्का ने आप से येह मुतालबा किया कि आप अपनी नुबुव्वत की सदाक़त पर बतौरे दलील के कोई मो'जिज़ा और निशानी दिखाइये। उस वक़्त आप उन लोगों को "शक़्कुल क़मर" का मो'जिज़ा दिखाया कि चांद दो टुकड़े हो कर नज़र आया। चुनान्चे हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद हज़रते अब्दुल्लाह बिन अब्बास व हज़रते अनस बिन मालिक व हज़रते जुबैर बिन मुतइम व हज़रते अली बिन अबी तालिब व हज़रते अब्दुल्लाह बिन उमर, हज़रते हुज़ैफ़ा बिन यमान رضی الله تعالی عنهم वग़ैरा ने इस वाक़िए की रिवायत की है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -716 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 552* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *चांद दो टुकड़े हो गया :-* इन रिवायात में सब से ज़ियादा सहीह और मुस्तनद हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद رضی الله تعالی عنه की रिवायत है जो बुखारी व मुस्लिम व तिरमिजी वग़ैरा में मज़कूर है। हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद رضی الله تعالی عنه इस मौकअ पर मौजूद थे और उन्हों ने इस मो'जिज़े को अपनी आंखों से देखा था। उन का बयान है कि
࿐ हुज़ूर ﷺ के ज़माने में चांद दो टुकड़े हो गया। एक टुकड़ा पहाड़ के ऊपर और एक टुकड़ा पहाड़ के नीचे नज़र आ रहा था। आप ने कुफ़्फ़ार को येह मन्ज़र दिखा कर उन से इरशाद फ़रमाया कि गवाह हो जाओ गवाह हो जाओ।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -717 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 553* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *चांद दो टुकड़े हो गया :-* इन अहादीसे मुबारका के इलावा इस अज़ीमुश्शान मो'जिज़े का ज़िक्र कुरआने मजीद में भी है। चुनान्चे इरशादे रब्बानी है कि : क़ियामत क़रीब आ गई और चांद फट गया और येह कुफ़्फ़ार अगर कोई निशानी देखते हैं तो उस से मुंह फैर लेते हैं और कहते हैं कि येह जादू हमेशा से होता चला आया है।
࿐ इस आयत का साफ़ व सरीह मतलब यही है कि क़ियामत क़रीब आ गई और दुन्या की उम्र का कलील हिस्सा बाकी रह गया क्यूं कि चांद का दो टुकड़े हो जाना जो अलामाते क़ियामत में से था वोह हुज़ूर ﷺ के ज़माने में हो चुका मगर येह वाज़ेह तरीन और फ़ैसला कुन मोजिज़ा देख कर भी कुफ़्फ़ारे मक्का मुसलमान नहीं हुए बल्कि जालिमों ने यह कहा कि मुहम्मद (ﷺ) ने हम लोगों पर जादू कर दिया और इस किस्म की जादू की चीजें तो हमेशा होती ही रहती हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -717 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 554* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *एक गलत फ़ह्मी का इज़ाला :-* आयते मजकूरए बाला के बारे में बा'ज़ उन मुल्हिदीन का जो मो'जिज़ए शक़्कुल क़मर के मुन्किर हैं येह ख़याल है कि इस शक़्कुल क़मर से मुराद खालिस क़ियामत के दिन चांद का टुकड़े टुकड़े होना है जब कि आस्मान फट जाएगा और चांद सितारे झड़ कर बिखर जाएंगे।
࿐ मगर अहले फहम पर रौशन है कि इन मुल्हिदों की येह बक्वास सरासर लग्व और बिल्कुल ही बे सरो पा खुराफात वाली बात है क्यूं कि अव्वलन तो इस सूरत में बिला किसी करीने के انشق (चांद फट गया) माज़ी के सीगे को ينشق (चांद फट जाएगा) मुस्तक्बिल के मा'ना में लेना पड़ेगा जो बिल्कुल ही बिला ज़रूरत है। दूसरे येह कि चांद शक़ होने का ज़िक्र करने के बा'द येह फ़रमाया गया है कि : (तर्जुमा) या'नी शक़्कुल क़मर की अज़ीमुश्शान निशानी को देख कर कुफ़्फ़र ने येह कहा कि येह जादू है जो हमेशा से होता आया है।
࿐ ज़ाहिर है कि जब कुफ्फ़ारे मक्का ने शक़्कुल क़मर का मो'जिज़ा देखा तो उस को जादू कहा वरना खुली हुई बात है कि क़ियामत के दिन जब आस्मान फट जाएगा और चांद सितारे टुकड़े टुकड़े हो कर झड़ जाएंगे और तमाम इन्सान मर जाएंगे तो उस वक़्त उस को जादू कहने वाला भला कौन होगा ? इस लिये बिला शुबा यकीनन इस आयत के येही मा'ना मुतअय्यन हैं कि हुज़ूर ﷺ के जमाने में चांद फट गया और इस मो'जिज़े को देख कर कुफ़्फ़ार ने इस को जादू का करतब बताया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -718 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 555* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *एक सुवाल व जवाब :-* हां अलबत्ता यहां एक सुवाल पैदा होता है जो अकसर लोग पूछा करते हैं कि शक़्कुल क़मर का मो'जिज़ा जब मक्का में ज़ाहिर हुवा तो आख़िर येह मो'जिज़ा दूसरे मुमालिक और दूसरे शहरों में क्यूं नहीं नज़र आया.!?
࿐ इस सुवाल का येह जवाब है कि अव्वलन तो मक्कए मुकर्रमा के इलावा दूसरे शहरों के लोगों ने भी जैसा कि अहादीस से साबित है इस मो'जिज़े को देखा। चुनान्चे हज़रते मसरूक़ ने हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद رضى الله تعالیٰ عنه से रिवायत की है कि येह मो'जिज़ा देख कर कुफ्फ़ारे मक्का ने कहा कि अबू कबशा के बेटे (मुहम्मद ﷺ) ने तुम लोगों पर जादू कर दिया है। फिर उन लोगों ने आपस में येह तै किया कि बाहर से आने वाले लोगों से पूछना चाहिये कि देखें वोह लोग इस बारे में क्या कहते हैं ? क्यूं कि मुहम्मद (ﷺ) का जादू तमाम इन्सानों पर नहीं चल सकता। चुनान्चे बाहर से आने वाले मुसाफ़िरों ने भी येह गवाही दी कि "हम ने भी शक़्कुल क़मर देखा है।
(شفاء قاضی عیاض جلد اص ۱۸۳)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -719 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 556* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *एक सुवाल का जवाब :-* और अगर येह तस्लीम भी कर लिया जाए कि दूसरे मुमालिक और शहरों के बाशिन्दों ने इस मो'जिज़े को नहीं देखा तो किसी चीज़ को न देखने से येह कब लाज़िम आता है कि वोह चीज़ हुई ही नहीं। आस्मान में रोज़ाना क़िस्म क़िस्म के आसार नुमूदार होते रहते हैं। मसलन रंग बिरंग के बादल, कौस क़ज़ह, सितारों का टूटना, मगर येह सब आसार उन्ही लोगों को नज़र आते हैं जो इत्तिफ़ाक़ से उस वक़्त आस्मान की तरफ़ देख रहे हों दूसरे लोगों को नज़र नहीं आते।
࿐ इसी तरह दूसरे मुमालिक और शहरों में येह मो'जिज़ा नज़र न आने की एक वजह येह भी हो सकती है कि इख़्तिलाफे मतालेअ की वजह से बा'ज़ मक़ामात पर एक वक़्त में चांद का तुलूअ होता है और उस वक़्त में दूसरे शहरों के अन्दर चांद का तुलूअ ही नहीं होता इसी लिये जब चांद में ग्रहन लगता है तो तमाम मुमालिक में ग्रहन नज़र नहीं आता। और बा'ज़ मरतबा ऐसा भी होता है कि दूसरे मुल्कों और शहरों में अब्र या पहाड़ वगैरा के हाइल हो जाने से किसी किसी वक़्त चांद नज़र नहीं आता।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -720 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 557* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ इस मौक़ पर मुनासिब मा'लूम होता है कि हम यहां वोह नक्शा बि ऐनिही नक्ल कर दें जो काज़ी मुहम्मद सुलैमान साहिब सलमान मन्सूर पूरी ने अपनी किताब "रहमतुल्लिल आलमीन" में तहरीर किया है जिस से येह मा'लूम होता है कि जिस वक़्त मक्कए मुकर्रमा में "मो'जिज़ए शक़्कुल क़मर" वाकेअ हुवा उस वक़्त दुन्या के बड़े बड़े मुमालिक में क्या अवकात थे? इस नक्शे की ज़िम्मादारी मुसन्निफे "रहमतुल्लिल आलमीन" के ऊपर है। हम सिर्फ नक्ल मुताबिके अस्ल होने के ज़िम्मेदार हैं। उन की इबारत और नक्शा हस्बे जैल है। मुलाहज़ा फरमाइये।
࿐ इस से बढ़ कर अब हम दिखलाना चाहते हैं कि अगर मक्कए मुअज़्ज़मा में येह वाकिआ रात को 9 बजे वुकूअ पज़ीर हुवा तो उस वक़्त दुन्या के बड़े बड़े मुमालिक में क्या अवकात थे।
नाम मुल्क घन्टा मिनट दिन या रात
हिन्दूस्तान 12 50 रात
मॉरेशिस 11 50 रात
रूमानिया, बिलगेरिया, टर्की, यूनान, जर्मन
8 20 दिन
लिक्सम्बर्ग, डेन्मार्क, स्वीडन
8 20 दिन
आइस लेन्ड, मिडेरिया
5 20 दिन
मशरिकी ब्राज़ील
3 20 बा'द नीम शब
मुतवस्सित ब्राज़ील व चिल्ली
2 20 बा'द नीम शब
ब्रिटिश कोलम्बिया
10 20 क़ब्ल दोपहर
लोकोन 9 24 क़ब्ल दोपहर
बरहमा 1 50 बा'द नीम शब
सिमाली लेन्ड मिडगास्कर
10 20 रात
रियासतहाए मलाया
2 20 बा'द नीम शब
जज़ाइर सन्डोक
7 50 दिन
इंग्लिस्तान, आयर लेन्ड, फ्रान्स, बेल्जियम,
स्पेन, पुर्तुगाल, जबलुत्तारिक, अल्जीरिया
6 20 दिन
पेरू, पतामा, जमीका, भाहन, अमरीका
1 20 बा'द नीम शब
समूआ 6 20 दिन
न्यूज़ीलेन्ड 6 50 सुब्ह
तिस्मानिया, विक्टोरिया, न्यू साउथ वेल्ज़
5 22 सुब्ह
जुनूबी ओस्ट्रेलिया
4 50 सुब्ह
जापान, कोरिया
4 20 बा'द दोपहर
मग़रिबी ओस्ट्रेलिया, शिमाली बोरनियो,
जज़ाइर फिलिपाइन, हॉंगकॉंग, चीन
3 20 बा'द दोपहर
*👆🏻येह नक़्शए अवकात स्टान्डर्ड टाइम के हिसाब से है।*
(रहमतल्लिल आलमीन, जिल्द सिवम, स. 190)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -721 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 558* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *सूरज पलट आया :-* हुज़ूरे अक्दस ﷺ के आस्मानी मो'जिज़ात में सूरज पलट आने का मो'जिज़ा भी बहुत ही अज़ीमुश्शान मो'जिज़ा और सदाकते नुबुव्वत का एक वाजेह तरीन निशान है। इस का वाकिआ येह है कि हज़रते बीबी अस्मा बिन्ते उमैस رضى الله تعالیٰ عنهما का बयान है कि "खैबर" के करीब "मन्जिले सहबा" में हुज़ूर ﷺ नमाज़े अस्र पढ़ कर हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه की गोद में अपना सरे अक्दस रख कर सो गए और आप पर वहय नाज़िल होने लगी। हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه सरे अक्दस को अपनी आगोश में लिये बैठे रहे। यहां तक कि सूरज गुरूब हो गया और आप को येह मा'लूम हुवा कि हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه की नमाज़े अस्र कज़ा हो गई तो आप ने येह दुआ फरमाई कि "या अल्लाह ! यकीनन अली तेरी और तेरे रसूल की इताअत में थे लिहाज़ा तू सूरज को वापस लौटा दे ताकि अली नमाज़े अस्र अदा कर लें।
࿐ हज़रते बीबी अस्मा बिन्ते उमैस कहती हैं कि मैं ने अपनी आंखों से देखा कि डूबा हुवा सूरज पलट आया और पहाड़ों की चोटियों पर और ज़मीन के ऊपर हर तरफ धूप फैल गई।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -722 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 559* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *सूरज पलट आया :-* इस में शक नहीं कि बुखारी की रिवायतों में इस मो'जिज़े का ज़िक्र नहीं है लेकिन याद रखिये कि किसी हदीस का बुखारी में न होना इस बात की दलील नहीं है कि वोह हदीस बिल्कुल ही बे अस्ल है। इमाम बुखारी को छे लाख हदीसें ज़बानी याद थीं। इन्ही हदीसों में से चुन कर उन्हों ने बुखारी शरीफ में अगर मुकर्ररात व मुताबआत को शामिल कर के शुमार की जाएं तो सिर्फ नव हज़ार बयासी हदीसें लिखी हैं और अगर मुकर्ररात व मुताबआत को छोड़ कर गिनती की जाए तो कुल हदीसों की ता'दाद दो हज़ार सात सो इक्सठ 2761 रह जाती हैं।
࿐ बाकी हदीसें जो हज़रते इमाम बुखारी عَلَيْهِ الرَّحْمَة को ज़बानी याद थीं। ज़ाहिर है कि वोह बे अस्ल और मौजूअ न होंगी बल्कि वोह भी यक़ीनन सहीह या हसन ही होंगी तो आखिर वोह सब कहां हैं ? और क्या हुई? तो इस बारे में येह कहना ही पड़ेगा कि दूसरे मुहद्दिसीन ने उन्ही हदीसों को और कुछ दूसरी हदीसों को अपनी अपनी किताबों में लिखा होगा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -724 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 560* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *सूरज पलट आया :-* चुनान्चे मन्जिले सहबा में हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه की नमाज़े अस्र के लिये सूरज पलट आने की हदीस को बहुत से मुहद्दिसीन ने अपनी अपनी किताबों में लिखा है। जैसा कि हज़रते शैख अब्दुल हक़ मुहद्दिस देहलवी عَلَيْهِ رَحْمَةُ ने फरमाया कि हज़रते इमाम अबू जा'फर तहावी, अहमद बिन सालेह, व इमाम तबरानी व काज़ी इयाज़ ने इस हदीस को अपनी अपनी किताबों में तहरीर फ़रमाया है और इमाम तहावी ने तो येह भी तहरीर फ़रमाया है कि इमाम अहमद बिन सालेह जो इमाम अहमद बिन हम्बल के हम पल्ला हैं, फ़रमाया करते थे कि येह रिवायत अज़ीम तरीन मो'जिज़ा और अलामाते नुबुव्वत में से है लिहाजा इस को याद करने में अहले इल्म को न पीछे रहना चाहिये न ग़फ़्लत बरतनी चाहिये।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -724 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 561* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *सूरज पलट आया :-* बहर हाल जिन जिन मुहद्दिसीन ने इस हदीस को अपनी अपनी किताबों में लिखा है उन की एक मुख्तसर फेहरिस्त येह है :
नाम मुहद्दिस नाम किताब
1. हज़रते इमाम अबू जा'फर तहावी رحمة الله تعالیٰ عليه ने
मुश्किलुल आसार में
2. हज़रते इमाम हाकिम رحمة الله تعالیٰ عليه ने
मुस्तदरक में
3. हज़रते इमाम तबरानी رحمة الله تعالیٰ عليه ने
मो'जमे कबीर में
4. हज़रते हाफ़िज़ इब्ने मरदूया رحمة الله تعالى عليه ने
अपनी मरवियात में
5. हज़रते हाफ़िज़ अबुल बशर رحمة الله تعالیٰ عليه ने
अज्जुर्रिय्यतित्ताहिरा में
6. हज़रते काज़ी इयाज़ رحمة الله تعالیٰ عليه ने
शिफा शरीफ में
7. हज़रते खतीब बगदादी رحمة الله تعالیٰ عليه ने
तल्खीसुल मुतशाबेह में
8. हज़रते हाफ़िज़ मुग़लताई رحمة الله تعالى عليه ने
अज़्ज़ल बासिम में
9. हज़रते अल्लामा ऐनी رحمة الله تعالى عليه ने
उम्दतुल कारी में
10. हज़रते अल्लामा जलालुद्दीन सुयूती رحمة الله تعالیٰ عليه ने
कश्फुल्लब्स में
11. हज़रते अल्लामा इब्ने यूसुफ दिमश्की رحمة الله تعالیٰ عليه ने
मुज़ीलुल्लब्स में
12. हज़रते शाह वलिय्युल्लाह मुहद्दिस देहलवी رحمة الله تعالیٰ عليه ने
इज़ालतिल खिफा में
13. हज़रते शैख अब्दुल हक मुहद्दिस देहलवी رحمة الله تعالیٰ عليه ने
मदारिजुन्नुबुव्वह में
14. हज़रते अल्लामा मुहम्मद बिन अब्दुल बाकी رحمة الله تعالیٰ عليه ने
जुरकानी अलल मवाहिब में
15. हज़रते अल्लामा क़स्तलानी رحمه الله تعالى عليه ने
मवाहिबे लदुन्निय्यह में
इस हदीस पर अल्लामा इब्ने जौज़ी ने अपनी आदत के मुवाफ़िक़ जो जरहें की हैं और इस हदीस को मौजूअ करार दिया है, हज़रते अल्लामा ऐनी ने उम्दतुल कारी जिल्द 7 स. 146 में तहरीर फ़रमाया है कि अल्लामा इब्ने जौज़ी की जरहें काबिले इल्तिफ़ात नहीं हैं, हज़रते इमाम अबू जा'फर तहावी رَحْمَةُ اللّٰهِ تَعَالَى عَلَيْهِ ने इस हदीस को सनदें लिख कर फरमाया कि यानी येह दोनों रिवायतें साबित हैं और इन के रावी सक़्का़ हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -724-725 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 562* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *सूरज पलट आया :-* इसी तरह हज़रते शैख अब्दुल हक़ मुहद्दिसे देहलवी رَحْمَةُ اللّٰهِ تَعَالٰى عَلَيْهِ ने भी अल्लामा इब्ने जौज़ी की जरहों को रद कर दिया है और इस हदीस के सहीह और हसन होने की पुरज़ोर ताईद फरमाई है!
࿐ इसी तरह इज़ालतिल खिफा में अल्लामा मुहम्मद बिन यूसुफ़ दिमश्की رَحْمَةُ اللّٰهِ تَعَالٰى عَلَيْهِ की किताब "मुज़ीलुल्लब्स अन हदीसि रद्दिश्शम्स" की येह इबारत मन्कूल है कि :
तुम जान लो कि इस हदीस को इमाम तहावी ने अपनी किताब "शर्हे मुश्किलुल आसार" में हज़रते अस्मा बिन्ते उमैस رَضِيَ اللّٰهُ تَعَالٰى عَنْهَا से दो सनदों के साथ रिवायत किया है और फ़रमाया है कि येह दोनों हदीसें साबित हैं और इन दोनों के रिवायत करने वाले सक़्का हैं और इस हदीस को काज़ी इयाज़ ने "शिफा" में और हाफ़िज़ इब्ने सय्यिदुन्नास ने "बशरिल्लबीब" में और हाफ़िज़ अलाउद्दीन मुग़लताई ने अपनी किताब "अज़्ज़हरुल बासिम" में नक्ल किया है और अबुल फत्ह अज़दी ने इस हदीस को "सहीह" बताया और अबू ज़रआ इराकी और हमारे शैख जलालुद्दीन सुयूती ने "अद्दुररुल मुन्तशिरह फ़िल अहादीसिल मुश्तहिरह" में इस हदीस को "हसन" बताया और हाफ़िज़ अहमद बिन सालेह ने फरमाया कि तुम को येही काफी है और उलमा को इस हदीस से पीछे नहीं रहना चाहिये क्यूं कि येह नुबुव्वत के बहुत बड़े मो'जिज़ात में से है और हदीस के हुफ्फ़ाज़ ने इस बात को बुरा माना है कि "इब्ने जौज़ी" ने इस हदीस को "किताबुल मौजूआत" में जिक्र कर दिया है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 725 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 563* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *सूरज ठहर गया :-* हुज़ूरे अक्दस ﷺ के आस्मानी मो'जिज़ात में से सूरज पलट आने के मो' जिज़े की तरह चलते हुए सूरज का ठहर जाना भी एक बहुत ही अज़ीम मो'जिज़ा है जो मे'राज की रात गुज़र कर दिन में वुकूअ पज़ीर हुवा। चुनान्चे यूनुस बिन बुकैर ने इब्ने इस्हाक से रिवायत की है कि जब कुफ्फ़ारे कुरैश ने हुज़ूरे अक्दस ﷺ से अपने उस क़ाफ़िले के हालात दरयाफ्त किये जो मुल्के शाम से मक्का आ रहा था तो आप ने फरमाया कि वहां मैं ने तुम्हारे उस क़ाफ़िले को बैतुल मुक़द्दस के रास्ते में देखा है और वोह बुध के दिन मक्का आ जाएगा।
࿐ चुनान्चे कुरैश ने बुध के दिन शहर से बाहर निकल कर अपने क़ाफ़िले की आमद का इनतिज़ार किया यहां तक कि सूरज गुरूब होने लगा और काफ़िला नहीं आया उस वक़्त हुज़ूर ﷺ ने बारगाहे इलाही में दुआ मांगी तो अल्लाह तआला ने सूरज को ठहरा दिया और एक घड़ी दिन को बढ़ा दिया। यहां तक कि वोह क़ाफ़िला आन पहुंचा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -726 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 564* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *सूरज ठहर गया :-* वाज़ेह रहे कि "हबसिश्शम्स" या'नी सूरज को ठहरा देने का मो' जिजा येह हुज़ूर ﷺ ही के लिये मख़्सूस नहीं बल्कि अम्बियाए साबिक़ीन में से हज़रते यूशअ बिन नून عَلَيْهِ السَّلَام के लिये भी येह मो'जिज़ा ज़ाहिर हो चुका है जिस का वाक़िआ येह है कि जुमुआ के दिन वोह बैतुल मुक़द्दस में क़ौमे जब्बारीन से जिहाद फरमा रहे थे ना गहां सूरज डूबने लगा और येह खतरा पैदा हो गया कि अगर सूरज गुरूब हो गया तो सनीचर का दिन आ जाएगा और सनीचर के दिन मूसवी शरीअत के हुक्म के मुताबिक जिहाद न हो सकेगा तो उस वक़्त अल्लाह तआला ने एक घड़ी तक सूरज को चलने से रोक दिया यहां तक कि हज़रते यूशुअ बिन नून عَلَيْهِ السَّلَام कौमे जब्बारीन पर फ़त्ह याब हो कर जिहाद से फारिग हो गए!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -727 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 565* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *में'राज शरीफ़ :-* हुज़ूरे अकरम ﷺ के आस्मानी मो'जिज़ात में से मे'राज का वाकिआ भी बहुत ज़ियादा अहम्मिय्यत का हामिल और हमारी माद्दी दुन्या से बिल्कुल ही मा वरा और अक़्ले इन्सानी के क़ियास व गुमान की सरहदों से बहुत ज़ियादा बाला तर है।
࿐ मेराज का दूसरा नाम "अस्रा" भी है। "अस्रा" के मा'ना रात को चलाना या रात को ले जाना चूंकि हुज़ूरे अक्दस ﷺ के वाक़िअए मे'राज को खुदा वन्दे आलम ने कुरआने मजीद में سُبْحٰنَ الَّذِیْۤ اَسْرٰى بِعَبْدِهٖ لَیْلًا के अल्फाज़ से बयान फ़रमाया है इस लिये मे'राज का नाम "अस्रा" पड़ गया और चूंकि हदीसों में मे'राज का वाकिआ बयान फ़रमाते हुए हुज़ूर ﷺ ने "عُرِجَ بِىْ" (मुझ को ऊपर चढ़ाया गया) का लफ़्ज़ इरशाद फ़रमाया इस लिये इस वाक़िए का नाम "मे'राज" पड़ा।
࿐ अहादीस व सीरत की किताबों में इस वाकिए को बहुत कसीरुत्ता'दाद सहाबए किराम رضی الله تعالی عنهم ने बयान किया है। चुनान्चे अल्लामा ज़ुरकानी ने 45 सहाबियों को नाम बनाम गिनाया है जिन्हों ने हदीसे मे'राज को रिवायत किया है जैसा कि हम अपनी किताब "नूरानी तक़रीरें" में इस का किसी क़दर मुफ़स्सल तज़किरा तहरीर कर चुके हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -728 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 566* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मे'राज कब हुई.!?* मे'राज की तारीख, दिन और महीने में बहुत ज़ियादा इख़्तिलाफात हैं। लेकिन इतनी बात पर बिला इख़्तिलाफ सब का इत्तिफ़ाक़ है कि मे'राज नुज़ूले वहय के बा'द और हिजरत से पहले का वाक़िआ है जो मक्कए मुअज़्ज़मा में पेश आया और इब्ने कुतैबा दीनवरी (अल मुतवफ्फ़ा सि. 267 हि.) और इब्ने अब्दुल बर्र (अल मुतवफ्फ़ा सि. 463 हि.) और इमाम राफेई व इमाम नववी ने तहरीर फ़रमाया कि वाक़िअए मे'राज रजब के महीने में हुवा । और मुहद्दिस अब्दुल गनी मक्दसी ने रजब की सत्ताईसवीं भी मुतअय्यन कर दी है और अल्लामा ज़ुरकानी ने तहरीर फ़रमाया है कि लोगों का इसी पर अमल है और बा'ज़ मुअर्रिखीन की राय है कि येही सब से ज़ियादा कवी रिवायत है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -728 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 567* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मे'राज कितनी बार और कैसे हुई.!?* जमहूर उलमाए मिल्लत का सहीह मज़हब येही है कि मे'राज ब हालते बेदारी जिस्म व रूह के साथ सिर्फ एक बार हुई। जमहूर सहाबा व ताबिईन और फुक़हा व मुहद्दिसीन नीज़ सूफियाए किराम का येही मज़हब है। चुनान्चे अल्लामा हज़रते मुल्ला अहमद जीवन (رَحْمَةُ اللّٰهِ عَلَيْه) उस्ताद औरंग जैब आलमगीर बादशाह) ने तहरीर फ़रमाया कि : (अरबी में तहरीर है इसी किताब में आप पढ़ सकते हैं)
࿐ और सब से ज़ियादा सहीह कौल येह है कि मे'राज ब हालते बेदारी जिस्म व रूह के साथ हुई येही अहले सुन्नत व जमाअत का मज़हब है। लिहाज़ा जो शख़्स येह कहे कि मे'राज फ़क़त रूहानी हुई या मेराज फ़क़त ख़्वाब में हुई वोह शख़्स बिअती व गुमराह और गुमराह कुन व फासिक है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -729 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 568* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *दीदारे इलाही :-* क्या मे'राज में हुज़ूर ﷺ ने खुदा वन्दे तआला को देखा ? इस मस्अले में सलफ़ सालिद्दीन का इख़्तिलाफ है। हज़रते आइशा رضى الله تعالى عنها और बा'ज़ सहाबा ने फरमाया के मे'राज में आप ने अल्लाह तआला को नहीं देखा और इन हज़रात ने (مَا كَذَبَ الْفُؤَادُ مَارَاٰى) की तफ्सीर में येह फ़रमाया कि आप ने खुदा को नहीं देखा बल्कि मे'राज में हज़रते जिब्रील عليه السلام को उन की अस्ली शक्लो सूरत में देखा कि उन के छे सो पर थे!
࿐ और बा'ज़ सलफ़ मसलन हज़रते सईद बिन जुबैर ताबेई ने इस मस्अले में कि देखा या न देखा कुछ भी कहने से तवक्कुफ़ फ़रमाया *मगर सहाबए किराम और ताबिईन رضى الله تعالی عنهم की एक बहुत बड़ी जमाअत ने येह फ़रमाया है कि हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने अपने सर की आंखों से अल्लाह तआला को देखा।*
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -730 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 569* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *दीदारे इलाही :-* चुनान्चे अब्दुल्लाह बिन अल हारिस ने रिवायत किया है कि हज़रते अब्दुल्लाह बिन अब्बास और हज़रते का'ब رضى الله تعالى عنهما एक मजलिस में जम्अ हुए तो हज़रते अब्दुल्लाह बिन अब्बास رضى الله تعالى عنهما ने फरमाया कि कोई कुछ भी कहता रहे लेकिन हम बनी हाशिम के लोग येही कहते हैं कि बिला शुबा हज़रते मुहम्मद ﷺ ने यकीनन अपने रब को मे'राज में दो मरतबा देखा। येह सुन कर हज़रते का'ब رضى الله تعالى عنه ने इस ज़ोर के साथ ना'रा मारा कि पहाड़ियां गूंज उठीं और फ़रमाया कि बेशक हज़रते मूसा عليه السلام ने खुदा से कलाम किया और हज़रते मुहम्मद ﷺ ने खुदा को देखा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -71 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 570* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *दीदारे इलाही :-* इसी तरह हज़रते अबु ज़र गिफ़ारी رضی الله تعالی عنه ने की (مَا كَذَبَ الْفُؤَادُ مَارَاٰى) तफ्सीर में फरमाया कि नबी ﷺ ने अपने रब को देखा। इसी तरह हज़रते माअज़ बिन जबल رضی الله تعالی عنه ने हुज़ूर ﷺ से रिवायत किया है कि "ْرَأيْتُ رَبِّى" या'नी मैं ने अपने रब को देखा।
࿐ मुहद्दिस अब्दुर्रज़्ज़ाक नाक़िल हैं कि हज़रते इमाम हसन बसरी इस बात पर हल्फ़ उठाते थे कि यकीनन हज़रते मुहम्मद ﷺ ने अपने रब को देखा और बा'ज़ मुतकल्लिमीन ने नक्ल किया है कि हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद सहाबी رضی الله تعالی عنه का भी येही मज़हब था और इब्ने इस्हाक नाक़िल हैं कि हाकिमे मदीना मरवान ने हज़रते अबू हुरैरा رضی الله تعالی عنه से सुवाल किया कि क्या हज़रते मुहम्मद ﷺ ने अपने रब को देखा ? तो आप ने जवाब दिया कि "जी हां।"
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -731 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 571* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *दीदारे इलाही :-* इसी तरह नक्काश ने हज़रते इमाम अहमद बिन हम्बल رضی الله تعالی عنه के बारे में ज़िक्र किया है कि आप ने येह फ़रमाया कि मैं हज़रते अब्दुल्लाह बिन अब्बास رضی الله تعالی عنه के मज़हब का काइल हूं कि हुज़ूर ﷺ ने खुदा को देखा, देखा, देखा......., इतनी देर तक वोह देखा कहते रहे कि उन की सांस टूट गई।
࿐ सहीह बुखारी में हज़रते अनस رضی الله تعالی عنه से शरीक बिन अब्दुल्लाह ने जो मे'राज की रिवायत की है उस के आखिर में है कि : हुज़ूर ﷺ सिद्रतुल मुन्तहा पर तशरीफ़ लाए और इज़्ज़त वाला जब्बार (अल्लाह तआला) यहां तक करीब हुवा और नज़दीक आया कि दो कमानों या इस से भी कम का फासिला रह गया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -731 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 572* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *दीदारे इलाही :-* बहर हाल उलमाए अहले सुन्नत का येही मस्लक है कि हुज़ूर ﷺ ने शबे मे'राज में अपने सर की आंखों से अल्लाह तआला की जाते मुक़द्दसा का दीदार किया।
࿐ इस मुआमले में रूयत के इलावा एक रिवायत भी खास तौर पर काबिले तवज्जोह है और वोह येह है कि अपने महबूब को अल्लाह तआला ने इनतिहाई शौकत व शान और आन बान के साथ अपना मेहमान बना कर अर्शे आ'ज़म पर बुलाया और खल्वत गाहे राज़ में...... के नाज़ो नियाज़ के कलामों से सरफ़राज़ भी फ़रमाया। मगर इन बे पनाह इनायतों के बा वुजूद अपने हबीब को अपना दीदार नहीं दिखाया और हिजाब फ़रमाया येह एक ऐसी बात है जो मिज़ाजे इश्क़ो महब्बत के नज़दीक मुश्किल ही से क़ाबिले क़बूल हो सकती है क्यूं कि कोई शानदार मेज़बान अपने शानदार मेहमान को अपनी मुलाकात से महरूम रखे और उस को अपना दीदार न दिखाए येह इश्क़ो महब्बत का ज़ौक़ रखने वालों के नज़दीक बहुत ही ना काबिले फ़हम बात है। लिहाज़ा हम इश्क़ बाज़ों का गुरौह तो इमाम अहमद बिन हम्बल رحمة الله تعالی عليه की तरह अपनी आखिरी सांस तक येही कहता रहेगा कि
*और कोई गैब क्या तुम से निहां हो भला*
*जब न खुदा ही छुपा तुम पे करोड़ों दुरूद*
(आ'ला हज़रत رحمة الله تعالی عليه)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -732 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 573* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मुख़्तसर तज़किरए में'राज :-* मे'राज की रात आप ﷺ के घर की छत खुली और ना गहां हज़रते जिब्रईल عليه السلام चन्द फ़िरिश्तों के साथ नाज़िल हुए और आप को हरमे का'बा में ले जा कर आप के सीनए मुबारक को चाक किया और कल्बे अन्वर को निकाल कर आबे ज़मज़म से धोया फिर ईमान व हिक्मत से भरे हुए एक तश्त को आप के सीने में उंडेल कर शिकम का चाक बराबर कर दिया। फिर आप बुराक पर सुवार हो कर बैतुल मुक़द्दस तशरीफ लाए। बुराक की तेज़ रफ्तारी का येह आलम था कि उस का क़दम वहां पड़ता था जहां उस की निगाह की आखिरी हद होती थी। बैतुल मुक़द्दस पहुंच कर बुराक को आप ने उस हल्के में बांध दिया जिस में अम्बिया عليهم السلام अपनी अपनी सुवारियों को बांधा करते थे फिर आप ने तमाम अम्बिया और रसूलों عليهم السلام को जो वहां हाज़िर थे दो रक्अत नमाज़ नफ़्ल जमाअत से पढ़ाई।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -732 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 574* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मुख़्तसर तज़किरए में'राज :-* जब यहां से निकले तो हज़रते जिब्रील عَلَيْهِ السَّلَام ने शराब और दूध के दो प्याले आप के सामने पेश किये आप ने दूध का प्याला उठा लिया। येह देख कर हज़रते जिब्रील عَلَيْهِ السَّلَام ने कहा कि आप ने फ़ितरत को पसन्द फ़रमाया अगर आप शराब का प्याला उठा लेते तो आप की उम्मत गुमराह हो जाती। फिर हज़रते जिब्रील عَلَيْهِ السَّلَام आप को साथ ले कर आस्मान पर चढ़े पहले आस्मान में हज़रते आदम عَلَيْهِ السَّلَام से, दूसरे आस्मान में हज़रते यहया व हज़रते ईसा عليهما السلام से जो दोनों खालाज़ाद भाई थे मुलाकातें हुई और कुछ गुफ्तगू भी हुई। तीसरे आस्मान में हज़रते यूसुफ़ عَلَيْهِ السَّلَام, चौथे आस्मान में हज़रते इदरीस عَلَيْهِ السَّلَام और पांचवें आस्मान में हज़रते हारून عَلَيْهِ السَّلَام और छटे आस्मान में हज़रते मूसा عَلَيْهِ السَّلَام मिले और सातवें आस्मान पर पहुंचे तो वहां हज़रते इब्राहीम عَلَيْهِ السَّلَام से मुलाकात हुई वोह बैतुल मा'मूर से पीठ लगाए बैठे थे जिस में रोज़ाना सत्तर हज़ार फ़िरिश्ते दाखिल होते हैं। ब वक़्ते मुलाकात हर पैगम्बर ने "खुश आमदीद ! ऐ पैग़म्बरे सालेह" कह कर आप का इस्तिक्बाल किया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -733 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 575* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मुख़्तसर तज़किरए में'राज :-* फिर आप को जन्नत की सैर कराई गई। इस के बा'द आप सिद्रतुल मुन्तहा पर पहुंचे। इस दरख़्त पर जब अन्वारे इलाही का परतौ पड़ा तो एक दम उस की सूरत बदल गई और उस में रंग बिरंग के अन्वार की ऐसी तजल्ली नज़र आई जिन की कैफिय्यतों को अल्फ़ाज़ अदा नहीं कर सकते। यहां पहुंच कर हज़रते जिब्रील عَلَيْهِ السَّلَام येह कह कर ठहर गए कि अब इस से आगे मैं नहीं बढ़ सकता। फिर हज़रते हक جَلَّ جَلَالُهُ ने आप को अर्श बल्कि अर्श के ऊपर जहां तक उस ने चाहा बुला कर आप को बारयाब फ़रमाया और खल्वत गाहे राज़ में नाज़ो नियाज़ के वोह पैगाम अदा हुए जिन की लताफ़त व नज़ाकत अल्फ़ाज़ के बोझ को बरदाश्त नहीं कर सकती। चुनान्चे कुरआने मजीद में (فَاَوْحٰۤى اِلٰى عَبْدِهٖ مَاۤ اَوْحٰى) के रम्ज़ व इशारे में खुदा वन्दे कुद्दूस ने इस हक़ीक़त को बयान फरमा दिया है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -734 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 576* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मुख़्तसर तज़किरए में'राज :-* बारगाहे इलाही में बे शुमार अतिय्यात के इलावा तीन खास इन्आमात मर्हमत हुए जिन की अज़मतों को अल्लाह व रसूल के सिवा और कौन जान सकता है।
﴾1﴿ सूरए बकरह की आखिरी आयतें। ﴾2﴿ येह खुश खबरी कि आप ﷺ की उम्मत का हर वोह शख़्स जिस ने शिर्क न किया हो बख़्श दिया जाएगा। ﴾3﴿ उम्मत पर पचास वक़्त की नमाज़।
࿐ जब आप ﷺ इन खुदा वन्दी अतिय्यात को ले कर वापस आए तो हज़रते मूसा عَلَيْهِ السَّلَام ने आप से अर्ज किया कि आप की उम्मत से इन पचास नमाज़ों का बार न उठ सकेगा लिहाज़ा आप वापस जाइये और अल्लाह तआला से तख़्फ़ीफ़ की दरख्वास्त कीजिये। चुनान्चे हज़रते मूसा عَلَيْهِ السَّلَام के मश्वरे से चन्द बार आप बारगाहे इलाही में आते जाते और अर्ज परदाज़ होते रहे यहां तक कि सिर्फ पांच वक़्त की नमाज़ें रह गई और अल्लाह तआला ने अपने हबीब ﷺ से फरमाया कि मेरा कौल बदल नहीं सकता। ऐ महबूब ! आप की उम्मत के लिये येह पांच नमाजें भी पचास होंगी। नमाज़ें तो पांच होंगी मगर मैं आप की उम्मत को इन पांच नमाज़ों पर पचास नमाज़ों का अज्र अता करूंगा। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -734 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 578* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *सफ़रे में'राज की सुवारियां :-* इमाम अलाई ने अपनी तफ्सीर में तहरीर फ़रमाया है कि मे'राज' में हुज़ूर ﷺ ने पांच किस्म की सुवारियों पर सफ़र फ़रमाया। मक्का से बैतुल मुक़द्दस तक बुराक पर, बैतुल मुक़द्दस से आस्माने अव्वल तक नूर की सीढ़ियों पर, आस्माने अव्वल से सातवें आस्मान तक फ़िरिश्तों के बाजुओं पर, सातवें आस्मान से सिद्रतुल मुन्तहा तक हज़रते जिब्रील عَلَيْهِ السَّلَام के बाजू पर, सिद्रतुल मुन्तहा से मक़ामे क़ाब कौसैन तक रफ़रफ पर।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -736📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 579* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मुख़्तसर तज़किरए में'राज*
࿐ *सफ़रे में'राज की मन्जिलें :-* बैतुल मुक़द्दस से मक़ामे क़ाब कौसैन तक पहुंचने में आप ने दस मन्ज़िलों पर क़ियाम फ़रमाया और हर मन्ज़िल पर कुछ गुफ्तगू हुई और बहुत सी खुदा वन्दी निशानियों को मुलाहज़ा फ़रमाया।
(1) आस्माने अव्वल (2) दूसरा आस्मान (3) तीसरा आस्मान (4) चौथा आस्मान (5) पांचवां आस्मान (6) छटा आस्मान (7) सातवां आस्मान (8) सिद्रतुल मुन्तहा (9) मक़ामे मुस्तवा जहां आप ने क़लमे कुदरत के चलने की आवाजें सुनीं (10) अशें आ'ज़म।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -736 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 580* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *बादल कट गया :-* हज़रते अनस बिन मालिक رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि अरब में निहायत ही सख्त किस्म का कहत पड़ा हुवा था उस वक़्त जब कि आप ﷺ खुत्बे के लिये मिम्बर पर चढ़े तो एक आ'राबी ने खड़े हो कर फरयाद की, कि या रसूलल्लाह ﷺ बारिश न होने से जानवर हलाक और बाल बच्चे भूक से तबाह हो रहे हैं लिहाजा आप दुआ फरमाइये। उस वक़्त आस्मान में कहीं बदली का नामो निशान नहीं था मगर जूं ही रसूलुल्लाह ﷺ ने अपना दस्ते मुबारक उठाया हर तरफ से पहाड़ों की तरह बादल आ कर छा गए और अभी आप मिम्बर पर से उतरे भी न थे कि बारिश के क़तरात आप की नूरानी दाढ़ी पर टपकने लगे और आठ दिन तक मुसल्सल मूसला धार बारिश होती रही यहां तक,
࿐ कि जब दूसरे जुमुआ को आप खुत्बे के लिये मिम्बर पर रौनक अफ्रोज़ हुए तो वोही आ'राबी या कोई दूसरा खड़ा हो गया और बुलन्द आवाज़ से फ़रयाद करने लगा कि या रसूलुल्लाह ﷺ मकानात मुन्हदिम हो गए और माल मवेशी ग़रक हो गए लिहाज़ा दुआ फरमाइये कि बारिश बन्द हो जाए। येह सुन कर आप ﷺ ने फिर अपना मुक़द्दस हाथ उठा दिया और येह दुआ फरमाई कि : ऐ अल्लाह हमारे इर्द गिर्द बारिश हो और हम पर न बारिश हो। फिर आप ने बदली की तरफ अपने दस्ते मुबारक से इशारा फ़रमाया तो मदीने के इर्द गिर्द से बादल कट कर छट गया और मदीने और इस के अत्राफ़ में बारिश बन्द हो गई। سبحان الله سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -737 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 581* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत / आस्मानी मोजिज़ात❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *एक ज़रूरी तबसेरा :-* येह चन्द आस्मानी मो'जिज़ात जो मजकूर हुए इस बात की दलील हैं कि हुज़ूरे अक्दस ﷺ खुदा की अता की हुई ताक़त से आस्मानी काएनात में भी तसर्राफात फ़रमाते हैं और आप की खुदादाद सल्तनत की हुक्मरानी ज़मीन ही तक महदूद नहीं बल्कि आस्मानी मख़्लूकात में भी आप की हुकूमत का सिक्का चलता है। चुनान्चे तिरमिज़ी शरीफ की हदीस है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि हर नबी के लिये दो वज़ीर आस्मान वालों में से और दो वज़ीर ज़मीन वालों में से हुवा करते हैं और मेरे दोनों आस्मानी वज़ीर "जिब्रील व मीकाईल" हैं और मेरे ज़मीन के दोनों वज़ीर "अबू बक्र व उमर" हैं।
࿐ ज़ाहिर है कि किसी बादशाह के वज़ीर उस की सल्तनत की हुदूद ही में रहा करते हैं। अगर आस्मानों में हुज़ूर ﷺ की सल्तनते खुदादाद न होती तो हज़रते जिब्रईल व मीकाईल आप के दो वज़ीरों की हैसिय्यत से भला आस्मानों में किस तरह मुकीम रहे। लिहाज़ा साबित हुवा कि शहनशाहे मदीना ﷺ की बादशाही ब अताए इलाही जमीन व आस्मान की तमाम मख्लूकात पर है।
साहिबे रजअते शम्सो शक़्कुल क़मर
नाइबे दस्ते कुदरत पे लाखों सलाम
अर्श ता फर्श है जिस के ज़ेरे नगीं
उस की क़ाहिर रियासत पे लाखों सलाम
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -738 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 582* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *कुरआने मजीद :-* रसूले आज़म ﷺ के मो'जिजाते नुबुव्वत में से कुरआने मजीद भी एक बहुत ही जलीलुल क़द्र मो'जिज़ा और आप की सदाक़त का एक फैसला कुन निशान है। बल्कि अगर इस को "आ'ज़मुल मो'जिजात" कह दिया जाए तो येह एक ऐसी हकीकत का इन्किशाफ़ होगा जिस की पर्दापोशी ना मुमकिन है क्यूं कि हुजूरे अक्दस ﷺ के दूसरे मो'जिज़ात तो अपने वक़्त पर जुहूर पज़ीर हुए और आप के ज़माने ही के लोगों ने उस को देखा मगर कुरआने मजीद आप का वोह अज़ीमुश्शान मो'जिज़ा है कि क़ियामत तक बाकी रहेगा। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -738 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 583* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *क़ुरआने मजीद :-* कौन नहीं जानता कि अल्लाह तआला ने फुसहाए अरब को कुरआन का मुकाबला करने के लिये एक बार इस तरह चेलेन्ज दिया कि :
(ऐ महबूब) फरमा दीजिये कि अगर तमाम इन्सान व जिन्न इस काम के लिये जम्अ हो जाएं कि कुरआन का मिस्ल लाएं तो न ला सकेंगे अगचें इन के बा'ज़ बा'ज़ की मदद करें।
࿐ मगर कोई भी इस खुदावन्दी चेलेन्ज को क़बूल करने पर तय्यार नहीं हुवा। फिर कुरआन ने एक बार इस तरह चेलेन्ज दिया कि :
या'नी अगर तुम लोग पूरे कुरआन का मिस्ल नहीं ला सकते तो कुरआन जैसी दस ही सूरतें बना कर लाओ।
࿐ मगर इनतिहाई जिद्दो जहद के बा वुजूद येह भी न हो सका। फिर कुरआन ने इस तरह ललकारा कि :
(ऐ हबीब) आप फ़रमा दीजिये कि अगर तुम लोगों को इस में कुछ शक हो जो हम ने अपने खास बन्दे पर नाज़िल फ़रमाया है तो तुम इस जैसी एक ही सूरह ले आओ और अल्लाह के सिवा अपने तमाम हिमायतियों को बुला लो अगर तुम सच्चे हो।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -739 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 584* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *क़ुरआने मजीद :-* الله اکبر ! कुरआने अज़ीम की अज़ीमुश्शान व मो'जिज़ाना फ़साहत व बलागत का बोलबाला तो देखो कि अरब के तमाम वोह फुसहा व बुलगा जिन की फ़सीहाना शे'र गोई और खतीबाना बलागत का चार दांगे आलम में डंका बज रहा था मगर वोह अपनी पूरी पूरी कोशिशों के बा वुजूद कुरआन की एक सूरह के मिस्ल भी कोई कलाम न ला सके। हद हो गई कि कुरआने मजीद ने फुसहाए अरब से यहां तक कह दिया कि : या'नी अगर कुफ्फारे अरब सच्चे हैं तो कुरआन जैसी कोई एक ही बात लाएं।
࿐ *अल ग़रज़ !* चार चार मरतबा कुरआने करीम ने फुसहाए अरब को ललकारा, चेलेन्ज दिया, झंझोड़ा कि वोह कुरआन का मिस्ल बना कर लाएं। मगर तारीखे आलम गवाह है कि चौदह सो बरस का तवील अर्सा गुज़र जाने के बा वुजूद आज तक कोई शख़्स भी इस खुदावन्दी चेलेन्ज को क़बूल न कर सका और कुरआन के मिस्ल एक सूरह भी बना कर न ला सका। येह आफ्ताब से ज़ियादा रौशन दलील है कि कुरआने मजीद हुज़ूर खातमुन्नबिय्यीन ﷺ का एक लासानी मो'जिज़ा है जिस का मुकाबला न कोई कर सका है न कियामत तक कर सकता है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -740 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 585* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *इल्मे गैब :-* हुज़ूरे अक्दस ﷺ के मो'जिज़ात में से आप का "इल्मे गैब" भी है। इस बात पर तमाम उम्मत का इत्तिफ़ाक़ है कि इल्मे गैबे जाती तो खुदा के सिवा किसी और को नहीं मगर अल्लाह अपने बरगुज़ीदा बन्दों या'नी अपने नबियों और रसूलों वगैरा को इल्मे गैब अता फ़रमाता है। येह इल्मे गैब अताई कहलाता है कुरआने मजीद में है कि ,
عٰلِمُ الْغَیْبِ فَلَا یُظْهِرُ عَلٰى غَیْبِهٖۤ اَحَدًا(26)اِلَّا مَنِ ارْتَضٰى مِنْ رَّسُوْلٍ
तर्जुमा: (अल्लाह) आलिमुल गैब है वोह अपने गैब पर किसी को मुत्तलअ नहीं करता सिवाए अपने पसन्दीदा रसूलों के। (सूरह जिन्न आयत 26-27)
࿐ इसी तरह कुरआने मजीद में दूसरी जगह अल्लाह عزوجل इरशाद फरमाया कि,
وَ مَا كَانَ اللّٰهُ لِیُطْلِعَكُمْ عَلَى الْغَیْبِ وَ لٰـكِنَّ اللّٰهَ یَجْتَبِیْ مِنْ رُّسُلِهٖ مَنْ یَّشَآءُ
तर्जुमा : अल्लाह की शान नहीं कि ऐ आम लोगो ! तुम्हें गैब का इल्म दे दे। हां अल्लाह चुन लेता है अपने रसूलों में से जिसे चाहे। (सूरह आले इमरान आयत 179)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -741 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 586* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *इल्मे गैब :-* चुनान्चे अल्लाह तआला ने अपने हबीबे अकरम ﷺ को बे शुमार गुयूब का इल्म अता फरमाया। और आप ने हज़ारों गैब की ख़बरें अपनी उम्मत को दीं जिन में से कुछ का तज़किरा तो कुरआने मजीद में है बाकी हज़ारों गैब की ख़बरों का ज़िक्र अहादीस की किताबों और सियर व तवारीख के दफ्तरों में मजकूर है। अल्लाह तआला ने कुरआने मजीद में इरशाद फ़रमाया कि:
تِلْكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْغَیْبِ نُوْحِیْهَاۤ اِلَیْكَۚ-
तर्जुमा : येह गैब की ख़बरें हैं जिन को हम आप की तरफ़ वहय करते हैं। (सूरह आले हूद आयत 49)
हम यहां उन बे शुमार गैब की खबरों में से मिसाल के तौर पर चन्द का ज़िक्र तहरीर करते हैं। पहले उन चन्द गैब की खबरों का तज़किरा मुलाहजा फरमाइये जिन का जिक्र कुरआने मजीद में है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -741 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 587* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *ग़ालिब, मग़्लूब होगा :-* सि. 614 ई. में रूम और फारस के दोनों बादशाहों में एक जंगे अज़ीम शुरू हुई छब्बीस हज़ार यहूदियों ने बादशाहे फारस के लश्कर में शामिल हो कर साठ हज़ार ईसाइयों का कत्ले आम किया यहां तक कि सि. 616 ई. में बादशाहे फारस की फ़तह हो गई और बादशाहे रूम का लश्कर बिल्कुल ही मग्लूब हो गया और रूमी सल्तनत के पुरज़े पुरज़े उड़ गए। बादशाहे रूम अहले किताब और मज़हबन ईसाई था और बादशाहे फारस मजूसी मज़हब का पाबन्द और आतश परस्त था। इस लिये बादशाहे रूम की शिकस्त से मुसलमानों को रन्जो गुम हुवा और कुफ्फ़ार को इनतिहाई शादमानी व मसर्रत हुई।
࿐ चुनान्चे कुफ्फार ने मुसलमानों को ता'ना दिया और कहने लगे कि तुम और नसारा अहले किताब हो और हम और अहले फारस बे किताब हैं जिस तरह हमारे भाई तुम्हारे भाइयों पर फ़त्ह याब हो कर ग़ालिब आ गए इसी तरह हम भी एक दिन तुम लोगों पर ग़ालिब आ जाएंगे। कुफ्फ़ार के इन ता'नों से मुसलमानों को और ज़ियादा रन्ज व सदमा हुवा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -742 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 588* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *ग़ालिब, मग़्लूब होगा :-* उस वक़्त रूमियों की येह अफ़सोस नाक हालत थी कि वोह अपने मशरीकी मक़्बूज़ात का एक एक चप्पा खो चुके थे। खज़ाना खाली था। फौज मुन्तशिर थी मुल्क में बगावतों का तूफान उठ रहा था। शहनशाहे रूम बिल्कुल ना लाइक था। इन हालात में कोई सोच भी नहीं सकता था कि बादशाहे रूम बादशाहे फारस पर ग़ालिब हो सकता था मगर ऐसे वक्त में नबिय्ये सादिक ने कुरआन की ज़बान से कुफ्फ़ारे मक्का को येह पेशगोई सुनाई कि :
الٓمّٓ(1)غُلِبَتِ الرُّوْمُ(2) فِیْۤ اَدْنَى الْاَرْضِ وَ هُمْ مِّنْۢ بَعْدِ غَلَبِهِمْ سَیَغْلِبُوْنَ(3)فِیْ بِضْعِ سِنِیْنَ۬ؕ-
रूमी मग्लूब हुए पास की ज़मीन में और वोह अपनी मग्लूबी के बा'द अन करीब ग़ालिब होंगे चन्द बरसों में।
࿐ चुनान्चे ऐसा ही हुवा कि सिर्फ नव साल के बा'द खास "सुल्हे हुदैबिया" के दिन बादशाहे रूम का लश्कर अहले फारस पर ग़ालिब आ गया और मुख्बिरे सादिक की येह ख़बरे गैब आलमे वुजूद में आ गई।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -743 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 589* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *हिजरत के बा'द कुरैश की तबाही :-* हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने जिस बे सरो सामानी के साथ हिजरत फरमाई थी और सहाबए किराम जिस कस मपुर्सी और बे कसी के आलम में कुछ हबशा, कुछ मदीने चले गए थे। इन हालात के पेशे नज़र भला किसी के हाशियए खयाल में भी येह आ सकता था कि येह बे सरो सामान और ग़रीबुद्दियार मुसलमानों का काफ़िला एक दिन मदीने से इतना ताक़त वर हो कर निकलेगा कि वोह कुफ्फ़ारे कुरैश की ना काबिले तस्वीर अस्करी ताक़त को तहस नहस कर डालेगा जिस से काफ़िरों की अज़मत व शौकत का चराग गुल हो जाएगा और मुसलमानों की जान के दुश्मन मुट्ठी भर मुसलमानों के हाथों से हलाक व बरबाद हो जाएंगे। लेकिन खुदा वन्दे अल्लामुल गुयूब का महबूब, दानाए गुयूब ﷺ हिजरत से एक साल पहले ही कुरआन पढ़ पढ़ कर इस ख़बरे गैब का ए'लान कर रहा था कि :
اِنْ كَادُوْا لَیَسْتَفِزُّوْنَكَ مِنَ الْاَرْضِ لِیُخْرِجُوْكَ مِنْهَا وَ اِذًا لَّا یَلْبَثُوْنَ خِلٰفَكَ اِلَّا قَلِیْلًا(76)
तर्जुमा : अगर वोह तुम को सर ज़मीने मक्का से घबरा चुके ताकि तुम को इस से निकाल दें तो वोह अहले मक्का तुम्हारे बा'द बहुत ही कम मुद्दत तक बाकी रहेंगे।
(सूरह बनी इसराईल आयत नम्बर 76)
࿐ चुनान्चे येह पेशगोई हर्फ़ ब हर्फ़ पूरी हुई और एक ही साल के बा'द गुज़्वए बद्र में मुसलमानों की फत्हे मुबीन ने कुफ्फ़ारे कुरैश के सरदारों का खातिमा कर दिया और कुफ़्फ़ारे मक्का की लश्करी ताक़त की जड़ कट गई और उन की शानो शौकत का जनाज़ा निकल गया।
سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -743 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 590* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मुसलमान एक दिन शहनशाह होंगे :-* हिजरत के बा'द कुफ्फ़ारे कुरैश जोशे इनतिकाम में आपे से बाहर हो गए और बद्र की शिकस्त के बा'द तो जज़्बए इनतिकाम ने उन को पागल बना डाला था। तमाम क़बाइले अरब को इन लोगों ने जोश दिला दिला कर मुसलमानों पर यलगार कर देने के लिये तय्यार कर दिया था। चुनान्चे मुसल्सल आठ बरस तक खूरैज़ लड़ाइयों का सिल्सिला जारी रहा। जिस में मुसलमानों को तंग दस्ती, फाका मस्ती, कत्ल व खुरैज़ी, क़िस्म क़िस्म की हौसला शिकन मुसीबतों से दो चार होना पड़ा। मुसलमानों को एक लम्हे के लिये सुकून मयस्सर नहीं था। मुसलमान ख़ौफ़ो हिरास के आलम में रातों को जाग जाग कर वक़्त गुज़ारते थे और रात रात भर रहमते आलम के काशानए नुबुव्वत का पहरा दिया करते थे!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -744 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 591* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मुसलमान एक दिन शहनशाह होंगे :-* लेकिन ऐन इस परेशानी और बे सरो सामानी के माहोल में दोनों जहान के सुल्तान ﷺ ने कुरआन का येह ए'लान नशर फ़रमाया कि मुसलमानों को "खिलाफते अर्ज़" या'नी दीन व दुन्या की शहनशाही का ताज पहनाया जाएगा।
चुनान्चे गैब दां रसूल ने अपने दिलकश और शीरीं लहजे में कुरआन की इन रूह परवर और ईमान अफरोज़ आयतों को अलल ए'लान तिलावत फ़रमाना शुरू कर दिया कि :
وَعَدَ اللّٰهُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مِنْكُمْ وَ عَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَیَسْتَخْلِفَنَّهُمْ فِی الْاَرْضِ كَمَا اسْتَخْلَفَ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ۪-وَ لَیُمَكِّنَنَّ لَهُمْ دِیْنَهُمُ الَّذِی ارْتَضٰى لَهُمْ وَ لَیُبَدِّلَنَّهُمْ مِّنْۢ بَعْدِ خَوْفِهِمْ اَمْنًاؕ-
तर्जुमा : तुम में से जो लोग ईमान लाए और अमले सालेह किया खुदा ने उन से वा'दा किया है कि उन को ज़मीन का खलीफा बनाएगा जैसा कि उस ने इन के पहले लोगों को ख़लीफ़ा बनाया था और जो दीन उन के लिये पसन्द किया है उस को मुस्तहकम कर देगा और उन के ख़ौफ़ को अम्न से बदल देगा।
(सूरह नूर आयत नम्बर 55)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -744 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 592* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मुसलमान एक दिन शहनशाह होंगे :-* मुसलमान जिन ना मुसाइद हालात और परेशान कुन माहोल की कश्मकश में मुब्तला थे इन हालात में खिलाफते अर्ज़ और दीन व दुन्या की शहनशाही की येह अज़ीम बिशारत इनतिहाई हैरत नाक खबर थी भला कौन था जो येह सोच सकता था कि मुसलमानों का एक मज़लूम व बेकस गुरौह जिस को कुफ्फ़ारे मक्का ने तरह तरह की अज़िय्यतें दे कर कुचल डाला था और उस ने अपना सब कुछ छोड़ कर मदीने आ कर चन्द नेक बन्दों के ज़ेरे साया पनाह ली थी और उस को यहां आ कर भी सुकून व इत्मीनान की नींद नसीब नहीं हुई थी भला एक दिन ऐसा भी आएगा कि उस गुरौह को ऐसी शहनशाही मिल जाएगी कि खुदा के आस्मान के नीचे और खुदा की ज़मीन पर खुदा के सिवा उन को किसी और का डर न होगा।
࿐ बल्कि सारी दुन्या उन के जाहो जलाल से डर कर लरज़ा बर अन्दाम रहेगी मगर सारी दुन्या ने देख लिया की येह बिशारत पूरी हुई और उन मुसलमानों ने शहनशाह बन कर दुन्या पर इस तरह काम्याब हुकूमत की, कि उस के सामने दुन्या की तमाम मुतमद्दन हुकूमतों का शीराज़ा बिखर गया और तमाम सलातीने आलम की सुल्तानी के परचम अज़मते इस्लाम की शहनशाही के आगे सर निगूं हो गए। क्या अब भी किसी को इस पेशीन गोई की सदाक़त में बाल के करोड़वें हिस्से के बराबर भी शक व शुबा हो सकता है?
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -744 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 593* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *फ़त्हे मक्का की पेशगोई :-* हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने मक्कए मुकर्रमा से इस तरह हिजरत फरमाई थी कि रात की तारीकी में अपने यारे गार के साथ निकल कर गारे सौर में रौनक अफरोज़ रहे। आप की जान के दुश्मनों ने आप की तलाश में सर ज़मीने मक्का के चप्पे चप्पे को छान मारा और आप उन दुश्मनों की निगाहों से छुपते और बचते हुए गैर मा'रूफ रास्तों से मदीनए मुनव्वरह पहुंचे। इन हालात में भला किसी के वहमो गुमान में भी येह आ सकता था कि रात की तारीकी में छुप कर रोते हुए अपने प्यारे वतन मक्का को खैरबाद कहने वाला रसूले बरहक एक दिन फातेहे मक्का बन कर फातेहाना जाहो जलाल के साथ शहरे मक्का में अपनी फ़त्हे मुबीन का परचम लहराएगा और इस के दुश्मनों की काहिर फौज इस के सामने कैदी बन कर दस्त बस्ता सर झुकाए लरज़ा बर अन्दाम खड़ी होगी! मगर नबिय्ये गैब दां ने कुरआन की ज़बान से इस पेशीन गोई का ए'लान फरमाया कि :
اِذَا جَآءَ نَصْرُ اللّٰهِ وَ الْفَتْحُ(1)وَ رَاَیْتَ النَّاسَ یَدْخُلُوْنَ فِیْ دِیْنِ اللّٰهِ اَفْوَاجًا(2)فَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ وَ اسْتَغْفِرْهُﳳ-اِنَّهٗ كَانَ تَوَّابًا(3)
तर्जुमा : जब अल्लाह की मदद और फ़त्ह (मक्का) आ जाए और लोगों को तुम देखो कि अल्लाह के दीन में फ़ौज फ़ौज दाखिल होते हैं तो अपने रब की सना करते हुए उसकी पाकी बोलो और उस से बख़्शिश चाहो बेशक वोह बहुत तौबा क़बूल करने वाला है।
(सूरह नसर आयत नम्बर 1-3)
࿐ चुनान्चे येह पेशगोई हर्फ़ ब हर्फ़ पूरी हुई कि सि. 8 हि. में मक्का फ़त्ह हो गया और आप फातेहे मक्का होने की हैसिय्यत से अफ्वाजे इलाही के जाहो जलाल के साथ मक्कए मुकर्रमा के अन्दर दाखिल हुए और का'बए मुअज़्ज़मा में दाखिल हो कर आप ने दोगाना अदा फ़रमाया और अहले अरब फौज दर फौज इस्लाम में दाखिल होने लगे। हालां कि इस से कब्ल इक्का दुक्का लोग इस्लाम कबूल करते थे। سبحان الله سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -746 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 594* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *जंगे बद में फतह का ए'लान :-* जंगे बद्र में जब कि कुल तीन सो तेरह मुसलमान थे जो बिल्कुल ही निहत्ते, कमज़ोर और बे सरो सामान थे भला किसी के ख़याल में भी आ सकता था कि इन के मुकाबले में एक हज़ार का लश्करे जर्रार जिस के पास हथयार और अस्करी ताक़त के तमाम सामान व औज़ार मौजूद थे शिकस्त खा कर भाग जाएगा और सत्तर मक्तूल और सत्तर गरिफ्तार हो जाएंगे ! मगर जंगे बद्र से बरसों पहले मक्कए मुकर्रमा में आयतें नाज़िल हुई और रसूले बरहक़ ने अक्वामे आलम को कई बरस पहले जंगे बद्र में इस तरह इस्लामी फ़त्हे मुबीन की बिशारत सुनाई कि :
اَمْ یَقُوْلُوْنَ نَحْنُ جَمِیْعٌ مُّنْتَصِرٌ(44)سَیُهْزَمُ الْجَمْعُ وَ یُوَلُّوْنَ الدُّبُرَ(45)
तर्जुमा : क्या वोह कुफ्फ़ार कहते हैं कि हम सब मुत्तहिद और एक दूसरे के मददगार हैं। येह लशकर अन करीब शिकस्त खा जाएगा और वोह पीठ पैर कर भाग जाएगें।
(सूरह क़मर आयत नम्बर 44-45)
وَ لَوْ قٰتَلَكُمُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَوَلَّوُا الْاَدْبَارَ ثُمَّ لَا یَجِدُوْنَ وَلِیًّا وَّ لَا نَصِیْرًا(22)
तर्जुमा : और अगर कुफ्फार तुम (मुसलमानों) से लड़ेंगे तो यक़ीनन वोह पीठ फैर कर भाग जाएंगे फिर वोह कोई हामी व मददगार न पाएंगे।
(सूरह फतह आयत नम्बर 22)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -747 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 595* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *यहूदी मग़लूब होंगे :-* मदीनए मुनव्वरह और इस के अतराफ़ के यहूदी क़बाइल बहुत ही मालदार, इनतिहाई जंगजू और बहुत बड़े जंगबाज़ थे और उन को अपनी लश्करी ताक़त पर बड़ा घमन्ड और नाज़ था। जंगे बद्र में मुसलमानों की फ़्तहे मुबीन का हाल सुन कर उन यहूदियों ने मुसलमानों को येह ता'ना दिया कि क़बाइले कु़रैश फुनूने जंग से ना वाक़िफ़ और बे ढंगे थे इस लिये वोह जंग हार गए अगर मुसलमानों को हम जंगबाज़ों और बहादुरों से पाला पड़ा तो मुसलमानों को उन की छटी का दूध याद आ जाएगा। और वाकेई सूरते हाल ऐसी ही थी कि समझ में नहीं आ सकता था कि मुट्ठी भर कमज़ोर और बे सरो सामान मुसलमानों से क़बाइले यहूद का येह मुसल्लह व मुनज़्ज़म लश्कर कभी शिकस्त खा जाएगा। मगर इस हाल व माहोल में गैब दां रसूल ने कुरआन की ज़बां से इस गैब की ख़बर का ए'लान फ़रमाया कि :
तर्जुमा : अगर अहले किताब ईमान ले आते तो उन के लिये येह बेहतर होता उन में कुछ ईमानदार और अकसर फासिक हैं और वोह तुम (मुसलमानों) को बजुज़ थोड़ी तकलीफ़ देने के कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते और अगर वोह तुम से लड़ेंगे तो यक़ीनन पुश्त फैर देंगे फिर उन का कोई मददगार नहीं होगा।
(सूरह आले इमरान आयत नम्बर 110-111)
࿐ चुनान्चे ऐसा ही हुवा कि यहूद के क़बाइल में से बनू कुरैज़ा क़त्ल कर दिये गए और बनू नज़ीर जिला वतन कर दिये गए और खैबर को मुसलमानों ने फत्ह कर लिया और बाकी यहूद ज़िल्लत के साथ जिज़या अदा करने पर मजबूर हो गए।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -748 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 596* ༺
बीसवां बाब
*❝ मो'जिज़ाते नुबुव्वत❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *अहदे नबवी के बा'द की लड़ाइयां :-* कुरआने मजीद की पेशगोइयां और गैब की ख़बरें सिर्फ उन्हीं जंगों के साथ मख़्सूस व महदूद नहीं थीं जो अहदे नबवी में हुई बल्कि इस के बा'द खुलफा के दौरे खिलाफत में अरब व अजम में जो अज़ीम व खूरैज़ लड़ाइयां हुई उन के मुतअल्लिक भी कुरआने मजीद ने पहले से पेशगोई कर दी थी जो हर्फ़ ब हर्फ़ पूरी हुई। मुसलमानों को रूम व ईरान की ज़बर दस्त हुकूमतों से जो लड़ाइयां लड़नी पड़ीं वोह तारीखे इस्लाम के बहुत ही ज़र्री अवराक और नुमायां वाक़िआत हैं मगर कुरआने मजीद ने बरसों पहले इन जंगों के नताइज का ए'लान इन लफ़्ज़ों में कर दिया था :
तर्जुमा : जिहाद में पीछे रह जाने वाले देहातियों से कह दो कि अन करीब तुम को एक सख़्त जंगजू कौम से जंग करने के लिये बुलाया जाएगा तुम लोग उन से लड़ोगे या वोह मुसलमान हो जाएंगे।
(सूरह फ़तह आयत नम्बर 16)
࿐ इस पेशगोई का जुहूर इस तरह हुवा कि रूम व ईरान की जंगजू अक़्वाम से मुसलमानों को जंग करनी पड़ी जिस में बा'ज़ जगह खू़रैज़ मा'रिके हुए और बा'ज़ जगह के कुफ्फार ने इस्लाम कबूल कर लिया। अल गरज़ इस किस्म की बहुत सी गैब की ख़बरें कुरआने मजीद में मजकूर हैं जिन को गैब दां रसूल ﷺ ने वाकिआत के वाकेअ होने से बहुत पहले अक्वामे आलम के सामने बयान फ़रमा दिया और येह तमाम गैब की खबरें आफ्ताब की तरह ज़ाहिर हो कर अहले आलम के सामने ज़बाने हाल से ए'लान कर रही हैं और क़ियामत तक ए'लान करती रहेंगी कि :
चश्मे अक्वाम येह नज़्ज़ारा अबद तक देखे
रिफ्अते शाने رفعنا لك ذكرك देखे
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -749 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 597* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *इस्लामी फुतूहात की पेश गोइयां :-* इब्तिदाए इस्लाम में मुसलमान जिन आलाम व मसाइब में गरिफ्तार और जिस बे सरो सामानी के आलम में थे उस वक़्त कोई इस को सोच भी नहीं सकता था कि चन्द निहत्ते, फाका कश और बे सरो सामान मुसलमान कैसरो किस्रा की जाबिर हुकूमतों का तख़्ता उलट देंगे। लेकिन गैब जानने वाले पैग़म्बरे सादिक ने इस हालत में पूरे अज़्म व यकीन के साथ अपनी उम्मत को येह बिशारतें दीं कि ऐ मुसलमानो ! तुम अन क़रीब कुस्तुन्तुनिया को फ़त्ह करोगे और कैसरो किस्रा के खज़ानों की कुन्जियां तुम्हारे दस्ते तसर्रुफ में होंगी। मिस्र पर तुम्हारी हुकूमत का परचम लहराएगा। तुम से तुर्कों की जंग होगी जिन की आंखें छोटी छोटी और चेहरे चौड़े चौड़े होंगे और उन जंगों में तुम को फ़्ल्हे मुबीन हासिल होगी।
*तारीख गवाह है कि गैब दां नबी ﷺ की दी हुई येह सब गैब की खबरें आलमे जुहूर में आई।*
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -750 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 598* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *कैसरो किसरा की बरबादी :-* ऐन उस वक़्त जब कि कैसरो किस्रा की हुकूमतों के परचम इनतिहाई जाहो जलाल के साथ दुन्या पर लहरा रहे थे और ब ज़ाहिर इन की बरबादी का कोई सामान नज़र नहीं आ रहा था मगर गैब दां नबी ﷺ ने अपनी उम्मत को येह गै़ब की खबर सुनाई कि : जब किस्रा हलाक होगा तो उस के बा'द कोई किस्रा न होगा और जब कैसर हलाक होगा तो उस के बा'द कोई कैसर न होगा और उस ज़ात की क़सम जिस के क़ब्ज़ए कुदरत में मुहम्मद की जान है ज़रूर इन दोनों के खज़ाने अल्लाह तआला की राह में (मुसलमानों के हाथ से) खर्च किये जाएंगे।
࿐ दुन्या का हर मुअर्रिख इस हकीकत का गवाह है कि हज़रते अमीरुल मोमिनीन फारूके आजम رضى الله تعالیٰ عنه के दौरे खिलाफत में किस्रा और कैसर की तबाही के बा'द न फिर किसी ने सल्तनते फारस का ताजे खुस्रवी देखा न रूमी सल्तनत का रूए ज़मीन पर कहीं वुजूद नज़र आया। क्यूं न हो कि येह गैब दां नबिय्ये सादिक की वोह गैब की ख़बरें हैं जो खुदा वन्दे अल्लामुल गुयूब की वहय से आप ने दी हैं। भला क्यूंकर मुमकिन है कि गैब दां नबी की दी हुई गैब की ख़बरें बाल के करोड़वें हिस्से के बराबर भी खिलाफे वाकेअ हो सकें।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -751 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 599* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *यमन, शाम, इराक फतह होंगे :-* हुज़ूरे अकरम ﷺ ने यमन व शाम व इराक़ के फत्ह होने से बरसों पहले येह गैब की खबर दी थी कि यमन फ़त्ह किया जाएगा तो लोग अपनी सुवारियों को हंकाते हुए और अपने अहलो इयाल और मुत्तबिईन को ले कर (मदीने से) यमन चले आएंगे हालां कि मदीने ही का कियाम उन के लिये बेहतर था। काश वोह लोग इस बात को जान लेते।
࿐ फिर शाम फत्ह किया जाएगा तो एक क़ौम अपने घर वालों और अपने पैरवी करने वालों को ले कर सुवारियों को हंकाते हुए (मदीने से) शाम चली आएगी हालां कि मदीना ही उन के लिये बेहतर था काश! वोह लोग इस को जान लेते।
࿐ फिर इराक़ फत्ह होगा तो कुछ लोग अपने घर वालों और जो उन का कहना मानेंगे उन सब को ले कर सुवारियों को हंकाते हुए (मदीने से) इराक़ आ जाएंगे हालां कि मदीने ही की सुकूनत उन के लिये बेहतर थी काश ! वोह इस को जान लेते।
࿐ यमन सि. 8 हि. में फ़त्ह हुवा और शाम व इराक़ इस के बा'द फत्ह हुए लेकिन गैब जानने वाले मुख्बिरे सादिक ﷺ बरसों पहले येह गैब की ख़बरें दे दी थीं जो हर्फ़ ब हर्फ़ पूरी हुई।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -752 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 600* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *फत्हे मिस्र की बिशारत :-* हज़रते अबू ज़र رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि हुज़ूर ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि तुम लोग अन क़रीब मिस्र को फत्ह करोगे और वोह ऐसी ज़मीन है जहां का सिक्का "कीरात" कहलाता है। जब तुम लोग उस को फ़त्ह करो तो उस के बाशिन्दों के साथ अच्छा सुलूक करना क्यूं कि तुम्हारे और उन के दरमियान एक तअल्लुक और रिश्ता है। (हज़रते इस्माईल عليه السلام की वालिदा हाजिरा رضى الله تعالیٰ عنها मिस्र की थीं जिन की औलाद में सारा अरब है।) और जब तुम देखना कि वहां एक ईंट भर जगह के लिये दो आदमी झगड़ा करते हों तो तुम मिस्र से निकल जाना।
࿐ चुनान्चे हज़रते अबू ज़र رضى الله تعالیٰ عنه ने खुद अपनी आंख से मिस्र में येह देखा कि अब्दुर्रहमान बिन शुरहबील और उन के भाई रबीआ एक ईंट भर जगह के लिये लड़ रहे हैं। येह मंज़र देख कर हज़रते अबू ज़र رضى الله تعالیٰ عنه हुज़ूर ﷺ की वसिय्यत के मुताबिक़ मिस्र छोड कर चले आए!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -752 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 601* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *बैतुल मुक़द्दस की फ़त्ह :-* बैतुल मुक़द्दस की फ़त्ह होने से बरसों पहले हुज़ूरे अक्दस मुख्बिरे सादिक ﷺ ने गैब की ख़बर देते हुए अपनी उम्मत से इरशाद फ़रमाया कि :
क़ियामत से पहले छे चीजें गिन रखो 1. मेरी वफ़ात 2. बैतुल मुक़द्दस की फ़त्ह 3. फिर ताऊन की वबा जो बकरियों की गिलटियों की तरह तुम्हारे अन्दर शुरू हो जाएगी। 4. इस कदर माल की कसरत हो जाएगी कि किसी आदमी को सो दीनार देने पर भी वोह खुश नहीं होगा। 5. एक ऐसा फ़ितना उठेगा कि अरब का कोई घर बाकी नहीं रहेगा जिस में फ़ितना दाखिल न हुवा हो। 6. तुम्हारे और रूमियों के दरमियान एक सुल्छ होगी और रूमी अहद शिकनी करेंगे वोह अस्सी झन्डे ले कर तुम्हारे ऊपर हम्ला आवर होंगे और हर झन्डे के नीचे बारह हज़ार फौज होगी।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 753 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 602* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *खौफनाक रास्ते पुर अम्न हो जाएंगे :-* हज़रते अदी बिन हातिम رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि मैं बारगाहे रिसालत में हाज़िर था तो एक शख्स ने आ कर फ़ाक़ा की शिकायत की फिर एक दूसरा शख्स आया। उस ने रास्तों में डाका ज़नी का शिक्वा किया। येह सुन कर शहन्शाहे मदीना ﷺ ने फ़रमाया कि ऐ अदी ! अगर तुम्हारी उम्र लम्बी होगी तो तुम यक़ीनन देखोगे कि एक पर्दा नशीन औरत अकेली "हीरह" से चलेगी और मक्का आ कर का'बे का तवाफ़ करेगी और उस को खुदा के सिवा किसी का कोई डर नहीं होगा।
हज़रते अदी कहते हैं कि मैं ने अपने दिल में कहा कि भला क़बीलए "तय" के वोह डाकू जिन्हों ने शहरों में आग लगा रखी है कहां चले जाएंगे?
࿐ फिर आप ने इरशाद फ़रमाया कि अगर तुम ने लम्बी उम्र पाई तो यक़ीनन तुम देखोगे कि किस्रा के खज़ानों को मुसलमान अपने हाथों से खोलेंगे और ऐ अदी ! अगर तुम्हारी ज़िन्दगी दराज़ हुई तो तुम ज़रूर ज़रूर देखोगे कि एक आदमी मुठ्ठी भर सोना या चांदी ले कर तलाश करता फिरेगा कि कोई उस के सदके को क़बूल करे मगर कोई शख्स ऐसा नहीं आएगा जो उस के सदके को क़बूल करे (क्यूं कि हर शख्स के पास ब कसरत माल होगा और कोई फ़क़ीर न होगा।) हज़रते अदी बिन हातिम का बयान है कि ऐ लोगो ! येह तो मैं ने अपनी आंखों से देख लिया कि वाकेई "हीरह" से एक पर्दा नशीन औरत अकेली तवाफ़े का'बा के लिये चली आई है और वोह खुदा के सिवा किसी से नहीं डरती और मैं खुद उन लोगों में से हूं जिन्हों ने किस्रा बिन हुरमुज़ के खज़ानों को खोल कर निकाला। येह दो चीजें तो मैं ने देख लीं ऐ लोगो ! अगर तुम लोगों की उम्र दराज़ हुई तो यक़ीनन तुम लोग तीसरी चीज़ को भी देख लोगे कि कोई फ़क़ीर नहीं मिलेगा जो सदका क़बूल करे!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -754 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 603* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *फातेहे खैबर कौन होगा.!?* जंगे खैबर के दौरान एक दिन गैब दां नबी ﷺ ने येह फ़रमाया कि कल मैं उस शख्स के हाथ में झन्डा दूंगा जो अल्लाह व रसूल से महब्बत करता है और अल्लाह व रसूल उस से महब्बत करते हैं और उसी के हाथ से खैबर फ़त्ह होगा। इस खुश खबरी को सुन कर लश्कर के तमाम मुजाहिदीन ने इस इनतिज़ार में निहायत ही बे करारी के साथ रात गुज़ारी कि देखें कौन वोह खुश नसीब है जिस के सर इस बिशारत का सहरा बंधता है। सुब्ह को हर मुजाहिद इस उम्मीद पर बारगाहे रिसालत में हाज़िर हुवा कि शायद वोही इस खुश नसीबी का ताजदार बन जाए। हर शख़्स गोश बर आवाज़ था की ना गहां शहनशाहे मदीना ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि अली बिन अबी तालिब कहां हैं? लोगों ने कहा कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! उन की आंखों में आशोब है। इरशाद फ़रमाया कि क़ासिद भेज कर उन्हें बुलाओ। जब हज़रते अली رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالیٰ عَنْهُ दरबारे रिसालत में हाज़िर हुए तो हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने उन की आंखों में अपना लुआबे दहन लगा कर दुआ फ़रमा दी जिस से फ़िलफ़ौर वोह इस तरह शिफ़ायाब हो गए कि गोया उन्हें कभी आशोबे चश्म हुवा ही नहीं था। फिर आप ने उन के हाथ में झन्डा अता फरमाया और खैबर का मैदान उसी दिन उन के हाथों से सर हो गया।
࿐ इस हदीस से साबित होता है कि हुज़ूर ﷺ ने एक दिन कब्ल ही येह बता दिया कि कल हज़रते अली رَضِىَ اللّٰهُ تَعَالیٰ عَنْهُ खैबर को फतह करेंगे। مَا ذَا تَكْسِبُ غَدًاؕ- यानी "कल कौन क्या करेगा" का इल्म गैब है जो अल्लाह तआला ने अपने रसूल को अता फरमाया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -755 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 604* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *तीस बरस खिलाफत फिर बादशाही :* हज़रते सफीना رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने फरमाया कि मेरे बा'द तीस बरस तक खिलाफ्त रहेगी इस के बा'द बादशाही हो जाएगी। इस हदीस को सुना कर हज़रते सफीना رضى الله تعالیٰ عنه ने फरमाया कि तुम लोग गिन लो ! हज़रते अबू बक्र की खिलाफत दो बरस और हज़रते उमर की खिलाफत दस बरस और हज़रते उसमान की खिलाफत बारह बरस और हज़रते अली की खिलाफत छे बरस येह कुल तीस बरस हो गए! (رضى الله تعالیٰ عنهم)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -756 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 605* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *सि. 70 हि. और लड़कों की हुकूमत :-* हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه रावी हैं कि हुज़ूर ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि सि. 70 हि. के शुरू और लड़कों की हुकूमत से पनाह मांगो।
࿐ इसी तरह हुज़ूर ﷺ ने फरमाया कि मेरी उम्मत की तबाही कुरैश के चन्द लड़कों के हाथों पर होगी। हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه इस हदीस को सुना कर फ़रमाया करते थे कि अगर तुम चाहो तो मैं उन लड़कों के नाम बता सकता हूं वोह फुलां के बेटे और फुलां के बेटे हैं।
࿐ तारीखे इस्लाम गवाह है कि सि. 70 हि. में बनू उमय्या के कम उम्र हाकिमों ने जो फ़ितने बरपा किये वाकेई येह ऐसे फ़ितने थे कि जिन से हर मुसलमान को खुदा की पनाह मांगनी चाहिये। इन वाक़िआत की बरसों पहले नबिय्ये बरहक ﷺ ने खबर दी जो यकीनन गैब की खबर है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -756 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 606* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *तुर्कों से जंग :-* हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि उस वक़्त तक कियामत का़इम नहीं होगी जब तक तुम लोग ऐसी क़ौम से न लड़ोगे जिन के जूते बाल के होंगे और जब तक तुम लोग क़ौमे तुर्क से न लड़ोगे जो छोटी आंखों वाले, सुर्ख चेहरों वाले, चपटी नाकों वाले होंगे। उन के चेहरे गोया हथोड़ों से पीटी हुई ढालों की मानिन्द (चौड़े चपटे) होंगे और उन के जूते बाल के होंगे।
࿐ और दूसरी रिवायत में है कि तुम लोग "खूज़ व किरमान" के अजमिय्यों से जंग करोगे जिन के चेहरे सुर्ख, नाकें चपटी, आंखें छोटी होंगी।
࿐ और तीसरी रिवायत में येह है कि क़ियामत से पहले तुम लोग ऐसी कौम से जंग करोगे जिन के जूते बाल के होंगे वोह अहले "बारज़" हैं।(या'नी सहराओं और मैदानों में रहने वाले हैं।)
࿐ गैब दां नबी ﷺ ने येह ख़बरें उस वक़्त दी थीं जब इस्लाम अभी पूरे तौर पर ज़मीने हिजाज़ में भी नहीं फैला था। मगर तारीख गवाह है कि मुख्बिरे सादिक ﷺ की यह तमाम पेश गोइयां पहली ही सदी के आखिर तक पूरी हो गई कि मुजाहिदीने इस्लाम के लश्करों ने तुर्कों और सहराओं में रहने वाले बरबरियों से जिहाद किया और इस्लाम की फ़त्हे मुबीन हुई और तुर्क व बरबरी अक़्वाम दामने इस्लाम में आ गई।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -757 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 607* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *हिन्दूस्तान में मुजाहिदीन :-* हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने हिन्दूस्तान में इस्लाम के दाखिल और ग़ालिब होने की खुश खबरी सुनाते हुए येह इरशाद फरमाया कि मेरी उम्मत के दो गुरौह ऐसे हैं कि अल्लाह तआला ने उन दोनों को जहन्नम से आज़ाद फ़रमा दिया है। एक वोह गुरौह जो हिन्दूस्तान में जिहाद करेगा और एक वोह गुरौह जो हज़रते ईसा बिन मरयम عليه السلام के साथ होगा।
࿐ हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه कहा करते थे कि रसूलुल्लाह ﷺ ने हम मुस्लमानों से हिन्दुस्तान में जिहाद करने का वा'दा फ़रमाया था तो अगर मैं ने वोह ज़माना पा लिया जब तो मैं उस की राह में अपनी जान व माल कुरबान कर दूंगा और अगर मैं उस जिहाद में शहीद हो गया तो मैं बेहतरीन शहीद ठहरूंगा और अगर मैं ज़िन्दा लौटा तो मैं दोज़ख से आज़ाद होने वाला अबू हुरैरा होऊंगा।
࿐ इमाम नसाई ने सि. 302 हि. में वफात पाई और उन्हों ने अपनी किताब सुल्तान महमूद ग़ज़्नवी के हम्लए हिन्दूस्तान सि. 392 हि. से तक़रीबन सो बरस पहले तहरीर फरमाई।
࿐ तमाम दुन्या के मुअर्रिखीन गवाह हैं कि गैब दां नबी ﷺ ने अपनी ज़बाने कुदसी बयान से हिन्दूस्तान के बारे में सेंकड़ों बरस पहले जिस गैब की खबर का ए'लान फ़रमाया था वोह हर्फ ब हर्फ़ पूरी हो कर रही कि मुहम्मद बिन कासिम ने सर ज़मीने सिन्ध व मकरान पर जिहाद फ़रमाया और महमूद ग़ज़्नवी व शहाबुद्दीन गौरी ने हिन्दूस्तान के सोमनात व अजमेर वगैरा पर जिहाद कर के इस मुल्क में इस्लाम का परचम लहराया। यहां तक कि सर ज़मीने हिन्द में नागालेन्ड की पहाड़ियों से कोहे हिन्दू कश तक और रास कुमारी से हिमालिया की चोटियों तक इस्लाम का परचम लहरा चुका। हालां कि मुख्बिरे सादिक ﷺ ने येह पेशीन गोई उस वक्त दी थी जब इस्लाम सर ज़मीने हिजाज़ से भी आगे नहीं पहुंच पाया था। इन गैब की ख़बरों को लफ़्ज़ ब लफ़्ज़ पूरा होते हुए देख कर कौन है जो गैब दां नबी ﷺ के दरबार में इस तरह नज़रानए अकीदत न पेश करेगा कि
*सरे अर्श पर है तेरी गुज़र,*
दिले फर्श पर है तेरी नज़र
*मलकूतो मुल्क में कोई शै नहीं,*
वोह जो तुझ पे इयां नहीं
(आ'ला हज़रत बरेल्वी عَلَيْهِ الرَّحْمَة)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -758 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 608* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *कौन कहां मरेगा :-* जंगे बद्र में लड़ाई से पहले ही हुज़ूरे अक्दस ﷺ सहाबा को ले कर मैदाने जंग में तशरीफ़ ले गए और अपनी छड़ी से लकीर खींच खींच कर बताया कि येह फुलां काफिर की क़त्ल गाह है। येह अबू जल का मक़्तल है। इस जगह कुरैश का फुलां सरदार मारा जाएगा। सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم का बयान है कि हर सरदारे कुरैश के क़त्ल होने के लिये आप ने जो जो जगहें मुकर्रर फ़रमा दी थीं उसी जगह उस काफिर की लाश खाक व खून में लिथड़ी हुई पाई गई।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -759 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 609* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *हज़रते फातिमा की वफ़ात कब होगी :-* हज़रते रसूले खुदा ﷺ ने अपने मरज़े वफ़ात में हज़रते फातिमा رضى الله تعالیٰ عنها को अपने पास बुला कर उन के कान में कोई बात फरमाई तो वोह रोने लगीं। फिर थोड़ी देर के बा'द उन के कान में एक और बात कही तो वोह हंसने लगीं। हज़रते आइशा رضى الله تعالیٰ عنها को येह देख कर बड़ा तअज्जुब हुवा। उन्हों ने हज़रते फातिमा رضى الله تعالیٰ عنها से इस रोने और हंसने का सबब पूछा। तो उन्हों ने साफ कह दिया कि मैं रसूलुल्लाह ﷺ का राज़ ज़ाहिर नहीं कर सकती! जब हुज़ूर ﷺ की वफ़ात हो गई तो हज़रते आइशा رضى الله تعالیٰ عنها के दोबारा दरयाफ्त करने पर हज़रते फातिमा رضى الله تعالیٰ عنها ने कहा कि हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने पहली मरतबा मेरे कान में येह फ़रमाया था कि मैं अपनी इसी बीमारी में वफ़ात पा जाऊंगा। येह सुन कर मैं फ़र्ते गम से रो पड़ी फिर फ़रमाया कि ऐ फातिमा ! मेरे घर वालों में सब से पहले तुम वफ़ात पा कर मुझ से मिलोगी। येह सुन कर मैं हंस पड़ी कि हुज़ूर ﷺ से मेरी जुदाई का ज़माना बहुत ही कम होगा।
࿐ अहले इल्म जानते हैं कि येह दोनों गैब की खबरें हर्फ ब हर्फ़ पूरी हुई कि आप ने अपनी उसी बीमारी में वफ़ात पाई और हज़रते फातिमा رضى الله تعالیٰ عنها भी सिर्फ़ छे महीने के बा'द वफ़ात पा कर हुज़ूर ﷺ से जा मिलीं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -760 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 610* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *खुद अपनी वफात की इत्तिलाअ :-* जिस साल हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने इस दुन्या से रिहलत फरमाई, पहले ही से आप ने अपनी वफ़ात का ए'लान फरमाना शुरू कर दिया। चुनान्चे हिज्जतुल वदाअ से पहले ही हुज़ूरे अकरम ﷺ ने हज़रते मुआज़ बिन जबल رضى الله تعالیٰ عنه को यमन का हाकिम बना कर रवाना फ़रमाया तो उन के रुख़्सत करते वक़्त आप ने उन से फरमाया कि ऐ मुआज़ ! अब इस के बा'द तुम मुझ से न मिल सकोगे जब तुम वापस आओगे तो मेरी मस्जिद और मेरी क़ब्र के पास से गुज़रोगे!
࿐ इसी तरह हिज्जतुल वदा के मौक़ पर जब कि अरफात में एक लाख पच्चीस हज़ार से ज़ाइद मुसलमानों का इजतिमाए अज़ीम था। आप ﷺ ने वहां दौराने खुत्बा में इरशाद फ़रमाया कि शायद आयन्दा साल तुम लोग मुझ को न पाओगे।
࿐ इसी तरह मरज़े वफ़ात से कुछ दिनों पहले आप ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि अल्लाह तआला ने अपने एक बन्दे को येह इख़्तियार दिया था कि वोह चाहे तो दुन्या की ज़िन्दगी को इख़्तियार कर ले और चाहे तो आखिरत की ज़िन्दगी क़बूल कर ले तो उस बन्दे ने आखिरत को क़बूल कर लिया। येह सुन कर हज़रते अबू बक्र सिद्दीक رضى الله تعالیٰ عنه रोने लगे। हज़रते अबू सईद खुदरी رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि हम लोगों को बड़ा तअज्जुब हुवा कि आप तो एक बन्दे के बारे में येह ख़बर दे रहे हैं तो इस पर हज़रते अबू बक्र رضى الله تعالیٰ عنه के रोने का क्या मौक़ है? मगर जब हुज़ूर ﷺ ने इस के चन्द ही दिनों के बा'द वफ़ात पाई तो हम लोगों को मा'लूम हुवा कि वोह इख़्तियार दिया हुवा बन्दा हुज़ूर ﷺ ही थे और हज़रते अबू बक्र सिद्दीक رضى الله تعالیٰ عنه हम लोगों में से सब से ज़ियादा इल्म वाले थे। (क्यूं कि उन्हों ने हम सब लोगों से पहले येह जान लिया था कि वोह इख़्तियार दिया हुवा बन्दा खुद हुज़ूरे अक्दस ﷺ ही हैं!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -761 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 611* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *हज़रते उमर व हज़रते उसमान رضى الله تعالیٰ عنهما शहीद होंगे :-* हज़रते अनस رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि नबी ﷺ एक मरतबा हज़रते अबू बक्र व हुज़रते उमर व हुज़रते उसमान رضى الله تعالیٰ عنهم को साथ ले कर उहुद पहाड़ पर चढ़े। उस वक़्त पहाड़ हिलने लगा तो आप ने फ़रमाया कि ऐ उहुद ! ठहर जा और यकीन रख कि तेरे ऊपर एक नबी है एक सिद्दीक है और दो (उमर व उसमान) शहीद हैं।
࿐ नबी और सिद्दीक़ को तो सब जानते थे लेकिन हज़रते उमर और हज़रते उसमान رضى الله تعالیٰ عنهما की शहादत के बा'द सब को येह भी मा'लूम हो गया कि वोह दो शहीद कौन थे।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -762 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 612* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *हज़रते अम्मार رضى الله تعالیٰ عنه को शहादत मिलेगी :-* हज़रते अबु सईद खुदरी व हज़रते उम्मे सलमह رضى الله تعالیٰ عنهما का बयान है कि हज़रते अम्मार खन्दक खोद रहे थे उस वक़्त हुज़ूर ﷺ ने हज़रते अम्मार رضى الله تعالیٰ عنه के सर पर अपना दस्ते शफ्क़त फैर कर इरशाद फ़रमाया कि अफ्सोस ! तुझे एक बागी गुरौह क़त्ल करेगा!
࿐ येह पेशगोई इस तरह पूरी हुई कि हज़रते अम्मार رضى الله تعالیٰ عنه जंगे सिफ्फ़ीन के दिन हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه के साथ थे और हज़रते मुआविया رضى الله تعالیٰ عنه के साथियों के हाथ से शहीद हुए।
࿐ अहले सुन्नत का अक़ीदा है कि जंगे सिफ्फ़ीन में हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه यकीनन हक़ पर थे और हज़रते मुआविया رضى الله تعالیٰ عنه का गुरौह यक़ीनन खता का मुर्तकिब था। लेकिन चूंकि उन लोगों की खता इजतिहादी थी लिहाजा येह लोग गुनहगार न होंगे क्यूं कि रसूलुल्लाह ﷺ का इरशाद है कि कोई मुज्तहिद अगर अपने इजतिहाद में सहीह और दुरुस्त मस्अले तक पहुंच गया तो उस को दो गुना सवाब मिलेगा और अगर मुज्तहिद ने अपने इजतिहाद में खता की जब भी उस को एक सवाब मिलेगा!
࿐ इस लिये हज़रते अमीरे मुआविया رضى الله تعالیٰ عنه की शान में ला'न ता'न हरगिज़ हरगिज़ जाइज़ नहीं क्यूं कि बहुत से सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم इस जंग में हज़रते मुआविया رضى الله تعالیٰ عنه के साथ थे।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -763 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 613* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *हज़रते अम्मार رضى الله تعالیٰ عنه को शहादत मिलेगी :-* फिर येह बात भी यहां जेहन में रखनी ज़रूरी है कि मिस्री बागियों का गुरौह जिन्हों ने हज़रते अमीरुल मोमिनीन उसमाने ग़नी رضى الله تعالیٰ عنه का मुहासरा कर के उन को शहीद कर दिया था येह लोग जंगे सिफ्फीन में हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه के लश्कर में शामिल हो कर हज़रते अमीरे मुआविया رضى الله تعالیٰ عنه से लड़ रहे थे तो मुमकिन है कि घुमसान की जंग में उन्ही बागियों के हाथ से हज़रते अम्मार رضى الله تعالیٰ عنه शहीद हो गए हों। इस सूरत में हुज़ूर ﷺ का येह इरशाद बिल्कुल सहीह होगा कि "अफ्सोस ऐ अम्मार ! तुझ को एक बागी गुरौह क़त्ल करेगा" और इस क़त्ल की ज़िम्मादारी से हज़रते मुआविया رضى الله تعالیٰ عنه का दामन पाक रहेगा। والله تعالیٰ اعلم
࿐ बहर हाल हज़रते मुआविया رضى الله تعالیٰ عنه की शान में ला'न ता'न करना राफ़िज़िय्यों का मज़हब है हज़राते अहले सुन्नत को इस से परहेज़ करना लाज़िम व ज़रूरी है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -764 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 614* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *हज़रते उसमान رضى الله تعالیٰ عنه का इमतिहान :-* हज़रते अबू मूसा अश्अरी رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि हुज़ूरे अक्दस ﷺ मदीने के एक बाग में टेक लगाए हुए बैठे थे। हज़रते अबू बक्र सिद्दीक رضى الله تعالیٰ عنه दरवाज़ा खुलवा कर अन्दर आए तो आप ने उन को जन्नत की बिशारत दी। फिर हज़रते उमर رضى الله تعالیٰ عنه आए तो आप ने उन को भी जन्नत की खुश खबरी सुनाई। इस के बा'द हज़रते उसमान رضى الله تعالیٰ عنه आए तो आप ने उन को जन्नत की बिशारत के साथ साथ एक इमतिहान और आज़्माइश में मुब्तला होने की भी इत्तिला दी। येह सुन कर हज़रते उसमान رضى الله تعالیٰ عنه ने सब्र की दुआ मांगी और येह कहा कि खुदा मददगार है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -764 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 615* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *हज़रते अली की शहादत :-* हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه और बा'ज़ दूसरे सहाबए किराम हुज़ूरे अक़्दस ﷺ के साथ एक सफ़र में थे तो आप ने इरशाद फ़रमाया कि मैं बता दूं कि सब से बढ़ कर दो बद बख़्त इन्सान कौन हैं ? लोगों ने अर्ज़ किया कि हां या रसूलल्लाह (ﷺ) बताइये। आप ने इरशाद फ़रमाया कि एक क़ौमे समूद का सुर्ख रंग वाला वोह बद बख़्त जिस ने हज़रते सालेह عَلَيْهِ السَّلَام की ऊंटनी को कत्ल किया और दूसरा वोह बद बख़्त इन्सान जो ऐ अली ! तुम्हारे यहां पर (गरदन की तरफ इशारा किया) तलवार मारेगा।
࿐ येह गैब की खबर इस तरह जुहूर पज़ीर हुई कि 17 रमज़ान सि. 40 हि. को अब्दुर्रहमान बिन मुल्जम खारिजी ने हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه पर तलवार से कातिलाना हम्ला किया जिस से जख्मी हो कर दो दिन बा'द हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه शहादत से सरफ़राज़ हो गए।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -765 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 616* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *हज़रते साद رضى الله تعالیٰ عنه के लिये खुश खबरी :-* हज़रते सा'द बिन अबी वक्कास رضى الله تعالیٰ عنه हिज्जतुल वदाअ में मक्कए मुअज़्ज़मा जा कर इस कदर शदीद बीमार हो गए कि उन को अपनी ज़िन्दगी की उम्मीद न रही। उन को इस बात की बहुत ज़ियादा बेचैनी थी कि अगर मैं मर गया तो मेरी हिजरत ना मुकम्मल रह जाएगी। हुज़ूरे अकरम ﷺ उन की इयादत के लिये तशरीफ ले गए। आप ने उन की बे करारी देख कर तसल्ली दी और उन के लिये दुआ भी फरमाई और येह बिशारत दी कि उम्मीद है कि तुम अभी नहीं मरोगे बल्कि तुम्हारी ज़िन्दगी लम्बी होगी और बहुत से लोगों को तुम से नफ्अ और बहुत से लोगों को तुम से नुक्सान पहुंचेगा।
࿐ येह हज़रते सा'द رضى الله تعالیٰ عنه के लिये फुतूहाते अजम की बिशारत थी। क्यूं कि तारीख गवाह है कि हज़रते सा'द رضى الله تعالیٰ عنه ने इस्लामी लश्कर का सिपह सालार बन कर ईरान पर फ़ौज कुशी की और चन्द साल में बड़े बड़े मारिकों के बा'द बादशाहे ईरान किस्रा के तख्त व ताज को छीन लिया। इस तरह मुसलमानों को इन की ज़ात से बड़ा फाएदा और कुफ्फ़ारे मजूस को इन की ज़ात से नुक्साने अज़ीम पहुंचा। ईरान हज़रते उमर फारूक़ رضى الله تعالیٰ عنه के दौरे खिलाफत में फ़त्ह हुवा और इस लड़ाई का नक़्शए जंग खुद अमीरुल मोमिनीन ने माहिरीने जंग के मश्वरों से तय्यार फरमाया था।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -766 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 617* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *हिजाज की आग :-* हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि क़ियामत उस वक़्त तक नहीं आएगी जब तक हिजाज़ की ज़मीन से एक ऐसी आग न निकले जिस की रौशनी में बसरा के ऊंटों की गरदनें नज़र आएंगी।
࿐ इस गैब की खबर का जुहूर सि. 654 हि. में हुवा। चुनान्वे हज़रते इमाम नववी رضى الله تعالیٰ عنه ने इस हदीस की शर्ह में तहरीर फरमाया कि येह आग हमारे ज़माने में सि. 654 हि. में मदीने के अन्दर ज़ाहिर हुई। येह आग इस कदर बड़ी थी कि मदीने के मशरिकी जानिब से ले कर "हुर्रह" की पहाड़ियों तक फैली हुई थी उस आग का हाल मुल्के शाम और तमाम शहरों में तवातुर के तरीक़े पर मा'लूम हुवा है और हम से उस शख्स ने बयान किया जो उस वक़्त मदीने में मौजूद था!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -766 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 618* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *हिजाज की आग :-* इसी तरह अल्लामा जलालुद्दीन सुयूती رضى الله تعالیٰ عنه ने तहरीर फ़रमाया है कि 3 जुमादल आखिरह सि. 654 हि. को मदीनए मुनव्वरह में ना गहां एक घरघराहट की आवाज़ सुनाई देने लगी फिर निहायत ही ज़ोरदार जल्ज़ला आया जिस के झटके थोड़े थोड़े वक्फ़े के बा'द दो दिन तक महसूस किये जाते रहे। फिर बिल्कुल अचानक क़बीलए कुरैज़ा के क़रीब पहाड़ों में एक ऐसी ख़ौफ़नाक आग नुमूदार हुई जिस के बुलन्द शो'ले मदीने से ऐसे नज़र आ रहे थे कि गोया येह आग मदीनए मुनव्वरह के घरों में लगी हुई है। फिर येह आग बहते हुए नालों की तरह सैलाब के मानिन्द फैलने लगी और ऐसा महसूस होने लगा कि पहाड़ियां आग बन कर बहती चली जा रही हैं और फिर उस के शो'ले इस कदर बुलन्द हो गए कि आग का एक पहाड़ नज़र आने लगा और आग के शरारे हर चहार तरफ फ़ज़ाओं में उड़ने लगे। यहां तक कि उस आग की रौशनी मक्कए मुकर्रमा से नज़र आने लगी और बहुत से लोगों ने शहरे बसरा में रात को उसी आग की रौशनी में ऊंटों की गरदनों को देख लिया। अहले मदीना आग के इस होलनाक मंज़र से लरज़ा बर अन्दाम हो कर दहशत और घबराहट के आलम में तौबा और इस्तिग़फ़ार करते हुए हुज़ूरे अक्दस ﷺ के रौज़ए अक्दस के पास पनाह लेने के लिये मुज्तमअ हो गए। एक माह से ज़ाइद अर्से तक येह आग जलती रही और फिर खुद ब खुद रफ्ता रफ्ता इस तरह बुझ गई कि उस का कोई निशान भी बाकी नहीं रहा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -767 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 619* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *फ़ितनों के अलम बरदार :-* हज़रते हुजैफ़ा बिन यमान सहाबी رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि खुदा की क़सम ! मैं नहीं जानता कि मेरे साथी भूल गए हैं या जानते हुए अनजान बन रहे हैं। वल्लाह ! दुन्या के खातिमे तक जितने फ़ितनों के ऐसे काइदीन हैं जिन के मुत्तबिईन की ता'दाद तीन सो या इस से ज़ाइद हों 'उन सब फ़ितनों के अलम बरदारों का नाम, उन के बापों का नाम, उन के क़बीलों का नाम रसूलुल्लाह ﷺ ने हम लोगों को बता दिया है!
࿐ इस हदीस से साबित होता है कि क़ियामत तक पैदा होने वाले गुमराहों और फ़ितनों के हज़ारों लाखों सरदारों और अलम बरदारों के नाम मअ वलदिय्यत व सुकूनत हुज़ूर ﷺ ने अपने सहाबा को बता दिये। ज़ाहिर है कि येह इल्मे गैब है जो अल्लाह तआला ने अपने हबीब ﷺ को अता फरमाया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -768 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 620* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *क़ियामत तक के वाकिआत :-* मुस्लिम शरीफ की हदीस है, हज़रते अम्र बिन अख्तब अन्सारी رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि एक दिन हुज़ूर ﷺ हम लोगों को नमाज़े फज्र पढ़ा कर मिम्बर पर तशरीफ ले गए और हम लोगों को खुत्बा सुनाते रहे यहां तक कि नमाज़े ज़ोहर का वक़्त आ गया। फिर आप ने मिम्बर से उतर कर नमाज़े ज़ोहर अदा फरमाई। फिर खुत्बा देने में मशगूल हो गए यहां तक कि नमाज़े अस्र का वक़्त हो गया । उस वक़्त आप ने मिम्बर से उतर कर नमाज़े अस्र पढ़ाई फिर मिम्बर पर चढ़ कर खुत्बा पढ़ने लगे यहां तक कि सूरज गुरूब हो गया तो उस दिन भर के खुत्बे में हुज़ूर ﷺ ने हम लोगों को उन तमाम वाक़िआत की ख़बर दे दी जो क़ियामत तक होने वाले थे तो जिस शख्स ने जिस क़दर ज़ियादा उस खुत्बे को याद रखा वोह हम सहाबा में सब से ज़ियादा इल्म वाला है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -768 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 621* ༺
बीसवां बाब
*❝ अहादीस में गैब की खबरें ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *ज़रूरी इनतिबाह :-* मज़कूरा बाला वाकिआत उन हज़ारों वाक़िआत में से सिर्फ चन्द हैं जिन में हुज़ूरे अकरम ﷺ ने गैब की खबरें दी हैं। बिला शुबा हज़ारों वाक़िआत जो सिहाह सित्ता और अहादीस की दूसरी किताबों में सितारों की तरह चमक रहे हैं, उम्मत को झंझोड़ कर मुतनब्बेह कर रहे हैं कि अव्वल से अबद तक के तमाम उलूमे गैबिया के खज़ानों को अल्लामुल गुयूब جَلَّ جَلَالُهٗ ने अपने हबीब ﷺ के सीनए नुबुव्वत में वदीअत फ़रमा दिया है। लिहाज़ा हर उम्मती को येह अक़ीदा रखना लाज़िमी और ज़रूरी है कि अल्लाह तआला ने अपने हबीब ﷺ को इल्मे गैब अता फरमाया है। येह अक़ीदा कुरआने मजीद की मुक़द्दस ता'लीम का वोह इत्र है जिस से अहले सुन्नत की दुन्याए ईमान मुअत्तर है जैसा कि खुद खुदा वन्दे आलम ने इरशाद फरमाया कि : अल्लाह ने आप को हर उस चीज़ का इल्म अता फरमा दिया जिस को आप नहीं जानते थे और आप पर अल्लाह का बहुत ही बड़ा फ़ज़्ल है।
इस मौजूअ पर सैर हासिल बहस हमारी किताब (कुरआनी तक़ीरें) में पढ़िये।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -769 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 622* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे जमादात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ हम पहले तहरीर कर चुके हैं कि हुज़ूर शहनशाहे कौनैन ﷺ के मो'जिज़ात की हुक्मरानी का परचम आलमे काएनात की तमाम मख्लूकात पर लहरा चुका है। चुनान्चे चन्द आस्मानी मो'जिज़ात का तज़किरा तो हम तहरीर कर चुके हैं अब मुनासिब मा'लूम होता है कि रूए ज़मीन पर ज़ाहिर होने वाले बे शुमार मो'जिज़ात की चन्द मिसालें भी तहरीर कर दी जाएं ताकि नाज़िरीन के जेहनों में इस हक़ीक़त की तजल्ली आफ्ताब की तरह रौशन हो जाए कि खुदा की मख्लूकात में कोई ऐसा आलम नहीं जहां रहमतुल्लिल आलमीन ﷺ के मो'जिज़ात व तसर्रूफात की सल्तनत का सिक्का न चलता हो।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -770 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 623* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे जमादात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *चट्टान का बिखर जाना :-* ग़ज़्वए खन्दक़ के बयान में हम तफ्सील के साथ लिख चुके हैं कि सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم मदीने के चारों तरफ़ कुफ्फ़ार के हम्लों से बचने के लिये खन्दक खोद रहे थे इत्तिफ़ाक़ से एक बहुत ही सख़्त चट्टान निकल आई सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم ने अपनी इजतिमाई ताक़त से हर चन्द उस को तोड़ना चाहा मगर वोह किसी तरह न टूट सकी, फावड़े उस पर पड़ पड़ कर उचट जाते थे। जब लोगों ने मजबूर हो कर खिदमते अक्दस में येह माजरा अर्ज़ किया तो आप खुद उठ कर तशरीफ़ लाए और फावड़ा हाथ में ले कर एक ज़र्ब लगाई तो वोह चट्टान रैत के भुरभुरे टीलों की तरह चूर हो कर बिखर गई।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -770 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 624* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे जमादात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *इशारे से बुतों का गिर जाना :-* हर शख्स जानता है कि फ़त्हे मक्का से पहले खानए का'बा में तीन सो साठ बुतों की पूजा होती थी। फ़त्हे मक्का के दिन हुज़ूरे अक्दस ﷺ का'बे में तशरीफ ले गए, उस वक़्त दस्ते मुबारक में एक छड़ी थी और आप ज़बाने अक़्दस से येह आयत तिलावत फरमा रहे थे कि :
جَآءَ الْحَقُّ وَ زَهَقَ الْبَاطِلُؕ-اِنَّ الْبَاطِلَ كَانَ زَهُوْقًا(81)
हक़ आ गया और बातिल मिट गया यकीनन बातिल मिटने ही के काबिल था। (सूरह बनी इसराइल आयत नम्बर 81)
࿐ आप अपनी छड़ी से जिस बुत की तरफ इशारा फ़रमाते थे वोह बिगैर छूए हुए फ़क़त इशारा करते ही धम से ज़मीन पर गिर पड़ता था।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -771 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 625* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे जमादात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *पहाड़ों का सलाम करना :-* हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه फ़रमाते हैं कि एक मरतबा मैं हुज़ूरे अन्वर ﷺ के साथ मक्कए मुकर्रमा में एक तरफ को निकला तो मैं ने देखा कि जो दरख्त और पहाड़ भी सामने आता है उस से اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰهِ की आवाज़ आती है और मैं खुद इस आवाज़ को अपने कानों से सुन रहा था!
࿐ इसी तरह हज़रते जाबिर बिन समुरह رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया कि मक्का में एक पथ्थर है जो मुझ को सलाम किया करता था मैं अब भी उस को पहचानता हूं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -771📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 626* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे जमादात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *पहाड़ का हिलना :-* बुखारी शरीफ की येह रिवायत चन्द अवराक़ पहले हम तहरीर कर चुके हैं कि एक दिन हुज़ूर ﷺ अपने साथ हज़रते अबू बक्र व हज़रते उमर व हज़रते उसमान رضى الله تعالیٰ عنهم को ले कर उहुद पहाड़ पर चढ़े। पहाड़ (जोशे मसर्रत में) झूम कर हिलने लगा उस वक़्त आप ने पहाड़ को ठोकर मार कर येह फ़रमाया कि "ठहर जा" इस वक़्त तेरी पुश्त पर एक पैग़म्बर है और एक सिद्दीक़ है और दो (हज़रते उमर व हज़रते उसमान) शहीद हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -772 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 627* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे जमादात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *मुट्ठी भर खाक का शाहकार :-* मुस्लिम शरीफ की हदीस में हज़रते सलमह बिन अक्वअ رضى الله تعالیٰ عنه से रिवायत है कि जंगे हुनैन में जब कुफ़्फ़ार ने हुज़ूर ﷺ को चारों तरफ से घेर लिया तो आप अपनी सुवारी से उतर पड़े और ज़मीन से एक मुठ्ठी मिट्टी ले कर कुफ़्फ़ार के चेहरों पर फेंकी और "شَاهَتِ الْوُجُوْهُ" फरमाया तो काफ़िरों के लश्कर में कोई एक इन्सान भी बाकी नहीं रहा जिस की दोनों आंखें इसी मिट्टी से न भर गई हों चुनान्चे वोह सब अपनी अपनी आंखें मलते हुए पीठ फैर कर भाग निकले और शिकस्त खा गए और हुज़ूर ﷺ ने उन के अम्वाले ग़नीमत को मुसलमानों के दरमियान तक्सीम फरमा दिया।
࿐ इसी तरह हिजरत की रात में हुज़ूर ﷺ ने काशानए नुबुव्वत का मुहासरा करने वाले काफ़िरों पर जब एक मुठ्ठी खाक फेंकी तो येह मुठ्ठी भर मिट्टी तमाम काफ़िरों के सरों पर पड़ गई।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -772 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 628* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे जमादात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *तबसरा :-* मज़कूरा बाला पांचों मुस्तनद वाक़िआत गवाही दे रहे हैं कि हुज़ूर عَلَيْهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام के मो'जिज़ात व तसर्रुफात की हुक्मरानी आलमे जमादात पर भी है और आलमे जमादात की हर हर चीज़ जानती पहचानती और मानती है कि आप अल्लाह तआला के रसूले बरहक हैं और आप की इताअत व फ़रमां बरदारी को आलमे जमादात का हर हर फ़र्द अपने लिये लाज़िमुल ईमान और वाजिबुल अमल जानता है, येही वजह है कि आप का इशारा पा कर कंकरियों ने कलिमा पढ़ा, आप के दस्ते मुबारक में संगरेज़ों ने खुदा की तस्बीह पढ़ी, आप की दुआ पर दीवारों ने "आमीन" कहा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -773 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 629* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *खोशा दरख्त से उतर पड़ा :-* हज़रते अब्दुल्लाह बिन अब्बास رضى الله تعالیٰ عنهما का बयान है कि एक आ'राबी बारगाहे रिसालत में हाज़िर हुवा और उस ने आप से अर्ज़ किया कि मुझे येह क्यूंकर यकीन हो कि आप खुदा के पैगम्बर हैं? आप ने फ़रमाया कि उस खजूर के दरख़्त पर जो खोशा लटक रहा है अगर मैं उस को अपने पास बुलाऊं और वोह मेरे पास आ जाए तो क्या तुम मेरी नुबुव्वत पर ईमान लाओगे ? उस ने कहा कि हां बेशक मैं आप का येह मो'जिज़ा देख कर ज़रूर आप को खुदा का रसूल मान लूंगा। आप ने खजूर के उस खोशे को बुलाया तो वोह फौरन ही चल कर दरख़्त से उतरा और आप के पास आ गया फिर आप ने हुक्म दिया तो वोह वापस जा कर दरख़्त में अपनी जगह पर पैवस्त हो गया। येह मोजिज़ा देख कर वोह आराबी फ़ौरन ही दामने इस्लाम में आ गया!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -774 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 630* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *दरख़्त चल कर आया :-* हज़रते अब्दुल्लाह बिन उमर رضى الله تعالیٰ عنهما ने फरमाया कि हम लोग रसूलुल्लाह ﷺ के साथ एक सफ़र में थे। एक आ'राबी आप के पास आया, आप ने उस को इस्लाम की दा'वत दी, उस आ'राबी ने सुवाल किया कि क्या आप की नुबुव्वत पर कोई गवाह भी है? आप ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि हां येह दरख़्त जो मैदान के कनारे पर है मेरी नुबुव्वत की गवाही देगा। चुनान्चे आप ﷺ ने उस दरख्त को बुलाया और वोह फौरन ही ज़मीन चीरता हुवा अपनी जगह से चल कर बारगाहे अक्दस में हाज़िर हो गया और उस ने ब आवाज़े बुलन्द तीन मरतबा आप की नुबुव्वत की गवाही दी। फिर आप ﷺ ने उस को इशारा फरमाया तो वोह दरख़्त ज़मीन में चलता हुवा अपनी जगह पर चला गया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -774 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 631* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *दरख़्त चल कर आया :-* मुहद्दिस बज़्ज़ार व इमाम बैहकी व इमाम बग़वी ने इस हदीस में येह रिवायत भी तहरीर फरमाई है कि उस दरख्त ने बारगाहे अक्दस में आ कर “اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه” कहा, आ'राबी येह मो'जिज़ा देखते ही मुसलमान हो गया और जोशे अक़ीदत में अर्ज किया कि या रसूलल्लाह ﷺ मुझे इजाज़त दीजिये कि मैं आप को सज्दा करूं। आप ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि अगर मैं ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे को सज्दा करने का हुक्म देता तो मैं औरतों को हुक्म देता कि वोह अपने शोहरों को सज्दा किया करें। येह फ़रमा कर आप ने उस को सज्दा करने की इजाज़त नहीं दी। फिर उस ने अर्ज किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! अगर आप इजाज़त दें तो मैं आप के दस्ते मुबारक और मुक़द्दस पाउं को बोसा दूं। आप ﷺ ने उस को इस की इजाज़त दे दी। चुनान्चे उस ने आप के मुक़द्दस हाथ और मुबारक पाउं को वालिहाना अक़ीदत के साथ चूम लिया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -775 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 632* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *दरख्त चल कर आया :-* इसी तरह हज़रते जाबिर رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि सफ़र में एक मन्ज़िल पर हुज़ूरे अक्दस ﷺ इस्तिन्जा फ़रमाने के लिये मैदान में तशरीफ ले गए मगर कहीं कोई आड़ की जगह नज़र नहीं आई हां अलबत्ता उस मैदान में दो दरख्त नज़र आए, जो एक दूसरे से काफ़ी दूरी पर थे। आप ﷺ ने एक दरख़्त की शाख पकड़ कर चलने का हुक्म दिया तो वोह दरख़्त इस तरह आप के साथ साथ चलने लगा जिस तरह मुहार वाला ऊंट मुहार पकड़ने वाले के साथ चलने लगता है फिर आप ﷺ ने दूसरे दरख़्त की टहनी थाम कर उस को भी चलने का इशारा फ़रमाया तो वोह भी चल पड़ा और दोनों दरख्त एक दूसरे से मिल गए और आप ने उस की आड़ में अपनी हाजत रफ्अ फरमाई। इस के बाद आप ﷺ ने हुक्म दिया तो वोह दोनों दरख़्त ज़मीन चीरते हुए चल पड़े और अपनी अपनी जगह पर पहुंच कर जा खड़े हुए।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -775 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 633* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *दरख्त चल कर आया : इनतिबाह :-* येही वोह मो'जिज़ा है जिस को हज़रते अल्लामा बूसेरी عَلَيْهِ رَحْمَةُ ने अपने कुसीदए बुर्दा में तहरीर फरमाया कि :
جَاءَتْ لِدَعْوَتِهِ الْأَشْجَارُ سَاجِدَةً
تَمْشِىْ إِلَيْهِ عَلٰى سَاقٍ بِلَا قَدَم
या'नी आप के बुलाने पर दरख्त सज्दा करते हुए और बिला कदम के अपनी पिंडली से चलते हुए आप के पास हाज़िर हुए।
नीज़ पहली हदीस से साबित हुवा कि दीनदार बुजुर्गों मसलन उलमा व मशाइख की ता'ज़ीम के लिये उन के हाथ पाउं को बोसा देना जाइज़ है। चुनान्चे हज़रते इमाम नववी رضى الله تعالیٰ عنه ने अपनी किताब "अज़कार" में और हम ने अपनी किताब "नवादिरुल हदीस" में इस मस्अले को मुफ़स्सल तहरीर किया है। والله تعالى اعلم
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -776 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 634* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *छड़ी रौशन हो गई :-* हज़रते अनस رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि दो सहाबी हज़रते उसैद बिन हुज़ैर और अब्बाद बिन बिश्र رضى الله تعالیٰ عنهما अंधेरी रात में बहुत देर तक हुज़ूर ﷺ से बात करते रहे जब येह दोनों बारगाहे रिसालत से अपने घरों के लिये रवाना हुए तो एक की छड़ी ना गहां खुद ब खुद रौशन हो गई और वोह दोनों उसी छड़ी की रौशनी में चलते रहे जब कुछ दूर चल कर दोनों के घरों का रास्ता अलग अलग हो गया तो दूसरे की छड़ी भी रौशन हो गई और दोनों अपनी अपनी छड़ियों की रौशनी के सहारे सख्त अंधेरी रात में अपने अपने घरों तक पहुंच गए।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -776 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 635* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *छड़ी रौशन हो गई :-* इसी तरह इमाम अहमद ने हज़रते अबू सईद खुदरी رضى الله تعالیٰ عنه से रिवायत की है कि एक मरतबा हज़रते क़तादा बिन नो'मान رضى الله تعالیٰ عنه ने हुज़ूर ﷺ के साथ इशा की नमाज़ पढ़ी। रात सख़्त अंधेरी थी और आस्मान पर घन्घोर घटा छाई हुई थी। ब वक्ते रवानगी हुज़ूर ﷺ ने अपने दस्ते मुबारक से उन्हें दरख़्त की एक शाख अता फरमाई और इरशाद फ़रमाया कि तुम बिला खौफ़ो खतर अपने घर जाओ येह शाख तुम्हारे हाथ में ऐसी रौशन हो जाएगी कि दस आदमी तुम्हारे आगे और दस आदमी तुम्हारे पीछे इस की रौशनी में चल सकें और जब तुम घर पहुंचोगे तो एक काली चीज़ को देखोगे उस को मार कर घर से निकाल देना। चुनान्चे ऐसा ही हुवा कि जूं ही हज़रते क़तादा رضى الله تعالیٰ عنه काशानए नुबुव्वत से निकले वोह शाख रौशन हो गई और वोह उसी की रौशनी में चल कर अपने घर पहुंच गए और देखा कि वहां एक काली चीज़ मौजूद है आप ने फरमाने नुबुव्वत के मुताबिक उस को मार कर घर से बाहर निकाल दिया। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -777 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 636* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *लकड़ी की तलवार :* जंगे बद्र के दिन हज़रते अकाशा बिन मोहसिन رضى الله تعالیٰ عنه की तलवार टूट गई तो हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने उन को एक दरख्त की टहनी दे कर फ़रमाया कि "तुम इस से जंग करो" वोह टहनी उन के हाथ में आते ही एक निहायत नफीस और बेहतरीन तलवार बन गई जिस से वोह उम्र भर तमाम लड़ाइयों में जंग करते रहे यहां तक कि हज़रते अमीरुल मोमिनीन अबू बक्र सिद्दीक رضى الله تعالیٰ عنه के दौरे खिलाफत में वोह शहादत से सरफराज़ हो गए।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -777 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 637* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *लकड़ी की तलवार :* इसी तरह हज़रते अब्दुल्लाह बिन जहश رضى الله تعالیٰ عنه की तलवार जंगे उहुद के दिन टूट गई थी तो उन को भी रसूलुल्लाह ﷺ ने एक खजूर की शाख दे कर इरशाद फ़रमाया कि "तुम इस से लड़ो" वोह हज़रते अब्दुल्लाह बिन जहश رضى الله تعالیٰ عنه के हाथ में आते ही एक बर्राक़ तलवार बन गई। हज़रते अब्दुल्लाह बिन जहश رضى الله تعالیٰ عنه की उस तलवार का नाम "उरजून" था येह खुलफा बनू अल अब्बास के दौरे हुकूमत तक बाकी रही यहां तक कि खलीफा मो'तसिम बिल्लाह के एक अमीर ने इस तलवार को बाईस दीनार में खरीदा और हज़रते अकाशा رضى الله تعالیٰ عنه की तलवार का नाम "औन" था, येह दोनों तलवारें हुज़ूर ﷺ के मो'जिज़ात और आप के तसर्राफात की यादगार थीं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -778 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 638* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *रोने वाला सुतून :-* मस्जिदे नबवी में पहले मिम्बर नहीं था, खजूर के तना का एक सुतून था इसी से टेक लगा कर आप खुत्बा पढ़ा करते थे। जब एक अन्सारी औरत ने एक मिम्बर बनवा कर मस्जिदे नबवी में रखा तो आप ने उस पर खड़े हो कर खुत्बा देना शुरू कर दिया। ना गहां उस सुतून से बच्चों की तरह रोने की आवाज़ आने लगी और बा'ज़ रिवायात में आया है कि ऊंटनियों की तरह बिलबिलाने की आवाज़ आई। येह रावियाने हदीस के मुख्तलिफ़ ज़ौक़ की बिना पर रोने की मुख्तलिफ तश्बीहें हैं रावियों का मक़्सूद येह है कि दर्दे फ़िराक़ से बिलबिला कर और बे करार हो कर सुतून ज़ार ज़ार रोने लगा और बा'ज़ रिवायतों में येह भी आया है कि सुतून इस कदर ज़ोर ज़ोर से रोने लगा कि करीब था कि जोशे गिर्या से फट जाए और उस रोने की आवाज़ को मस्जिदे नबवी के तमाम मुसल्लियों ने अपने कानों से सुना।
࿐ सुतून की गिर्या व ज़ारी को सुन कर हुज़ूर रहमतुल्लिल आलमीन ﷺ मिम्बर से उतर कर आए और सुतून पर तस्कीन देने के लिये अपना मुक़द्दस हाथ रख दिया और उस को अपने सीने से लगा लिया तो वोह सुतून इस तरह हिचकियां ले ले कर रोने लगा जिस तरह रोने वाले बच्चे को जब चुप कराया जाता है तो वोह हिचकियां ले ले कर रोने लगता है। बिल आखिर जब आप ने सुतून को अपने सीने से चिमटा लिया तो वोह सुकून पा कर खामोश हो गया और आप ने इरशाद फ़रमाया कि सुतून का येह रोना इस बिना पर था कि येह पहले खुदा का ज़िक्र सुनता था अब जो न सुना तो रोने लगा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -779 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 639* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *रोने वाला सुतून :-* और हज़रते बरीदा رضى الله تعالیٰ عنه की हदीस में येह भी वारिद है कि हुज़ूरे अकरम ﷺ ने उस सुतून को अपने सीने से लगा कर येह फ़रमाया कि ऐ सुतून ! अगर तू चाहे तो मैं तुझ को फिर उसी बाग में तेरी पहली जगह पर पहुंचा दूं ताकि तू पहले की तरह हरा भरा दरख्त हो जाए और हमेशा फलता फूलता रहे और अगर तेरी ख़्वाहिश हो तो मैं तुझ को बागे बिहिश्त का एक दरख़्त बना देने के लिये खुदा से दुआ कर दूं ताकि जन्नत में खुदा के औलिया तेरा फल खाते रहें। येह सुन कर सुतून ने इतनी बुलन्द आवाज़ से जवाब दिया कि आस पास के लोगों ने भी सुन लिया, सुतून का जवाब येह था कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! मेरी येही तमन्ना है कि मैं जन्नत का एक दरख़्त बना दिया जाऊं ताकि खुदा के औलिया मेरा फल खाते रहें और मुझे हयाते जाविदानी मिल जाए। हुज़ूर ﷺ ने फरमाया कि ऐ सुतून! मैं ने तेरी इस आरजू को मंजूर कर लिया। फिर आप ने सामिईन को मुखातब कर के फ़रमाया कि ऐ लोगो ! देखो इस सुतून ने दारुल फ़ना की ज़िन्दगी को ठुकरा कर दारुल बक़ा की हयात को इख़्तियार कर लिया। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -779📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 640* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *रोने वाला सुतून :-* एक रिवायत में येह भी आया है कि आप ﷺ सुतून को अपने सीने से लगा कर इरशाद फ़रमाया कि मुझे उस ज़ात की क़सम है जिस के क़ब्ज़ए कुदरत में मेरी जान है कि अगर मैं इस सुतून को अपने सीने से न चिमटाता तो येह क़ियामत तक रोता ही रहता।
࿐ वाज़ेह रहे कि गिर्यए सुतून का येह मो'जिज़ा अहादीस और सीरत की किताबों में ग्यारह सहाबियों से मन्कूल है जिन के नाम येह हैं : 1) जाबिर बिन अब्दुल्लाह 2) उबय्य बिन का'ब 3) अनस बिन मालिक 4) अब्दुल्लाह बिन उमर 5) अब्दुल्लाह बिन अब्बास 6) सहल बिन सा'द 7) अबू सईद खुदरी 8) बरीदा 9) उम्मे सलमह 10) मुत्तलिब बिन अबी वदाआ 11) आइशा (رضى الله تعالیٰ عنهم) फिर दौरे सहाबा के बा'द भी हर ज़माने में रावियों की एक जमाअते कसीरा इस हदीस को रिवायत करती रही यहां तक कि अल्लामा काज़ी इयाज़ और अल्लामा ताजुद्दीन सुबकी (رَحْمَةُ اللّٰهِ تَعَالٰى عَلَيْهِمَا) ने फ़रमाया कि गिर्यए सुतून की हदीस "खबरे मुतवातिर" है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -780 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 641* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे नबातात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *रोने वाला सुतून :-* इस सुतून के बारे में एक रिवायत है कि आप ﷺ ने उस को अपने मिम्बर के नीचे दफ्न फ़रमा दिया और एक रिवायत में आया है कि आप ने उस को मस्जिदे नबवी की छत में लगा दिया। इन दोनों रिवायतों में शारिहीने हदीस ने इस तरह ततबीक़ दी है कि पहले हुज़ूर ﷺ ने इस को दफ़्न फ़रमा दिया फिर इस ख़्याल से कि येह लोगों के क़दमों से पामाल होगा उस को ज़मीन से निकाल कर छत में लगा दिया इस तरह ज़मीन में दफ्न करने और छत में लगाने की दोनों रिवायतें दो वक़्तों में होने के लिहाज़ से दुरुस्त हैं। وَاللّٰهُ تَعَالٰى أَعلم
࿐ फिर हुज़ूरे अक्दस ﷺ के बाद जब ता'मीरे जदीद के लिये मस्जिदे नबवी मुन्हदिम की गई और येह सुतून छत से निकाला गया तो इस को मश्हूर सहाबी हज़रते उबय्य बिन का'ब رضى الله تعالیٰ عنه ने एक मुक़द्दस तबर्रुक समझ कर उठा लिया और इस को अपने पास रख लिया यहां तक कि येह बिल्कुल ही कुहना और पुराना हो कर चूर चूर हो गया।
࿐ इस सुतून को दफ्न करने के बारे में अल्लामा जुरकानी رَحْمَةُ اللّٰهِ تَعَالٰى عَلَيْهِ ने यह नुक्ता तहरीर फ़रमाया है कि अगर्चे येह खुश्क लकड़ी का एक सुतून था मगर येह दरजात व मरातिब में एक मर्दे मोमिन के मिस्ल करार दिया गया क्यूं कि येह हुज़ूर ﷺ के इश्क व महब्बत में रोया था और रसूलुल्लाह ﷺ के साथ इश्क व महब्बत का बरताव येह ईमान वालों ही का ख़ास्सा है। بیشک سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -781 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 642* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे हैवानात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *जानवरों का सज्दा करना :-* अहादीस की अकसर किताबों में चन्द अल्फाज़ के तगय्युर के साथ येह रिवायत मजकूर है कि एक अन्सारी का ऊंट बिगड़ गया था और किसी के काबू में नहीं आता था बल्कि लोगों को काटने के लिये हम्ला किया करता था। लोगों ने हुज़ूर ﷺ को मुत्तलअ किया। आप ने खुद उस ऊंट के पास जाने का इरादा फ़रमाया तो लोगों ने आप को रोका कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! येह ऊंट लोगों को दौड़ कर कुत्ते की तरह काट खाता है। आप ﷺ ने इरशाद फ़रमाया "मुझे इस का कोई ख़ौफ़ नहीं है" येह कह कर आप आगे बढ़े तो ऊंट ने आप ﷺ के सामने आ कर अपनी गरदन डाल दी और आप को सज्दा किया आप ﷺ ने उस के सर और गरदन पर अपना दस्ते शफ्क़त फैर दिया तो वोह बिल्कुल ही नर्म पड़ गया और फ़रमां बरदार हो गया और आप ने उस को पकड़ कर उस के मालिक के हवाले कर दिया। फिर येह इरशाद फ़रमाया कि खुदा की हर मख्लूक जानती और मानती है कि मैं अल्लाह का रसूल हूं लेकिन जिन्नों और इन्सानों में से जो कुफ्फ़ार हैं वोह मेरी नुबुव्वत का इक़रार नहीं करते।
सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم ने ऊंट को सज्दा करते हुए देख कर अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! जब जानवर आप को सज्दा करते हैं तो हम इन्सानों को तो सब से पहले आप को सज्दा करना चाहिये येह सुन कर आप ﷺ ने फरमाया कि अगर किसी इन्सान का दूसरे इन्सान को सज्दा करना जाइज़ होता तो मैं औरतों को हुक्म देता कि वोह अपने शोहरों को सज्दा किया करें।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -782 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 643* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे हैवानात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *बारगाहे रिसालत में ऊंट की फरयाद :-* एक बार हुज़ूरे अक्दस ﷺ एक अन्सारी के बाग में तशरीफ ले गए वहां एक ऊंट खड़ा हुवा ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रहा था। जब उस ने आप को देखा तो एक दम बिलबिलाने लगा और उस की दोनों आंखों से आंसू जारी हो गए। आप ﷺ ने करीब जा कर उस के सर और कन्पटी पर अपना दस्ते शफ्क़त फैरा तो वोह तसल्ली पा कर बिल्कुल खामोश हो गया। फिर आप ﷺ ने लोगों से दरयाप्त फ़रमाया कि इस ऊंट का मालिक कौन है ? लोगों ने एक अन्सारी का नाम बताया, आप ﷺ ने फौरन उन को बुलवाया और फ़रमाया कि अल्लाह तआला ने इन जानवरों को तुम्हारे क़ब्ज़े में दे कर इन को तुम्हारा महकूम बना दिया है लिहाजा तुम लोगों पर लाज़िम है कि तुम इन जानवरों पर रहम किया करो। तुम्हारे इस ऊंट ने मुझ से तुम्हारी शिकायत की है कि तुम इस को भूका रखते हो और इस की ताकत से ज़ियादा इस से काम ले कर इस को तक्लीफ देते हो।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -783📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 644* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे हैवानात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *बे दूध की बकरी ने दूध दिया :-* हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि मैं एक नौ उम्र लड़का था और मक्का में काफ़िरों के सरदार उक्बा बिन अबी मुईत की बकरियां चराया करता था। इत्तिफाक से हुज़ूर ﷺ और हज़रते अबू बक्र सिद्दीक رضى الله تعالیٰ عنه का मेरे पास से गुज़र हुवा, आप ﷺ ने मुझ से फरमाया कि ऐ लड़के ! अगर तुम्हारी बकरियों के थनों में दूध हो तो हमें भी दूध पिलाओ, मैं ने अर्ज़ किया कि मैं इन बकरियों का मालिक नहीं हूं बल्कि इन का चरवाहा होने की हैसिय्यत से अमीन हूं, मैं भला बिगैर मालिक की इजाज़त के किस तरह इन बकरियों का दूध किसी को पिला सकता हूं? आप ﷺ ने फरमाया कि क्या तुम्हारी बकरियों में कोई बच्चा भी है? मैं ने कहा : "जी हां" आप ने फरमाया: उस बच्चे को मेरे पास लाओ। मैं ले आया। हज़रते अबू बक्र सिद्दीक رضى الله تعالیٰ عنه ने उस बच्चे की टांगों को पकड़ लिया और आप ﷺ ने उस के थन को अपना मुक़द्दस हाथ लगा दिया तो उस का थन दूध से भर गया फिर एक गहरे पथ्थर में आप ने उस का दूध दोहा, पहले खुद पिया फिर हज़रते अबू बक्र सिद्दीक ﷺ को पिलाया। हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि इस के बा'द मुझ को भी पिलाया फिर आप ﷺ ने उस बकरी के थन में हाथ मार कर फ़रमाया कि ऐ थन ! तू सिमट जा। चुनान्चे फौरन ही उस का थन सिमट कर खुश्क हो गया।
हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि मैं इस मो'जिज़े को देख कर बेहद मुतअस्सिर हुवा और मैं ने अर्ज़ किया कि आप पर आस्मान से जो कलाम नाज़िल हुवा है मुझे भी सिखाइये। आप ﷺ ने फ़रमाया कि तुम ज़रूर सीखो तुम्हारे अन्दर सीखने की सलाहिय्यत है। चुनान्चे मैं ने आप की ज़बाने मुबारक से सुन कर कुरआने मजीद की सत्तर सूरतें याद कर लीं। हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद رضى الله تعالیٰ عنه कहा करते थे कि मेरे इस्लाम कबूल करने में इस मो'जिज़े को बहुत बड़ा दख़ल है। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -783-784 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 645* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे हैवानात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *तब्लीगे इस्लाम करने वाला भेड़िया :-* हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه फ़रमाते हैं कि एक भेड़िये ने एक बकरी को पकड़ लिया लेकिन बकरियों के चरवाहे ने भेड़िये पर हम्ला कर के उस से बकरी को छीन लिया। भेड़िया भाग कर एक टीले पर बैठ गया और कहने लगा कि ऐ चरवाहे ! अल्लाह तआला ने मुझ को रिज़्क दिया था मगर तूने उस को मुझ से छीन लिया। चरवाहे ने येह सुन कर कहा कि खुदा की क़सम ! मैं ने आज से ज़ियादा कभी कोई हैरत अंगेज़ और तअज्जुब खैज़ मंज़र नहीं देखा कि एक भेड़िया अरबी ज़बान में मुझ से कलाम करता है। भेड़िया कहने लगा कि ऐ चरवाहे ! इस से कहीं ज़ियादा अजीब बात तो येह है कि तू यहां बकरियां चरा रहा है और तू उस नबी को छोड़े और उन से मुंह मोड़े हुए बैठा है जिन से ज़ियादा बुजुर्ग और बुलन्द मर्तबा कोई नबी नहीं आया। इस वक़्त जन्नत के तमाम दरवाजे खुले हुए हैं और तमाम अहले जन्नत उस नबी के साथियों की शाने जिहाद का मंज़र देख रहे हैं और तेरे और उस नबी के दरमियान बस एक घाटी का फासिला है। काश! तू भी उस नबी की खिदमत में हाज़िर हो कर अल्लाह के लश्करों का एक सिपाही बन जाता। चरवाहे ने इस गुफ्तगू से मुतअस्सिर हो कर कहा कि अगर मैं यहां से चला गया तो मेरी बकरियों की हिफाज़त कौन करेगा? भेड़िये ने जवाब दिया कि तेरे लौटने तक मैं खुद तेरी बकरियों की निगहबानी करूंगा।
चुनान्चे चरवाहे ने अपनी बकरियों को भेड़िये के सिपुर्द कर दिया और खुद बारगाहे रिसालत में हाज़िर हो कर मुसलमान हो गया और वाकेई भेड़िये के कहने के मुताबिक उस ने नबी ﷺ के असहाब को जिहाद में मसरूफ़ पाया। फिर चरवाहे ने भेड़िये के कलाम का हुज़ूर ﷺ से तज़किरा किया तो आप ﷺ ने फरमाया कि तुम जाओ तुम अपनी सब बकरियों को ज़िन्दा व सलामत पाओगे।चुनान्चे चरवाहा जब लौटा तो येह मन्ज़र देख कर हैरान रह गया कि भेड़िया उस की बकरियों की हिफाजत कर रहा है और उस की कोई बकरी भी जाएअ नहीं हुई है चरवाहे ने खुश हो कर भेड़िये के लिये एक बकरी ज़ब्ह कर के पेश कर दी और भेड़िया उस को खा कर चल दिया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -784 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 646* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे हैवानात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *एलाने ईमान करने वाली गोह :-* हज़रते अब्दुल्लाह बिन उमर رضى الله تعالى عنهما से रिवायत है कि क़बीलए बनी सुलैम का एक आ'राबी ना गहां हुजूरे अक्दस ﷺ की नूरानी महफ़िल के पास से गुज़रा आप अपने अस्हाब के मज्मअ़ में तशरीफ़ फ़रमा थे। येह आ'राबी जंगल से एक गोह पकड़ कर ला रहा था आ'राबी ने आप के बारे में लोगों से सुवाल किया कि वोह कौन हैं? लोगों ने बताया कि येह अल्लाह के नबी हैं। आ'राबी येह सुन कर आप की तरफ मुतवज्जेह हुवा और कहने लगा कि मुझे लात व उज़्ज़ा की क़सम है कि मैं उस वक़्त तक आप पर ईमान नहीं लाऊंगा जब तक मेरी येह गोह आप की नुबुव्वत पर ईमान न लाए, येह कह कर उस ने गोह को आप के सामने डाल दिया। आप ﷺ ने गोह को पुकारा तो उस ने “لَبَيكَ وَسَعْدَيْكَ” इतनी बुलन्द आवाज़ से कहा कि तमाम हाज़िरीन ने सुन लिया। फिर आप ﷺ ने पूछा कि तेरा मा'बूद कौन है ? गोह ने जवाब दिया कि मेरा मा'बूद वोह है कि उस का अर्श आस्मान में है और उस की बादशाही ज़मीन में है और उस की रहमत जन्नत में है और उस का अज़ाब जहन्नम में है। फिर आप ﷺ ने पूछा कि ऐ गोह ! येह बता कि मैं कौन हूं? गोह ने बुलन्द आवाज़ से कहा कि आप रब्बुल आलमीन के रसूल हैं और खातमुन्नबिय्यीन है जिस ने आप को सच्चा माना वोह काम्याब हो गया और जिस ने आप को झुटलाया वोह ना मुराद हो गया।
येह मंज़र देख कर आ'राबी इस कदर मुतअस्सिर हुवा कि फौरन ही कलिमा पढ़ कर मुसलमान हो गया और कहने लगा कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! मैं जिस वक़्त आप के पास आया था तो मेरी नज़र में रूए ज़मीन पर आप से ज़ियादा ना पसन्द कोई आदमी नहीं था लेकिन इस वक़्त मेरा येह हाल है कि आप मेरे नज़्दीक मेरी औलाद बल्कि मेरी जान से भी ज़ियादा प्यारे हो गए हैं। आप ﷺ ने फ़रमाया कि खुदा के लिये हम्द है जिस ने तुझ को ऐसे दीन की हिदायत दी जो हमेशा ग़ालिब रहेगा और कभी मग्लूब नहीं होगा। फिर...
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -785 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 647* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे हैवानात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *एलाने ईमान करने वाली गोह :-* फिर आप ﷺ ने उस को सूरए फातिहा और सूरए इख्लास की ता'लीम दी। आ'राबी कुरआन की इन दो सूरतों को सुन कर कहने लगा कि मैं ने बड़े बड़े फ़सीह व बलीग, तवील व मुख़्तसर हर क़िस्म के कलामों को सुना है मगर खुदा की क़सम ! मैं ने आज तक इस से बढ़ कर और इस से बेहतर कलाम कभी नहीं सुना। फिर आप ﷺ ने सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم से फरमाया कि येह क़बीलए बनी सुलैम का एक मुफ़्लिस इन्सान है तुम लोग इस की माली इमदाद कर दो। येह सुन कर बहुत से लोगों ने उस को बहुत कुछ दिया यहां तक कि हज़रते अब्दुर्रहमान बिन औफ़ رضى الله تعالیٰ عنه ने उस को दस गाभन ऊंटनियां दीं। येह आ'राबी तमाम माल व सामान को साथ ले कर जब अपने घर की तरफ चला तो रास्ते में देखा कि उस की क़ौम बनी सुलैम के एक हज़ार सुवार नेज़ा और तलवार लिये हुए चले आ रहे हैं। उस ने पूछा कि तुम लोग कहां के लिये और किस इरादे से चले हो ? सुवारों ने जवाब दिया कि हम लोग उस शख्स से लड़ने के लिये जा रहे हैं जो येह गुमान करता है कि वोह नबी है और हमारे देवताओं को बुरा भला कहता है। येह सुन कर आ'राबी ने बुलन्द आवाज़ से कलिमा पढ़ा और अपना सारा वाकिआ उन सुवारों से बयान किया। उन सुवारों ने जब आ'राबी की ज़बान से उस का ईमान अफ्रोज़ बयान सुना तो सब ने لَا اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدٌرَّسُولُ اللّٰه पढ़ा। سبحان الله
फिर सब के सब बारगाहे नुबुव्वत में हाज़िर हुए तो हुजूरे अन्वर ﷺ इस क़दर तेज़ी के साथ उन लोगों के इस्तिक़्बाल के लिये खड़े हुए कि आप की चादर आप के जिस्मे अत्हर से गिर पड़ी और येह लोग कलिमा पढ़ते हुए अपनी अपनी सुवारियों से उतर पड़े और अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह ﷺ! आप हमें जो हुक्म देंगे हम आप के हर हुक्म की फ़रमां बरदारी करेंगे! आप ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि तुम लोग हज़रते खालिद बिन अल वलीद رضى الله تعالیٰ عنه के झन्डे के नीचे जिहाद करते रहो। हज़रते अब्दुल्लाह बिन उ़़मर رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि हुज़ूर ﷺ के ज़माने में बनी सुलैम के सिवा कोई क़बीला भी ऐसा नहीं था जिस के एक हज़ार आदमी बयक वक़्त मुसलमान हुए हों। इस हदीस को तबरानी व बैहकी व हाकिम व इब्ने अदी जैसे बड़े बड़े मुहद्दिसीन ने रिवायत किया है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -787 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 648* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे हैवानात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *इनतिबाह :-* इस किस्म के सेंकड़ों मो'जिज़ात में से येह चन्द वाक़िआत इस बात की सूरज से ज़ियादा रौशन दलीलें हैं कि रूए ज़मीन के तमाम हैवानात हुज़ूरे अकरम ﷺ को जानते पहचानते और मानते हैं कि आप नबिय्ये आखिरुज़्ज़मां, खातमे पैगम्बरां हैं और येह सब के सब आप की मद्हो सना के खतीब और आप की मुक़द्दस दा'वते इस्लाम के नक़ीब हैं और येह सब आप के अम्र व नहय की हुक्मरानी और आप के इक्तिदार व तसर्राफात की सुल्तानी को तस्लीम करते हुए आप के हर फ़रमान को अपने लिये वाजिबुल ईमान और लाज़िमुल अमल समझते हैं और आप के ए'ज़ाज़ो इक्राम और आप की ता'ज़ीम व एहतिराम को अपने लिये सरमायए हयात तसव्वुर करते हैं। काश ! इस ज़माने के मुस्लिम नुमा कलिमा पढ़ने पढ़ाने वाले इन्सान इन बे ज़बान जानवरों से ता'ज़ीम व एहतिरामे रसूल का सबक सीखते और दिलो जान से इस रौशन हक़ीक़त पर ध्यान देते कि :
अपने मौला की है बस शान अज़ीम,
जानवर भी करें जिन की ता'ज़ीम
संग करते हैं अदब से तस्लीम,
पेड़ सज्दे में गिरा करते हैं
हां यहीं करती हैं चिड़ियां फ़रयाद,
हां यहीं चाहती है हिरनी दाद
इसी दर पे शुतराने नाशाद,
गिलए रन्जो अना करते हैं
(आ'ला हज़रत قُدِّسَ سِرُّهٗ)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -788 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 649* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *थोड़ी चीज़ जियादा हो गई :-* तमाम दुन्या जानती है कि मुसलमानों का इब्तिदाई ज़माना बहुत ही फ़क़ो फाके में गुज़रा है। कई कई दिन गुज़र जाते थे कि उन लोगों को कोई चीज़ खाने के लिये नहीं मिलती थी। ऐसी हालत में अगर रसूलुल्लाह ﷺ का येह मो'जिज़ा उन फाका ज़दा मुसलमानों की नुसरत व दस्त गीरी न करता तो भला उन मुफ़्लिस और फ़ाक़ा मस्त-मुसलमानों का क्या हाल होता।
हज़रते ईसा عَلَيْهِ السَّلَام ने आस्मान से उतरने वाले दस्तर ख़्वान की सात रोटियों और सात मछलियों से कई सो आदमियों को शिकम सैर कर दिया। यक़ीनन येह उन का बहुत ही अज़ीमुश्शान मो'जिज़ा है जिस का ज़िक्र इन्जील व कुरआन दोनों मुक़द्दस आस्मानी किताबों में मजकूर है। लेकिन हुज़ूर रहमतुल्लिल आलमीन ﷺ के दस्ते मुबारक से सेंकड़ों मरतबा इस किस्म की मो'जिज़ाना बरकतों का जुहूर हुवा कि थोड़ा सा खाना पानी सेंकड़ों बल्कि हज़ारों इन्सानों को शिकम सैर और - सैराब करने के लिये काफ़ी हो गया। इस किस्म के सेंकड़ों मो'जिज़ात में से मुन्दरिजे जैल चन्द मो'जिज़ात आप ﷺ के मो'जिज़ाना तसर्रुफात की आयाते बय्यिनात बन कर अहादीस की किताबों में इस तरह चमक रहे हैं जिस तरह आस्मान पर अंधेरी रातों में सितारे चमकते और जगमगाते रहते हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -789 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 650* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *थोड़ी चीज़ ज़ियादा हो गई :*
࿐ *उम्मे सुलैम की रोटियां -* एक दिन हज़रते अबू ततुल्हा رضى الله تعالیٰ عنه अपने घर में आए और अपनी बीवी हज़रते उम्मे सुलैम رضى الله تعالیٰ عنها से कहा कि क्या तुम्हारे पास खाने की कोई चीज़ है? मैं ने हुज़ूर ﷺ की कमज़ोर आवाज़ से येह महसूस किया कि आप ﷺ भूके हैं। उम्मे सुलैम رضى الله تعالیٰ عنها ने जव की चन्द रोटियां दुपट्टे में लपेट कर हज़रते अनस رضى الله تعالیٰ عنه के हाथ आप की खिदमत में भेज दीं। हज़रते अनस رضى الله تعالیٰ عنه जब बारगाहे नुबुव़वत में पहुंचे तो आप ﷺ मस्जिदे नबवी में सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم के मज्मअ में तशरीफ़ फ़रमा थे। आप ﷺ ने पूछा कि क्या अबू तल्हा ने तुम्हारे हाथ खाना भेजा है? उन्हों ने कहा कि "जी हां" येह सुन कर आप अपने अस्हाब के साथ उठे और हज़रते अबू तल्हा رضى الله تعالیٰ عنه के मकान पर तशरीफ लाए। हज़रते अनस رضى الله تعالیٰ عنه ने दौड़ कर हज़रते अबू तल्हा رضى الله تعالیٰ عنه को इस बात की ख़बर दी, उन्हों ने बीबी उम्मे सुलैम से कहा कि हुज़ूर ﷺ एक जमाअत के साथ हमारे घर पर तशरीफ ला रहे हैं।
हज़रते अबू तल्हा رضى الله تعالیٰ عنه ने मकान से निकल कर निहायत ही गर्मजोशी के साथ आप का इस्तिक्बाल किया आप ने तशरीफ़ ला कर हज़रते बीबी उम्मे सुलैम رضى الله تعالیٰ عنها से फरमाया कि जो कुछ तुम्हारे पास हो लाओ। उन्हों ने वोही चन्द रोटियां पेश कर दीं जिन को हज़रते अनस رضى الله تعالیٰ عنه के हाथ बारगाहे रिसालत में भेजा था। आप ﷺ के हुक्म से उन रोटियों का चूरा बनाया गया और हज़रते बीबी उम्मे सुलैम رضى الله تعالیٰ عنها ने उस चूरे पर बतौरे सालन के घी डाल दिया, उन चन्द रोटियों में आप के मो'जिज़ाना तसर्राफात से इस कदर बरकत हुई कि आप दस दस आदमियों को मकान के अन्दर बुला बुला कर खिलाते रहे और वोह लोग खूब शिकम सैर हो कर खाते रहे और जाते रहे यहां तक कि सत्तर या अस्सी आदमियों ने खूब शिकम सैर हो कर खा लिया। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -790 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 651* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*थोड़ी चीज़ ज़ियादा हो गई*
࿐ *हज़रते जाबिर की खजूरें :* हज़रते जाबिर رضى الله تعالیٰ عنه के वालिद यहूदियों के कर्जदार थे और जंगे उहुद में शहीद हो गए, हज़रते जाबिर رضى الله تعالیٰ عنه बारगाहे अक्दस में हाज़िर हुए और अर्ज़ किया या रसूलल्लाह ' मेरे वालिद ने अपने ऊपर क़र्ज़ छोड़ कर वफ़ात पाई है और खजूरों के सिवा मेरे पास क़र्ज़ अदा करने का कोई सामान नहीं है, सिर्फ खजूरों की पैदावार से कई बरस तक येह कर्ज़ अदा नहीं हो सकता आप मेरे बाग में तशरीफ ले चलें ताकि आप के अदब से यहूदी अपना कर्ज़ वुसूल करने में मुझ पर सख्ती न करें। चुनान्चे आप बाग में तशरीफ लाए और खजूरों का जो ढेर लगा हुवा था उस के गिर्द चक्कर लगा कर दुआ फरमाई और खुद खजूरों के ढेर पर बैठ गए। आप के मो'जिज़ाना तसर्रफ़ और दुआ की तासीर से उन खजूरों में इस कदर बरकत हुई कि तमाम कर्ज़ अदा हो गया और जिस कदर खजूरें कर्जदारों को दी गई उतनी ही बच रहीं।
سبحان الله سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -791 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 652* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*थोड़ी चीज़ ज़ियादा हो गई*
࿐ *हज़रते अबू हुरैरा की थेली :-* हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि मैं हुज़ूरे अक्दस ﷺ की खिदमते अक्दस में कुछ खजूरें ले कर हाज़िर हुवा और अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह ﷺ इन खजूरों में बरकत की दुआ फ़रमा दीजिये! आप ﷺ ने उन खजूरों को इकठ्ठा कर के दुआए बरकत फ़रमा दी और इरशाद फ़रमाया कि तुम इन को अपने तोशादान में रख लो और तुम जब चाहो हाथ डाल कर इस में से निकालते रहो लेकिन कभी तोशादान झाड़ कर बिल्कुल खाली न कर देना। चुनान्चे हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه तीस बरस तक उन खजूरों को खाते और खिलाते रहे बल्कि कई मन उस में से खैरात भी कर चुके मगर वोह खत्म न हुई। سبحان الله سبحان الله
हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه हमेशा उस थेली को अपनी कमर से बांधे रहते थे यहां तक कि हज़रते उसमान ' की शहादत के दिन वोह थेली उन की कमर से कट कर कहीं गिर गई।
इस थेली के जाएअ होने का हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه को उम्र भर सदमा और अफ्सोस रहा। चुनान्चे वोह हज़रते उसमान رضى الله تعالیٰ عنه की शहादत के दिन निहायत रिक्कत अंगेज़ और दर्द भरे लहजे में येह शे'र पढ़ते हुए चलते फिरते थे कि
لِلنَّاسِ هَمٌّ وَلِىْ هَمَّانِ بَيْنَهُمْ
هَمُّ الْجِرَابِ وَهَمُّ الشَّيْخِ عُثْمَانَا
लोगों के लिये एक ग़म है और मेरे लिये दो गम हैं एक थेली का ग़म दूसरे शैख उसमान رضى الله تعالیٰ عنه का ग़म ।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -792 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 653* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*थोड़ी चीज़ ज़ियादा हो गई*
࿐ *उम्मे मालिक का कुप्पा :-* हज़रते उम्मे मालिक رضى الله تعالیٰ عنها के पास एक कुप्पा था जिस में वोह हुज़ूर नबिय्ये करीम ﷺ के पास हदिय्ये में घी भेजा करती थीं उस कुप्पे में इतनी अज़ीम बरकतों का जुहूर हुवा कि जब भी उम्मे मालिक رضى الله تعالیٰ عنها के बेटे सालन मांगते थे और घर में कोई सालन नहीं होता था तो वोह उस कुप्पे में से घी निकाल कर अपने बेटों को दे दिया करती थीं। एक मुद्दते दराज़ तक वोह हमेशा उस कुप्पे में से घी निकाल निकाल कर अपने घर का सालन बनाया करती थीं। एक दिन उन्हों ने उस कुप्पे को निचोड़ कर बिल्कुल ही खाली कर दिया जब बारगाहे नुबुव्वत में हाज़िर हुई तो आप ﷺ ने पूछा कि क्या तुम ने उस कुप्पे को निचोड़ डाला? उन्हों ने कहा कि "जी हां" आप ﷺ ने फ़रमाया कि अगर तुम उस कुप्पे को न निचोड़तीं और यूं ही छोड़ देतीं तो हमेशा उस में से घी निकलता ही रहता। سبحان الله
इस हदीस को इमाम मुस्लिम ने रिवायत किया है!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -792 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 654* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*थोड़ी चीज़ ज़ियादा हो गई*
࿐ *बा बरकत प्याला :-* हज़रते समुरह बिन जुन्दब رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि हुज़ूर ﷺ के पास एक प्याला भर कर खाना था, हम लोग दस दस आदमी बारी बारी सुब्ह से शाम तक उस प्याले में से लगातार खाते रहे। लोगों ने पूछा कि एक ही प्याला तो खाना था तो वोह कहां से बढ़ता रहता था ? (कि लोग इस क़दर ज़ियादा ता'दाद में दिन भर उस को खाते रहे) तो उन्हों ने आस्मान की तरफ इशारा कर के कहा कि "वहां से।"
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -793 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 655* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*थोड़ी चीज़ ज़ियादा हो गई*
࿐ *थोड़ा तोशा अज़ीम बरकत :-* हुज़ूरे अक्दस ﷺ चौदह सो अश्खास की जमाअत के साथ एक सफ़र में थे, सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم ने भूक से बेताब हो कर सुवारी की ऊंटनियों को ज़ब्ह करने का इरादा किया तो आप ﷺ ने मन्अ फरमा दिया और हुक्म दिया कि तमाम लश्कर वाले अपना अपना तोशा एक दस्तर ख़्वान पर जम्अ करें। चुनान्चे जिस के पास जो कुछ था ला कर रख दिया तो तमाम सामान इतनी जगह में आ गया जिस पर एक बकरी बैठ सकती थी लेकिन चौदह सो आदमियों ने उस में से शिकम सैर हो कर खा भी लिया और अपने अपने तोशादानों को भी भर लिया। खाने के बा'द आप ﷺ ने पानी मांगा, एक सहाबी رضى الله تعالیٰ عنه एक बरतन में थोड़ा सा पानी लाए, आप ﷺ ने उस को प्याले में उंडेल दिया और अपना दस्ते मुबारक उस में डाल दिया तो चौदह सो आदमियों ने उस से वुज़ू किया। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -793 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 656* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*थोड़ी चीज़ ज़ियादा हो गई*
࿐ *बरकत वाली कलेजी :-* एक सफ़र में हुज़ूरे अन्वर ﷺ के साथ एक सो तीस सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم हमराह थे आप ﷺ ने उन लोगों से दरयाफ़्त फरमाया कि क्या तुम लोगों के पास खाने का सामान है? येह सुन कर एक शख्स एक सा आटा लाया और वोह गूंधा गया फिर एक बहुत तन्दुरुस्त लम्बा चौड़ा काफ़िर बकरियां हांकता हुवा आप के पास आया। आप ने उस से एक बकरी खरीदी और ज़ब्ह करने के बा'द उस की कलेजी को भूनने का हुक्म दिया फिर एक सो तीस आदमियों में से हर एक का उस कलेजी में से एक एक बोटी काट कर हिस्सा लगाया, अगर वोह हाज़िर था तो उस को अता फरमा दिया और अगर वोह गाइब था तो उस का हिस्सा छुपा कर रख दिया, जब गोश्त तय्यार हुवा तो उस में से दो प्याला भर कर अलग रख दिया फिर बाक़ी गोश्त और एक सा आटे की रोटी से एक सो तीस आदमियों की जमाअत शिकम सैर खा कर आसूदा हो गई और दो प्याला भर कर गोश्त फ़ाज़िल बच गया जिस को ऊंट पर लाद लिया गया। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -794 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 657* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*थोड़ी चीज़ ज़ियादा हो गई*
࿐ *हज़रते अबू हुरैरा और एक प्याला दूध :* एक दिन हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه भूक से निढाल हो कर रास्ते में बैठ गए, हज़रते अबू बक्र सिद्दीक رضى الله تعالیٰ عنه सामने से गुज़रे तो उन से इन्हों ने कुरआन की एक आयत को दरयाप्त किया मक्सद येह था कि शायद वोह मुझे अपने घर ले जा कर कुछ खिलाएं मगर उन्हों ने रास्ता चलते हुए आयत बता दी और चले गए। फिर हज़रते उमर رضى الله تعالیٰ عنه उस रास्ते से निकले उन से भी इन्हों ने एक आयत का मतलब पूछा गरज़ वोही थी कि वोह कुछ खिला देंगे मगर वोह भी आयत का मतलब बता कर चल दिये।
इस के बा'द हुजूरे अक्दस ﷺ तशरीफ़ लाए और हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه के चेहरे को देख कर अपनी खुदादाद बसीरत से जान लिया कि "येह भूके हैं" आप ﷺ ने उन्हें पुकारा, उन्हों ने जवाब दिया और साथ हो लिये जब आप काशानए नुबुव्वत में पहुंचे तो घर में दूध से भरा हुवा एक प्याला देखा। घर वालों ने आप को उस शख्स का नाम बतलाया जिस ने दूध का येह हदिय्या भेजा था। आप ﷺ ने हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه को हुक्म दिया कि जाओ और तमाम अस्हाबे सुफ़्फ़ा को बुला लाओ। हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه अपने दिल में सोचने लगे कि एक ही प्याला तो दूध है इस दूध का सब से ज़ियादा हक़दार तो मैं था अगर मुझे मिल जाता तो मुझ को भूक की तक्लीफ़ से कुछ राहत मिल जाती अब देखिये अस्हाबे सुफ़्फ़ा के आ जाने के बा'द भला इस में से कुछ मुझे मिलता है या नहीं? इन के दिल में येही खयालात चक्कर लगा रहे थे मगर अल्लाह व रसूल عزوجل وصلى الله تعالى عليه واله وسلم की इताअत से कोई चारा न था,
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -796📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 658* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*थोड़ी चीज़ ज़ियादा हो गई*
࿐ *हज़रते अबू हुरैरा और एक प्याला दूध :* लिहाज़ा वोह अस्हाबे सुफ़्फ़ा को बुला कर ले गए येह सब लोग अपनी अपनी जगह एक कितार में बैठ गए फिर आप ﷺ ने हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه को हुक्म दिया कि "तुम खुद ही इन सब लोगों को येह दूध पिलाओ।" चुनान्चे उन्हों ने सब को पिलाना शुरू कर दिया जब सब के सब शिकम सैर पी कर सैराब हो गए तो हुज़ूरे अकरम ﷺ ने अपने दस्ते रहमत में येह प्याला ले लिया और हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه की तरफ देख कर मुस्कुराए और फ़रमाया कि अब सिर्फ हम और तुम बाकी रह गए हैं आओ बैठो और तुम पीना शुरू कर दो। उन्हों ने पेट भर दूध पी कर प्याला रखना चाहा तो आप ﷺ ने फ़रमाया कि "और पियो" चुनान्चे उन्हों ने फिर पिया लेकिन आप ﷺ बार बार फ़रमाते रहे कि "और पियो और पियो" यहां तक कि हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه ने अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! मुझे उस जात की क़सम है जिस ने आप को हक़ के साथ भेजा है कि अब मेरे पेट में बिल्कुल ही गुन्जाइश नहीं रही। इस के बा'द हुजूरﷺ ने प्याला अपने हाथ में ले लिया और जितना दूध बच गया था आप " बिस्मिल्लाह पढ़ कर पी गए! سبحان الله سبحان الله 🥰
येही वोह मो'जिज़ा है जिस की तरफ इशारा करते हुए आ'ला हज़रत फ़ाज़िले बरेल्वी عَلَيْهِ رَحْمَةُ ने फरमाया कि :
*क्यूं जनाबे बू हुरैरा कैसा था वोह जामे शीर*
*जिस से सत्तर साहिबों का दूध से मुंह फिर गया*
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -797📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 659* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *आशोबे चश्म से शिफा :-* हम ग़ज़्वए खैबर के बयान में मुफ़स्सल तौर पर येह मो'जिज़ा तहरीर कर चुके हैं कि जब आप ﷺ ने फतह का झन्डा अता फरमाने के लिये हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه को तलब फ़रमाया तो मा'लूम हुवा कि उन की आंखों में आशोब है और मुस्नदे अहमद बिन हम्बल की रिवायत से पता चलता है कि येह आशोबे चश्म इतना सख्त था कि हज़रते सलमह बिन अक्वअ رضى الله تعالیٰ عنه उन का हाथ पकड़ कर लाए थे। आप ﷺ ने उन की आंखों में अपना लुआबे दहन लगा दिया और दुआ फ़रमा दी तो वोह फ़ौरन ही शिफ़ायाब हो गए और ऐसा मा'लूम होता था कि उन की आंखों में कभी दर्द था ही नहीं और वोह उसी वक़्त झन्डा ले कर रवाना हो गए और जोशे जिहाद में भरे हुए इनतिहाई जांबाज़ी के साथ जंग की और खैबर का कुलआ उन के दस्ते हक़ परस्त से उसी दिन फ़त्ह हो गया। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -797 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 660* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *सांप का ज़हर उतर गया :* वाक़िअए हिजरत में हम तफ्सील के साथ लिख चुके हैं कि जब गारे सौर में हज़रते अबू बक्र सिद्दीक رضى الله تعالیٰ عنه के पाउं में सांप ने काट लिया और दर्दो कर्ब की शिद्दत से बेताब हो कर रो पड़े तो आप ﷺ ने उन के ज़ख्म पर अपना लुआबे दहन लगा दिया जिस से फौरन ही दर्द जाता रहा और सांप का ज़हर उतर गया। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -797 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 661* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *टूटी हुई टांग दुरुस्त हो गई :-* बुखारी शरीफ की एक तवील हदीस में मजकूर है कि हज़रते अब्दुल्लाह बिन अतीक رضى الله تعالیٰ عنه जब अबू राफेअ यहूदी को क़त्ल कर के वापस आने लगे तो उस के कोठे के ज़ीने से गिर पड़े जिस से उन की टांग टूट गई और उन के साथी उन को उठा कर बारगाहे नुबुव्वत में लाए, हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने उन की ज़बान से अबू राफेअ के क़त्ल का सारा वाकिआ सुना। फिर उन की टूटी हुई टांग पर अपना दस्ते मुबारक फैर दिया तो वोह फौरन ही अच्छी हो गई और येह मा'लूम होने लगा कि उन की टांग में कभी कोई चोट लगी ही न थी। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -798 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 662* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *तलवार का जख्म अच्छा हो गया :-* ग़ज़्वए खैबर में हज़रते सलमह बिन अक्वअ़ رضى الله تعالیٰ عنه की टांग में तलवार का ज़ख़्म लग गया, वोह फौरन ही बारगाहे नुबुव्वत में हाज़िर हो गए आप ﷺ ने उन के ज़ख्म पर तीन मरतबा दम कर दिया फिर उन्हें दर्द की कोई शिकायत महसूस नहीं हुई सिर्फ ज़ख्म का निशान रह गया था! سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -798 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 663* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *अन्धा, बीना हो गया :-* हुज़ूरे अक़्दस ﷺ की खिदमते अक़्दस में एक अन्धा हाज़िर हुवा और अपनी तकलीफ़ बयान करने लगा, आप ﷺ ने फ़रमाया कि अगर तुम्हारी ख़्वाहिश हो तो मैं दुआ कर दूं और अगर चाहो तो सब्र करो येही तुम्हारे लिये बेहतर है। उस ने दरख्वास्त की, कि या रसूलल्लाह (ﷺ) ! मेरी बीनाई के लिये दुआ फ़रमा दीजिये। आप ने इरशाद फ़रमाया कि तुम अच्छी तरह वुज़ू कर के येह दुआ मांगो कि “खुदा वन्दा ! अपने रहमते वाले पैग़म्बर के वसीले से मेरी हाजत पूरी कर दे" तिरमिज़ी और हाकिम की रिवायत में इतना ही मज़्मून है मगर इब्ने हम्बल और हाकिम की दूसरी रिवायत में इस के बाद येह भी है कि उस नाबीना ने ऐसा किया तो फ़ौरन ही अच्छा गया और उस की आंखों पर भरपूर रौशनी आ गई। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -799 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 664* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *गूंगा बोलने लगा :-* हिज्जतुल वदाअ के मौक़अ पर हुज़ूरे अन्वर ﷺ की खिदमत में क़बीलए "ख़सअम" की एक औरत अपने बच्चे को ले कर आई और कहने लगी कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! येह मेरा इक्लौता बेटा बोलता नहीं है। आप ﷺ ने पानी तलब फ़रमाया और उस में हाथ धो कर कुल्ली फ़रमा दी और इरशाद फ़रमाया कि येह पानी इस बच्चे को पिला दो और कुछ इस के ऊपर छिड़क दो। दूसरे साल वोह औरत आई तो उस ने लोगों से बयान किया कि उस का लड़का अच्छा हो गया और बोलने लगा। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -799 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 665* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *हज़रते क़तादा की आंख :-* जंगे उहुद में हज़रते क़तादा बिन नोमान رضى الله تعالیٰ عنه की आंख में एक तीर लगा जिस से उन की आंख उन के रुख़्सार पर बह कर आ गई, येह दौड़ कर हुज़ूर रसूले अकरम ﷺ की ख़िदमत में हाज़िर हो गए, आप ﷺ ने फ़ौरन ही अपने दस्ते मुबारक से उनकी बही हुई आंख को आंख के हल्के में रख कर अपना मुक़द्दस हाथ उस पर फैर दिया तो उसी वक़्त उन की आंख अच्छी हो गई और येह आंख उन की दूसरी आंख से ज़ियादा खूब सूरत और रौशन रही। سبحان الله
एक रिवायत में येह भी आया है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फ़रमाया कि अगर तुम चाहो तो तुम्हारी आंख को तुम्हारे हल्क़ए चश्म में रख दूं और वोह अच्छी हो जाए और अगर तुम चाहो तो सब्र करो और तुम्हें इस के बदले पर जन्नत मिलेगी। उन्हों ने अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ) ! जन्नत बिला शुबा बहुत ही बड़ी ने'मत है मगर मुझे काना होना बहुत बुरा मा'लूम होता है इस लिये आप मेरी आंख अच्छी कर दीजिये और मेरे लिये जन्नत की दुआ भी फ़रमा दीजिये। हुज़ूर रहमतुल्लिल आलमीन ﷺ को अपने इस जां निसार पर प्यार आ गया और आप ﷺ ने उन की आंख को हल्क़ए चश्म में रख कर हाथ फैर दिया तो उन की आंख भी अच्छी हो गई और उन के लिये जन्नती होने की दुआ भी फ़रमा दी और येह दोनों ने'मतों से सरफ़राज़ हो गए। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -800 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 666* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *फाएदा :-* येह मो'जिज़ा बहुत ही मश्हूर है और हज़रते क़तादा बिन नो'मान رضى الله تعالیٰ عنه की औलाद में हमेशा इस बात का तफ़ाखुर रहा कि इन के जद्दे आ'ला की आंख रसूलुल्लाह ﷺ के दस्ते मुबारक की बरकत से अच्छी हो गई। चुनान्चे हज़रते क़तादा बिन नो'मान के पोते हज़रते आसिम رضى الله تعالیٰ عنه जब ख़लीफ़ए आदिल हज़रते उ़मर बिन अब्दुल अज़ीज़ رضى الله تعالیٰ عنه के दरबारे ख़िलाफ़त में पहुंचे तो उन्हों ने अपना तआरुफ़ कराते हुए अपना येह कुत्आ पढ़ा कि :
(या'नी) मैं उस शख़्स का बेटा हूं कि जिस की आंख उसके रुख़्सार पर बह आई थी तो हज़रते मुस्तफ़ा ﷺ की हथेली से वोह अपनी जगह पर क्या ही अच्छी तरह से रख दी गई तो फिर वोह जैसी पहले थी वैसी ही हो गई तो क्या ही अच्छी वोह आंख थी और क्या ही अच्छा हुज़ूर ﷺ का उस आंख को उस की जगह रखना था।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -800 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 667* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *कै में काला पिल्ला गिरा :-* एक औरत अपने बेटे को ले कर हुज़ूर रिसालत मआब ﷺ के पास आई और अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! मेरे इस बच्चे पर सुबह व शाम जुनून का दौरा पड़ता है। आप ﷺ ने उस बच्चे के सीने पर अपना दस्ते रहमत फैर दिया और दुआ दी तो उस बच्चे को एक ज़ोरदार कै हुई और एक काले रंग का (कुत्ते का) पिल्ला कै में गिरा जो दौड़ता फिर रहा था और बच्चा शिफ़ायाब हो गया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -801 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 668* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *जुनून अच्छा हो गया :-* हज़रते या'ला बिन मुर्रह رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि मैंने एक सफ़र में रसूलुल्लाह ﷺ के तीन मो'जिज़ात देखे। पहला मो'जिज़ा येह कि एक ऊंट को देखा कि उस ने बिलबिला कर अपनी गरदन आप के सामने डाल दी। आप ﷺ ने उस ऊंट के मालिक को बुलाया और उस से फ़रमाया कि इस ऊंट ने काम की ज़ियादती और खुराक की कमी का मुझ से शिक्वा किया है इस के साथ अच्छा सुलूक करते रहो।
दूसरा मो'जिज़ा यह कि एक मन्जिल में आप सो रहे थे तो मैं ने देखा कि एक दरख़्त चल कर आया और आप को ढांप लिया फिर लौट कर अपनी जगह पर चला गया। जब आप बेदार हुए और मैं ने आप से इस का ज़िक्र किया तो आप ﷺ ने फ़रमाया कि इस दरख़्त ने अपने रब से इजाज़त तलब की थी कि वोह मुझे सलाम करे तो खुदा ने इस को इजाज़त दे दी और वोह मेरे सलाम के लिये आया था।
तीसरा मो'जिज़ा येह कि एक औरत अपने बच्चे को लेकर आई जो जुनून का मरीज़ था तो नबी ﷺ ने उस बच्चे के नथने को पकड़ कर फ़रमाया कि "निकल जा क्यूं कि मैं मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह हूं" फिर हम वहां से चल पड़े और जब वापसी में हम उस जगह पहुंचे और आप ﷺ ने उस औरत से उस के बच्चे के बारे में दरयाप्त फ़रमाया तो उस ने कहा कि उस जात की क़सम जिस ने आप को हक़ के साथ भेजा है कि आप के तशरीफ़ ले जाने के बाद से इस बच्चे को कोई तक्लीफ़ होते हुए हम ने नहीं देखा। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -802 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 669* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *जला हुवा बच्चा अच्छा हो गया :-* मुहम्मद बिन हातिब رضى الله تعالیٰ عنه एक सहाबी हैं येह बचपन में अपनी मां की गोद से आग में गिर पड़े और कुछ जल गए, इन की मां इन को ले कर ख़िदमते अक्दस में आई तो आप ﷺ ने अपना लुआबे दहन इन पर मल कर दुआ फ़रमा दी। मुहम्मद बिन हातिब رضى الله تعالیٰ عنه की मां कहती थीं कि मैं बच्चे को ले कर वहां से उठने भी नहीं पाई थी कि बच्चे का ज़ख़्म बिल्कुल ही अच्छा हो गया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 802📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 670* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *मरज़े निस्यान दूर हो गया :-* तग़य्युरे अल्फ़ाज़ और चन्द जुम्लों की कमी बेशी के साथ बुखारी शरीफ़ की मुतअद्दद रिवायतों में इस मो'जिज़े का ज़िक्र है कि हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه ने अपने हाफ़िज़े की कमज़ोरी की शिकायत की तो हुज़ूर ﷺ ने उन से फ़रमाया कि अपनी चादर फैलाओ। उन्हों ने फैलाया, आप ﷺ ने अपना दस्ते मुबारक उस चादर पर डाला फिर फ़रमाया कि अब इस को समेट लो। हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि मैं ने ऐसा ही किया इस के बाद से फिर मैं कोई बात नहीं भूला!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -802 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 671* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *मक़्बूलिय्यते दुआ :* येह हम पहले तहरीर कर चुके हैं कि हज़राते अम्बिया علیهم السلام की दुआओं से बिल्कुल ना गहां आदते जारिया के ख़िलाफ़ किसी गैर मुतवक्केअ बात का ज़ाहिर हो जाना इस का भी मो'जिज़ात ही में शुमार है। इसी लिये अल्लाह तआला हज़राते अम्बिया علیهم السلام की दुआओं से बड़ी बड़ी मुश्किलात को हल फ़रमा देता है और क़िस्म किस्म की बलाएं टल जाती हैं और बहुत सी गैर मुतवक्केअ चीजें जुहूर में आ जाती हैं।
चुनान्चे हुज़ूर खातमुन्नबिय्यीन ﷺ के मोजिज़ात में से आप की दुआओं की मकबूलिय्यत भी है कि आप ﷺ ने जब भी मुश्किलात या तुलबे हाजात के वक़्त खुदा की इमदादे ग़ैबी का सहारा ढूंढते हुए दुआएं मांगीं तो हर मौक़अ पर हक़ तआला ने आप की दुआओं के लिये मक्बूलिय्यत का दरवाज़ा खोल दिया और आप की दुआओं से ऐसी ऐसी खिलाफ़े उम्मीद और गैर मुतवक्केअ चीजें आलमे वुजूद में आ गई कि जिन को मो'जिज़ात के सिवा कुछ नहीं कहा जा सकता, उन में से चन्द मोजिज़ात का तज़किरा हस्बे ज़ैल है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -803 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 672* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *कुरैश पर कहत का अज़ाब :* जब कुफ़्फ़ारे कुरैश हुज़ूरे अक्दस ﷺ और आप के असहाब رضى الله تعالیٰ عنهم पर बे पनाह मज़ालिम ढाने लगे जो ज़ब्त व बरदाश्त से बाहर थे तो आप ने उन शरीरों की सरकशी का इलाज करने के लिये उन लोगों के हक में कहत की दुआ फ़रमा दी। चुनान्चे अल्लाह तआला ने उन लोगों पर कहत का ऐसा अज़ाबे शदीद भेजा कि अहले मक्का सख़्त मुसीबत में मुब्तला हो गए यहां तक कि भूक से बेताब हो कर मुर्दार जानवरों की हड्डियां और सूखे चमड़े उबाल उबाल कर खाने लगे। बिल आखिर इस के सिवा कोई चारा नज़र न आया कि रहमतुल्लिल आलमीन ﷺ की बारगाहे रहमत का दरवाज़ा खट खटाएं और उन के हुज़ूर में अपनी फरयाद पेश करें।
चुनान्चे अबू सुफ्यान ब हालते कुफ्र चन्द रुअसाए कुरैश को साथ ले कर आप के आस्तानए रहमत पर हाज़िर हुए और गिड़गिड़ा कर कहने लगे कि ऐ मुहम्मद ! (ﷺ) तुम्हारी क़ौम बरबाद हो गई, खुदा से दुआ करो कि येह कहत का अज़ाब टल जाए। आप ﷺ को उन लोगों की बेक़रारी और गिर्या व ज़ारी पर रहम आ गया। चुनान्चे आप ने दुआ के लिये हाथ उठाए फ़ौरन ही आप की दुआ कबूल हुई और इस क़दर ज़ोरदार बारिश हुई कि सारा अरब सैराब हो गया और अहले मक्का को कहत के अज़ाब से नजात मिली। इस क़दर ज़ोरदार बारिश हुई कि सारा अरब सैराब हो गया और अहले मक्का को क़हत के अज़ाब से नजात मिली!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -804 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 673* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *सरदाराने कु़रैश की हलाकत :-* एक मरतबा हुज़ूर ﷺ सेहने हरम में नमाज़ पढ़ रहे थे कि कुफ़्फ़ारे कुरैश के चन्द सरकश शरीरों ने ब हालते नमाज़ आप की मुक़द्दस गरदन पर एक ऊंट की ओझड़ी ला कर डाल दी और खूब जोर ज़ोर से हंसने लगे और मारे हंसी के एक दूसरे पर गिरने लगे। हज़रते फातिमा رضى الله تعالیٰ عنها ने आ कर उस ओझड़ी को आप की पुश्ते अत्हर से उठाया। जब आप ﷺ ने सज्दे से सर उठाया तो उन शरीरों का नाम ले ले कर नाम बनाम येह दुआ मांगी कि या अल्लाह ! तू इन सभों को अपनी गरिफ्त में पकड़ ले चुनान्चे येह सब के सब जंगे बद्र में इनतिहाई ज़िल्लत के साथ क़त्ल हो कर हलाक हो गए।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 805 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 674* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *मदीने की आबो हवा अच्छी हो गई :-* पहले मदीने की आबो हवा अच्छी नहीं थी, वहां क़िस्म क़िस्म की वबाओं का असर था। चुनान्चे हिजरत के बाद अकसर मुहाजिरीन बीमार पड़ गए और बीमारी की हालत में अपने वतन मक्का को याद कर के पुरदर्द लहजे में अश्आर पढ़ा करते थे, आप ﷺ ने उन लोगों का यह हाल देख कर येह दुआ फ़रमाई कि “इलाही ! मदीने को भी हमारे लिये वैसा ही महबूब कर दे जैसा कि मक्का महबूब है बल्कि इस से भी ज़ियादा महबूब बना दे। इलाही ! हमारे "साअ” और “मुद” में बरकत दे और मदीने को हमारे लिये सिहत बख़्श बना दे और यहां के बुखार को "जुहफ़ा" में मुन्तक़िल कर दे।" आप ﷺ की दुआ हर्फ ब हर्फ मक्बूल हुई और मुहाजिरीन को शहरे मदीना से ऐसी उल्फ़त और वालिहाना महब्बत हो गई कि वोही हज़रते अबू बक्र व हज़रते बिलाल رضى الله تعالیٰ عنهما जो चन्द रोज़ पहले मदीने की बीमारियों से घबरा उठे थे और अपने वतन मक्का की याद में खून रुलाने वाले अशआर गाया करते थे, अब मदीने के ऐसे आशिक़ बन गए कि फिर कभी भूल कर भी मक्का की सुकूनत का नाम नहीं लिया और हुज़ूर ﷺ को अल्लाह तआला ने ख़्वाब में येह दिखला दिया कि मदीने की वबाएं मदीने से दफ्अ हो गईं और मदीने की आबो हवा सिहत बख़्श हो गई। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 806 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 675* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *उम्मे हिराम के लिये दुआए शहादत :-* एक रोज़ हुजूर ﷺ हज़रते बीबी उम्मे हिराम رضى الله تعالیٰ عنها के मकान में खाने के बाद कैलूला फ़रमा रहे थे कि ना गहां हंसते हुए नींद से बेदार हुए, हज़रते बीबी उम्मे हिराम رضى الله تعالیٰ عنها ने हंसी की वजह दरयाफ़्त की तो इरशाद फ़रमाया कि मेरी उम्मत में मुजाहिदीन का एक गुरौह मेरे सामने पेश किया गया जो जिहाद की ग़रज़ से दरिया में कश्तियों पर इस तरह बैठा हुवा सफ़र करेगा जिस तरह तख़्त पर बादशाह बैठे रहा करते हैं। येह सुन कर उन्हों ने दरख्वास्त की, कि या रसूलल्लाह (ﷺ) ! दुआ फ़रमा दीजिये कि मैं भी उन मुजाहिदीन के गुरौह में शामिल रहूं। आप ने दुआ फ़रमा दी। चुनान्चे हज़रते अमीरे मुआविया رضى الله تعالیٰ عنه के ज़माने में जब बहरी जंग का सिल्सिला शुरूअ हुवा तो हज़रते बीबी उम्मे हिराम رضى الله تعالیٰ عنها मुजाहिदीन की इस जमाअत के साथ कश्ती पर सुवार हो कर रवाना हुईं और दरिया से निकल कर जब खुश्की पर आईं तो सुवारी से गिर कर शहादत का शरफ़ हासिल किया। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -806 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 676* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *सत्तर बरस का जवान :-* हज़रते अबू क़तादा सहाबी رضى الله تعالیٰ عنه के हक़ में हुज़ूर ﷺ ने येह दुआ फ़रमा दी कि (या'नी) फ़लाह वाला हो जाए तेरा चेहरा, या अल्लाह ! इस के बाल और इस की खाल में बरकत दे।
हज़रते अबू क़तादा رضى الله تعالیٰ عنه ने सत्तर बरस की उम्र पा कर वफात पाई मगर इन का एक बाल भी सफ़ेद नहीं हुवा था न बदन में झुरियां पड़ी थीं, चेहरे पर जवानी की ऐसी रौनक़ थी कि गोया अभी पन्दरह बरस के जवान हैं। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -807 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 677* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *बरकते अवलाद की दुआ :-* हज़रते अबू तल्हा رضى الله تعالیٰ عنه की बीवी हज़रते उम्मे सुलैम رضى الله تعالیٰ عنها बड़ी होश मन्द और हुज़ूर ﷺ की निहायत ही जां निसार थीं इन का बच्चा बीमार हो गया और हज़रते अबू तल्हा رضى الله تعالیٰ عنه घर से बाहर ही थे कि बच्चे का इनतिकाल हो गया। हज़रते उम्मे सुलैम ने बच्चे को अलग मकान में लिटा दिया और जब हज़रते अबू तल्हा मकान में दाखिल हुए और बीवी से पूछा कि बच्चा कैसा है ? बीवी ने जवाब दिया कि उसका सांस ठहर गया है और मुझे उम्मीद है कि वोह आराम पा गया है। हज़रते अबु तल्हा ने येह समझा कि वोह अच्छा है।
चुनान्चे दोनों मियां बीवी एक ही बिस्तर पर सोए लेकिन सुबह को जब अबू तल्हा गुस्ल कर के मस्जिद नबवी में नमाज़े फज्र के लिये जाने लगे तो बीवी ने बच्चे की मौत का हाल सुना दिया। हज़रते अबू तल्हा رضى الله تعالیٰ عنه ने रात का सारा माजरा बारगाहे नुबुव्वत में अर्ज़ किया तो आप ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि मुझे उम्मीद है कि खुदा वन्दे तआला तुम्हारी आज की रात में बरकत अता फरमाएगा। चुनान्चे उस रात की बरकत मुक़र्ररा महीनों के बाद ज़ाहिर हुई कि हज़रते अबू तल्हा رضى الله تعالیٰ عنه के फ़रज़न्द हज़रते अब्दुल्लाह رضى الله تعالیٰ عنه पैदा हुए और हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने उन को अपनी गोद में बिठा कर और अज्वा खजूर को चबा कर उन के मुंह में डाला और उन के चेहरे पर अपना दस्ते रहत फिरा दिया और अब्दुल्लाह नाम रखा।
एक अन्सारी हज़रते इबाया बिन रिफाआ رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि दुआए नबवी की बरकत का येह असर हुवा कि मैं ने अबू तल्हा رضى الله تعالیٰ عنه की नव अवलादों को देखा जो सब के सब कुरआने मजीद के कारी थे।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -808 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 678* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *हज़रते जरीर के हक़ में दुआ :-* हज़रते जरीर बिन अब्दुल्लाह सहाबी رضى الله تعالیٰ عنه घोड़े की पीठ पर जम कर बैठ नहीं सकते थे हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने उन को “जुल ख़लसा" के बुतखाने को तोड़ने के लिये भेजना चाहा तो उन्हों ने येही उज़्र पेश किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ) ! मैं घोड़े पर जम कर बैठ नहीं सकता। आप ﷺ ने उन के सीने पर हाथ मारा और येह दुआ फ़रमाई कि "या अल्लाह ! इस को घोड़े पर जम कर बैठने की कुव्वत अता फरमा और इस को हादी व महदी बना" इस दुआ के बा'द हज़रते जरीर رضى الله تعالیٰ عنه घोड़े पर सुवार हुए और क़बीलए अहमस के एक सो पचास सुवारों का लश्कर ले कर गए और उस बुतखाने को तोड़ फोड़ कर जला डाला और मुज़ाहमत करने वाले कुफ़्फ़ार को भी क़त्ल कर डाला जब वापस आए तो हुज़ूर ﷺ ने उन के लिये और क़बीलए अहमस के हक़ में दुआ फ़रमाई। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -809 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 679* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *क़बीलए दौस का इस्लाम :-* हज़रते तुफैल दौसी رضى الله تعالیٰ عنه अपने चन्द साथियों के साथ बारगाहे अक़्दस में हाज़िर हुए और अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ) ! क़बीलए दौस ने इस्लाम की दावत क़बूल करने से इन्कार कर दिया, लिहाज़ा आप उस क़बीले की हलाकत के लिये दुआ फ़रमा दीजिये। लोगों ने आपस में येह कहना शुरू कर दिया कि अब आप की दुआए हलाकत से येह क़बीला हलाक हो जाएगा। लेकिन रहमते आलम ﷺ ने क़बीलए दौस के लिये येह रहमत भरी दुआ फ़रमाई कि “इलाही ! तू क़बीलए दौस को हिदायत दे और उन को मेरे पास ला।"
रहमतुल्लिल आलमीन ﷺ की येह दुआ क़बूल हुई। चुनान्चे पूरा क़बीला मुसलमान हो कर बारगाहे नुबुव्वत में हाज़िर हो गया। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 809📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 680* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *एक मुतकब्बिर का अन्जाम :-* हुज़ूरे अक्दस ﷺ के सामने एक शख़्स बाएं हाथ से खाने लगा, आप ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि "दाएं हाथ से खाओ" उस ने गुरूर से कहा कि "मैं दाएं हाथ से नहीं खा सकता।" चूंकि उस मग़रूर ने घमन्ड से ऐसा कहा था इस लिये आप ﷺ ने फ़रमाया कि "खुदा करे ऐसा ही हो" चुनान्चे इस 'के बाद ऐसा ही हुवा कि वोह अपने दाएं हाथ को उठा कर वाकेई अपने मुंह तक नहीं ले जा सकता था।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 810 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 681* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *मुर्दे ज़िन्दा हो गए :-* खुदा عزوجل के हुक्म से मुर्दों को ज़िन्दा कर देना येह हज़रते ईसा علیہ السلام का एक बहुत ही मशहूर मोजिज़ा है मगर चूंकि अल्लाह तआला ने हुज़ूर रहूमतुल्लिल आलमीन ﷺ को तमाम अम्बिया علیہم السلام के मो'जिज़ात का जामेअ बनाया है इस लिये आप ﷺ को भी इस मो'जिज़े के साथ सरफ़राज़ फ़रमाया है।
चुनान्चे इस किस्म के चन्द मो'जिज़ात अहादीस और सीरते नबविय्या की किताबों में मज़कूर हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -810 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 682* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *लड़की कब्र से निकल आई :-* रिवायत है कि हुज़ूर ﷺ ने एक शख़्स को इस्लाम की दावत दी तो उस ने कहा कि मैं उस वक़्त तक आप पर ईमान नहीं ला सकता जब तक कि मेरी मुर्दा बच्ची ज़िन्दा न हो जाए। आप ﷺ ने फ़रमाया कि तुम मुझे उस की कब्र दिखाओ। उस ने अपनी लड़की की क़ब्र दिखा दी। हुज़ूरे अकरम ﷺ ने उस लड़की का नाम ले कर पुकारा तो उस लड़की ने कब्र से निकल कर जवाब दिया कि ऐ हुज़ूर! मैं आप के दरबार में हाज़िर हूं । फिर आप ﷺने उस लड़की से फ़रमाया कि “क्या तुम फिर दुन्या में लौट कर आना पसन्द करती हो ?" लड़की ने जवाब दिया कि "नहीं या रसूलल्लाह (ﷺ)! मैं ने अल्लाह तआला को अपने मां बाप से ज़ियादा मेहरबान और आख़िरत को दुन्या से बेहतर पाया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह -810 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 683* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे इन्सानिय्यत के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*शिफ़ाए अमराज़*
࿐ *पकी हुई बकरी ज़िन्दा हो गई :-* हज़रते जाबिर رضى الله تعالیٰ عنه ने एक बकरी ज़ब्ह कर के उस का गोश्त पकाया और रोटियों का चूरा कर के सरीद बनाया और उस को बारगाहे नुबुव्वत में ले कर हाज़िर हुए। हुज़ूर ﷺ और सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم ने उस को तनावुल फ़रमाया जब सब लोग खाने से फ़ारिग हो गए तो हुज़ूर रहमते आलम ﷺ ने तमाम हड्डियों को एक बरतन में जम्अ फ़रमाया और उन हड्डियों पर अपना दस्ते मुबारक रख कर कुछ कलिमात इरशाद फ़रमा दिये तो येह मो'जिज़ा ज़ाहिर हुवा कि वोह बकरी ज़िन्दा हो कर खड़ी हो गई और दुम हिलाने लगी फिर आप ﷺ ने फ़रमाया कि ऐ जाबिर ! तुम अपनी बकरी अपने घर ले जाओ।
चुनान्चे हज़रते जाबिर رضى الله تعالیٰ عنه जब उस बकरी को ले कर मकान में दाखिल हुए तो उन की बीवी ने हैरान हो कर पूछा कि येह बकरी कहां से आ गई? हज़रते जाबिर رضى الله تعالیٰ عنه ने कहा कि हम ने अपनी इस बकरी को रसूलुल्लाह ﷺ के लिये ज़ब्ह किया था, उन्हों ने अल्लाह तआला से दुआ मांगी तो अल्लाह तआला ने इस बकरी को ज़िन्दा फ़रमा दिया। येह सुन कर उन की बीवी ने बुलन्द आवाज़ से कलिमए शहादत पढ़ा।
इस हदीस को जलीलुल क़द्र मुहद्दिस अबू नुऐम ने रिवायत किया है और मशहूर हाफिजुल हदीस मुहम्मद बिन अल मुन्ज़िर ने भी "किताबुल अजाइब वल गराइब" में इस हदीस को नक्ल फ़रमाया है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 811 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜🌴
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 684* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे जिन्नात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *जिन्न ने इस्लाम की तरगीब दिलाई :-* हज़रते सवाद बिन कारिब رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि एक जिन्न मेरा ताबे हो गया था। वोह आयन्दा की ख़बरें मुझे दिया करता था और मैं लोगों को वोह ख़बरें बता कर नज़राने वुसूल किया करता था। एक बार उस जिन्न ने मुझे आ कर जगाया और कहा कि उठ और होश में आ, अगर तुझ में कुछ शुऊर है तो चल और बनी हाशिम के सरदार के दरबार में हाज़िर हो कर उन का दीदार कर जो लवी बिन गालिब की औलाद में पैगम्बर हो कर तशरीफ लाए हैं। हज़रते सवाद बिन कारिब رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि मुसल्सल तीन रातें ऐसी गुज़रीं कि मेरा येह जिन्न मुझे नींद से जगा जगा कर बराबर येही कहता रहा यहां तक कि मेरे दिल में इस्लाम की उल्फ़त व महब्बत पैदा हो गई और मैं अपने घर से रवाना हो कर मक्कए मुकर्रमा में हुज़ूर ﷺ की खिदमते अक्दस में हाज़िर हो गया।
आप ﷺ ने मुझे देख कर "खुश आमदीद" कहा और फ़रमाया कि मैं जानता हूं कि किस सबब से तुम यहां आए हो। मैं ने अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! मैं ने आप की मद्ह में एक क़सीदा कहा है पहले आप उस को सुन लीजिये। आप ﷺ ने फरमाया कि पढ़ो। चुनान्चे मैं ने अपना क़सीदए बाइया जो हुज़ूर عَلَيْهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام की मद्ह में नज़्म किया था पढ़ कर रहमते आलम ﷺ को सुनाया उस क़सीदे का आखिर शे'र येह है कि : या'नी आप उस दिन मेरे शफीअ बन जाइये जिस दिन आप के सिवा सवाद बिन कारिब की न कोई शफाअत करने वाला होगा न कोई नफ्अ पहुंचाने वाला होगा। इस हदीस को इमाम बैहकी ने रिवायत फ़रमाया है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 812 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 685* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे जिन्नात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *जिन्नों का सलाम व पैगाम :-* इब्ने साद ने जा'द बिन क़ैस मुरादी से रिवायत की है कि हम चार आदमी हज का इरादा कर के अपने वतन से रवाना हुए यमन के एक जंगल में हम लोग चल रहे थे कि ना गहां अश्आर पढ़ने की आवाज़ आई हम ने उन अशआर को गौर से सुना तो उन का मजमून येह था कि ऐ सुवारो ! जब तुम लोग ज़मज़म और हतीम पर पहुंचो तो हज़रते मुहम्मद ﷺ की ख़िदमते अक्दस में हमारा सलाम अर्ज़ कर देना जिन को अल्लाह तआला ने अपना रसूल बना कर भेजा है और हमारा येह पैगाम भी पहुंचा देना कि हम आप ﷺ के दीन के फ़रमांबरदार हैं क्यूं कि हज़रते मसीह बिन मरयम علیہ السلام ने हम लोगों को इस बात की वसिय्यत फ़रमाई थी। (यक़ीनन येह यमन के जंगल में रहने वाले जिन्नों की आवाज़ थी।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 813 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 686* ༺
बीसवां बाब
*❝ आलमे जिन्नात के मो'जिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *जिन्न सांप की शक्ल में आया :-* ख़तीब हज़रते जाबिर बिन अब्दुल्लाह رضى الله تعالیٰ عنه से रावी हैं कि हम लोग एक सफर में रसूलुल्लाह ﷺ के साथ थे। आप एक खजूर के दरख्त के नीचे तशरीफ़ फ़रमा थे कि बिल्कुल ही अचानक एक बहुत बड़े काले सांप ने आप की तरफ रुख किया, लोगों ने उस को मार डालने का इरादा किया लेकिन आप ने फ़रमाया कि इस को मेरे पास आने दो। जब येह आप के पास पहुंचा तो अपना सर आप के कानों के पास कर दिया। फिर आप ने उस सांप के मुंह के क़रीब अपना मुंह कर के चुपके चुपके कुछ इरशाद फ़रमाया इस के बाद उसी जगह यक्बरगी वोह सांप इस तरह गाइब हो गया कि गोया ज़मीन उस को निगल गई।
हज़रते जाबिर رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि हम लोगों ने अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ) ! आप ने सांप को अपने कानों तक पहुंचने दिया येह मंज़र देख कर हम लोग डर गए कि कहीं ये ह सांप आप को काट न ले। आपने फ़रमाया कि येह सांप नहीं था बल्कि जिन्नों की जमाअत का भेजा हुवा एक जिन्न था। फुलां सूरह में से कुछ आयतें येह भूल गया। उन आयतों को दरयाप्त करने के लिये जिन्नों ने उस को मेरे पास भेजा था मैं ने उस को वोह आयतें बता दीं और वोह उन को याद करता हुवा चला गया। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 814 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 687* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *अंगुश्ते मुबारक की नहरें :-* अहादीस की तलाश व जुस्तजू से पता चलता है कि आप ﷺ की मुबारक उंगलियों से तक़रीबन तेरह मवाके पर पानी की नहरें जारी हुई। इन में से सिर्फ एक मौक़अ का ज़िक्र यहां तहरीर किया जाता है।
सि. 6 हि. में रसूले अकरम ﷺ उमरह का इरादा कर के मदीनए मुनव्वरह से मक्कए मुकर्रमा के लिये रवाना हुए और हुदैबिया के मैदान में उतर पड़े। आदमियों की कसरत की वजह से हुदैबिया का कुंआं खुश्क हो गया और हाज़िरीन पानी के एक एक क़तरे के लिये मोहताज हो गए। उस वक़्त रहमते आलम ﷺ का दरियाए रहमत में जोश आ गया और आप ने एक बड़े प्याले में अपना दस्ते मुबारक रख दिया तो आप ﷺ की मुबारक उंगलियों से इस तरह पानी की नहरें जारी हो गईं कि पन्दरह सो का लश्कर सैराब हो गया।
लोगों ने वुज़ू व गुस्ल भी किया जानवरों को भी पिलाया तमाम मशकों और बरतनों को भी भर लिया। फिर आप ﷺ ने प्याले में से दस्ते मुबारक को उठा लिया और पानी ख़त्म हो गया। हज़रते जाबिर رضى الله تعالیٰ عنه से लोगों ने पूछा कि उस वक़्त तुम लोग कितने आदमी थे? तो उन्हों ने फ़रमाया कि हम लोग पन्दरह सो की तादाद में थे मगर पानी इस क़दर ज़ियादा था कि : यानी अगर हम लोग एक लाख भी होते तो सब को येह पानी काफ़ी हो जाता। سبحان الله
येह हदीस बुखारी शरीफ़ में भी है और हज़रते जाबिर رضى الله تعالیٰ عنه के इलावा हज़रते अनस व हज़रते बरा बिन आजिब رضى الله تعالیٰ عنهما की रिवायतों से भी उंगलियों से पानी की नहरें जारी होने की हदीसें मरवी हैं मुलाहज़ा फ़रमाइये। سبحان الله इसी हसीन मंज़र की तस्वीर कशी करते हुए आला हज़रत फ़ाज़िले बरेल्वी رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ ने क्या खूब फ़रमाया :
*उंगलियां हैं फ़ैज़ पर टूटे हैं प्यासे झूम कर*
*नदियां पंजाबे रहमत की हैं जारी वाह वाह*
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 814 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 688* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *ज़मीन ने लाश को ठुकरा दिया :-* एक नसरानी मुसलमान हो कर दरबारे नुबुव्वत में रहने लगा सूरए बक़रह और सूरए आले इमरान पढ़ चुका था। खुश ख़त कातिब था इस लिये उस को वहय लिखने की खिदमत सिपुर्द कर दी गई। मगर येह बद नसीब फिर काफ़िर व मुर्तद हो कर कुफ़्फ़ार से जा मिला और कहने लगा कि नबी ﷺ बस इतना ही इल्म रखते हैं जितना मैं उन को लिख कर दे दिया करता था। कहरे इलाही ने उस गुस्ताख़ को अपनी गरिफ़्त में पकड़ लिया और येह मर गया! नसरानियों ने उस को दफ़्न किया मगर ज़मीन ने उस की लाश को बाहर फेंक दिया, नसरानियों ने गहरी क़ब्र खोद कर तीन मरतबा उस को दफ़्न किया मगर हर मरतबा ज़मीन ने उस की लाश को बाहर फेंक दिया। चुनान्चे नसरानियों ने भी इस बात का यक़ीन कर लिया कि इस की लाश को ज़मीन के बाहर निकाल फेंकना येह किसी इन्सान का काम नहीं है इस लिये उन लोगों ने उस की लाश को ज़मीन पर डाल दिया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 815 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 689* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *जंगे खन्दक की आंधी :-* हुज़ूरे अकरम ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि : यानी पुरवा हवा से मेरी मदद की गई और क़ौमे आद पछवा हवा से हलाक की गई।
इस का वाक़िआ येह है कि गुज़्वए खन्दक़ में कबाइले कुरैश व गतफ़ान और कुरैज़ा व बनी अन्नज़ीर के यहूद और दूसरे मुशरिकीन ने मुत्ताहिदा अफ़्वाज के दल बादल लश्करों के साथ मदीने पर चढ़ाई कर दी और मुसलमानों ने मदीने के गिर्द खन्दक खोद कर उन अफ़्वाज के हम्लों 'से पनाह ली तो उन शैतानी लश्करों ने मदीने का ऐसा सख़्त मुहासरा कर लिया कि मदीने के अन्दर मदीने के बाहर से एक गेहूं का दाना और एक क़तरा पानी का जाना मुहाल हो गया था। सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم इन मसाइब व शदाइद से गो परेशान हाल थे मगर उन के जोशे ईमानी के इस्तिक्लाल में बाल बराबर फ़र्क नहीं आया था।
ठीक इसी हालत में नबिय्ये अकरम ﷺ का येह मोजिज़ा ज़ाहिर हुवा कि पूरब की तरफ़ से एक ऐसी ज़ोरदार आंधी आई जिस में कड़ाके का जाड़ा भी था और उस में शिद्दत के झोंके और झटके थे कि गर्दो गुबार का बादल छा गया। कुफ़्फ़ार की आंखें धूल और कंकरियों से भर गई उन के चूल्हों की आग बुझ गई और बड़ी बड़ी देगें चूल्हों से उलट पलट कर दूर तक लुढ़कती हुई चली गई, खैमों की मैखें उखड़ गई और खैमे उड़ उड़ कर फट गए, घोड़े एक दूसरे से टकरा कर लड़ने लगे, गरज़ येह आंधी कुफ्फार के लिये ऐसा अज़ाबे शदीद बन कर उन पर मुसल्लत हो गई कि कुफ्फार के क़दम उखड़ गए उन की कमरे हिम्मत टूट गई और वोह फ़िरार पर मजबूर हो गए और बदहवासी के आलम में सर पर पैर रख कर भाग निकले।
येही वोह आंधी है जिस का ज़िक्र खुदा वन्दे कुद्दूस ने अपनी किताबे मुक़द्दस कुरआने मजीद में इन लफ़्ज़ों के साथ इरशाद फ़रमाया कि :
ऐ ईमान वालो ! अल्लाह का एहसान अपने ऊपर याद करो जब तुम पर कुछ लश्कर आए तो हम ने उन पर आंधी और वोह लश्कर भेजे जो तुम्हें नज़र न आए और अल्लाह तुम्हारे कामों को देखता है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 816 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 690* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *आग जला न सकी :-* हुज़ूरे अक्दस ﷺ के मो'जिज़ात में बहुत से ऐसे वाकिआत हैं कि आग उन चीज़ों को न जला सकी जिन को आप की ज़ात से कोई तअल्लुक रहा हो।
चुनान्चे कुत्बुद्दीन क़िस्तलानी عَلَيْهِ رَحْمَةُ ने अपनी किताब "जमलुल 'ऐजाज़ फ़िल ए'जाज़" में लिखा है कि वोह आग जो रसूलुल्लाह ﷺ की ख़बरे गैब के मुताबिक सि. 654 हि. में मदीनए मुनव्वरह के पास क़बीलए कुरैज़ा की पहाड़ियों से नुमूदार हुई वोह पथ्थरों को जला देती थी और कुछ पथ्थरों को गला देती थी। येह आग जब बढ़ते बढ़ते हरमे मदीना के करीब एक पथ्थर के पास पहुंची जिस का आधा हिस्सा हरमे मदीना में दाखिल था और आधा हिस्सा हरमे मदीना से खारिज था तो पथ्थर का जो हिस्सा खारिजे हरम था उस को उस आग ने जला दिया लेकिन जब उस निस्फ़ हिस्से तक पहुंची जो हरमे मदीना में दाखिल था तो फ़ौरन ही वोह आग बुझ गई। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 818 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 691* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *आग जला न सकी :-* इसी तरह इमाम कुरतुबी عَلَيْهِ رَحْمَةُ ने तहरीर फ़रमाया है कि वोह आग मदीनए तय्यिबा के करीब से ज़ाहिर हुई और दरिया की तरह मौज मारती हुई यमन के एक गाऊं तक पहुंच गई और उस को जला कर राख कर दिया मगर मदीनए तय्यिबा की जानिब उस आग में से ठन्डी ठन्डी नसीमे सुब्ह जैसी हवाएं आती थीं। इस आग का वाकिआ चन्द अवराक़ पहले हम मुफ़स्सल तौर पर लिख चुके हैं।
इसी तरह “नसीमुर्रियाज़" में लिखा है कि "अदीम बिन ताहिर अलवी" के पास चौदह मूए मुबारक थे उन्हों ने उन को अमीरे हल्ब के दरबार में पेश किया। अमीरे हल्ब ने खुश हो कर इस मुक़द्दस तोहफे को क़बूल किया और अलवी साहिब की इनतिहाई ता'ज़ीमो तक्रीम करते हुए उन को इन्आमो इक्राम से मालामाल कर दिया लेकिन इस के बा'द जब दोबारा अलवी साहिब अमीरे हल्ब के दरबार में गए तो अमीर ने तेवरी चढ़ा कर बहुत ही तुर्श रूई के साथ बात की और उन की तरफ से निहायत ही बे इल्तिफ़ाती के साथ मुंह फैर लिया। अलवी साहिब ने इस बे तवज्जोगी और तुर्श रूई का सबब पूछा तो अमीरे हल्ब ने कहा कि मैं ने लोगों की ज़बानी सुना है कि तुम जो मूए मुबारक मेरे पास लाए थे उन की कुछ अस्ल और कोई सनद नहीं है। अलवी साहिब ने कहा कि आप उन मुक़द्दस बालों को मेरे सामने लाइये। जब वोह आ गए तो उन्हों ने आग मंगवाई और मूए मुबारक को दहकती हुई आग में डाल दिया पूरी आग जल जल कर राख हो गई मगर मूए मुबारक पर कोई आंच नहीं आई बल्कि आग के शो'लों में मूए मुबारक की चमक दमक और ज़ियादा निखर गई। येह मंज़र देख कर अमीरे हल्ब ने अलवी साहिब के क़दमों का बोसा लिया और फिर इस क़दर इन्आमो इक्राम से अलवी साहिब को नवाज़ा कि अहले दरबार उन के ए'ज़ाज़ व वकार को देख कर हैरान रह गए। سبحان الله व
इसी तरह हज़रते अनस رضى الله تعالیٰ عنه के दस्तर ख़्वान की रिवायत मशहूर है कि चूंकि उस दस्तर ख्वान से हुज़ूरे अक़्दस ﷺ ने अपने दस्ते मुबारक और रूए अक्दस को साफ़ कर लिया था इस लिये येह दस्तर ख़्वान आग के जलते हुए तन्नूर में डाल दिया जाता था मगर आग उस को जलाती नहीं थी बल्कि उस को साफ़ सुथरा कर देती थी।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 818 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 692* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *एक ज़रूरी इनतिबाह :-* येह सुल्ताने कौनैन व शहनशाहे दारैन ﷺ के उन हज़ारों मो'जिज़ात में से सिर्फ चन्द हैं जिन के तज़किरों से अहादीस व सीरते नबविय्या की किताबें मालामाल हैं हम ने इन चन्द मो'जिज़ात को बिला किसी तसन्नोअ के सादा अल्फ़ाज़ में निहायत ही इख़्तिसार के साथ तहरीर कर दिया है ताकि इन नूरानी मो'जिज़ात को पढ़ कर नाज़िरीन के सीनों में अज़मते मुस्तफा और महब्बते रसूल के हज़ारों ईमानी चराग रौशन हो जाएं और हर मुसलमान अपने प्यारे नबी ﷺ की 'ता'ज़ीमो तक्रीम और इन के इक्राम व एहतिराम की रिफ़्अत को पहचान ले और उस के गुलशने ईमान में हर लहज़ा और हर आन महब्बत व अज़मते रसूल के हज़ारों फूल खिलते रहें और वोह जोशे इरफान व जज़्बए ईमान के साथ दोनों जहां में येह एलान करता रहे कि :
अल्लाह की सर ता ब क़दम शान हैं येह
इन सा नहीं इन्सान वोह इन्सान हैं येह
कुरआन तो ईमान बताता है इन्हें
ईमान येह कहता है मेरी जान हैं येह
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 819 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 693* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *एक ज़रूरी इनतिबाह :-* और शायद उन लोगों को भी इस से कुछ इब्रत हासिल हो जिन्हों ने सीरते नबविय्ह के मौजूअ पर क़लम घिस कर और कागज़ सियाह कर के सरवरे अम्बिया, महबूबे किब्रिया ﷺ रंग की मुक़द्दस पैगम्बराना ज़िन्दगी को एक आम इन्सान के रूप में पेश किया है और बार बार अपने इस मक्रूह नज़रिये और गन्दे नस्बुल ऐन का एलान करते रहते हैं कि पैग़म्बरे खुदा की सीरत में ऐसे कमालात का ज़िक्र नहीं करना चाहिये जिस से लोग पैग़म्बरे इस्लाम को आम इन्सानों की सतह से ऊंचा समझने लगें।
बहर हाल इस पर तमाम अहले हक़ का इजमाअ व इत्तिफ़ाक़ है कि अल्लाह तआला ने तमाम अम्बियाए किराम عَلَیْھِمُ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام को जिन जिन मो'जिज़ात से सरफ़राज़ फ़रमाया है उन तमाम मोजिज़ात को हुजूरे अकरम ﷺ की जाते वाला सिफ़ात में जम्अ फ़रमा दिया है और इन के इलावा बे शुमार ऐसे मो'जिज़ात से भी हज़रते हक़ جَلَّ جَلَالُهٗ ने अपने आखिरी पैगम्बर, शफ़ीए महशर का ﷺ को मुमताज़ फ़रमाया जो आप के ख़साइस कहलाते हैं। या'नी येह आप के वोह कमालात व मोजिज़ात हैं जो किसी नबी व रसूल को नहीं अता किये गए मसलन।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 820 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 694* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *चन्द ख़साइसे कुब्रा :-*
{1.} आप ﷺ का पैदाइश के ए'तिबार से "अव्वलुल अम्बिया" होना जैसा कि हदीस शरीफ़ में आया है कि यानी हुज़ूर ﷺ उस वक़्त शरफे नुबुव्वत से सरफ़राज़ हो चुके थे जब कि आदम अलैहिस्सलाम जिस्म व रूह की मन्ज़िलों से गुज़र रहे थे।
{2.} आप ﷺ का खातमुन्नबिय्यीन होना।
{3.} तमाम मख़्लूक आप ﷺ के लिये पैदा हुई।
{4.} आप ﷺ का मुक़द्दस नाम अर्श और जन्नत की पेशानियों पर तहरीर किया गया।
{5.} तमाम आस्मानी किताबों में आप ﷺ की बिशारत दी गई।
{6.} आप ﷺ की विलादत के वक़्त तमाम बुत औंधे हो कर गिर पड़े।
{7.} आप ﷺ का शक्के सद्र हुवा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 821 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 695* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *चन्द ख़साइसे कुब्रा :-*
{8.} आप ﷺ को मे'राज का शरफ अता किया गया और आप की सुवारी के लिये बुराक पैदा किया गया।
{9.} आप ﷺ पर नाज़िल होने वाली किताब तब्दील व तहरीफ़ से महफूज़ कर दी गई और क़ियामत तक इस की बका व हिफ़ाज़त की ज़िम्मादारी अल्लाह तआला ने अपने ज़िम्मए करम पर ले ली।
{10.} आप ﷺ को आयतुल कुर्सी अता की गई।
{11.} आप ﷺ को तमाम ख़ज़ाइनुल अर्ज़ की कुन्जियां अता कर दी गई।
{12.} आप ﷺ को जवामिउल कलम के मो'जिज़े से सरफ़राज़ किया गया।
{13.} आप ﷺ को रिसालते आम्मा के शरफ़ से मुमताज़ किया गया।
{14.} आप ﷺ की तस्दीक़ के लिये मो'जिज़ए शक्कुल क़मर जुहूर में आया।
{15.} आप ﷺ के लिये अम्वाले ग़नीमत को अल्लाह तआला ने हलाल फ़रमाया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 822 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 696* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *चन्द ख़साइसे कुब्रा :-*
{16.} तमाम रूए ज़मीन को अल्लाह तआला ने आप ﷺ के लिये मस्जिद और पाकी हासिल करने (तयम्मुम) का सामान बना दिया।
{17.} आप ﷺ के बा'ज़ मो'जिज़ात (कुरआने मजीद) क़ियामत तक बाकी रहेंगे।
{18.} अल्लाह तआला ने तमाम अम्बिया عَلَيْهِمُ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام को उन का नाम ले कर पुकारा मगर आप को अच्छे अच्छे अल्काब से पुकारा।
{19.} अल्लाह तआला ने आप ﷺ को "हबीबुल्लाह" के मुअज़्ज़ज़ लकब से सर बुलन्द फ़रमाया।
{20.} अल्लाह तआला ने आप ﷺ की रिसालत, आप की हयात, आप के शहर, आप के ज़माने की क़सम याद फरमाई।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 822 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 697* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *चन्द ख़साइसे कुब्रा :-*
{21.} आप ﷺ तमाम औलादे आदम के सरदार हैं।
{22.} आप ﷺ आल्लाह तआला के दरबार में "अक्रमुल ख़ल्क" हैं!
{23.} कब्र में आप ﷺ की जात के बारे में मुन्कर व नकीर सुवाल करेंगे।
{24.} आप ﷺ के बाद आप की अज़्वाजे मुतहरात رضى الله تعالى عنهن के साथ निकाह करना हराम ठहराया गया।
{25.} हर नमाज़ी पर वाजिब कर दिया गया कि ब हालते नमाज़ اَلسَّلَامُ عَلَيْكَ اَيُّهَا النَّبِيُّ कह कर आप ﷺ को सलाम करे!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 822 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 698* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *चन्द ख़साइसे कुब्रा :-*
{26.} अगर किसी नमाज़ी को ब हालते नमाज़ हुज़ूर ﷺ पुकारें तो वोह नमाज़ छोड़ कर आप ﷺ की पुकार पर दौड़ पड़े येह उस पर वाजिब है और ऐसा करने से उस की नमाज़ फ़ासिद भी नहीं होगी।
{27.} अल्लाह तआला ने अपनी शरीअत का आप ﷺ को मुख्तार बना दिया है, आप जिस के लिये जो चाहें हलाल फरमा दें और जिस के लिये जो चाहें हराम फरमा दें।
{28.} आप ﷺ की ज़मीन जन्नत के बागों में से एक बाग है।
{29.} सूर फूंकने पर सब से पहले आप ﷺ अपनी कब्रे अन्वर से बाहर तशरीफ़ लाएंगे।
{30.} आप ﷺ को मकामे महमूद अता किया गया।
{31.} आप ﷺ को शफाअते कुब्रा के ए'ज़ाज़ से नवाज़ा गया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 823 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 699* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *चन्द ख़साइसे कुब्रा :-*
{32.} आप ﷺ को कियामत के दिन "लिवाउल हम्द" अता किया गया।
{33.} आप ﷺ सब से पहले जन्नत में दाखिल होंगे।
{34.} आप ﷺ को हौजे कौसर अता किया गया।
{35.} कियामत के दिन हर शख्स का नसब व तअल्लुक मुन्क़तेअ हो जाएगा मगर आप ﷺ का नसब व तअल्लुक मुन्क़तेअ नहीं होगा।
{36.} आप ﷺ के सिवा किसी नबी के पास हज़रते इस्राफील عَلَيْهِ السَّلام नहीं उतरे।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 823 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 700* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *चन्द ख़साइसे कुब्रा :-*
{37.} आप ﷺ के दरबार में बुलन्द आवाज़ से बोलने वाले के आ'माले सालिहा बरबाद कर दिये जाते हैं।
{38.} आप ﷺ को हुजरों के बाहर से पुकारना हराम कर दिया गया।
{39.} आप ﷺ की अदना सी गुस्ताख़ी करने वाले की सज़ा कत्ल है।
{40.} आप ﷺ को तमाम अम्बिया عَلَیْھِمُ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام से ज़ियादा मो'जिज़ात अता किये गए।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 824 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 701* ༺
बीसवां बाब
*❝ अनासिरे अरबआ के आलम में मोजिज़ात ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *रोज़ी का एक सबब :* नबिय्ये करीम ﷺ की हयाते ज़ाहिरी के दौरे अक़्दस में दो भाई थे जिन में एक आप ﷺ की खिदमते बा बरकत में (इल्मे दीन सीखने के लिये) हाज़िर होता, (एक रोज़) कारीगर भाई ने सरकार ﷺ से अपने भाई की शिकायत की (या'नी इस ने सारा बोझ मुझ पर डाल दिया है, इस को मेरे काम काज में हाथ बटाना चाहिये) तो मदीने के सुल्तान, रहमते आलमियान, सरवरे जीशान ﷺ ने फ़रमाया : शायद तुझे इस की बरकत से रोज़ी मिल रही है!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 824 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 702* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ हुज़ूरे अक्दस ﷺ ने अपनी उम्मत की हिदायत व इस्लाह और इन की सलाह व फलाह के लिये जैसी जैसी तक्लीफें बरदाश्त फरमाईं और इस राह में आप को जो जो मुश्किलात दरपेश हुई उन का कुछ हाल आप इस किताब में पढ़ चुके हैं। फिर आप को अपनी उम्मत से जो बे पनाह महब्बत और इस की नजात व मफ़िरत की फ़िक्र और एक एक उम्मती पर आप की शफ्क़त व रहमत की जो कैफिय्यत है इस पर क़ुरआन में खुदा वन्दे कुद्दूस का फरमान गवाह है कि
لَقَدْ جَآءَكُمْ رَسُوْلٌ مِّنْ اَنْفُسِكُمْ عَزِیْزٌ عَلَیْهِ مَا عَنِتُّمْ حَرِیْصٌ عَلَیْكُمْ بِالْمُؤْمِنِیْنَ رَءُوْفٌ رَّحِیْمٌ(128)
बेशक तुम्हारे पास तशरीफ लाए तुम में से वोह रसूल जिन पर तुम्हारा मशक्कत में पड़ना गिरां है तुम्हारी भलाई के निहायत चाहने वाले मुसलमानों पर बहुत ही निहायत ही रहम फ़रमाने वाले हैं।
(सूरह तौबा आयत नम्बर -128)
࿐ पूरी पूरी रातें जाग कर इबादत में मसरूफ़ रहते और उम्मत की मग़फ़िरत के लिये दरबारे बारी में इनतिहाई बे करारी के साथ गिर्या व ज़ारी फ़रमाते रहते। यहां तक कि खड़े खड़े अकसर आप के पाए मुबारक पर वरम आ जाता था।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 825 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 703* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ ज़ाहिर है कि हुजूर सरवरे अम्बिया, महबूबे किब्रिया ﷺ ने अपनी उम्मत के लिये जो जो मशक्कतें उठाई उन का तक़ाज़ा है कि उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के कुछ हुक़ूक़ है जिन को अदा करना हर उम्मती पर फ़र्ज़ व वाजिब है।
हज़रते अल्लामा काज़ी इयाज़ رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ ने आप के मुक़द्दस हुक़ूक़ को अपनी किताब "शिफा शरीफ" में बहुत ही मुफ़स्सल तौर पर बयान फ़रमाया। हम यहां इनतिहाई इख़्तिसार के साथ उस का खुलासा तहरीर करते हुए मुन्दरिजे जैल आठ हुक़ूक़ का ज़िक्र करते हैं।
{1} ईमान बिर्रसूल
{2} इत्तिबाए सुन्नते रसूल
{3} इताअते रसूल
{4} महब्बते रसूल
{5} ता'ज़ीमे रसूल
{6} मद्हे रसूल
{7} दुरूद शरीफ
{8} क़ब्रे अन्वर की ज़ियारत
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 826 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 704* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{1} ईमान बिर्रसूल :* हुज़ूरे अक्दस ﷺ की नुबुव्वत व रिसालत पर ईमान लाना और जो कुछ आप अल्लाह तआला की तरफ से लाए हैं, सिदके़ दिल से उस को सच्चा मानना हर हर उम्मती पर फ़र्ज़े ऐन है और हर मोमिन का इस पर ईमान है कि बिगैर रसूल पर ईमान लाए हुए हरगिज़ हरगिज़ कोई मुसलमान नहीं हो सकता कुरआन में खुदा वन्दे आलम جَلَّ جَلَالُهٗ का फरमान है कि
وَ مَنْ لَّمْ یُؤْمِنْۢ بِاللّٰهِ وَ رَسُوْلِهٖ فَاِنَّاۤ اَعْتَدْنَا لِلْكٰفِرِیْنَ سَعِیْرًا(13)
जो अल्लाह और उस के रसूल पर ईमान न लाया तो यकीनन हम ने काफ़िरों के लिये भड़कती आग तय्यार कर रखी है।
इस आयत ने निहायत वज़ाहत और सफ़ाई के साथ येह फैसला कर दिया कि जो लोग रसूल ﷺ की रिसालत पर ईमान नहीं लाएंगे वोह अगर्चे खुदा की तौहीद का उम्र भर डंका बजाते रहें मगर वोह काफ़िर और जहन्नमी ही रहेंगे। इस लिये इस्लाम का बुन्यादी कलिमा या'नी कलिमए तय्यबा لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدٌّ رَّسُوْلُ اللّٰهِ है या'नी मुसलमान होने के लिये खुदा की तौहीद और रसूल की रिसालत दोनों पर ईमान लाना ज़रूरी है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 826 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 705* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{2} इत्तिबाए सुन्नते रसूल :* हुज़ूरे अक्दस ﷺ की सीरते मुबारका और आप की सुन्नते मुक़द्दसा की इत्तिबा और पैरवी हर मुसलमान पर वाजिब व लाज़िम है। रब्बुल इज़्ज़त جل جلاله का फरमान है कि :
(ऐ रसूल) फ़रमा दीजिये कि अगर तुम लोग अल्लाह से महब्बत करते हो तो मेरी इत्तिबाअ करो अल्लाह तुम को अपना महबूब बना लेगा और तुम्हारे गुनाहों को बख़्श देगा और अल्लाह बहुत ज़ियादा बख़्शने वाला और रहम फ़रमाने वाला है!
📗 सूरह आले इमरान आयत नम्बर 31
इसी लिये आस्माने उम्मत के चमकते हुए सितारे, हिदायत के चांद तारे, अल्लाह व रसूल के प्यारे सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم आप की हर सुन्नते करीमा की इत्तिबा और पैरवी को अपनी ज़िन्दगी के हर दम कदम पर अपने लिये लाज़िमुल ईमान और वाजिबुल अमल समझते थे और बाल बराबर भी कभी किसी मुआमले में भी अपने प्यारे रसूल ﷺ की मुक़द्दस सुन्नतों से इन्हिराफ या तर्क गवारा नहीं कर सकते थे।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 827 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 706* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{2} इत्तिबाए सुन्नते रसूल :-*
*सिद्दीके अक्बर رضى الله تعالیٰ عنه की आखिरी तमन्ना :* अमीरुल मोमिनीन हज़रते अबू बक्र सिद्दीक رضى الله تعالیٰ عنه अपनी वफ़ात से सिर्फ चन्द घन्टे पहले उम्मुल मोमिनीन हज़रते आइशा رضى الله تعالیٰ عنها से दरयाफ़्त के रसूलुल्लाह ﷺ के कफ़न मुबारक में कितने कपड़े थे और आप की वफ़ात किस दिन हुई ? इस सुवाल की वजह येह थी कि आप की येह इनतिहाई तमन्ना थी कि ज़िन्दगी के हर हर लम्हात में तो मैं ने अपने तमाम मुआमलात में हुज़ूरे अकरम ﷺ की मुबारक सुन्नतों की मुकम्मल तौर पर इत्तिबा की है। मरने के बा'द कफ़न और वफ़ात के दिन में भी मुझे आप की इत्तिबाए सुन्नत नसीब हो जाए। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 827📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 707* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{2} इत्तिबाए सुन्नते रसूल :-*
*हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه और भुनी हुई बकरी :* एक मरतबा हज़रते अबू हुरैरा رضى الله تعالیٰ عنه का गुज़र एक ऐसी जमाअत पर हुवा जिस के सामने खाने के लिये भुनी हुई मुसल्लम बकरी रखी हुई थी। लोगों ने आप को खाने के लिये बुलाया तो आप رضى الله تعالیٰ عنه ने येह कह कर खाने से इन्कार कर दिया कि हुज़ूर नबिय्ये करीम ﷺ दुन्या से तशरीफ़ ले गए और कभी जव की रोटी पेट भर कर न खाई। मैं भला इन लज़ीज़ और पुर तकल्लुफ़ खानों को खाना क्यूंकर गवारा कर सकता हूं!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 828📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 708* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{2} इत्तिबाए सुन्नते रसूल :-*
*हज़रते अब्बास رضى الله تعالیٰ عنه का परनाला :* मन्कूल है कि हज़रते अब्बास رضى الله تعالی عنه का मकान मस्जिदे नबवी से मिला हुवा था और उस मकान का परनाला बारिश में आने जाने वाले नमाज़ियों के ऊपर गिरा करता था। अमीरुल मोमिनीन हज़रते फारूके आज़म رضى الله تعالیٰ عنه ने उस परनाले को उखाड़ दिया। हज़रते अब्बास رضى الله تعالیٰ عنه आप के पास आए और कहा कि खुदा की क़सम ! इस परनाले को रसूलुल्लाह ﷺ ने मेरी गरदन पर सुवार हो कर अपने मुक़द्दस हाथों से लगाया था। येह सुन कर अमीरुल मोमिनीन ने फरमाया कि ऐ अब्बास ! मुझे इस का इल्म न था अब मैं आप को हुक्म देता हूं कि आप मेरी गरदन पर सुवार हो कर इस परनाले को फिर उसी जगह लगा दीजिये चुनान्चे ऐसा ही किया गया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 828📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 709* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{3} इताअते रसूल :* येह भी हर उम्मती पर रसूले खुदा ﷺ का हक़ है कि हर उम्मती हर हाल में आप के हर हुक्म की इताअत करे और आप जिस बात का हुक्म दे दें बाल के करोड़वें हिस्से के बराबर भी उस की खिलाफ वर्जी का तसव्वुर भी न करे क्यूं कि आप की इताअत और आप के अहकाम के आगे सरे तस्लीम ख़म कर देना हर उम्मती पर फर्जे ऐन है। कुरआने मजीद में इरशादे खुदा वन्दी है कि
اَطِیْعُوا اللّٰهَ وَ اَطِیْعُوا الرَّسُوْلَ
हुक्म मानो अल्लाह का और हुक्म मानो रसूल का। (सूरह निसा आयत नम्बर 59)
مَنْ یُّطِعِ الرَّسُوْلَ فَقَدْ اَطَاعَ اللّٰهَۚ-
जिस ने रसूल का हुक्म माना बेशक उस ने अल्लाह का हुक्म माना। (सूरह निसा आयत नम्बर 80)
وَ مَنْ یُّطِعِ اللّٰهَ وَ الرَّسُوْلَ فَاُولٰٓىٕكَ مَعَ الَّذِیْنَ اَنْعَمَ اللّٰهُ عَلَیْهِمْ مِّنَ النَّبِیّٖنَ وَ الصِّدِّیْقِیْنَ وَ الشُّهَدَآءِ وَ الصّٰلِحِیْنَۚ-وَ حَسُنَ اُولٰٓىٕكَ رَفِیْقًاﭤ(69)
और जो अल्लाह और उस के रसूल का हुक्म माने तो उसे उन का साथ मिलेगा जिन पर अल्लाह ने इन्आम फ़रमाया या'नी अम्बिया और सिद्दीक और शहीद और नेक लोग येह क्या ही अच्छे साथी हैं। (सूरह निसा आयत नम्बर 69)
कुरआने मजीद की येह मुक़द्दस आयात ए'लान कर रही हैं कि इताअते रसूल के बिगैर इस्लाम का तसव्वुर ही नहीं किया जा सकता और इताअते रसूल करने वालों ही के लिये ऐसे ऐसे बुलन्द दरजात हैं कि वोह हज़रात अम्बिया व सिद्दीक़ीन और शुहदा व सालिहीन के साथ रहेंगे।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 829 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 710* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{3} इताअते रसूल :* हर उम्मती के लिये इताअते रसूल की क्या शान होनी चाहिये इस का जल्वा देखना हो तो इस रिवायत को बगौर पढ़िये _________
*सोने की अंगूठी फेंक दी :* हज़रते अब्दुल्लाह बिन अब्बास رضى الله تعالیٰ عنهما ने रिवायत की है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने एक शख्स को देखा कि वोह सोने की अंगूठी पहने हुए है। आप ने उस के हाथ से अंगूठी निकाल कर फेंक दी और फ़रमाया कि क्या तुम में से कोई चाहता है कि आग के अंगारे को अपने हाथ में डाले? हुज़ूर ﷺ के तशरीफ़ ले जाने के बा'द लोगों ने उस शख्स से कहा कि तू अपनी अंगूठी को उठा ले और (इस को बेच कर) इस से नफ्अ उठा। तो उस ने जवाब दिया कि खुदा की क़सम जब रसूलुल्लाह ﷺ ने इस अंगूठी को फेक दिया तो अब मैं इस अंगूठी को कभी भी नहीं उठा सकता। (और वोह इस को छोड़ कर चला गया)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 830 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 711* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{4} महब्बते रसूल :* हर उम्मती पर रसूलुल्लाह ﷺ का हक़ है कि वोह सारे जहान से बढ़ कर आप से महब्बत रखे और सारी दुन्या की महबूब चीज़ों को आप की महब्बत के क़दमों पर कुरबान कर दे। खुदा वन्दे कुद्दूस جَلَّ جَلَالُهٗ का फरमान है कि :
قُلْ اِنْ كَانَ اٰبَآؤُكُمْ وَ اَبْنَآؤُكُمْ وَ اِخْوَانُكُمْ وَ اَزْوَاجُكُمْ وَ عَشِیْرَتُكُمْ وَ اَمْوَالُ اﰳقْتَرَفْتُمُوْهَا وَ تِجَارَةٌ تَخْشَوْنَ كَسَادَهَا وَ مَسٰكِنُ تَرْضَوْنَهَاۤ اَحَبَّ اِلَیْكُمْ مِّنَ اللّٰهِ وَ رَسُوْلِهٖ وَ جِهَادٍ فِیْ سَبِیْلِهٖ فَتَرَبَّصُوْا حَتّٰى یَاْتِیَ اللّٰهُ بِاَمْرِهٖؕ-وَ اللّٰهُ لَا یَهْدِی الْقَوْمَ الْفٰسِقِیْنَ
(ऐ रसूल) आप फ़रमा दीजिये अगर तुम्हारे बाप और तुम्हारे बेटे और तुम्हारे भाई और तुम्हारी औरतें और तुम्हारा कुम्बा और तुम्हारी कमाई के माल और वोह सौदा जिस के नुक्सान का तुम्हें डर है और तुम्हारे पसन्दीदा मकान येह चीजें अल्लाह और उस के रसूल और उस की राह में लड़ने से ज़ियादा प्यारी हों तो रास्ता देखो यहां तक कि अल्लाह अपना हुक्म लाए और अल्लाह फ़ासिकों को राह नहीं देता।
(सूरह तौबा आयत नम्बर 24)
इस आयत से साबित होता है की हर मुसलमान पर अल्लाह عزوجل और उस के रसूल ﷺ की महब्बत फ़र्ज़े ऐन है क्यूं कि इस आयत का हासिले मतलब येह है की ऐ मुसलमानों! जब तुम ईमान लाए हो और अल्लाह व रसूल की महब्बत का दा'वा करते हो तो अब इस के बा'द अगर तुम लोग किसी गैर की महब्बत को अल्लाह व रसूल की महब्बत पर तरजीह दोगे तो खूब समझ लो कि तुम्हारा ईमान और अल्लाह व रसूल की महब्बत का दा'वा बिल्कुल गलत हो जाएगा और तुम अज़ाबे इलाही और क़हरे खुदा वन्दी से न बच सकोगे।
नीज़ आयत के आखिरी टुकड़े से येह भी साबित होता है कि जिस के दिल में अल्लाह व रसूल की महब्बत नहीं यकीनन बिला शुबा उस के ईमान में खलल है।
हज़रते अनस رضى الله تعالیٰ عنه से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया कि तुम में से कोई उस वक़्त तक मोमिन नहीं हो सकता जब तक कि मैं उस के नज़दीक उस के बाप उस की औलाद और तमाम लोगों से बढ़ कर महबूब न हो जाऊं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 831 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 712* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{4} महब्बते रसूल :* हज़राते सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم को हुज़ूरे अक्दस ﷺ से कितनी वालिहाना महब्बत थी अगर आप इस की तजल्लियों का नज़ारा करना है तो मुन्दरिजए जैल वाक़िआत को इब्रत की निगाहों से देखिये और इब्रत हासिल कीजिये।
*एक बुढ़िया का जज़्बए महब्बत :* आप जंगे उहुद के बयान में पढ़ चुके हैं कि शैतान ने बे पर की येह ख़बर उड़ा दी कि रसूलुल्लाह ﷺ शहीद हो गए। येह होलनाक खबर जब मदीनए मुनव्वरह में पहुंची तो वहां की ज़मीन दहल गई यहां तक कि वहां की पर्दा नशीन औरतों के दिलो दिमाग में सदमाते ग़म का भोंचाल आ गया और क़बीलए बनी दीनार की एक औरत अपने जज़्बात से मग़्लूब हो कर अपने घर से निकल पड़ी और मैदाने जंग की तरफ चल पड़ी रास्ते में उस को अपने बाप और भाई और शोहर की शहादत की ख़बर मिली मगर उस ने इस की कोई परवा नहीं की और लोगों से येही पूछती रही कि मुझे येह बताओ कि रसूलुल्लाह ﷺ कैसे हैं ? जब उसे बताया गया कि الحمد لله ! आप ﷺ हर तरह ब खैरिय्यत हैं तो इस से बुढ़िया की तसल्ली नहीं हुई और कहने लगी कि तुम लोग मुझे रसूलुल्लाह ﷺ का दीदार करा दो। जब लोगों ने उस को रहमते आलम ﷺ के क़रीब ले जा कर खड़ा कर दिया और उस ने जमाले नुबुव्वत को देखा तो बे इख़्तियार उस की ज़बान से येह जुम्ला निकल पड़ा कि كُلُّ مُصِيْبَةٍ بَعْدَكَ جَلَلٌ आप के होते हुए हर मुसीबत हेच है।
*बढ़ कर उस ने रुखे अन्वर को जो देखा तो कहा !*
*तू सलामत है तो फिर हेच हैं सब रन्जो अलम*
*मैं भी और बाप भी शोहर भी बरादर भी फ़िदा*
*ऐ शहे दीं ! तेरे होते क्या चीज़ हैं हम*
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 833 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 713* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{4} महब्बते रसूल :* हज़राते सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم को हुज़ूरे अक्दस ﷺ से कितनी वालिहाना महब्बत थी अगर आप इस की तजल्लियों का नज़ारा करना है तो मुन्दरिजए जैल वाक़िआत को इब्रत की निगाहों से देखिये और इब्रत हासिल कीजिये।
*²हज़रते समामा का ए'लाने महब्बत :* हज़रते समामा बिन असाल رضى الله تعالیٰ عنه ईमान ला कर कहने लगे कि ऐ मुहम्मद ﷺ खुदा की क़सम ! पहले मेरे नज़दीक रूए ज़मीन पर कोई चेहरा आप के चेहरे से ज़ियादा मबगूज़ नहीं था लेकिन आज आप का वोही चेहरा मुझे सब चेहरों से ज़ियादा महबूब है। खुदा की क़सम ! मेरे नज़दीक कोई दीन आप के दीन से ज़ियादा मबगूज़ न था। मगर अब आप का वोही दीन मेरे नज़दीक सब दीनों से ज़ियादा महबूब है। खुदा की क़सम ! मेरे नज़दीक कोई शहर आप के शहर से ज़ियादा मबगूज़ न था। लेकिन अब आप का वोही शहर मेरे नज़दीक तमाम शहरों से ज़ियादा महबूब है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 833 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 714* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{4} महब्बते रसूल :* हज़राते सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم को हुज़ूरे अक्दस ﷺ से कितनी वालिहाना महब्बत थी अगर आप इस की तजल्लियों का नज़ारा करना है तो मुन्दरिजए जैल वाक़िआत को इब्रत की निगाहों से देखिये और इब्रत हासिल कीजिये।
*³बिस्तरे मौत पर इश्के रसूल ﷺ :* हज़रते बिलाल رضى الله تعالیٰ عنه की वफ़ात का वक़्त आया तो उन की बीवी ने ग़म से निढाल हो कर कहा कि "وا حزناه" (हाए रे गम) येह सुन कर हज़रते बिलाल رضى الله تعالیٰ عنه ने बिस्तरे मौत पर तड़प कर कहा कि वाह रे खुशी मैं कल तमाम दोस्तों से या'नी मुहम्मद ﷺ और आप के अस्हाब से मिलूंगा।
*⁴हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه और महब्बते रसूल ﷺ :* हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه से किसी ने सुवाल किया कि आप को रसूलुल्लाह ﷺ से कितनी महब्बत है ? तो आप ने फ़रमाया कि खुदा की क़सम ! हुज़ूर ﷺ हमारे माल, हमारी औलाद, हमारे बाप, हमारी मां और सख्त प्यास के वक़्त पानी से भी बढ़ कर हमारे नज़दीक महबूब हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 833 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 715* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{4} महब्बते रसूल :* हज़राते सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم को हुज़ूरे अक्दस ﷺ से कितनी वालिहाना महब्बत थी अगर आप इस की तजल्लियों का नज़ारा करना है तो मुन्दरिजए जैल वाक़िआत को इब्रत की निगाहों से देखिये और इब्रत हासिल कीजिये।
*⁵हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه और महब्बते रसूल ﷺ :* हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه से किसी ने सुवाल किया कि आप को रसूलुल्लाह ﷺ से कितनी महब्बत है ? तो आप ने फ़रमाया कि खुदा की क़सम ! हुज़ूर ﷺ हमारे माल, हमारी औलाद, हमारे बाप, हमारी मां और सख्त प्यास के वक़्त पानी से भी बढ़ कर हमारे नज़दीक महबूब हैं।
*⁶अब्दुल्लाह बिन उमर رضى الله تعالیٰ عنهما का इश्क :* हज़रते अब्दुल्लाह बिन उमर رضى الله تعالیٰ عنهما का पाउं सुन हो गया। लोगों ने उन को इस मरज़ के इलाज के तौर पर येह अमल बताया की तमाम दुन्या में आप को सब से ज़ाइद जिस से महब्बत हो उस को याद कर के पुकारिये येह मरज़ जाता रहेगा। येह सुन कर आप ने "या मुहम्मदाह" का ना'रा मारा और आप का पाउं अच्छा हो गया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 834 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 716* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{4} महब्बते रसूल :* हज़राते सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم को हुज़ूरे अक्दस ﷺ से कितनी वालिहाना महब्बत थी अगर आप इस की तजल्लियों का नज़ारा करना है तो मुन्दरिजए जैल वाक़िआत को इब्रत की निगाहों से देखिये और इब्रत हासिल कीजिये।
*⁷कद्दु से महब्बत :* हज़रते अनस رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि एक दरज़ी ने हुज़ूर ﷺ की दा'वत की। मैं भी साथ में था। जव की रोटी और शोरबा आप के सामने लाया गया जिस में खुश्क गोश्त की बोटियां और कद्दू के टुकड़े पड़े हुए थे। मैं ने देखा कि हुज़ूर ﷺ प्याले के अतराफ़ से कद्दू के टुकड़े तलाश कर के तनावुल फ़रमाते थे। इसी लिये मैं उस दिन से कद्दू को हमेशा महबूब रखता हूं।
मन्कूल है कि हज़रते इमाम अबू यूसुफ رَحْمَةُ اللّٰهِ تَعَالٰى عَلَيْهِ (शागिर्दे इमाम अबू हनीफा عَلَيْهِ رَحْمَةُ) के सामने इस रिवायत का ज़िक्र आया कि हुज़ूरे अक्दस ﷺ को कद्दू बहुत ज़ियादा पसन्द था। उस मजलिस में एक शख्स ने कह दिया कि (मैं तो इस को पसन्द नहीं करता) येह सुन कर हज़रते इमाम अबू यूसुफ ने तलवार खींच ली और फ़रमाया कि अपने ईमान की तजदीद करो वरना मैं तुझ को क़त्ल कर डालूंगा! الله اکبر
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 835 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 717* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{4} महब्बते रसूल :* हज़राते सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم को हुज़ूरे अक्दस ﷺ से कितनी वालिहाना महब्बत थी अगर आप इस की तजल्लियों का नज़ारा करना है तो मुन्दरिजए जैल वाक़िआत को इब्रत की निगाहों से देखिये और इब्रत हासिल कीजिये।
*⁸सोते वक़्त रसूल की याद :* अब्दह बिन्ते खालिद बिन मा'दान का बयान है कि हर रात हज़रते खालिद बिन मा'दान رضى الله تعالیٰ عنه जब अपने बिस्तर पर लेटते तो इनतिहाई शौक़ व इश्तियाक़ के साथ हुज़ूर ﷺ और आप के अस्हाबे किबार, मुहाजिरीन व अन्सार को नाम ले ले कर याद करते और येह दुआ मांगते कि या अल्लाह ! मेरा दिल इन हज़रात की महब्बत में बे करार है और मेरा इश्तियाक अब हृद से बढ़ चुका है लिहाज़ा तू मुझे जल्द वफ़ात दे कर इन लोगों के पास पहुंचा दे। येही कहते कहते उन को नींद आ जाती थी।
*मैं सो जाऊं या मुस्तफ़ा कहते कहते*
*खुले आंख सल्ले अला कहते कहते*
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 835 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 718* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *{4} महब्बते रसूल : महब्बते रसूल की निशानियां -*
वाज़ेह रहे कि महब्बते रसूल ﷺ का दा'वा करने वाले तो बहुत लोग हैं। मगर याद रखिये कि इस की चन्द निशानियां हैं जिन को देख कर इस बात की पहचान होती है कि वाकेई इस के दिल में महब्बते रसूल का चराग़ रौशन है। इन अलामतों में से चन्द येह हैं :
(1) आप के अक्वाल व अफ्आल की पैरवी, आप की सुन्नतों पर अमल, आप के अवामिर व नवाही की फ़रमा बरदारी, ग़रज़ शरीअते मुतह्हरा पर पूरे तौर से आमिल हो जाना।
(2) आप का ज़िक्र शरीफ़ ब कसरत करना, बहुत ज़ियादा दुरूद शरीफ़ पढ़ना, आप के ज़िक्र की मजालिसे मुक़द्दसा मसलन मीलाद शरीफ और दीनी जल्सों का शौक़ और इन मजालिसे मुबारका में हाज़िरी।
(3) हुज़ूर ﷺ और तमाम उन लोगों और उन चीज़ों से महब्बत और उन का अदबो एहतिराम जिन को रसूलुल्लाह ﷺ से निस्बत व तअल्लुक हासिल है। मसलन सहाबए किराम, अज़्वाजे मुतहरात, अहले बैते अत्हार رِضْوانُ اللّٰهِ عَلَیْهِمْ اَجْمَعِیْن शहरे मदीना, क़ब्रे अन्वर, मस्जिदे नबवी, आप के आसारे शरीफ़ा व मशाहदे मुक़द्दसा, कुरआने मजीद व अहादीसे मुबारका, सब की ता'ज़ीम व तौकीर और इन का अदबो एहतिराम करना।
(4) हुज़ूर ﷺ के दोस्तो से दोस्ती और इन के दुशमनों या'नी बद दीनों, बद मज़्हबों से दुश्मनी रखना।
(5) दुन्या से बे रग़्बती और फ़क़ीरी को मालदारी से बेहतर समझना। इस लिये कि रसूलुल्लाह ﷺ का इरशाद है कि मुझ से महब्बत करने वाले की तरफ़ फ़क्रो फ़ाक़ा इस से भी ज़ियादा जल्दी पहुंचता है जैसे कि पानी का सैलाब अपने मुन्तहा की तरफ।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 836 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 719* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *(5) ता' जीमे रसूल :* उम्मत पर हुज़ूर عَلَيْهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام के हुकूक में एक निहायत ही अहम और बहुत ही बड़ा हक़ येह भी है कि हर उम्मती पर फर्जे ऐन है कि हुज़ूरे अकरम ﷺ और आप से निस्बत व तअल्लुक रखने वाली तमाम चीज़ों की ता'ज़ीम व तौकीर और इन का अदबो एहतिराम करे और हरगिज़ हरगिज़ कभी इन की शान में कोई बे अदबी न करे। अहकमुल हाकिमीन का फरमाने वाला शान है कि
اِنَّاۤ اَرْسَلْنٰكَ شَاهِدًا وَّ مُبَشِّرًا وَّ نَذِیْرًا(8) لِّتُؤْمِنُوْا بِاللّٰهِ وَ رَسُوْلِهٖ وَ تُعَزِّرُوْهُ وَ تُوَقِّرُوْهُؕ-وَ تُسَبِّحُوْهُ بُكْرَةً وَّ اَصِیْلًا(9)
बेशक हम ने तुम्हें (ऐ रसूल) भेजा हाज़िर व नाज़िर और खुश खबरी देने वाला और डर सुनाने वाला ताकि ऐ लोगो ! तुम अल्लाह और उस के रसूल पर ईमान लाओ और रसूल की ता'ज़ीम व तौकीर करो और सुब्ह व शाम अल्लाह की पाकी बोलो।
(सूरह फत्ह आयत नम्बर 8-9)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 837 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 720* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *हुज़ूर की तौहीन करने वाला काफिर है :* हज़रते अल्लामा काज़ी इयाज़ رَحْمَةُ اللّٰهِ تَعَالٰى عَلَيْهِ ने फरमाया कि इस बात पर तमाम उलमाए उम्मत का इज़्माअ है कि हुज़ूर ﷺ को गाली देने वाला या इन की ज़ात इन के खानदान, इन के दीन, इन की किसी खस्लत में नक्स बताने वाला या इस की तरफ इशारा किनाया करने वाला या हुज़ूर को बदगोई के तरीके पर किसी चीज़ से तश्बीह देने वाला या आप को ऐब लगाने वाला या आप की शान को छोटी बताने वाला या आप की तहकीर करने वाला बादशाहे इस्लाम के हुक्म से क़त्ल कर दिया जाएगा।
इसी तरह हुज़ूर ﷺ पर ला'नत करने वाला या आप के लिये बद दुआ करने वाला या आप की तरफ़ किसी ऐसी बात की निस्बत करने वाला जो आप के मन्सब के लाइक न हो या आप के लिये किसी मुज़र्रत की तमन्ना करने वाला या आप की मुक़द्दस जनाब में कोई ऐसा कलाम बोलने वाला जिस से आप की शान में इस्तिख़्फ़ाफ़ होता हो या किसी आज़्माइश या इमतिहान की बातों से आप को आर दिलाने वाला भी सुल्ताने इस्लाम के हुक्म से क़त्ल कर दिया जाएगा। और वोह मुर्तद क़रार दिया जाएगा और उस की तौबा क़बूल नहीं की जाएगी और इस मस्अले में उलमाए अम्सार और सलफ़ सालिद्दीन के माबैन कोई इख़्तिलाफ नहीं है कि ऐसा शख़्स काफ़िर करार दे कर क़त्ल कर दिया जाएगा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 838 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 721* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *हुज़ूर की तौहीन करने वाला काफिर है :* मुहम्मद बिन सहनून عَلَيْهِ رَحْمَةُ ने फ़रमाया कि नबी ﷺ की शान में बद ज़बानी करने वाला और आप की तन्कीस करने वाला काफिर है और जो उस के कुफ्र और अज़ाब में शक करे वोह भी काफिर है और तौहीने रिसालत करने वाले की दुन्या में येह सज़ा है कि वोह कत्ल कर दिया जाएगा।
इसी तरह हज़रते अल्लामा काज़ी इयाज़ رَحْمَةُ اللّٰهِ تَعَالٰى عَلَيْهِ ने हुज़ूर عَلَيْهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام के मुतअल्लिकीन या'नी आप के अस्हाब, आप के अहले बैत, आप की अज़्वाजे मुतह्हरात वगैरा को गाली देने वाले के बारे में फ़रमाया कि हुज़ूर عَلَيْهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام के अहले बैत व आप की अज़्वाजे मुतह्हरात और आप के अस्हाब को गाली देना या उन की शान में तन्कीस करना हराम है और ऐसा करने वाला मलऊन है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 838 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 722* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *हुज़ूर ﷺ की तौहीन करने वाला काफिर है :*
येही वजह है कि हज़राते सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم हुज़ूरे अक्दस ﷺ का इस कदर अदबो एहतिराम करते थे और आप की मुक़द्दस बारगाह में इतनी ता'ज़ीम व तकरीम का मुज़ाहरा करते थे कि हज़रते उर्वह बिन मसऊद सक़फ़ी رضى الله تعالیٰ عنه जब कि मुसलमान नहीं हुए थे और कुफ्फ़ारे मक्का के नुमाइन्दा बन कर मैदाने हुदैबिया में गए थे तो वहां से वापस आ कर उन्हों ने कुफ्फ़ार के मज्मअ़ में अलल ए'लान येह कहा था कि
ऐ मेरी कौम ! मैं ने बादशाहे रूम कैसर और बादशाहे फारस किस्रा और बादशाहे हबशा नज्जाशी सब का दरबार देखा है मगर खुदा की क़सम ! मैं ने किसी बादशाह के दरबारियों को अपने बादशाह की इतनी ता'ज़ीम करते नहीं देखा जितनी ता'ज़ीम मुहम्मद ﷺ की करते हैं
चुनान्चे मुन्दरिजए जैल मिसालों से येह अन्दाज़ा लगाया जा सकता है कि हुज़ूर ﷺ के अस्हाबे किबार अपने आकाए नामदार के दरबार में किस कदर ता'ज़ीम व तकरीम के जज़्बात से सरशार रहते थे।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 839 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 723* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *सर पर चिड़ियां :* हज़रते अमीरुल मोमिनीन अली मुर्तजा رضى الله تعالیٰ عنه हाज़िरीने मजलिस के साथ हुज़ूर عَلَيْهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام की सीरते मुक़द्दसा का तज़किरा करते हुए इरशाद फ़रमाते हैं कि जिस वक़्त आप कलाम फ़रमाते थे तो आप की मजलिस में बैठने वाले सहाबए किराम इस तरह सर झुका कर खामोश और सुकून के साथ बैठे रहा करते थे कि गोया उन के सरों पर परन्दे बैठे हुए हैं। जिस वक़्त आप खामोश हो जाते तो सहाबए किराम गुफ्तगू करते और कभी आप के सामने कलाम में तनाजुआ नहीं करते और जो आप के सामने कलाम करता आप तवज्जोह के साथ उस के कलाम को सुनते रहते यहां तक कि वोह खामोश हो जाता।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 839 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 724* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *हज़रते अम्र बिन अल आस के तीन दौर :* हज़रते अम्र बिन अल आस رضى الله تعالیٰ عنه ने अपने बिस्तरे मौत पर अपने साहिब ज़ादे से अपनी ज़िन्दगी के तीन दौर का तज़किरा फ़रमाते हुए इरशाद फ़रमाया कि मेरी पहली हालत यह थी कि मैं कुफ्र की हालत में सब से ज़ियादा रसूलुल्लाह ﷺ का जानी दुश्मन था। अगर मैं उस हालत में मर जाता तो यक़ीनन मैं दोज़खी होता। दूसरी हालत मुसलमान होने के बा'द थी कि कोई शख़्स मेरे नज़दीक रसूलुल्लाह ﷺ से ज़्यादा महबूब न था और मेरी आंखों में आप से ज़ियादा अज़मत व जलालत वाला कोई भी न था। और मैं आप की हैबत की वजह से आप की तरफ नज़र भर कर देख नहीं सकता था। येही वजह है कि अगर मुझ से हुज़ूर ﷺ का हुल्या दरयाफ्त किया जाए तो मैं अच्छी तरह बयान नहीं कर सकता अगर मैं इस हाल पर मर गया तो मुझे उम्मीद है कि मैं अहले जन्नत में से होता। तीसरी हालत मेरी गवर्नरी और हुकूमत की थी जिस में मुझे अपना हाल मा'लूम नहीं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 840 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 725* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *कौन बड़ा ?* अमीरुल मोमिनीन हज़रते उसमान बिन अफ़्फ़ान رضى الله تعالیٰ عنه ने हज़रते क़बास बिन उशैम से पूछा कि तुम बड़े हो या रसूलुल्लाह ﷺ? उन्हों ने कहा कि बडे तो रसूलुल्लाह ﷺ ही हैं मगर मेरी पैदाइश हुज़ूर ﷺ से पहले हुई है।
*हजरते बरा رضى الله تعالیٰ عنه का अदब :* हज़रते बरा बिन आज़िब رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि मैं हुज़ूरे अकरम ﷺ से कुछ दरयाफ्त करने का इरादा रखता था मगर कमाले अदब और आप की हैबत से बरसों दरयाप्त नहीं कर सकता था।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 841 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 726* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *आसारे शरीफा की ता'ज़ीम :* हुज़ूरे अक्दस ﷺ की जाते मुक़द्दसा के अदबो एहतिराम को हज़राते सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم अपने ईमान की जान समझते थे। बल्कि वोह चीजें कि जिन को आप की जाते वाला से कुछ तअल्लुक व इनतिसाब हो उन की ता'ज़ीम व तौकीर को भी अपने लिये लाज़िमुल ईमान जानते थे। इसी तरह ताबिईन और दूसरे सलफ सालिहीन भी आप के तबर्रुकात का बेहद एहतिराम और उन का ए'ज़ाज़ो इक्राम करते थे। इस की चन्द मिसालें हम जैल में तहरीर करते हैं जो अहले ईमान के लिये निहायत ही इब्रत खैज़ व नसीहत आमोज़ हैं।
(1) हज़रते खालिद बिन वलीद رضى الله تعالیٰ عنه की टोपी में हुज़ूर ﷺ के चन्द मुक़द्दस बाल सिले हुए थे किसी जंग में इन की टोपी सर से गिर पड़ी तो आप ने इतना जबर दस्त हम्ला कर दिया कि बहुत से मुजाहिदीन शहीद हो गए। आप के लश्कर वालों ने एक टोपी के लिये इतने शदीद हम्ले को पसन्द नहीं किया। लोगों का ता'ना सुन कर आप ने फरमाया कि मैं ने टोपी के लिये येह हम्ला नहीं किया था बल्कि मेरे इस हम्ले की येह वजह थी कि मेरी इस टोपी में हुज़ूर ﷺ के मूए मुबारक हैं मुझे ये अन्देशा हो गया कि मैं इन की बरकतों से कहीं महरूम न हो जाऊं और येह कुफ्फ़ार के हाथों में पहुंच न जाएं इस लिये मैं ने अपनी जान पर खेल कर इस टोपी उठा कर ही दम लिया।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 841 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 727* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *आसारे शरीफा की ताज़ीम :*
(2) हज़रते अब्दुल्लाह बिन उमर رضى الله تعالیٰ عنهما हुज़ूर ﷺ के मिम्बर शरीफ पर जिस जगह आप बैठते थे खास उस जगह पर अपना हाथ फिरा कर अपने चेहरे पर मस्ह किया करते थे।
(3) हज़रते अबू महूजुरा رضى الله تعالیٰ عنه जो सहाबी और मस्जिदे हराम के मुअज़्ज़िन हैं इन के सर के अगले हिस्से में बालों का एक जोड़ा था। जब वोह ज़मीन पर बैठते और उस जोड़े को खोल देते तो बाल ज़मीन से लग जाते थे। किसी ने उन से कहा कि आप इन बालों को मुंडवाते क्यूं नहीं ? आप ने जवाब दिया कि मैं इन बालों को मुंडवा नहीं सकता क्यूं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने मेरे इन बालों को अपने दस्ते मुबारक से मस्ह फरमा दिया है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 842 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 728* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *आसारे शरीफा की ताज़ीम :*
(4) हज़रते साबित बुनानी رضى الله تعالیٰ عنه कहते हैं कि मुझ से हज़रते अनस बिन मालिक सहाबी رضى الله تعالیٰ عنه ने येह फरमाइश की, कि येह रसूलुल्लाह ﷺ का मुक़द्दस बाल है मैं जब मर जाऊं तो तुम इस को मेरी ज़बान के नीचे रख देना। चुनान्चे मैं ने उन की वसिय्यत के मुताबिक उन की ज़बान के नीचे रख दिया और वोह इसी हालत में दफ़्न हुए।
इसी तरह हज़रते उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ उमवी खलीफ़ए आदिल رضى الله تعالیٰ عنه की वफ़ात का वक़्त आया तो उन्हों ने हुज़ूर ﷺ के चन्द मूए मुबारक और नाखुन दिखा कर लोगों से वसिय्यत फरमाई कि इन तबर्रुकात को आप लोग मेरे कफ़न में रख दें।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 843 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 729* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *आसारे शरीफा की ताज़ीम :*
(5) हज़रते इमाम शाफेई رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ का बयान है कि हज़रते इमाम मालिक رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ ने मुझ को चन्द घोड़े इनायत फरमाए तो मैं ने अर्ज़ किया कि एक घोड़ा आप अपनी सुवारी के लिये रख लीजिये तो आप ने फ़रमाया कि मुझ को बड़ी शर्म आती है कि जिस शहर की ज़मीन में हुज़ूरे अकरम ﷺ आराम फरमा रहे हैं उस शहर की ज़मीन को मैं अपनी सुवारी के जानवर के खुरों से रौदवाऊं। (चुनान्चे हज़रते इमाम मालिक رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ अपनी ज़िन्दगी भर मदीने ही में रहे मगर कभी किसी सुवारी पर मदीनए मुनव्वरह में सुवार नहीं हुए।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 844 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 730* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *आसारे शरीफा की ताज़ीम :*
(6) हज़रते अहमद बिन फ़ज़्लविय्या जिन का लकब ज़ाहिद है, येह बहुत बड़े मुजाहिद थे और तीर अन्दाज़ी में बहुत ही बा कमाल थे। इन का बयान है कि जब से मुझे येह हदीस पंहुची है कि हुज़ूर ﷺ ने अपने दस्ते मुबारक से कमान भी उठाई है। उस वक़्त से मैं कमान का इतना अदबो एहतिराम करता हूं कि बिला वुज़ू किसी भी कमान को हाथ नहीं लगाता।
(7) हज़रते इमाम मालिक رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ के सामने किसी ने येह कह दिया कि "मदीने की मिट्टी खराब है" येह सुन कर हज़रते इमाम मौसूफ ने येह फ़तवा दिया कि इस गुस्ताख़ को तीस दुर्रे लगाए जाएं और इस को कैद में डाल दिया जाए और येह भी फ़रमाया कि उस शख्स को क़त्ल कर देने की ज़रूरत है जो येह कहे कि मदीने की मिट्टी अच्छी नहीं है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 844📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 731* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *आसारे शरीफा की ताज़ीम :*
(8) एक दिन सकीफ़ए बनी साइदा में हुज़ूर ﷺ अपने अस्हाब के साथ रौनक अफ्रोज़ थे। आप ने हज़रते सहल बिन सा'द رضى الله تعالیٰ عنه से फरमाया कि हमें पानी पिलाओ। चुनान्चे हज़रते सहल बिन सा'द رضى الله تعالیٰ عنه ने एक प्याले में आप को पानी पिलाया। हज़रते अबू हाज़िम का बयान है कि हम लोग हज़रते सहल बिन सा'द के यहां मेहमान हुए तो उन्हों ने वोही प्याला हमारे वासिते निकाला और बरकत हासिल करने के लिये हम लोगों ने उसी प्याले में पानी पिया। उस प्याले को हज़रते उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ उमवी खलीफ़ए आदिल رضى الله تعالیٰ عنه ने हज़रते सहल बिन सा'द से मांग कर अपने पास रख लिया!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 844 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 732* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *आसारे शरीफा की ताज़ीम :*
(9) जब बनू हनीफ़ा का वफ्द बारगाहे रिसालत में हाज़िर हुवा तो उस वफ़्द में हज़रते सियार बिन तलक़ यमामी رضى الله تعالیٰ عنه भी थे उन्हों ने अर्ज़ किया कि या रसलल्लाह (ﷺ) मुझे अपने पैराहन शरीफ़ का एक टुकड़ा इनायत फरमाइये मैं इस से अपना दिल बहलाया करूंगा। हुज़ूर ने उन की दरख्वास्त को मंजूर फ़रमा कर उन को पैराहन शरीफ का एक टुकड़ा दे दिया। उन के पोते मुहम्मद बिन जाबिर का बयान है कि मेरे वालिद कहते हैं कि वोह मुक़द्दस टुकड़ा बरसहा बरस हमारे पास था और हम उस को धो कर ब गरजे शिफा बीमारों को पिलाया करते थे। سبحان الله 🥰💚
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 844 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 733* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *आसारे शरीफा की ताज़ीम :*
*(10) मश्क का मुंह काट लिया :* एक सहाबिय्या हज़रते कुबशा अन्सारिय्या رضى الله تعالیٰ عنها के घर हुज़ूर ﷺ तशरीफ ले गए और उन की मशक के मुंह से आप ने अपना मुंह लगा कर पानी नोश फ़रमा लिया तो हज़रते कुबशा رضى الله تعالیٰ عنها ने उस मशक का मुंह काट कर तबर्रकन अपने पास रख लिया।
(11) हुज़ूरे अक्दस ﷺ की मुकद्दस तलवार "जुलफ़िकार" हज़रते जैनुल आबिदीन رضى الله تعالیٰ عنه के पास थी। जब हज़रते इमामे हुसैन رضى الله تعالیٰ عنه की शहादत के बा'द वोह मदीनए मुनव्वरा वापस आए तो हज़रते मिस्वर बिन मख़रमा सहाबी رضى الله تعالیٰ عنه ने उन से कहा कि मुझे येह खतरा महसूस हो रहा है कि बनू उमय्या आप से इस तलवार को छीन लेंगे। इस लिये आप मुझे वोह तलवार दे दीजिये जब तक मेरे जिस्म में जान है कोई इस को मुझ से नहीं छीन सकता।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 845 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 734* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *(6) मद्हे रसूल :* हर उम्मती पर येह भी रसूलुल्लाह ﷺ का हक़ है जिस को अदा करना उम्मत पर लाज़िम है कि रसूले अकरम ﷺ की मद्हो सना का हमेशा ए'लान और चरचा करते रहें और उन के फ़ज़ाइलो कमालात को अलल ए'लान बयान करते रहें।
हुज़ूर عَلَيْهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام के फ़ज़ाइल व महासिन का ज़िक्रे जमील रब्बुल आलमीन جَلَّ جَلَالُهٗ और तमाम अम्बिया व मुर्सलीन عليهم الصلوٰة والتسليم का मुक़द्दस तरीका है। हज़रते हक़ جل مجدهٗ ने कुरआने करीम को अपने हबीब ﷺ की मद्हो सना के क़िस्म क़िस्म के गुलहाए रंगा रंग का एक हसीन गुलदस्ता बना कर नाज़िल फ़रमाया है और पूरे क़ुरआन में आप की मुक़द्दस ना'त व सिफात की आयाते बय्यिनात इस तरह चमक चमक कर जगमगा रही हैं जिस तरह आस्मान पर सितारों की बरात अपनी तजल्लियात का नूर बिखेरती रहती है। और अम्बियाए साबिक़ीन की मुक़द्दस आस्मानी किताबें भी ए'लान कर रही हैं कि हर नबी व रसूल, अल्लाह عزوجل के हबीब ﷺ की मद्हो सना का नक़ीब और इन के फ़ज़ाइल व महासिन का खतीब बन कर उम्र भर फ़ज़ाइले मुस्तफ़ा ﷺ के फ़ज़्लो कमाल और इन के जाहो जलाल का डंका बजाता रहा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 846 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 735* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *(6) मद्हे रसूल :* येही वजह है कि सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم के मुक़द्दस दौर में हज़ारों अस्हाबे किबार हर कूचा व बाज़ार और मैदाने कारज़ार में ना'ते रसूल के नग्मों से इन्किलाबे अज़ीम बरपा कर के ऐसे ऐसे अज़ीम शाहकार आलमे वुजूद में लाए कि काएनाते हस्ती में हिदायत की नसीमे बहार से हज़ारों गुलज़ार नुमूदार हो गए। और दौरे सहाबा से आज तक प्यारे रसूल ﷺ के खुश नसीब मद्दाहों ने नज़्म व नस्र में ना'ते पाक का इतना बड़ा जखीरा जम्अ कर दिया है कि अगर इन का शुमार किया जाए तो दफ्तरों के अवराक तो क्या रूए ज़मीन की वुस्अत भी इन की ताब न ला सकेगी।
हज़रते हस्सान बिन साबित और हज़रते अब्दुल्लाह बिन रवाहा, का'ब बिन जुहैर वगैरा सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم ने दरबारे नुबुव्वत का शाइर होने की हैसिय्यत से ऐसी ऐसी ना'ते पाक की मिसालें पेश कीं कि आज तक बड़े बड़े बा कमाल शुअरा इन को सुन कर सर धुनते रहते हैं और ان شاء الله تعالیٰ कियामत तक हुज़ूर सरवरे आलम ﷺ की मद्हो सना का चर्चा नज़्म व नस्र में इसी शान से होता रहेगा।
*रहेगा यूं ही उन का चरचा रहेगा*
*पड़े खाक हो जाएं जल जाने वाले*
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 846📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 736* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *(7) दुरुद शरीफ :* हर मुसलमान पर वाजिब है कि रसूलुल्लाह ﷺ पर दुरूद शरीफ़ पढ़ता रहे। चुनान्चे खालिके काएनात جَلَّ جَلَالُهٗ का हुक्म है कि
اِنَّ اللّٰهَ وَ مَلٰٓىٕكَتَهٗ یُصَلُّوْنَ عَلَى النَّبِیِّؕ-یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا صَلُّوْا عَلَیْهِ وَ سَلِّمُوْا تَسْلِیْمًا
बेशक अल्लाह और उस के फ़िरिश्ते नबी पर दुरूद भेजते हैं ऐ मोमिनो ! तुम भी उन पर दुरूद भेजते रहो और उन पर सलाम भेजते रहो जैसा कि सलाम भेजने का हक़ है।
हुज़ूरे अकरम ﷺ का इरशाद है कि जो मुझ पर एक मरतबा दुरुद शरीफ़ भेजता है अल्लाह तआला उस पर दस मरतबा दुरूद शरीफ (रहमत) भेजता है।
अल्लाहु अकबर ! शहनशाहे कौनैन ﷺ की शाने महबूबिय्यत का क्या कहना ! एक हकीर व ज़लील बन्दा खुदा के पैग़म्बरे जमील की बारगाहे अज़मत में दुरूद शरीफ का हदिय्या भेजता है तो खुदा वन्दे जलील उस के बदले में दस रहमतें उस बन्दे पर नाज़िल फरमाता है।
दुरूद शरीफ के फ़ज़ाइल व फ़वाइद बहुत ज़ियादा हैं यहां ब नज़रे इख़्तिसार हम ने उस का ज़िक्र नहीं किया। खुदा वन्दे करीम हम तमाम मुसलमानों को ज़ियादा से ज़ियादा दुरूद शरीफ पढ़ने की तौफ़ीक़ अता फरमाए। (आमीन)
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 847 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 737* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *(8) क़ब्रे अन्वर की ज़ियारत :* हुज़ूरे अक्दस ﷺ के रौज़ए मुक़द्दसा की ज़ियारत सुन्नते मुअक्कदा क़रीबे वाजिब है। अल्लाह तआला ने कुरआने मजीद में इरशाद फ़रमाया कि :
وَ لَوْ اَنَّهُمْ اِذْ ظَّلَمُوْۤا اَنْفُسَهُمْ جَآءُوْكَ فَاسْتَغْفَرُوا اللّٰهَ وَ اسْتَغْفَرَ لَهُمُ الرَّسُوْلُ لَوَجَدُوا اللّٰهَ تَوَّابًا رَّحِیْمًا
और अगर येह लोग जिस वक़्त कि अपनी जानों पर ज़ुल्म करते हैं आप के पास आ जाते और ख़ुदा से बख़्शिश मांगते और रसूल उनके लिये बख़्शिश की दुआ फ़रमाते तो येह लोग ख़ुदा को बहुत ज़ियादा बख़्शने वाला मेहरबान पाते। (सूरह निसा आयत 64)
इस आयत में गुनाहगारों के गुनाह की बख़्शिश के लिये अरहमुर्राहिमीन ने तीन शर्तें लगाई हैं अव्वल दरबारे रसूल में हाज़िरी। दुवुम इस्तिग्फ़ार। सिवुम रसूल की दुआए मग़फ़िरत!और येह हुक्म हुज़ूर ﷺ की ज़ाहिरी दुन्यवी हयात ही तक महदूद नहीं बल्कि रौज़ए अक्दस में हाज़िरी भी यकीनन दरबारे रसूल ही में हाज़िरी है। इसी लिये उलमाए किराम ने तसरीह फ़रमा दी है कि हुज़ूर عَلَيْهِ الصَّلَوٰةُ وَالسَّلَام के दरबार का येह फैज़ आप की वफ़ाते अक्दस से मुन्कतेअ नहीं हुवा है। इस लिये जो गुनाहगार क़ब्रे अन्वर के पास हाज़िर हो जाए और वहां खुदा से इस्तिग़फ़ार करे और चूंकि हुज़ूर ﷺ तो अपनी क़ब्रे अन्वर में अपनी उम्मत के लिये इस्तिग्फ़ार फ़रमाते ही रहते हैं। लिहाजा उस गुनाहगार के लिये मग़फ़िरत की तीनों शर्तें पाई गईं। इस लिये ان شاء الله تعالیٰ उस की ज़रूर मग़फिरत हो जाएगी।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 848 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 738* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *(8) क़ब्रे अन्वर की ज़ियारत :*
येही वजह है कि चारों मज़ाहिब के उलमाए किराम ने मनासिके हज व ज़ियारत की किताबों में येह तहरीर फ़रमाया है कि जो शख्स भी रौज़ए मुनव्वरा पर हाज़िरी दे उस के लिये मुस्तहब है कि इस आयत को पढ़े और फिर खुदा से अपनी मग़फिरत की दुआ मांगे।
मजंकूरा बाला आयते मुबारका के इलावा बहुत सी हदीसें भी रौज़ए मुनव्वरह की ज़ियारत के फ़ज़ाइल में वारिद हुई हैं जिन को अल्लामा सम्हूदी رحمتہ اللہ علیہ ने अपनी किताब "वफाउल वफ़ा" और दूसरे मुस्तनद सलफ़ सालिहीन उलमाए दीन ने अपनी अपनी - किताबों में नक्ल फ़रमाया है। हम यहां मिसाल के तौर पर सिर्फ तीन - हदीसें बयान करते हैं।
(1) مَنْ زَارَ قَبْرِىْ وَجَبَتْ لَهُ شَفَاعَتِىْ
जिस ने मेरी क़ब्र की ज़ियारत की उस के लिये मेरी शफाअत वाजिब हो गई।
(2) مَنْ حَجَّ الْبَيْتَ وَلَمْ يَزُرْنِىْ فَقَدْ جَفَانِىْ
जिस ने बैतुल्लाह का हज किया और मेरी ज़ियारत न की उस ने मुझ पर ज़ुल्म किया।
(3) مَن زَارَ نِىْ بَعْدَ مَوْتِىْ فَكَانَّمَا زَارَنِىْ فِىْ حَيَاتِىْ وَمَنْ مَّاتَ بِاَحَدِ الْحَرَمَيْنِ بُعِثَ مِنَ الْاٰمِنِيْنَ يَوْمَ الْقِيٰمَةِ
जिस ने मेरी वफ़ात के बा'द मेरी ज़ियारत की उस ने गोया मेरी हयात में मेरी ज़ियारत की और जो हरमैने शरीफैन में से एक में मर गया वोह क़ियामत के दिन अम्न वालों की जमाअत में उठाया जाएगा।
इसी लिये सहाबए किराम رضى الله تعالى عنهم के मुक़द्दस ज़माने से ले कर आज तक तमाम दुन्या के मुसलमान क़ब्रे मुनव्वरह की ज़ियारत करते और आप की मुक़द्दस जनाब में तवस्सुल और इस्तिगा़सा करते रहे हैं और ان شاء اللہ تعالیٰ कियामत तक येह मुबारक सिल्सिला जारी रहेगा।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 849 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 740* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *(8) क़ब्रे अन्वर की ज़ियारत :*
*ज़रूरी तम्बीह :* नाज़िरीने किराम येह सुन कर हैरान होंगे कि मैं ने ब चश्मे खुद देखा है कि गुम्बदे खज़रा के अन्दर मुवाजहए अक्दस और उस के क़रीब मस्जिदे नबवी की दीवारों पर क़ब्रे अन्वर की ज़ियारत के फ़ज़ाइल के बारे में जो हदीसें कन्दा की हुई थीं, नज्दी हुकूमत ने उन हदीसों पर मसाला लगवा कर उन को मिटाने की कोशिश की है अगर्चे अब भी उस के बा'ज हुरूफ़ ज़ाहिर हैं। इसी तरह मस्जिदे नबवी के गुम्बदों के अन्दरूनी हिस्से में कुसीदए बुर्दा शरीफ के जिन अश्आर में तवस्सुल व इस्तिगासा के मज़ामीन थे उन सब को मिटा दिया गया है। बाक़ी अश्आर बाक़ी गुम्बदों पर उस वक़्त तक बाकी थे। मैं ने जो कुछ देखा है वोह जूलाई सि. 1959 ई. का वाकिआ है इस के बा'द वहां क्या तब्दीली हुई इस का हाल हुज्जाजे किराम से दरयाफ्त करना चाहिये!
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 849 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 741* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *(8) क़ब्रे अन्वर की ज़ियारत :*
*इब्ने तीमिया का फ़तवा :* बा'ज़ लोग अम्बियाए किराम और औलिया व शुहदा के मज़ारों की तरफ सफ़र करने को हराम व ना जाइज़ बताते हैं। चुनान्चे वहाबियों के मूरिसे आ'ला इब्ने तीमिया ने तो खुले अल्फ़ाज़ में येह फ़तवा दे दिया कि हुज़ूरे अकरम ﷺ के रौज़ए मुबारका के कस्द से सफर करना गुनाह है इस लिये इस सफर में नमाज़ों के अन्दर कस्र जाइज़ नहीं। معاذ الله
इब्ने तीमिया के इस फतवे से शाम व मिस्र में बहुत बड़ा फ़ितना बरपा हो गया। चुनान्चे शामियों ने इब्ने तीमिया के बारे में उलमाए हक़ से इस्तिफ़्ता तलब किया और अल्लामा बुरहान बिन काह फ़ज़ारी ने तक़रीबन चालीस सतरों में फ़तवा लिख कर इब्ने तीमिया को "काफ़िर" बताया और अल्लामा शहाब बिन जहबल ने इस फतवे पर अपनी मोहरे तस्दीक लगाई। फिर मिस्र में येही फ़तवा हनफ़ी, शाफेई, मालिकी, हम्बली, चारों मज़ाहिब के क़ाज़ियों के सामने पेश किया गया। चुनान्चे अल्लामा बद्र बिन जमाआ शाफेई ने इस पर येह फैसला तहरीर फ़रमाया कि इब्ने तीमिया को ऐसे फ़तावा बातिला से ब ज़ज्र व तौबीख मन्अ किया जाए अगर बाज़ न आए तो उस को कैद कर दिया जाए और मुहम्मद बिन अल जरीरी हनफ़ी ने येह हुक्म दिया कि इसी वक़्त बिला किसी शर्त के उस को कैद किया जाए और मुहम्मद बिन अबी बक्र मालिकी ने येह हुक्म दिया कि इस को इस किस्म की ज़ज्र व तौबीख की जाए कि वोह ऐसे मफ़ासिद से बाज़ आ जाए और अहमद बिन उमर मक्दसी हम्बली ने भी ऐसा ही हुक्म लिखा। नतीजा येह हुवा कि इब्ने तीमिया शा'बान सि. 726 हि. में दिमश्क़ के क़लए के अन्दर कैद किया गया और जेलखाने ही में 20 जुल का'द सि. 728 हि. को वोह इस दुन्या से रुख़्सत हुवा। मुवाखज़ए उख़रवी अभी बाकी है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 852 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 742* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *हदीस "لاتشدالر حال" :* इब्ने तीमिया और इस की मा'नवी औलाद या'नी फ़िर्क़ए वहाबिया क़ब्रे अन्वर की ज़ियारत से मन्अ करने के लिये बुखारी की इस हदीस को बतौरे दलील के पेश करते हैं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने इरशाद फरमाया कि
لَا تُشَدُّ الرِّحَالُ اِلَّا اِلٰى ثَلٰثَةِ مَسَاجِدَ الْمَسْجِدِ الْحَرَامِ وَمَسْجِدِ الرَّسُوْلِ وَمَسْجِدِ الْاَقْصٰى
कजावे न बांधे जाएं मगर तीन ही मस्जिदों या'नी मस्जिदे हराम व मस्जिदे रसूल व मस्जिदे अक़्सा की तरफ़!
इस हदीस का सीधा सादा मतलब जिस को तमाम शर्राहे हदीस ने समझा है येही है कि तमाम दुन्या में तीन ही मस्जिदें या'नी मस्जिदे हराम, मस्जिदे रसूल, मस्जिदे अक़्सा ऐसी मसाजिद हैं जिन को तमाम दुन्या की मस्जिदों पर अज्रो सवाब के मुआमले में एक खास फ़ज़ीलत हासिल है। लिहाज़ा इन तीन मस्जिदों की तरफ़ कजावे बांध कर दूर दूर से सफर कर के जाना चाहिये लेकिन इन तीन मस्जिदों के सिवा चूंकि दुन्या भर की तमाम मस्जिदें अज्रो सवाब के मुआमले में बराबर हैं। इस लिये इन तीन मस्जिदों के सिवा किसी दूसरी मस्जिद की तरफ कजावे बांध कर दूर दूर से सफर करने की कोई ज़रूरत नहीं है। इस हदीस को मशाहदए मक़ाबिर की तरफ सफर करने या न करने से तो कोई तअल्लुक नहीं है।
अगर इस बात को आलिमों की ज़बान में समझना हो तो यूं समझिये कि इस हदीस में اِلَّا اِلٰى ثَلٰثَةِ مَسَاجِدَ मुस्तसना मफ़रग़ है और "मुस्तसना मफ़रग" में "मुस्तसना मिन्ह" हमेशा वोही मुक़द्दर माना जाएगा जो मुस्तसना की नौअ हो मसलन "مَا جَاءَ نِىْ اِلَّا زَيْدٌ” में लफ़्ज़ حِسْمٌ या حَيْوَانٌ को मुस्तसना मिन्ह मुक़द्दर नहीं माना जाएगा और इस इबारत का मतलब مَاجَاءَ نِىْ حَيْوَانٌ اِلَّا زَيْدٌ या مَاجَاءَ نِىْ حِسْمٌ اِلَّا زَيْدٌ नहीं माना जाएगा बल्कि इस का मतलब येही माना जाएगा कि “مَا جَاءَ نِىْ رَجُلٌ اِلَّا زَيْدٌ” तो इस हदीस में भी "मुस्तसना मिन्ह" बजुज़ लफ़्ज़ "मस्जिद" और कोई दूसरा हो ही नहीं सकता लिहाज़ा हदीस की अस्ल इबारत येह हुई कि “لَا تُشَدُّ الرِّحَالُ اِلٰى مَسْجِدٍ اِلَّا اِلٰى ثَلٰثَةِ مَسَاجِدَ" या'नी तीन मस्जिदों के सिवा किसी दूसरी मस्जिद की तरफ कजावे न बांधे जाएं।
चुनान्चे इस हदीस की बा'ज़ रिवायात में येह लफ़्ज़ भी आया है। या'नी सुवारियों पर कजावे किसी मस्जिद की तरफ ब क़स्दे नमाज़ न बांधे जाएं सिवाए मस्जिदे हराम और मस्जिदे अक्सा और मेरी इस मस्जिद के।
मुलाहज़ा फरमाइये कि इस हदीस में मुस्तसना मिन्ह का ज़िक्र कर दिया गया है और वोह اِلٰى مَسْجِدٍ है बहर हाल वहाबिया خزلهم الله ने अदावते रसूल में इस हदीस का मतलब बयान करने में इतनी बड़ी जहालत का सुबूत दिया है कि क़ियामत तक तमाम अहले इल्म इन की इस जहालत पर मातम करते रहेंगे।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 852 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 743* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *बारगाहे खुदा वन्दी में रसूल का वसीला :* हुज़ूरे अक्दस ﷺ को बारगाहे इलाही में वसीला बना कर दुआ मांगना जाइज़ बल्कि मुस्तहब है। इसी को तवस्सुल व इस्तिगासा व तशफ़अ वगैरा मुख्तलिफ अल्फाज़ से ता'बीर किया जाता है। हुज़ूर عَلَيْهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَام को खुदा के दरबार में वसीला बनाना येह हज़राते अम्बिया मुर्सलीन की सुन्नत और सलफ़ सालिहीन का मुक़द्दस तरीका है। और येह तवस्सुल हुज़ूर ﷺ की विलादते शरीफ़ा से पहले आप की ज़ाहिरी हयात में और आप की वफ़ाते अक्दस के बा'द तीनों हालतों में साबित है। चुनान्चे हम यहां तीनों हालतों में आप से तवस्सुल करने की चन्द मिसालें निहायत ही इख़्तिसार के तौर पर ज़िक्र करते हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 854 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 744* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *(1) विलादत से क़ब्ल तवस्सुल :* रिवायत है कि हज़रते आदम عَلَيْهِ السَّلَام ने दुन्या में आ कर बारी तआला से यूं दुआ मांगी कि :
يَارَبِّ اَسْأَلُكَ بِحَقِّ مُحَمَّدٍ اَنْ تَغْفِرَ لِىْ
ऐ मेरे परवर दगार ! मैं तुझ से मुहम्मद (ﷺ) के वसीले से सुवाल करता हूं कि तू मुझे मुआफ़ फ़रमा दे।
अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया कि ऐ आदम ! तुम ने मुहम्मद (ﷺ) को किस तरह पहचाना हालां कि मैं ने अभी तक उन को पैदा भी नहीं फ़रमाया? हज़रते आदम عَلَيْهِ السَّلَام ने अर्ज़ किया कि ऐ मेरे परवर दगार ! जब तूने मुझे पैदा फरमा कर मेरे बदन में रूह फूंकी तो मैं ने सर उठा कर देखा कि अर्शे मजीद के पायों पर لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدٌّ رَّسُوْلُ اللّٰهِ लिखा हुवा है! इस से मैं ने समझ लिया कि तूने जिस के नाम को अपने नाम के साथ मिला कर अर्श पर तहरीर कराया है वोह यकीनन तेरा सब से बड़ा महबूब होगा। अल्लाह तआला ने फ़रमाया कि ऐ आदम (عَلَيْهِ السَّلَام) बेशक तुम ने सच कहा वोह मेरे नज़दीक तमाम मख्लूक से ज़ियादा महबूब हैं चूंकि तुम ने इन को मेरे दरबार में वसीला बनाया है इस लिये मैं ने तुम को मुआफ़ कर दिया और सुन लो कि अगर मुहम्मद (ﷺ) न होते तो मैं तुम को पैदा न करता। इस हदीस को इमाम बैहकी ने रिवायत फ़रमाया है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 855 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 745* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *बारगाहे खुदा वन्दी में रसूल का वसीला :*
*(2) ज़ाहिरी हयाते अक्दस में तवस्सुल :* हज़राते सहाबए किराम आप की मुक़द्दस मजालिस में हाज़िर हो कर जिस तरह अपनी दीन व दुन्या की तमाम हाजतें तलब फ़रमाते थे इसी तरह अपनी दुआओं में आप को वसीला भी बनाया करते थे। बल्कि खुद हुज़ूर ﷺ ने बा'ज़ सहाबा को येह ता'लीम दी कि वोह अपनी दुआओं में रसूल की मुक़द्दस जात को खुदा वन्दे तआला के दरबार में वसीला बनाएं। चुनान्चे "मो'जिज़ात" के ज़िक्र में आप एक नाबीना के बारे में येह हदीस पढ़ चुके कि एक नाबीना बारगाहे अक्दस में हाज़िर हुवा और अर्ज़ किया कि आप अल्लाह तआला से दुआ कर दें कि वोह मुझे आफ़िय्यत बख़्शे। आप ने फरमाया कि अगर तू चाहे तो मैं दुआ कर देता हूं और अगर तू चाहे तो सब्र कर, सब्र तेरे हक़ में अच्छा है। जब उस ने दुआ के लिये इस्रार किया तो आप ने उस को हुक्म दिया की तुम अच्छी तरह वुज़ू कर के यूं दुआ मांगो कि
اَللّٰهُمَّ اِنِّىْ اَسْئَلُكَ وَاَتَوَجَّهُ اِلَيْكَ بِنَبِيِّكَ مُحَمَّدٍ نَبِىِّ الرَّحْمَةِ يَا مُحَمَّدُ اِنِّىْ تَوَجَّهْتُ بِكَ اِلٰى رَبِّى فِىْ حَاجَتِىْ هٰذِهِ لِتُقْضَى لِىْ اَللّٰهُمَّ فَشَفَعَهُ فِىَّ
या अल्लाह ! मैं तेरी बारगाह में सुवाल करता हूं और तेरे नबी, नबिय्ये रहमत का वसीला पेश करता हूं या मुहम्मद (ﷺ) ! मैं ने अपने परवर दगार की बारगाह में आप का वसीला पेश किया है अपनी इस ज़रूरत में ताकि वोह पूरी हो जाए या अल्लाह ! तू मेरे हक में हुज़ूर की शफाअत क़बूल फ़रमा!
इस हदीस को तिरमिज़ी व नसाई ने रिवायत किया है और तिरमिज़ी ने फ़रमाया هذا حديث حسن صحيح غريب और इमाम बैहकी व तबरानी ने भी इस हदीस को सहीह कहा है मगर इमाम बैहकी ने इतना और कहा है कि उस नाबीना ने ऐसा किया और उस की आंखें अच्छी हो गईं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 856 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 746* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ उम्मत पर हुज़ूर ﷺ के हुक़ूक़ ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
*हम गरीबों के आक़ा पे बेहद दुरूद*
*हम फकीरों की सरवत पे लाखों सलाम*
࿐ *बारगाहे खुदा वन्दी में रसूल का वसीला :*
*दुआए नबवी में वसीला :* हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه की वालिदए माजिदा हज़रते फातिमा बिन्ते असद رضى الله تعالیٰ عنها का जब इनतिकाल हुवा और उन की क़ब्र तय्यार हो गई तो खुद हुज़ूरे अकरम ﷺ ने अपने दस्ते मुबारक से उन की क़ब्र की लहद खोदी फिर उस क़ब्र में लेट कर आप ने यूं दुआ फरमाई कि
या अल्लाह ! मेरी मां (चची) फातिमा बिन्ते असद को बख़्श दे और इस पर इस की क़ब्र को कुशादा फ़रमा दे। ब वसीला अपने नबी के और उन नबियों के वसीले से जो मुझ से पहले हुए हैं क्यूं कि तू अरहमुर्राहिमीन है।
जब हुज़ूरे अकरम ﷺ बचपन में अबू तालिब की कफ़ालत में थे तो हुज़ूर की येह चची या'नी अबू तालिब की बीवी फ़ातिमा बिन्ते असद आप का बड़ा खास खयाल रखती थीं येह उसी एहसान का बदला था कि आप ने इन को अपनी चादरे मुबारक का कफ़न पहनाया और खुद अपने दस्ते रहमत से उन की क़ब्र की लहद खोदी और उन की क़ब्र में कुछ देर लेट कर दुआ फरमाई।
الله اکبر
! वल्लाह ! उस क़ब्र में क़ियामत तक रहमत के फूलों की बारिश होती रहेगी जिस क़ब्र वाले पर रहमतुल्लिल आलमीन की रहमत का इतना बड़ा करम हुवा।
اَللّٰهُمَّ صَلِّ وَسَلَّمْ وَبَارِكْ عَلَى نَبِيِّكَ نَبِيِّ الرَّحْمَةِ وَالِهِ وَصَحْبِهِ دَائِمًا اَبَدًا
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 856 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 747* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ बारगाहे खुदा वन्दी में रसूल का वसीला ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *(3) वफ़ाते अक़्दस के बा'द तवस्सुल :* वफ़ाते अक्दस के बा'द भी हज़राते सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم अपनी हाजतों और मुसीबतों के वक़्त हुज़ूर ﷺ को अपनी दुआओं में वसीला बनाया करते थे बल्कि आप को पुकार कर आप से इस्तिगासा किया करते थे।
*बारिश के लिये इस्तिगासा :* हज़रते अमीरुल मोमिनीन फारूके आ'ज़म رضى الله تعالیٰ عنه दौरे खिलाफत में कहत पड़ गया तो हज़रते बिलाल बिन हारिस सहाबी رضى الله تعالیٰ عنه ने रसूलुल्लाह ﷺ की क़ब्रे अन्वर पर हाज़िर हो कर अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! अपनी उम्मत के लिये बारिश की दुआ फरमाएं वोह हलाक हो रही है। रसूल ﷺ ने ख़्वाब में उन से इरशाद फ़रमाया कि तुम हज़रते उमर के पास जा कर मेरा सलाम कहो और बिशारत दे दो कि बारिश होगी और येह भी कह दो कि वोह नर्मी इख़्तियार करें। उस शख्स ने बारगाहे खिलाफत में हाज़िर हो कर ख़बर कर दी। हज़रते उमर رضى الله تعالیٰ عنه येह सुन कर रोए फिर कहा ऐ रब ! मैं कोताही नहीं करता मगर उसी चीज़ में कि जिस से मैं आजिज़ हूं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 857 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 748* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ बारगाहे खुदा वन्दी में रसूल का वसीला ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *(3) वफ़ाते अक़्दस के बा'द तवस्सुल :*
*फतह के लिये आप का वसीला :* अमीरुल मोमिनीन हज़रते फारूके आज़म رضى الله تعالیٰ عنه ने हज़रते अब्दुल्लाह बिन क़रत رضى الله تعالیٰ عنه के हाथ अपना खत अमीरे लश्कर हज़रते अबू उबैदा बिन अल जर्राह رضى الله تعالیٰ عنه के नाम मक़ामे "यरमूक" में भेजा और सलामती की दुआ मांगी। हज़रते अब्दुल्लाह बिन क़रत رضى الله تعالیٰ عنه जब मस्जिदे नबवी से बाहर आए तो उन को ख़याल आया कि मुझ से बड़ी गलती हुई कि मैं ने रौज़ए अक्दस पर सलाम नहीं अर्ज़ किया। चुनान्चे वापस जा कर जब क़ब्रे अन्वर के पास हाज़िर हुए तो वहां हज़रते आइशा, हज़रते अब्बास, व हज़रते अली व हज़रते इमामे हसन व हज़रते इमामे हुसैन رضى الله تعالیٰ عنهم हाज़िर थे। हज़रते अब्दुल्लाह बिन क़रत رضى الله تعالیٰ عنه ने उन हज़रात से जंगे यरमूक में इस्लाम की फतह के लिये दुआ की दरख्वास्त की तो हज़रते अली व हज़रते अब्बास رضى الله تعالیٰ عنهما ने हाथ उठा कर यूं दुआ मांगी कि
या अल्लाह ! हम उस नबिय्ये मुस्तफ़ा और रसूले मुज्तबा कि जिन के वसीले से हज़रते आदम عَلَيْهِ السَّلام की दुआ क़बूल हो गई और खुदा ने उन को मुआफ़ फ़रमा दिया इन ही के वसीले से दुआ करते हैं कि तू हज़रते अब्दुल्लाह बिन क़रत पर इस का रास्ता आसान कर दे और दूर को नज़दीक कर दे और अपने नबी के अस्हाब की मदद फरमा कर उन को फत्ह अता फरमा दे।
इस के बा'द हज़रते अली رضى الله تعالیٰ عنه ने हज़रते अब्दुल्लाह बिन क़रत رضى الله تعالیٰ عنه से फरमाया की अब आप जाइये। अल्लाह तआला हज़रते उमर व अब्बास व अली व हसन व हुसैन व अज़्वाजे नबी (رضى الله تعالیٰ عنهم) की दुआ को रद नहीं फरमाएगा जब कि इन लोगों ने उस की बारगाह में उस नबी का वसीला पकड़ा है जो अकरमुल खल्क़ हैं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 858 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 749* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ बारगाहे खुदा वन्दी में रसूल का वसीला ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *(3) वफ़ाते अक़्दस के बा'द तवस्सुल :*
*हज़रते उमर की दुआ में वसीला :* हज़रते अनस رضى الله تعالیٰ عنه का बयान है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते उमर رضى الله تعالیٰ عنه जब उन के दौरे खिलाफत में कहत पड़ जाता था तो वोह बारिश के लिये इस तरह दुआ मांगा करते थे कि
या अल्लाह ! हम तेरे नबी को वसीला बना कर दुआ मांगा करते थे तो उस वक़्त तू हम को बारिश दिया करता था अब हम तेरे दरबार में तेरे नबी के चचा (हज़रते अब्बास) को वसीला बना कर दुआ करते हैं लिहाज़ा तू हम को बारिश अता फरमा!
अल गरज़ सहाबए किराम رضى الله تعالیٰ عنهم اجمعین के बा'द ताबिईन व तबए ताबिईन और दूसरे सलफ सालिहीन ने हमेशा हुज़ूर रहमतुल्लिल आलमीन ﷺ की जाते अक्दस से तवस्सुल व इस्तिगासे का सिल्सिला जारी रखा और बि हम्दिही तआला अहले सुन्नत व जमाअत में आज तक इस का सिल्सिला जारी है। और ان شاء الله تعالیٰ कियामत तक जारी रहेगा। इस सिल्सिले में सेंकड़ों ईमान अफ्रोज़ वाकिआत पेशे नज़र हैं। लेकिन किताब के तवील हो जाने का खतरा कलम पर करफ़्यू लगाए हुए है फिर भी चन्द वाक़िआत तहरीर करता हूं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 859 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 750* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ बारगाहे खुदा वन्दी में रसूल का वसीला ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *(3) वफ़ाते अक़्दस के बा'द तवस्सुल :*
*हुज़ूर ﷺ ने अस्सी दीनार अता फरमाए :* मशहूर हाफिजुल हदीस हज़रते मुहम्मद बिन मुन्कदिर (मुतवफ़्फ़ा सि. 205 हि.) का बयान है कि एक शख्स ने मेरे वालिद के पास अस्सी दीनार बतौरे अमानत रखे और येह कह कर जिहाद में चला गया कि मेरी वापसी तक अगर तुम्हें इस की ज़रूरत पड़े तो खुद खर्च कर लेना। वालिद ने कहत साली में येह रकम खर्च कर डाली। उस शख्स ने जिहाद से वापस आ कर अपनी रकम का मुतालबा किया। वालिद ने उस से वा'दा कर लिया कि कल आना और रात मस्जिदे नबवी में गुज़ारी कभी क़ब्रे अन्वर से लिपटते, कभी मिम्बरे अत्हर से चिमटते इसी हाल में सुब्ह कर दी अभी कुछ अंधेरा ही था कि ना गहां एक शख्स नुमूदार हुवा वोह येह कह रहा था कि ऐ अबू मुहम्मद ! येह लो ! वालिद ने हाथ बढ़ाया तो क्या देखते हैं कि वोह एक थेली है जिस में अस्सी दीनार हैं सुब्ह को वालिद ने वोही दीनार उस शख्स को दे दिये। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 859 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 751* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ बारगाहे खुदा वन्दी में रसूल का वसीला ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *(3) वफ़ाते अक़्दस के बा'द तवस्सुल :*
*कब्रे अन्वर से रोटी मिली :* मशहूर बुजुर्ग और सूफी हज़रते इब्ने जलाद رحمتہ اللہ تعالیٰ علیہ का बयान है कि मैं मदीनए मुनव्वरह में दाखिल हुवा और फाके से था मैं ने क़ब्रे अन्वर पर हाज़िर हो कर अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ) मैं आप का मेहमान हूं इतना अर्ज़ कर के मैं सो गया। ख़्वाब में हुज़ूर नबिय्ये अकरम ﷺ ने मुझे एक रोटी इनायत फरमाई आधी मैं ने खा ली। जब आंख खुली तो आधी रोटी मेरे हाथ में थी। سبحان الله
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 860 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 752* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ बारगाहे खुदा वन्दी में रसूल का वसीला ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *(3) वफ़ाते अक़्दस के बा'द तवस्सुल :*
*इमाम तबरानी को कैसे खाना मिला?* इमाम अबू बक्र मकरी कहते हैं कि मैं और इमाम तबरानी और अबू शैख तीनों हरमे नबवी में फाके से थे जब इशा का वक़्त आया तो मैं ने क़ब्र शरीफ के पास हाज़िर हो कर अर्ज़ किया या रसूलल्लाह (ﷺ) ! "हम लोग भूके हैं।" येह अर्ज़ कर के मैं लौट आया।
इमाम अबुल कासिम तबरानी ने मुझ से कहा कि बैठों रिज़्क़ आएगा या मौत। अबू बक्र मक़री का बयान है कि मैं और अबुश्शैख तो सो गए मगर तबरानी बैठे हुए थे कि एक अलवी ने आ कर दरवाज़ा खटखटाया। हम ने खोला तो क्या देखते हैं कि उन के साथ दो गुलाम हैं जिन में से हर एक के हाथ में एक टोकरी है जो क़िस्म क़िस्म के खानों से भरी हुई है। हम लोगों ने बैठ कर खाया और ख़याल किया कि बचे हुए खाने को गुलाम ले लेगा मगर वोह बाक़ी खाना भी हमारे पास छोड़ कर चला गया। जब हम खाने से फारिग हुए तो अलवी ने हम से कहा कि क्या तुम ने हुज़ूर नबिय्ये करीम ﷺ से फरयाद की थी क्यूं कि रसूलुल्लाह ﷺ ने ख़्वाब में मुझे हुक्म दिया कि मैं तुम्हारे पास कुछ खाना ले जाऊं।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 860 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 753* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ बारगाहे खुदा वन्दी में रसूल का वसीला ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *(3) वफ़ाते अक़्दस के बा'द तवस्सुल :*
*एक ज़ालिम पर फ़ालिज गिरा :* एक शख्स ने रौज़ए अक्दस के पास नमाज़े फज्र के लिये अज़ान दी और जूही उस ने "اَلصَّالٰوةُ خَيْرٌ مِّنَ النَّوْمِ" कहा, खुद्दामे मस्जिद में से एक शख़्स ने उठ कर उस को एक ठप्पड़ मारा। उस शख्स ने रो कर अर्ज़ किया कि या रसूलल्लाह (ﷺ)! "आप के हुज़ूर में मेरे साथ येह सुलूक किया जाता है?" उसी वक़्त उस खादिम पर फालिज गिरा। उसे वहां से उठा कर ले गए और वोह तीन दिन के बा'द मर गया।
अल गरज़ हज़राते अम्बियाए किराम عَلَيْهِمُ السَّلَام और औलियाए उज़ाम رضى الله تعالیٰ عنهم से तवस्सुल और इस्तिगासा जाइज़ बल्कि मुस्तहसन है। येही वजह है कि लाखों उलमाए रब्बानिय्यीन व औलियाए कामिलीन हर दौर में बुजुर्गाने दीन से नज़्म व नस्र में तवस्सुल व इस्तिगासा करते रहे और येही अहले सुन्नत व जमाअत का मुक़द्दस मज़हब है।
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 861 📚*
*📮NexT ◍* आगे इन्शाअल्लाह तआला जारी रहेगा.!
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
🌴 •┄┅┅┅┅┅❂ ❀ ﷽ ❀ ❂┅┅┅┅┅┈•🌴
اَلصَّلوٰةُ وَالسَّلَامُ عَلَیۡكَ يَـــــــــــــــــــــــــــارَسُوۡلَ اللّٰهِ ﷺ
*🌹✨ सीरते मुस्तफा صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم*
❘༻ *पोस्ट नम्बर :- 754* ༺
इक्कीसवां बाब
*❝ बारगाहे खुदा वन्दी में रसूल का वसीला ❞*
••─────────•◦❈◦•─────────••
࿐ *(3) वफ़ाते अक़्दस के बा'द तवस्सुल :*
*हज़रते इमामे आ'ज़म का इस्तिगा़सा :-* अगर हम इस की मिसालें तहरीर करें तो किताब बहुत तवील हो जाएगी मिसाल के तौर पर हम सिर्फ इमामे आ'ज़म अबू हनीफा رضى الله تعالیٰ عنه के क़सीदे में से तीन अश्आर तबर्रुकन नक्ल करते हैं जिन में हज़रते इमाम मौसूफ ने किस तरह दरबारे रिसालत में अपना इस्तिगासा पेश किया है इस को ब निगाहे इब्रत देखिये और इन्ही अश्आर पर हम अपनी किताब को ख़त्म करते हैं, मुलाहज़ा फरमाइये :
يَا سَيِّدَ السَّادَاتِ جِئْتُكَ قَاصِدًا
اَرْجُوْا رِضَاكَ وَاَحْتَمِىْ بِحِمَاكَ
اَنْتَ الَّذِىْ لَوْلَاكَ مَا خُلِقَ امْرَؤٌ
كَلَّا وَّلَا خُلِقَ الْوَرٰى لَوْلَاكَ
اَنَا طَامِعٌ بِالْجُوْدِ مِنْكَ وَلَمْ يَكُنُ
لِاَ بِىْ حَنِيْفَةَ فِى الْاَنَامِ سِوَاكَ
(قصيدة نعمانیه)
तर्जमा : ऐ सय्यिदुस्सादात ! मैं आप के पास क़स्द कर के आया हूं मैं आप की खुशनूदी का उम्मीद वार हूं और आप की पनाह गाह में पनाह गुज़ीन हूं। आप की वोह ज़ात है कि अगर आप न होते तो कोई आदमी पैदा न किया जाता और न कोई मख्लूक आलमे वुजूद में आती। मैं आप के जूदो करम का उम्मीद वार हूं। आप के सिवा तमाम मख्लूक में अबू हनीफ़ा का कोई सहारा नहीं!
واخر دعوٰنا ان الحمد للّٰه رب العٰلمين واكرم الصلوٰة وافضل السلام على سيد المرسلين واٰله الطيبين اصحابه المكرمين وعلٰى اهل طاعته اجمعین برحمته وهو ارحم الراحمين اٰمين يارب العالمين .
*📬 क़िताब :- सीरते मुस्तफा ﷺ सफ़ह - 862 📚*
*Post End........*
𝖏𝖔𝖎𝖓 𝕲𝖗𝖔𝖚𝖕🪀https://wa.me/917566980838
*☝🏻 हमारी दावत सच्चे दीन की तरफ.. { इस्लाम }*
*📝 आओ इ़ल्म -ए- दीन सीखें और सिखाए.!✍🏻*
✜─━━━━━━━ ▣▣ 🥏 ▣▣ ━━━━━━━─✜
No comments:
Post a Comment