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❝ अल्लाह वालों की बातें ❞
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❝ अल्लाह वालों की बातें ❞
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❝ औलियाए किराम की दुश्मनी से बचो ❞
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⚘❆➮ हम औलिया अल्लाह रहमतुल्लाह तआला अलैह की तन्कीस (या'नी शान घटाना) कैसे गवारा करें जब कि उन को ईज़ा देने वाले, अल्लाह के साथ ए'लाने जंग करते हैं जैसा कि अहादीसे मुबारका में आया है।
⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि नूर के पैकर, तमाम नबियों के सरवर, दो जहां के ताजवर, सुल्ताने बहूरो बर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि अल्लाह अज़्ज़वज़ल इरशाद फ़रमाता है : "जिस ने किसी वली को अज़िय्यत दी मैं उस से ए'लाने जंग करता हूं और बन्दा मेरा कुर्ब सब से ज़ियादा फ़राइज़ के जरीए हासिल करता है और नवाफ़िल के जरीए मुसलसल कुर्ब हासिल करता रहता है यहां तक कि मैं उस से महब्बत करने लगता हूं। जब मैं बन्दे को महबूब बना लेता हूं तो मैं उस के कान बन जाता हूं जिस से वोह सुनता है। उस की आंख बन जाता हूं जिस से वोह देखता है। उस का हाथ बन जाता हूं जिस से वोह पकड़ता है और उस के पाउं बन जाता हूं जिस से वोह चलता है। फिर वोह मुझ से सुवाल करे तो मैं उसे अता करता हूं। मेरी पनाह चाहे तो पनाह देता हूं और मैं किसी काम के करने में कभी इस तरह तरहुद नहीं करता जिस तरह जाने मोमिन कब्ज़ करते वक्त तरहुद करता हूं कि वोह मोत को ना पसन्द करता है और मैं उस के मकरूह समझने को बुरा जानता हूं।..✍
📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 47 📚
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 02
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❝ औलियाए किराम की दुश्मनी से बचो ❞
••──────────────────────••►⚘❆➮ उम्मुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदतुना आइशा सिद्दीका रादिअल्लाहु तआला अन्हा से रिवायत है कि हुजूर नबिय्ये पाक, साहिबे लौलाक, सय्याहे अफ्लाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि अल्लाह अज़्ज़वज़ल इरशाद फ़रमाता है : "जिस ने मेरे किसी वली को अज़िय्यत दी उस ने अपने लिये मेरी जंग हलाल ठहरा ली।
⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन उमर रादिअल्लाहु तआला अन्हु बयान करते हैं कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर बिन ख़त्ताब रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने मुआज बिन जबल रादिअल्लाहु तआला अन्हु को हुजूर नबिय्ये मुकर्रम, नूरे मुजस्सम, शाहे बनी आदम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के रौज़ए अन्वर के पास बैठ कर रोते हुवे देख कर सबब दरयाफ़्त फ़रमाया तो हज़रते सय्यिदुना मुआज बिन जबल रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने " बताया कि मुझे उस बात ने रुलाया है जो मैं ने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से सुनी है कि "थोड़ी सी रियाकारी भी शिर्क है और जिस ने अल्लाह के किसी वली से दुश्मनी की उस ने अल्लाह अज़्ज़वज़ल से ए'लाने जंग किया।...✍
📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 47-48 📚
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 03
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❝ औलियाए किराम की सिफ़ात व अलामात ❞
••──────────────────────••►⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना इमाम हाफ़िज़ अबू नुऐम अहमद बिन अब्दुल्लाह अस्फ़हानी रहमतुल्लाह तआला अलैह फ़रमाते हैं : "जान लो ! अल्लाह के दोस्तों की कुछ जाहिरी सिफ़ात और मशहूर अलामात हैं।"
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अम्बिया व शुहदा भी रश्क करेंगे
••──────────────────────••►⚘❆➮ अक्लमन्द नेक लोग औलियाए किराम रहमतुल्लाह तआला अलैह की दोस्ती के सबब उन के मुतीअ व फ़रमां बरदार होते हैं (कियामत के दिन) अम्बियाए किराम व शुहदाए उज्जाम अलैहि सलातो सलाम भी उन के मर्तबे पर रश्क करेंगे। जैसा कि हदीस शरीफ़ में है।..✍
📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 48 📚
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 04
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❝ औलियाए किराम की सिफ़ात व अलामात ❞
••──────────────────────••►⚘❆➮ चुनान्चे, अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फ़ारूक़ से मरवी है कि सय्यिदुल मुबल्लिगीन, रहमतुल्लिल आलमीन सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : "बेशक अल्लाह अज़्ज़वज़ल के कुछ बन्दे ऐसे हैं कि न वोह नबी हैं, न शहीद लेकिन कियामत के दिन अल्लाह की तरफ़ से उन को मिलने वाले रुत्बे पर अम्बिया व शुहदा भी रश्क करेंगे।" एक शख्स ने अर्ज की : "हमें उन के आ'माल के बारे में बताएं ताकि हम भी उन से महब्बत करें !" आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : येह वोह लोग हैं जो बिगैर किसी रिश्तेदारी और लैन दैन के महज़ अल्लाह की रिज़ा के लिये एक दूसरे से महब्बत करेंगे। अल्लाह की क़सम ! उन के चेहरे रौशन होंगे और वोह नूर के मिम्बरों पर जल्वागर होंगे। जब लोग खौफ में मुब्तला होंगे तो उन्हें खौफ़ न होगा और जब लोग गमगीन होंगे तो उन्हें कोई गम न होगा फिर आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने येह आयते मुबारका तिलावत फ़रमाई :
سنن ابن ماجه ابواب الفتن، باب من ترجم له السلامة من الفتن الحديث: ۳۹۸۹،ص۲۷۱۹
⚘❆➮ तर्जमए कन्जुल ईमान : सुन लो बेशक अल्लाह के वलियों पर न कुछ खौफ है न कुछ ग़म।..✍
📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 48-49 📚
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 05
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❝ अल्लाह याद आ जाता है। ❞
••──────────────────────••►⚘❆➮ औलियाए किराम अपने हम नशीनो को कामिल जिक्र और दोस्तों को नेकी की राह पर लगा देते हैं (और उन्हें देख कर अल्लाह याद आ जाता है)। चुनान्चे..
⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अम्र बिन जमूह رضي الله عنه से रिवायत है कि हुज़र ﷺ ने इरशाद फ़रमाया कि अल्लाह इरशाद फरमात है : "मेरे औलिया और महबूब बन्दे वोह हैं जो मेरा जिक्र करते हैं और मैं उन का चरचा करता हूँ।..✍
📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 49 📚
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 06
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❝ ☝🏻 अल्लाह याद आ जाता है। ❞
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⚘❆➮ हजरते सय्यिदुना अबू सईद رضي الله عنه से रिवायत है कि हुज़ूर ﷺ की बारगाह में अर्ज की गई : "औलियाउल्लाह कौन लोग हैं? " इरशद फरमाया : "ऑलियाउल्लाह वोह हैं जिन्हें देख कर अल्लाह याद आ जाए।"
⚘❆➮ हज़रते सय्यिदतुन अस्मा बिन्ते यज़ीद رضي الله عنه से रिवायत है कि हुज़ूर ﷺ ने इरशद फ़रमाय : "क्या मैं तुम्हें बेहतरीन लोगों के नाम न बताऊं?" सहाबए किरम ने अर्ज की : "क्यूं नहीं।" तो आप ने इरशाद फ़रमाया : “(तुम में बेहतरीन लोग) वोह हैं जिन्हें देख कर अल्लाह याद आ जाए।..✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 49 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 07
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❝ फितनो से आफिय्यत❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम फ़ितनों से महफूज़ और दुन्यावी मशक्कतों से बचे रहते हैं।
⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन उमर رضي الله عنه से मरवी है कि सरकारे मदीना ﷺ ने इरशाद फ़रमाया : अल्लाह के कुछ ख़ास बन्दे ऐसे हैं जिन्हें वोह अपनी रहमत से रिज्क अत फ़रमाता है। ज़िन्दगी में हिफ्ज़ों अमान और बादे विसल जन्नत अता फरमाता है। येह वोह लोग हैं जिन पर फ़ितने रात की तारीकी की तरह छा जाते हैं, लेकिन वोह इन से आफ़िय्यत में रहते हैं।…✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 49 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 08
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❝ अल्लाह अज़्ज़वजल क़सम पूरी फ़रमाता है! ❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम खाने और लिबास के मुआ़मले में ख़स्ता हाल होते हैं मसाइबो हादिसात में (अगर वोह किसी मुआ़मले में अल्लाह अज़्ज़वजल पर क़सम खा लें तो) अल्लाह अज़्ज़वजल उन की कसम पूरी फ़रमा देता है। चुनान्चे,
⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अनस बिन मालिक रादिअल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि हुस्ने अख़्लाक़ के पैकर, नबियों के ताजवर, महबूबे रब्बे अक्बर ﷺ ने इरशाद फ़रमाया बहुत से ज़ईफ़, कमज़ोर, बोसीदा लिबास वाले ऐसे होते हैं कि अगर वोह अल्लाह अज़्ज़वजल पर कसम खा लें तो अल्लाह अज़्ज़वजल उन की क़सम को पूरा फ़रमा देता है और बरा बिन मालिक रादिअल्लाहु तआला अन्हु भी उन्हीं में से हैं।..✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 50 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 09
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❝ अल्लाह अज़्ज़वजल क़सम पूरी फ़रमाता है! ❞
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⚘❆➮ रावी कहते हैं : इस के बाद हज़रते सय्यिदुना बरा बिन मालक رضي الله عنه मुशरिकीन के खिलाफ़ एक लड़ाई में शरीक हुवे। उस जंग में मुशरिर्कन ने मुसलमानों को बहुत ज़ीयादा नुक्सान पहुंचाया तो मुसलमानों ने हज़रते सय्यिदुना बरा बिन मालिक رضي الله عنه से कहा : "ऐ बरा हुजूर ﷺ इरशाद फरमाया है कि अगर तुम अल्लाह पर कसम खाओ तो अल्लाह ज़रूर तुम्हारी कसम को पूरा फरमाएगा पस आप (मुशरिकीन के खिलाफ़) अल्लाह पर क़सम खा लीजिये !" हज़रते बरा ने बारगाहे खुदावन्दी में अर्ज़ की : "या अल्लाह मैं तुझे कसम देता हूं कि हमें मुशरिकीन पर गलबा अता फरमा।" आप की येह दुआ कबूल हुई और अल्लाह ने मुसलमानों को मुशारेकीन पर गलबा अता फरमा दिया। फिर एक मरतबा "सोस" के पुल पर मुसलमानों का कुफ्फ़ार से आमना सामना हुवा तो कुफ्फार ने मुसलमानों को सख्त नुक्सान पहुंचाया!..✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 50 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 10
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❝ अल्लाह अज़्ज़वजल क़सम पूरी फ़रमाता है! ❞
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⚘❆➮ मुसलमानों ने कहा : ऐ बरा अपने रब पर कसम खाइये !" उन्हों ने अर्ज की : "या अलाह ! मैं तुझे कसम देता हूं कि हमें कुफ्फार पर गलबा अता फरमा और मुझे अपने नबी ﷺ के साथ मिला दे (यानी शहादत अता फरमा)।" हज़रते सय्यदुना बरा बिन मालिक की येह दुआ भी कबूल हुई और मुसलमनों को फ़त्ह नसीब हुई और आप शहीद हो गए।
⚘❆➮ हज़रते सय्यदुन अबू हुरैरा رضي الله عنه से मरवी है कि हुज़र ﷺ ने इरशाद फ़रमाया : "बहुत से परागन्दा हाल, बोसीदा लिबास वाले ऐसे होते हैं कि लोग उन से नज़रें फेर लेते हैं (लेकिन उन की शान येह होती है कि) अगर वोह अल्लाह पर कसन खा लें तो अल्लाह उन की क़सम को ज़रूर पूर फ़रमा देता है।...✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 50-51 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 11
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❝ औलियाए किराम के तसर्रुफात ❞
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⚘❆➮ औलियए किराम के यक़ीन की ताकत से चट्टानें शक हो जाती हैं और इन के इशारे से समन्दर फट जाते (यानी रास्ता दे देते) हैं। चुनान्चे
⚘❆➮ हज़रते सय्यदुना अब्दुल्लाह बिन मसऊद رضي الله عنه से मरवी है कि उन्हों ने तक्लीक में मुब्तला एक शख़्स के कान में कुछ पढ़ा तो वोह ठीक हो गया हुज़ूर ﷺ ने उन से दरयाफ्त फ़रमाया : “तुम ने उस के कान क्या पढ़ा है ? उन्हों ने अर्ज की : मैं ने येह आयाते मुबारका तिलावत की हैं : तो क्या येह समझते हो कि हम ने तुम्हें बेकार बनाया और तुम्हें हमारी तरफ फिरना नहीं तो बहुत बुलन्दी वाला है अल्लाह सच्चा बादशाह कोई मा बूद नहीं सिवा उस के इज्जत वाले अर्श का मालिक और जो अल्लाह के साथ किसी दूसरे खुदा को पूजे जिस की उस के पास कोई सनद नहीं तो उस का हिसाब उस के रब के यहा है बेशक काफिरो का छुटकारा नहीं और तुम अर्ज करो ऐ मेरे रब बख़्श दे और रहम फरमा और तू सब से बरतर रहम करने वाला।
📔 पारा 18, अल-मुअमीनून: 115-118
⚘❆➮ हुज़ूर ﷺ ने इरशाद फ़रमया :"अगर कोई शख्स इन आयात को यकीन के साथ पहाड़ पर पड़े तो वोह भी अपनी जगह से हट जाए।...✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 51 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 12
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❝ औलियाए किराम के तसर्रुफात ❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम के यक़ीन की ताकत से चट्टाने शक हो जाती है और इन के इशारे से समंदर फट जाते है, चुनांचे...
⚘❆ हज़रते सय्यिदुना सहम बिन मिन्जाब رضي الله عنه से मरवी है, फ़रमाते हैं : "हम ने हज़रते सय्यदुना अला बिन हज़रमी رضي الله عنه के साथ जिहाद में शिर्कत की। जब हम चलते चलते “दारैन" के मकाम पर पहुंचे जहां हमारे और दुश्मन के दरमेयान समन्दर हाइल था तो इजरते सय्यिदुना अला बिन हज़रमी رضي الله عنه ने येह दुआ मांगी : ऐ इल्म वाले, ऐ हिल्म वाले, ऐ बुलन्दो बरतर, ऐ अजमत वाले मालिको मौला ! हम तेरे बन्दे हैं और तेरी राह में तेरे दुश्मन से जिहाद करने निकले हैं। या अल्लाह हमारे लिये उन तक पहुंचने का रास्ता बना, हमें समन्दर के उस पार लगा।" हज़रते साय्यदुना सहम बिन मिन्जाब رضي الله عنه फरमाते है : "फिर हम घोड़े पर सवार समंदर में कूद गए और पानी हमारे घोड़े की ज़ीन तक भी न पहुंचा की हम दुश्मनों तक पहुंच गए।...✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 52 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 13
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❝ औलियाए किराम के तसर्रुफात ❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम हर जमाने में दूसरे तमाम लोगों से (नेकियों के मुआमले में) आगे होते हैं इन्ही के इख्लास के सबब बारिश बरस्ती और लोगों की मदद की जाती है।चुनान्चे...
⚘❆ हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन अम्र رضي الله عنه से मरवी है कि ताजदारे रिसालत ﷺ ने इरशाद फ़रमाया : "हर दौर में मेरी उम्मत के कुछ लोग साबिकीन (यानी नेकियों में सब्कत ले जाने वाले) होंगे।...✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 53 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 14
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❝ औलियाए किराम के तसर्रुफात ❞
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⚘❆ हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन उमर रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि नूर के पैकर, तमाम नबियों के सरवर, दो जहां के ताजवर, सुल्ताने बहूरो बर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : "40 अबदाल और 500 बेहतरीन लोग मेरी उम्मत में हमेशा रहते हैं। न 500 में कमी आती है न 40 में जब भी उन 40 में से किसी का विसाल होता है तो अल्लाह 500 में से एक को उस के मक़ामो मर्तबे पर फ़ाइज़ फ़रमा देता है और यूं 40 में कमी पूरी फ़रमा देता है।" सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हुम ने अर्ज़ की : “या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम हमें उन के आ'माल इरशाद फ़रमाइये!" फ़रमाया : "जो उन पर जुल्म करे वोह उसे मुआफ़ कर देते हैं, जो उन से बुराई करे वोह उस से भलाई करते हैं और अल्लाह ने जो कुछ उन्हें अता फरमाया उस से लोगों की गम ख्वारी करते हैं।"..✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 53 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 15
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❝ औलियाए किराम के तसर्रुफात ❞
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⚘❆➮हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन मसऊद रादिअल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि हुजूर नबिय्ये करीम, रऊफुर्रहीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : "मख्लूक में से अल्लाह के 30 बन्दे ऐसे हैं जिन के दिल हज़रते आदम सफ़िय्युल्लाह (अलैहिस्सलाम) के दिल पर हैं। 40 के दिल हज़रते मूसा कलीमुल्लाह (अलैहिस्सलाम) के दिल पर 7 के दिल हज़रते इब्राहीम खलीलुल्लाह (अलैहिस्सलाम) के दिल पर 5 के दिल हज़रते जिब्राईल (अलैहिस्सलाम) के दिल पर और 3 अफ़राद के दिल हज़रते मीकाईल (अलैहिस्सलाम) के दिल पर हैं और अल्लाह की मख्लूक में से एक बन्दए ख़ास का दिल हज़रते इस्राफ़ील (अलैहिस्सलाम) के दिल पर है । जब उस बन्दए खास का इन्तिकाल होता है तो अल्लाह उन 3 में से एक को उस की जगह मुकर्रर फ़रमा देता है!..✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 53 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 16
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❝ औलियाए किराम के तसर्रुफात ❞
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⚘❆➮ और जब उन 3 में से किसी का इन्तिकाल होता है तो उस की जगह उन 5 में से एक को मुकर्रर फ़रमा देता है जब 5 में से किसी का विसाल होता है तो 7 में से किसी एक को उस की जगह मुकर्रर कर। देता है। जब उन 7 में से किसी का इन्तिकाल होता है तो अल्लाह-40 में से एक को उस की जगह दे देता है। जब उन 40 में से कोई इस दुन्या से रुख्सत होता है तो 300 में से किसी के जरीए उस खला को पुर फ़रमा देता है। जब उन 300 में से किसी का विसाल होता है तो अल्लाह अज़्ज़वज़ल आम लोगों में से किसी को उस की जगह मुकर्रर फ़रमा देता है। पस उन्ही औलिया की वज्ह से अल्लाह लोगों को जिन्दगी और मौत अता फ़रमाता, उन्ही के तुफैल बारिश होती, फ़स्लें उगती और उन्हीं की बदौलत मुसीबतें दूर होती हैं।..✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 54 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 17
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❝ औलियाए किराम के तसर्रुफात ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन मसऊद रादिअल्लाहु तआला अन्हु से पूछा गया : "उन के सबब लोगों को जिन्दगी और मौत कैसे मिलती है ?" फ़रमाया : इस लिये कि "वोह अल्लाह से कसरते उम्मत का सुवाल करते हैं तो इस में इज़ाफ़ा कर दिया जाता है और ज़ालिमों के खिलाफ दुआ करते हैं तो उन को नेस्तो नाबूद कर दिया जाता है। बारिश तलब करते हैं तो बारिश बरसा दी जाती है। नबातात के उगने का सुवाल करते हैं तो उन के लिये ज़मीन फ़स्लें उगा देती है। वोह दुआ करते हैं तो मुख़्तलिफ़ किस्म के मसाइब उन की दुआ की वज्ह से दूर कर दिये जाते हैं।...✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 54 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 18
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❝ औलियाए किराम के तसर्रुफात ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना हुजैफा बिन यमान रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि हुजूर नबिय्ये पाक, साहिबे लौलाक, सय्याहे अफ्लाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : "ऐ हुजैफा ! मेरी उम्मत के हर गुरौह में से चन्द लोग ऐसे होंगे जो परागन्दा हाल और गर्द आलूद होंगे वोह मेरी इत्तिबा और मेरा ही इरादा करेंगे और अहकामे खुदावन्दी की पाबन्दी करेंगे वोह मुझ से हैं और मैं उन से हूं अगर्चे उन्हों ने मुझे न देखा हो।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 54 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 19
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❝ औलियाए किराम के तसर्रुफात ❞
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⚘❆➮ उम्मुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदतुना आइशा सिद्दीका रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि हुजूर नबिय्ये मुकर्रम, नूरे मुजस्सम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : “जो शख़्स मेरे मुतअल्लिक सुवाल करे या मुझे देखना चाहे तो वोह परागन्दा हाल, लागर और मेहनती शख्स को देख ले जिस ने न तो ईंट पर ईट रखी हो और न ही बांस पर बांस रखा (या'नी कोई इमारत न बनाई) हो जब उस के लिये जिहाद का अलम (झन्डा) बुलन्द किया जाए तो वोह उस की तरफ़ चला जाए। आज तय्यारी का दिन है और कल सब्कत ले जाने का दिन और इन्तिहा जन्नत है या जहन्नम!...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 54 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 20
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❝ दुन्या से बे रगबती और उम्मीदों की कमी ❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम रहमतुल्लाह तआला अलैह ने दुन्या के बातिन की तरफ़ देखा तो इस का इन्कार कर दिया और इस की ज़ाहिरी चमक दमक को देखा तो इसे अपनी नज़र से गिरा दिया। चुनान्चे हज़रते सय्यदुना वह्न बिन मुनब्बेह रादिअल्लाहु तआला अन्हु बयान फ़रमाते हैं कि हज़रते सय्यिदुना ईसा रूहुल्लाह रादिअल्लाहु तआला अन्हु के हवारियों (या'नी साथियों) ने अर्ज की : “ऐ ईसा अलैहिस्सलाम ! अल्लाह के औलिया कौन लोग हैं जिन पर न कुछ ख़ौफ़ होगा और न कुछ गम ?" आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : “येह वोह लोग हैं जिन्हों ने दुन्या के बातिन को देखा जब और लोगों ने दुन्या के ज़ाहिर को देखा और दुन्या के अन्जाम को देखा जब और लोगों ने दुन्या की रंगीनियों को देखा!...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 55 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 21
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❝ दुन्या से बे रगबती और उम्मीदों की कमी ❞
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⚘❆➮ इन्हों ने उन चीज़ों को छोड़ दिया जिन के बारे में अन्देशा था कि वोह ऐबदार करेंगी और उन को भी तर्क कर दिया जिन के मुतअल्लिक़ यकीन था कि वोह बहुत जल्द इन से छूट जाएंगी। इन्हें दुन्या की ज़ियादती की ख्वाहिश नहीं होती । इन्हों ने दुन्या का ज़िक्र किया तो उस का फ़ानी होना बताया। दुन्या का गम मिला तो खुश हुवे दुन्या की जो चीज़ इन के सामने आई उसे ठुकरा दिया। दुन्यावी नाहक रिफ्अत व अज़मत को हक़ीर जाना । इन के नज़दीक दुन्या पुरानी हो चुकी है अब वोह उस की तजदीद नहीं चाहते । इन के घर वीरान हो गए लेकिन इन्हों ने आबाद न किये इन्हों ने उन चीज़ों को छोड़ दिया जिन के बारे में अन्देशा था कि वोह ऐबदार करेंगी और उन को भी तर्क कर दिया जिन के मुतअल्लिक़ यकीन था कि वोह बहुत जल्द इन से छूट जाएंगी!...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 55 📚*
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❝ दुन्या से बे रगबती और उम्मीदों की कमी ❞
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⚘❆➮ इन्हें दुन्या की ज़ियादती की ख्वाहिश नहीं होती । इन्हों ने दुन्या का ज़िक्र किया तो उस का फ़ानी होना बताया। दुन्या का गम मिला तो खुश हुवे । दुन्या की जो चीज़ इन के सामने आई उसे ठुकरा दिया। दुन्यावी नाहक रिफ्अत व अज़मत को हक़ीर जाना । इन के नज़दीक दुन्या पुरानी हो चुकी है अब वोह उस की तजदीद नहीं चाहते । इन के घर वीरान हो गए लेकिन इन्हों ने आबाद न किये । ख्वाहिशों ने इन के सीनों में घुट घुट कर दम तोड़ दिया लेकिन इन्हों ने दोबारा उन्हें बेदार न किया बल्कि दुन्यावी ख्वाहिशात को तहस नहस कर के इस के बदले अपनी आखिरत की तय्यारी की। और दुन्या को बेच कर इस के इवज़ वोह चीज़ (या'नी आख़िरत) खरीदी जो इन के लिये हमेशा रहेगी। इन्हों ने खुशी खुशी दुन्या को ठुकरा दिया। इन्हों ने दुन्यादारों को दुन्या पर औंधे मुंह गिरे देखा जिस की वज्ह से इन पर मुसीबतें नाज़िल हुई तो तजकिरए मौत को जिला बख़्शी और तजकिरए हयात को मात दी!...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 55 📚*
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❝ दुन्या से बे रगबती और उम्मीदों की कमी ❞
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⚘❆➮ वोह अल्लाह से महब्बत करते। उस के ज़िक्र को पसन्द करते और उस के नूर से रौशन हो कर दुन्या को रौशन करते हैं। उन्हें हैरत अंगेज़ खैरो भलाई अता की गई। तअज्जुब खैज़ इल्म अता किया गया। उन की बदौलत किताबुल्लाह की बका है तो किताबुल्लाह के सबब उन की बक़ा। किताबुल्लाह ने उन का जिक्र किया तो उन्हों ने किताबुल्लाह - को आम किया। उन्हीं से किताबुल्लाह को सीखा जाता है और वोह किताबुल्लाह के मुताबिक अमल करते हैं। उन्हें जो अता कर दिया जाए उसी पर इक्तिफ़ा करते और मजीद अतिय्ये की ख्वाहिश नहीं करते। वोह किसी की अमान पर भरोसा नहीं करते बल्कि अल्लाह अज़्ज़वज़ल से उम्मीद रखते हैं। वोह अल्लाह के सिवा किसी और से नहीं डरते..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 55-56 📚*
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❝ औलियाए किराम रहमतुल्लाह तआला अलैह की निराली जेबो जीनत ❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम रहमतुल्लाह तआला अलैह, धोका देने वाली आँख से दुन्या को देखते रहने से परहेज़ करते और अपने महबूब की बनाई हुई चीज़ों को निगाहे फ़िक्रो इब्रत से देखते हैं। चुनान्चे ,
⚘❆➮ हज़रते सय्यदुना अब्दुल्लाह बिन अब्बास रादिअल्लाहु तआला अन्हु बयान फ़रमाते हैं कि जब अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने हज़रते सय्यिदुना मूसा व हज़रते सय्यिदुना हारून अलैहिस्सलाम सलातो सलाम को फ़िरऔन की तरफ़ भेजा तो इरशाद फ़रमाया : “ जो लिबास मैंने उसे पहनाया है वोह तुम्हें धोके में न डाल दे क्योंकि उस की पेशानी मेरे कब्जए कुदरत में है। वोह मेरी इजाज़त के बगैर न बोल सकता है और न ही पलक झपक सकता है। और तुम्हें उस की दुन्यावी नाजाइज़ ज़ेबो जीनत भी धोके में मुब्तला न कर दे इस लिये कि अगर मैं दुन्यावी जीनत के साथ तुम्हें मुज़य्यन करना चाहता तो फ़िरऔन जान लेता कि वोह ऐसी जीनत इख़्तियार करने से आजिज़ है और तुम्हारी येह हालत इस वज्ह से नहीं कि तुम्हारी मेरे नज़दीक कोई वक्अत नहीं लेकिन मैं तुम्हें बुजुर्गी का लिबास पहनाना चाहता हूं जो तुम्हारा नसीब है ताकि दुन्या तुम्हारे आखिरत के हिस्से में कछ कमी न कर सके। मैं अपने औलिया को दुन्या से इस तरह बचाता हूं जिस तरह चरवाहा अपने तन्दुरुस्त ऊंटों को ख़ारिशी ऊंटों के बाड़े में जाने से बचाता है और उन्हें दुन्या की तरो ताज़गी से इसी तरह दूर रखता हूं जिस तरह चरवाहा अपने ऊंटों को हलाक कर देने वाले चरागाह से दूर रखता है और मैं इस के जरीए उन के मरातिब को मुनव्वर करने ( बढ़ाने ) और उन के दिलों को दुन्या से पाक रखने का इरादा रखता हूं। इन्ही निशानियों के जरीए वोह पहचाने जाते और इसी चीज़ के सबब फ़ख्र करते हैं।
⚘❆➮ ऐ मूसा ( अलैहिस्सलाम ) जान लो ! जिसने मेरे किसी वली को डराया उस ने मेरे साथ ए'लाने जंग किया और बरोजे कियामत मैं अपने औलिया का इन्तिकाम लेने वाला हूं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 56 📚*
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❝ औलियाए किराम रहमतुल्लाह तआला अलैह की निराली जेबो जीनत ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अब्दुस्समद बिन मा 'किल रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : मैंने हज़रते, सय्यदुना वहब बिन मुनब्बेह रादिअल्लाहु तआला अन्हु को फ़रमाते हुवे सुना : जब अल्लाह ने हज़रते सय्यिदुना मूसा अलैहिस्सलाम और इन के भाई हज़रते सय्यिदुना हारून अलैहि व सलातो सलाह को फ़िरऔन की तरफ़ भेजा तो इरशाद फ़रमाया : तुम्हें उस की दुन्यावी जेबो जीनत और लुत्फ़ अन्दोज़ होने की चीजें तअज्जुब में न डालें और न तुम उन चीज़ों की तरफ़ तवज्जोह देना क्योंकि वोह दुन्या दारों और सरमाया दारों की ज़ीनत है।
⚘❆➮ अगर मैं दुन्यावी जीनत के साथ तुम्हें मुज़य्यन करना चाहता तो फिरऔन उसे देख कर जान लेता कि इस किस्म की जीनत उस के बस में नहीं तो मैं ऐसा कर सकता हूं लेकिन मैं तुम्हें दुन्या से बचाना और दुन्या को तुम से दूर रखना चाहता हूं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 56-57 📚*
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❝ औलियाए किराम रहमतुल्लाह तआला अलैह की निराली जेबो जीनत ❞
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⚘❆➮ और मैं अपने वलियों के साथ ऐसा ही करता हूं और पहले भी मैंने उन के लिये इसे पसन्द नहीं किया बल्कि उन्हें दुन्या की ने ' मतों और आसाइशों से इस तरह बचाता हूं जिस तरह मेहरबान चरवाहा अपनी बकरियों को हलाक कर देने वाली चरागाह से बचाता है और मैं उन्हें दुन्या की रंगीनियों और ऐशो इशरत से इस तरह दूर रखता हूं जिस तरह मेहरबान चरवाहा अपने ऊंटों को ख़ारिश ज़दा ऊंटों से दूर रखता है और येह इस वज्ह से नहीं कि उन की मेरे नज़दीक कोई वक़्त नहीं बल्कि इस वज्ह से करता हूं कि वोह मेरी करामत से पूरा पूरा हिस्सा वुसूल करें और इस में न दुन्या कोई कमी ला सके और न ही ख्वाहिशात कोई कमी कर सके। और जान लो ! बन्दों के लिये मेरे नज़दीक तर्के दुन्या से बढ़ कर कोई जीनत नहीं क्योंकि येह ( तर्के दुन्या ) मुत्तकीन की जीनत है और उन पर ऐसा लिबास होता है जिस के साथ उन का सुकून व खुशूअ पहचाना जाता है। उन की अलामत उन के चेहरों में सजदों के निशान हैं। येही मेरे सच्चे दोस्त हैं। जब तुम उन से मिलो तो उन के लिये आजिजी इख्तियार करो और दिल व जबान को उन के ताबेअ बना दो । और जान लो ! जिस ने मेरे किसी दोस्त की इहानत की या उसे खौफजदा किया उस ने मुझ से एलाने जंग किया , मेरे साथ दुश्मनी की , अपने आप को मेरे मुकाबिल पेश किया और मुझे लड़ाई की तरफ़ बुलाया। मैं अपने दोस्तों की मदद करने में जल्दी करता हूं तो जिस ने मुझे जंग के लिये बुलाया क्या उस का ख़याल है कि वोह मेरे सामने ठहर सकेगा ? जिस ने मुझ से दुश्मनी की क्या वोह समझता है कि मुझे आजिज़ कर देगा ? जिस ने मुझ से ए 'लाने जंग किया वोह समझता है कि मुझ से बढ़ जाएगा या बच जाएगा ? येह क्यूंकर मुमकिन होगा जब कि मैं अपने दोस्तों का। दुन्या व आख़िरत में खुद इन्तिकाम लेता हूं। उन की मदद किसी के सिपुर्द नहीं करता।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 57 📚*
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❝ औलियाए किराम रहमतुल्लाह तआला अलैह की निराली जेबो जीनत ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना इस्माईल बिन ईसा रादिअल्लाहु तआला अन्हु की रिवायत कर्दा हृदीस में इतना ज़ाइद है - कि " ऐ मूसा ( अलैहिस्सलाम ) ! जान लो ! बेशक मेरे औलिया वोह हैं जिन के दिल मेरे ख़ौफ़ से कांपते हैं और वोह खौफ़ उन के लिबास में और जिस्मों पर इयां है। वोह ऐसी कोशिश करते हैं जिस के सबब वोह कियामत के दिन कामयाब हों। वोह लोग अपनी मौत को याद रखते और अपनी निशानियों से पहचाने जाते हैं पस जब तुम उन से मिलो तो उन के सामने आजिजी इख्तियार करो।
*अब्दाल कौन हैं ?*
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना मुहम्मद बिन अब्दुल मलिक रादिअल्लाहु तआला अन्हु बयान करते हैं कि हज़रते सय्यिदुना अब्दुल बारी रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : मैं ने हज़रते सय्यिदुना जुन्नून मिसरी रादिअल्लाहु तआला अन्हु से अर्ज की : " मुझे अब्दाल की सिफ़ात बताइये ! " उन्हों ने फ़रमाया : " तुम ने मुझ से शदीद तारीकियों के बारे में पूछा है। लेकिन ऐ अब्दुल बारी ! मैं तेरे सामने ज़रूर उन से पर्दा हटाऊंगा। ( चुनान्चे , सुनो ! ) अब्दाल वोह लोग हैं जो अल्लाह की अज़मत व जलाल की मा ' रिफ़त रखते , दिल से अपने रब की ता ' ज़ीम और उस का जिक्र करते हैं। येह अल्लाह की मलूक पर उस की हुज्जतें हैं।...✍
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना मुहम्मद बिन अब्दुल मलिक रादिअल्लाहु तआला अन्हु बयान करते हैं कि हज़रते सय्यिदुना अब्दुल बारी रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : मैं ने हज़रते सय्यिदुना जुन्नून मिसरी रादिअल्लाहु तआला अन्हु से अर्ज की : " मुझे अब्दाल की सिफ़ात बताइये ! " उन्हों ने फ़रमाया : " तुम ने मुझ से शदीद तारीकियों के बारे में पूछा है। लेकिन ऐ अब्दुल बारी ! मैं तेरे सामने ज़रूर उन से पर्दा हटाऊंगा। ( चुनान्चे , सुनो ! ) अब्दाल वोह लोग हैं जो अल्लाह की अज़मत व जलाल की मा ' रिफ़त रखते , दिल से अपने रब की ता ' ज़ीम और उस का जिक्र करते हैं। येह अल्लाह की मलूक पर उस की हुज्जतें हैं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 58 📚*
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❝ अब्दाल कौन हैं ? ❞
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⚘❆➮ अल्लाह ने अपनी महब्बत के नूरे सातेअ ( चमकते नूर ) का लिबास उन्हें पहनाया। नीज़ उन के लिये हिदायत के अलम बुलन्द फ़रमाए। अपनी चाहत के लिये उन्हें बहादुरों के मकाम पर खड़ा किया और अपनी मुखालफ़त से बचने के लिये उन्हें सब्र अता फ़रमाया। अपने मुराकबे के साथ उन के जिस्मों को पाक किया। अच्छाई करने वालों के साथ उन्हें अच्छा किया। उन्हें अपनी महब्बत के बने हुवे हुल्ले पहनाए और उन के सरों पर अपनी मसर्रत के ताज सजाए फिर उन के दिलों में गैब के ख़ज़ाने वदीअत फ़रमाए। वोह अल्लाह से मिलने के लिये हर दम बेताब हैं। उन के रंजो गम का महवर वोही है और उन की आंखें उसे गैब से देखती हैं। अल्लाह ने उन्हें अपने कुर्ब से अपनी ज़ात के मुशाहदे के दरवाजे पर ठहराया। उन्हें अहले मा रिफ़त के अतिब्बा के मन्सब पर फ़ाइज़ फ़रमाया। " फिर फ़रमाया : " अगर मेरे गम में मुब्तला कोई बीमार तुम्हारे पास आए तो उस को दवा दो। मेरे फ़िराक़ का मरीज़ आए तो उस का इलाज करो। मुझसे डरने वाला आए तो उसे अम्न की उम्मीद दिलाओ। कोई मुझ से बे ख़ौफ़ आए तो उसे मेरी ज़ात से डराओ। कोई मेरे विसाल का ख्वाहिश मन्द आए तो उसे मुबारक बाद दो। कोई मुझ से बिछड़ा हुवा आए तो उसे मेरी तरफ़ लौटा दो। कोई मेरी राह में लड़ने से बुज़दिली दिखाने वाला आए तो उसे बहादुर व दिलेर बना दो।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 58 📚*
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❝ अब्दाल कौन हैं ? ❞
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⚘❆➮ कोई मेरे फ़ज़्लो करम से मायूस आए तो उसे मेरा वा ' दा याद दिलाओ। कोई मेरे एहसान का उम्मीदवार आए तो उसे खुश खबरी सुनाओ। कोई मेरे साथ हुस्ने ज़न रखे तो उस का दिल बढ़ाओ। मुझ से महब्बत करने वाला आए तो उसे मेरी महब्बत पर मजीद उक्साओ। कोई मेरी ता ' ज़ीम करने वाला आए तो उस की ता ' जीम करो। कोई मेरी राह का मुतलाशी आए तो उस की मेरी तरफ़ रहनुमाई करो। कोई नेकी के बाद बुराई करने वाला आए तो उसे इताब करो। जो शख़्स मेरे लिये तुम से मुलाकात का ख्वाहिश मन्द हो तो उस से मुलाकात करो। जो तुम से गाइब हो उस की खबरगीरी करो। जो तुम से ज़ियादती करे उसे बरदाश्त करो। जो तुम्हारी हक़ तलफ़ी करे उसे मुआफ़ कर दो। जो गलती कर बैठे उसे नसीहत करो। मेरे दोस्तों में से जो बीमार हो उस की इयादत करो। जो गमज़दा हो उसे खुश खबरी सुनाओ और अगर कोई मज़लूम तुम से पनाह मांगे तो उसे पनाह अता करो।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 58 📚*
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❝ अब्दाल कौन हैं ? ❞
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⚘❆➮ ऐ मेरे औलिया ! मैं तुम्हारे लिये ही किसी पर इताब करता और तुम्हें ही महबूब रखता हूं। तुम से इताअत तलब करता और तुम्हारे लिये ही दूसरों को मुन्तख़ब करता हूं। तुम से अपनी ( या ' नी दीन की ) खिदमत चाहता और तुम्हें अपने लिये खास करता हूं क्यूंकि मैं सरकशों से ख़िदमत लेना पसन्द नहीं करता , न तकब्बुर करने वालों से मुलाकात को पसन्द करता हूं , न ही ( हक़ व बातिल को ) खल्त मल्त करने वालों से तअल्लुक रखना चाहता हूं , न धोका देही करने वालों से कलाम करना , न ही गुरूर करने वालों से कुर्ब रखना चाहता हूं , न बातिल लोगों की हम नशीनी और न ही शर पसन्दों से तअल्लुक रखना चाहता हूं। ऐ मेरे औलिया ! मेरे पास तुम्हारे लिये बेहतरीन बदला है । मेरी अता तुम्हारे लिये उम्दा तरीन अता होगी। मेरा ख़र्च तुम्हारे लिये अफ़्ज़ल तरीन ख़र्च होगा। मेरा फ़ल तुम पर सब से ज़ियादा होगा। मेरा मुआमला तुम्हारे लिये पूरा पूरा होगा और मेरा मुतालबा तुम्हारे लिये शदीद तरीन होगा। मैं दिलों का इन्तिख़ाब करने वाला , तमाम गैबों को जानने वाला , तमाम हरकात को देखने वाला , तमाम लम्हात को मुलाहज़ा फ़रमाने वाला , दिलों को देखने वाला और मैदाने फ़िक्र से बा खबर हूं पस तुम मेरी तरफ़ बुलाने वाले बन जाओ ! मेरे सिवा कोई भी बादशाह तुम्हारे लिये घबराहट का बाइस न बने। लिहाज़ा जो तुम से दुश्मनी रखेगा मैं उस से अदावत रखूगा। जो तुम से दोस्ती रखेगा मैं उसे दोस्त रखंगा। जो तुम्हें तक्लीफ देगा मैं उसे हलाक कर दूंगा। जो तुम्हारे साथ अच्छा सुलूक करेगा मैं उसे उस का सिला अता करूंगा और जो तुम्हें छोड़ देगा मैं उसे - मोहताज कर दूंगा।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 59 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 31
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❝ अहकामाते इलाही की पाबन्दी ❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम रहमतुल्लाह अलैह अल्लाह की ज़ात और उस की महब्बत में मुस्तग्रक रहते और उस के हुक्म की पाबन्दी करते हैं।
⚘❆➮ उम्मुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदतुना आइशा सिद्दीका रादिअल्लाहु तआला अन्हा से मरवी है कि अल्लाह अज़्ज़वज़ल के महबूब , दानाए गुयूब , मुनज्जहुन अनिल उयूब सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम - ने इरशाद फ़रमाया : " हज़रते मूसा ( अलैहिस्सलाम ) ने अल्लाह की बारगाह में अर्ज की : “ ऐ मेरे रब अज़्ज़वज़ल ! मख्लूक में तेरे नज़दीक सब से ज़ियादा इज्जत वाला कौन है ? " अल्लाह ने इरशाद फ़रमाया : " वोह शख्स जो मेरी रिजा हासिल करने के लिये इस तरह तेज़ी करता है जिस तरह अपनी ख्वाहिश की तरफ़ तेज़ी करता है। जो मेरे नेक बन्दों से इस तरह महब्बत करता है जिस तरह बच्चा लोगों से महब्बत करता है और वोह जो मेरे अहकामात की ख़िलाफ़ वर्जी पर इस तरह गज़बनाक होता है जिस तरह चीता अपने लिये ग़ज़बनाक होता है कि जब चीता गुस्से में आता है तो लोगों के कलील व कसीर होने की परवाह नहीं करता।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 60 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 32
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❝ अहकामाते इलाही की पाबन्दी ❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम रहमतुल्लाह अलैह अल्लाह की ज़ात और उस की महब्बत में मुस्तग्रक रहते और उस के हुक्म की पाबन्दी करते हैं।
⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना जुन्नून मिस्री रहमतुल्लाह तआला अलैह फ़रमाते हैं : बेशक अल्लाह की मख्लूक में बा ' ज़ उस के बगुर्रजीदा और नेक बन्दे हैं। पूछा गया : “ ऐ अबू फैज़ रहमतुल्लाह तआला अलैह ! उन की अलामत क्या है ? " फ़रमाया : “ जब बन्दा राहत को तर्क कर के ताअत व इबादत में भरपूर कोशिश करे और कद्रो मन्ज़िलत के न होने को पसन्द करे। फिर आप रहमतुल्लाह तआला अलैह ने येह अश्आर पढ़े :
⚘❆➮ *तर्जुमा* ① क़ुरआन ने अपने वादा व वईद के साथ हर बुराई से रोक दिया। रात को आंखों की नींद गाइब हो गई।
⚘❆➮ *तर्जुमा* ② उन्हों ने करीम बादशाह के कलाम को इस तरह समझा कि इस के आगे उन की गर्दनें झुक गई। हाज़िरीन में से किसी ने अर्ज की : “ ऐ अबू फैज़ रहमतुल्लाह अलैह ! अल्लाह आप पर रहम फ़रमाए ! येह कौन लोग हैं ?..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 60 📚*
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❝ अहकामाते इलाही की पाबन्दी ❞
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⚘❆➮ जिन्हों ने सुवारियों को पेशानी का तक्या और मिट्टी को पहलूओं का बिछौना बना 20 लिया। कुरआने पाक इन के गोश्त व खून में ऐसा बस गया कि इन्हें बीवियों से दूर कर के सारी रात सफ़र में रखा। इन्हों ने कुरआने पाक को अपने दिलों पर रखा तो वोह नर्म हो गए। सीनों से लगाया तो वोह कुशादा हो गए। इस की बरकत से इन की परेशानियों और गमों के बादल छट गए। इन्हों ने कुरआने पाक को अपनी तारीकियों के लिये चराग , और ( कुरआने पाक की तिलावत को इस तरह अपने लिये लाज़िम कर लिया जिस तरह ) सोने के लिये बिछौना लाज़िम है। अपने रास्ते के लिये रहनुमा और अपनी हुज्जत के लिये कामयाबी बना लिया। लोग खुशियां मनाते हैं जब कि येह गमगीन रहा करते हैं । लोग सो रहे होते हैं लेकिन येह बेदार रहते हैं। लोग खाते पीते हैं और येह रोज़े रखते हैं। लोग ( कब्रो हश्र से गाफ़िल होते और ) बे ख़ौफ़ रहते हैं जब कि येह ( क़ब्रो हश्र के मुआमलात से ) ख़ौफ़ज़दा रहते हैंm। येह अल्लाह से डरते और उस की ना फ़रमानियों से बचते , घबराए रहते और नेक आ ' माल में खूब मशक्कत उठाते हैं। अमल के फ़ौत हो जाने के डर से इसे जल्द ही अदा कर लेते और हर दम मौत के लिये तय्यार रहते हैं । इन के नज़दीक अल्लाह अज़्ज़वज़ल के दर्दनाक अज़ाब के ख़ौफ़ और वादा किये गए अजीमुश्शान सवाब की वज्ह से मौत कोई छोटा मुआमला नहीं है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 61 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 34
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❝ अहकामाते इलाही की पाबन्दी ❞
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⚘❆➮ येह कुरआने हकीम के रास्तों पर गामज़न और अल्लाह के लिये कुरबानी पेश करने के मुआमले में मुख्लिस हैं। येह रहमान के नूर से मुनव्वर और इस बात के मुन्तज़िर हैं कि कुरआने करीम इन के साथ किये हुवे वा ' दों और अदों को पूरा करे , अपनी सआदत के मक़ाम में इन्हें ठहराए और अपनी वईदों से इन्हें अम्न बख़्शे । चुनान्चे , येह लोग कुरआने पाक के जरीए अपनी ख्वाहिशात और खूब सूरत हूरों को पा कर हलाकतों और बुरे अन्जाम से मामून हो गए क्यूंकि इन्हों ने दुन्या की रौनकों को ग़ज़बनाक निगाहों से तर्क कर के रिजामन्दी वाली आंखों से आख़िरत के सवाब की तरफ़ देखा। नीज़ फ़ना होने वाली ( दुन्या ) के बदले हमेशा रहने वाली ( आख़िरत ) को ख़रीद लिया। इन्हों ने कितनी अच्छी तिजारत की , कि दोनों जहां में नफ्अ पाया और दुन्या व आख़िरत की भलाइयां जम्अ की। कामिल तौर से फ़ज़ीलतों को पाने में कामयाब हुवे। कुछ दिन सब्र कर के अपनी मन्ज़िलों तक पहुंच गए। अज़ाब वाले दिन के ख़ौफ़ से कम मालो ज़र पर ही कनाअत कर के ज़िन्दगी के अय्याम गुज़ार दिये। मोहलत के दिनों में भलाई की तरफ़ जल्दी की। हवादिसे ज़माना के खौफ़ से नेकियों में तेजी दिखाई। अपनी ज़िन्दगी खेल कूद में गंवाने के बजाए बाकी रहने वाली नेकियों के हुसूल के लिये मशक्कतें उठाई।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 61 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 35
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❝ अहकामाते इलाही की पाबन्दी ❞
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⚘❆➮ अल्लाह अज़्ज़वज़ल की क़सम ! इबादत की थकावट ने उन की कुव्वत कमज़ोर कर दी और ! मशक्कत ने उन की रंगत बदल डाली। उन्हों ने भड़कने वाली ( जहन्नम की ) आग को याद रखा , नेकियों की तरफ़ जल्दी की और लह्वो लड़ब से दूर रहे। शक और बद कलामी से बरी हो गए वोह फ़सीहुल्लिसान गूंगे और देखने वाले अन्धे हैं उन की सिफ़ात बयान करने से ज़बान कासिर है। उन की बदौलत मुसीबतें टलतीं और बरकतें उतरती हैं। वोह ज़बान व ज़ौक़ में सब से मीठे और अह्दो पैमान को सब से ज़ियादा पूरा करने वाले होते हैं। मख्लूक के लिये चराग , शहरों के मनारे , तारीकियों में रौशनी का मम्बअ , रहमत की कानें , हिक्मत के चश्मे और उम्मत के सुतून हैं , बिस्तरों से उन के पहलू जुदा रहते हैं। वोह लोगों की मा ' ज़िरत को सब से ज़ियादा कबूल करने वाले , सब से ज़ियादा मुआफ़ करने वाले और सब से ज़ियादा सखावत करने वाले होते हैं। पस उन्हों ने अल्लाह के सवाब की तरफ़ मुश्ताक दिलों से टिकटिकी बांधी। आंखों और मुवाफ़क़त करने वाले आ ' माल से देखा। उन की सुवारियां दुन्या से दूर हो गई । उन्हों ने दुन्या से अपनी उम्मीदों को ख़त्म कर लिया।"✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 62 📚*
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❝ अहकामाते इलाही की पाबन्दी ❞
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⚘❆➮ अल्लाह अज़्ज़वज़ल के खौफ़ ने उन के मालों में उन की कोई रगबत व ख्वाहिश न छोड़ी लिहाज़ा तू देखेगा कि उन्हें न तो माल जम्अ करने की ख्वाहिश होती है और न ही ऊन वगैरा के रेशमी लिबास की तमन्ना करते हैं। न तो उम्दा सुवारियों के दिलदादह होते हैं और न ही महल्लात को पुख्ता करने का शौक रखते हैं। जी हां ! उन्हों ने अल्लाह की तौफ़ीक़ से देखा और अल्लाह ने उन की तरफ़ इल्हाम फ़रमाया। उन की मा ' रिफ़त ने उन्हें सब्र पर आमादा किया। उन्हों ने अपने जिस्मों को महरमात के इतिकाब और अपने हाथों को अन्वाओ अक्साम के खानों से बाज़ रखा। अपने आप को गुनाहों से बचा कर सीधे रास्ते पर गामज़न और हिदायत के लिये आमादा रहे और दुन्या वालों के साथ उन की आखिरत बेहतर बनाने के लिये शरीक हुवे। मुसीबतों पर सब्र किया। उम्मीदों का गला घोंटा। मौत और उस की सख्तियों और तक्लीफ़ों से डर गए। क़ब्र और उस की तंगी , मुन्कर नकीर और उन की डांट डपट , सुवाल व जवाब से ख़ौफ़ज़दा रहे और अपने मालिक रब के हुजूर खड़े होने से डरते रहे। "✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 62 📚*
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❝ रुश्दो हिदायत के चराग ❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम रहमतुल्लाहि तआला अलैह तारीकियों के लिये चराग , रुश्दो हिदायत के चराग , अल्लाह अज़्ज़वज़ल के ख़ास राज़दार और हर तसन्नोअ व बनावट से पाक मुख्लिस बन्दे हैं । चुनान्चे ,
⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन उमर रादिअल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि एक मरतबा अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फ़ारूक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु , हज़रते सय्यिदुना मुआज बिन जबल रादिअल्लाहु तआला अन्हु के पास से गुज़रे और उन्हें रोता हुवा देख कर वज्ह दरयाफ्त फ़रमाई तो उन्हों ने । अर्ज की : मैं ने रसूलुल्लाह - सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम - को येह फ़रमाते हुवे सुना : " अल्लाह के महबूब तरीन बन्दे वोह हैं जो मुत्तकी व परहेज़गार और ऐसे गुमनाम हैं कि जब लोगों में मौजूद न हों तो उन्हें तलाश न किया जाए और अगर मौजूद हों तो पहचाना न जाए। येही लोग हिदायत के इमाम और इल्म के चराग हैं।
⚘❆➮ रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम - के गुलाम हज़रते सय्यिदुना सौबान रादिअल्लाहु तआला अन्हु रिवायत करते हैं कि मैं एक मरतबा सरकारे मदीना , करारे कल्बो सीना , बाइसे नुजूले सकीना सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की खिदमते अक्दस में हाज़िर था आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : " इख्लास वालों के लिये बिशारत हो , येही लोग चरागे हिदायत और इन्ही की बदौलत तारीक फ़ितने छट जाते हैं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 62-63 📚*
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❝ सायए रहमत की तरफ़ सब्कत करने वाले ❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम , रहमतुल्लाहि तआला अलैहि अल्लाह अज़्ज़वज़ल की रस्सी को थामने वाले , उस के फ़ज़्ल के मुतलाशी और अद्ल के साथ फैसला करने वाले हैं। चुनान्चे ,
⚘❆➮ उम्मुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदतुना आइशा सिद्दीक़ा रादिअल्लाहु तआला अन्हा से रिवायत है कि नूर के पैकर , तमाम नबियों के सरवर , दो जहां के ताजवर , सुल्ताने बहूरो बर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : " क्या तुम जानते हो कि अल्लाह अज़्ज़वज़ल के सायए रहमत की तरफ़ सब्कृत ले जाने वाले कौन लोग हैं ? " सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हुम ने अर्ज़ की : " अल्लाह अज़्ज़वज़ल और उस का रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम बेहतर जानते हैं। " आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फ़रमाया : " वोह लोग जिन्हें हक़ बात कही जाए तो कबूल करते , जब उन से सुवाल किया जाए तो ख़र्च करते और लोगों के लिये वोही फैसला करते हैं जो अपने लिये पसन्द करते हैं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 63 📚*
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❝ औलियाए किराम रादिअल्लाहु अन्हु की खल्वत व जल्वत ❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हु जल्वत ( या ' नी महाफ़िल ) में खुश व खुर्रम और खल्वत में अपसुर्दा रहते हैं , इश्तियाके मुलाकात उन की रूह की खुशी बढ़ाता और हिज्रो फ़िराक़ का डर उन्हें अफ्सुर्दा कर देता है। चुनान्चे ,
⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना इयाज़ बिन गनम रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि उन्हों ने हुजूर नबिय्ये पाक , साहिबे लौलाक , सय्याहे अफ़्लाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को इरशाद फ़रमाते हुवे सुना : " मुझे बुलन्द दरजात में मलाइकए मुकर्रबीन ने बताया कि मेरी उम्मत के बेहतरीन लोग वोह हैं जो अपने रब अज़्ज़वज़ल की वुस्अते रहमत पर ए ' लानिय्या खुशी का इज़हार करते और रब अज़्ज़वसल के अज़ाब की शिद्दत के खौफ़ से पोशीदा तौर पर रोते हैं। वोह उस के पाकीज़ा घरों में सुब्हो शाम अपने रब का ज़िक्र करते अपनी ज़बानों के साथ उम्मीद व डर की हालत में उसे पुकारते हैं। अपने हाथों को बुलन्द व पस्त कर के उस से सुवाल करते हैं। अपने दिलों के साथ अव्वल व आखिर उसी के मुश्ताक रहते हैं। उन का बोझ लोगों के नज़दीक तो हल्का लेकिन उन के अपने नज़दीक भारी है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 64 📚*
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❝ औलियाए किराम रादिअल्लाहु अन्हु की खल्वत व जल्वत ❞
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⚘❆➮ वोह ज़मीन पर नंगे पाउं च्यूंटी की तरह आजिज़ी व इन्किसारी से पुर सुकून अन्दाज़ से चलते हैं। वसीले के जरीए कुर्वे इलाह पाते , बोसीदा कपड़े पहनते , हक़ की इत्तिबाअ करते , कुरआने मजीद की तिलावत करते और कुरबानियां पेश करते हैं। उन पर अल्लाह की तरफ़ से गवाह व निगहबान फ़िरिश्ते मुकर्रर होते और उन पर अल्लाह की ने ' मतें ज़ाहिर होती हैं वोह लोग नूरे फिरासत से बन्दों को जान लेते और दुन्या में गौरो फ़िक करते हैं। उन के जिस्म ज़मीन पर तो आंखें आस्मान में , पाउं ज़मीन पर तो दिल आस्मान में , नफ्स ज़मीन पर तो दिल अर्श के पास होते हैं। उन की रूहें दुन्या में होती हैं जब कि अक्लें फ़िक्रे आखिरत में मसरूफ़ रहती हैं। चुनान्चे , उन के लिये वोही कुछ है जिस की वोह उम्मीद व ख्वाहिश करते हैं। उन की क़ब्रे दुन्या में लेकिन उन का मक़ाम अल्लाह के पास है । फिर आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने येह आयते करीमा तिलावत फ़रमाई : तर्जमए कन्जुल ईमान : येह उस के लिये है जो मेरे हुजूर खड़े होने से डरे और मैं ने जो अज़ाब का हुक्म सुनाया है उस से खौफ़ करे।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 63 📚*
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❝ हुकूके इलाही की अदाएगी में जल्दी ❞
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⚘❆➮ औलियाए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हु न तो हुकूक की अदाएगी में ताख़ीर करते हैं और हम न ही ताआत बजा लाने में कोताही करते हैं। चुनान्चे ,
⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना जाबिर रादिअल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि शहनशाहे मदीना , करारे कल्बो सीना , बाइसे नुजूले सकीना सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : " बन्दे पर अल्लाह के तीन हुकूक हैं। पहला हक येह है कि जब बन्दा अल्लाह का कोई हक़ अपने ऊपर आता देखे तो उस की अदाएगी कल पर न छोड़े क्यूंकि उसे ख़बर नहीं कि वोह कल तक ज़िन्दा रहेगा या नहीं। दूसरा हक़ येह है कि बन्दा ए ' लानिय्या किये जाने वाले नेक अमल को उन लोगों के सामने करे जो उसे पोशीदा तौर पर (या ' नी लोगों से छुप कर) करते हैं और तीसरा हक़ येह है कि अपने अमल के साथ साथ अपनी नेक उम्मीदों के हुसूल की कोशिश जारी रखे।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 65 📚*
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❝ हुकूके इलाही की अदाएगी में जल्दी ❞
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⚘❆➮ इस के बाद हुजूर नबिय्ये करीम , रऊफुर्रहीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने अपने दस्ते मुबारक से तीन का इशारा करते हुवे फ़रमाया : " अल्लाह का वली ऐसा होता है।
⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना बरा बिन आजिब रादिअल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि अल्लाह के महबूब , दानाए गुयूब , मुनज्जहुन अनिल उयूब - सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम - ने इरशाद फ़रमाया : " अल्लाह अज़्ज़वज़ल के कुछ ख़ास बन्दे ऐसे हैं जिन्हें अल्लाह जन्नत के बुलन्द मकाम पर फ़ाइज़ फ़रमाएगा और वोह लोगों में सब से ज़ियादा अक्ल मन्द हैं। सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हु , ने अर्ज़ की : " या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम वोह लोग सब से ज़ियादा अक्ल मन्द कैसे हैं ? फ़रमाया : " वोह अल्लाह की बारगाह में सब्कृत ले जाने की कोशिश करते और उन आ ' माल को बजा लाने में जल्दी करते हैं जो रहमान अज़्ज़वज़ल - की रिज़ा का बाइस हैं वोह दुन्याए फ़ानी , उस की सरदारी और ( दुन्यावी ) ने मतों से बे रगबती करते हैं। दुन्या उन के नज़दीक ज़लीलो हक़ीर है। पस वोह लोग थोड़ी मशक्कत बरदाश्त कर के तवील आराम हासिल करते हैं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 65 📚*
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❝ तसव्वुफ़ की तहक़ीक़ ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना इमाम हाफिज़ अबू नुऐम बिन अब्दुल्लाह अस्फहानी क़ुद्दिसा सिरातुन्नुरानी फ़रमाते हैं : "हम ने औलियाए किराम के चन्द मनाकिब और अस्फिया के कुछ मरातिब बयान कर दिये हैं। और जहां तक तसव्वुफ़ का तअल्लुक है तो मोहक्किकीन व मुदक्किकीन फ़रमाते हैं कि "तसव्वुफ़ صَفَاءُٗ और "وفَاءُٗ" से मुश्तक है और लुगवी हकाइक के ए'तिबार से चार चीज़ों में से किसी एक से मुश्तक है
••• ➫ 1) तसव्वुफ़ صُوْفَانَۃُٗ से मुश्तक है जिस के मा'ना सब्ज़ी और गर्दो गुबार के हैं
••• ➫ 2) या صُوْفَۃُٗ से मुश्तक है। पहले जमाने में صوفۃ नामी एक कबीला था जो हाजियों की देख भाल करता और का'बतुल्लाह زَادَھَا اللّٰهُ تَعْظِیْمَاوَّتکْرِیْمَا की खिदमात सर अन्जाम देता था। या
••• ➫ 2) या صُوْفَۃُٗ से मुश्तक है। पहले जमाने में صوفۃ नामी एक कबीला था जो हाजियों की देख भाल करता और का'बतुल्लाह زَادَھَا اللّٰهُ تَعْظِیْمَاوَّتکْرِیْمَا की खिदमात सर अन्जाम देता था। या
••• ➫ 3) येह صُوْفَۃُ الْقَفَا से मुश्तक है। जिस का मा' ना गुद्दी पर उगने वाले बाल हैं। या फिर
••• ➫ 4) तसव्वुफ़ صُوْفُٗ से बना है जिस के मा'ना भेड़ की ऊन के हैं!...✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 66 📚*
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❝ तसव्वुफ़ के पहले माना की तहकीक ❞
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⚘❆➮ अगर तसव्वुफ़ को “ صُوْفَانَۃُٗ " से माखूज़ माना जाए जिस के मा ' ना सब्जी के हैं तो इस का मतलब येह होगा कि लोगों का इस चीज़ ( या ' नी सब्जी वगैरा ) पर इक्तिफ़ा करना कि जिसे एक ही खुदा ने पैदा किया है और जिस में दूसरी मख्लूक को तक्लीफ़ दिये बिगैर अपनी ज़रूरत पूरी कर ली जाती है। पस उन्हों ने उस सब्जी पर जो लोगों के खाने के लिये पैदा की गई है इस तरह कनाअत की जिस तरह पाकीज़ा व पारसा लोग कनाअत करते हैं और जिस तरह तमाम मुहाजिरीन ने अपने इब्तिदाई अहवाल में कनाअत इख्तियार की। जैसा कि हदीसे पाक में है। चुनान्चे ,
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना कैस बिन अबी हाज़िम रहमतुल्लाहि अलैह फ़रमाते हैं कि मैं ने हज़रते सय्यिदुना सा ' द बिन अबी वकास रादिअल्लाहु तआला अन्हु को फ़रमाते हुवे सुना : " अल्लाह अज़्ज़वज़ल - की कसम ! अहले अरब में सब से पहले जिस ने अल्लाह की राह में तीर चलाया वोह मैं हूं और बिलाशुबा हम रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के साथ जिहाद में शिर्कत किया करते थे और हालत येह होती थी कि हमारे पास अंगूर और बेरी के पत्तों के सिवा खाने के लिये कुछ नहीं होता था यहां तक कि पत्ते खा खा कर हमारी बाछे ज़ख्मी हो जाती और हम इस तरह पाखाना करते जिस तरह बकरी मेंगनियां करती है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 66 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 45
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❝ तसळुफ़ के दूसरे मा ' ना की तहकीक़ ❞
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⚘❆➮ और अगर तसव्वुफ़ को " صُوْفَۃُٗ " से मुश्तक माना जाए जो कि ( हाजियों और हरम शरीफ़ की ख़िदमत पर मामूर एक ) कबीला है तो इस सूरत में " सूफ़ी " से मुराद वोह होगा जो दुन्या के रन्जो गम से छुटकारा हासिल कर के अपने माल से फ़ाइदा उठा कर उसे अपनी आखिरत के लिये ज़खीरा कर लेता है। दुन्या में रहते हुवे हिदायत पर होने की वज्ह से हलाकतों से महफूज रहता , नेकियों में कोशिश करता , अपनी ज़िन्दगी के लम्हात को गनीमत जान कर उस में अपनी आखिरत के लिये अच्छे आ माल का जादे राह इकठ्ठा कर लेता और अपने औकात की हिफ़ाज़त करता है और यूं वोह बरगुज़ीदा लोगों के रास्ते पर चल कर मौत की सख्तियों और हलाकतों से नजात पा लेता है। चुनाचे ,
••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अलिय्युल मुर्तजा - रादिअल्लाहु तआला अन्हा से मरवी है कि नूर के पैकर , तमाम नबियों के सरवर , दो जहां के ताजवर , सुल्ताने बहूरो बर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम - ने इरशाद फ़रमाया : " ऐ अली ! जब लोग नेकी के दरवाजों के जरीए अपने खालिक अज़्ज़वज़ल का कुर्ब हासिल करें तो तुम अक्ल के जरीए अल्लाह का कुर्ब हासिल करो कि इस तरह तुम लोगों से दरजात में बढ़ जाओगे और येह दुन्या में लोगों के नज़दीक बुलन्द मर्तबा और आखिरत में अल्लाह के कुर्ब का बाइस है। )...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 67 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 46
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❝ तसळुफ़ के दूसरे मा ' ना की तहकीक़ ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यदुना अबू जर गिफारी रहमतुल्लाहि तआला अलैह फ़रमाते हैं : मैं सरकारे मदीना , करारे कल्बो सीना , बाइसे नुजूले सकीना सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम - की खिदमते आलिया में हाज़िर था। मैं ने इस्तिफ्सार किया : " या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम हज़रते सय्यिदुना इब्राहीम अलैहिस्सलाम के सहीफ़ों में क्या था ? " आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम - ने इरशाद फ़रमाया : " उस में हर किस्म की मिसालें थीं उन में येह भी था कि अमल करने वाला जब तक अक्ल के मुआमले में मगलूब न हो उस पर लाज़िम है कि वोह अपने औक़ात को इस तरह तक्सीम करे कि एक वक्त में अपने परवर दगार अज़्ज़वज़ल ) से मुनाजात करे। एक वक्त में अपने नफ़्स का मुहासबा करे , एक वक्त में अल्लाह की मख्लूक में गौरो फ़िक्र करे और एक वक्त में अपने खाने पीने की हाजात को पूरा करे।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 67 📚*
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❝ तसव्वुफ़ के तीसरे मा 'ना की तहकीक ❞
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⚘❆➮ अगर तसव्वुफ़ " صُوْفَۃُ الْقَفَا " ( जिस का माना गुद्दी के बाल है ) से मुश्तक हो तो इस के मा ' ना येह होंगे कि सूफी खालिक अज़्ज़वज़ल की तरफ़ मुतवज्जेह होता और मख्लूक से मुंह मोड़ लेता है नीज़ वोह मख्लूक से न तो कोई बदला चाहता है और न ही हक़ से फिरने का इरादा रखता है । चुनान्चे ,
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अनस बिन मालिक रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि शहनशाहे खुश खिसाल , पैकरे हुस्नो जमाल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : " जब आग के दिन हज़रते इब्राहीम ( अलैहि सलातो सलाम ) को आग के पास लाया गया तो आप ( अलैहिस्सलाम ) ने आग की तरफ़ देख कर " حَسْبُنَا اللّٰهُ وَنِعْمَ الْوَكِيْلُ " पढ़ा। " यानी हमें अल्लाह काफ़ी है और वोह कितना अच्छा कारसाज़ है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 68 📚*
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❝ तसव्वुफ़ के तीसरे मा 'ना की तहकीक ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा रादिअल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि हुजूर नबिय्ये पाक , साहिब लौलाक , सय्याहे अफ्लाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : " जब हज़रते इब्राहीम ( अलैहिस्सलाम ) को आग में डाला गया तो आप ( अलैहि सलातो सलाम ) ने " حَسْبُنَا اللّٰهُ وَنِعْمَ الْوَكِيْلُ " पढ़ा या ' नी मुझे अल्लाह काफ़ी है और वोह कितना अच्छा कारसाज़ है।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि सरकारे मदीना , करारे कल्बो सीना , बाइसे नुजूले सकीना सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : जब हज़रते इब्राहीम ( अलैहि सलातो सलाम ) को आग में डाला गया तो आप ( अलैहिस्सलाम ) ने कहा : *तर्जुमा* यानी ऐ अल्लाह ! तेरी आस्मान पर हुकूमत है और मैं ज़मीन में अकेला तेरी इबादत करने वाला हूं!..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 68 📚*
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❝ तसव्वुफ़ के तीसरे मा 'ना की तहकीक ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना नौफ़ बिकाली रहमतुल्लाहि तआला अलैह फ़रमाते हैं कि हज़रते सय्यिदुना इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने अर्ज की : “ ऐ मेरे रब अज़्ज़वज़ल ! ज़मीन में मेरे सिवा कोई तेरी इबादत करने वाला नहीं तो अल्लाह ने तीन हज़ार फ़िरिश्ते उतारे और हज़रते सय्यदुना इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने तीन दिन तक उन फ़िरिश्तों की इमामत फ़रमाई।
••• ➫ हज़रते सय्यदुना बक्र बिन अब्दुल्लाह मुनी रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : जब हज़रते सय्यिदुना इब्राहीम अलैहिस्सलाम को आग में डाला जाने लगा तो सारी मख्लूक ने अल्लाह अज़्ज़वज़ल की बारगाह में इल्तिजा की : "या अल्लाह तेरा खलील आग में डाला जा रहा है हमें आग बुझाने की इजाजत अता फरमा !" अल्लाह ने इरशाद फ़रमाया : "वोह मेरा खलील है और इस वक्त जमीन में उस के सिवा मेरा कोई खलील नहीं। मैं उस का रब हूं और मेरे सिवा उस का कोई रब नहीं है। अगर वोह तुम से मदद चाहते हैं तो तुम उस की मदद करो वरना उसे उस के हाल पर छोड़ दो।" फिर बारिश पर मुकर्रर फ़िरिश्ता हाज़िर हुवा और अर्ज की : "ऐ मेरे रब अज़्ज़वज़ल तेरा खलील आग में डाला जा रहा है मुझे इजाजत अता फरमा कि मैं बारिश के जरीए आग को बुझा दूं !...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 68-69 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 50
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❝ तसव्वुफ़ के तीसरे मा 'ना की तहकीक ❞
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⚘❆➮ अल्लाह अज़्ज़वज़ल इरशाद फ़रमाया : "वोह मेरा खलील है और इस वक्त जमीन में उस के सिवा मेरा कोई खलील नहीं और मैं उस का रब हूँ और मेरे सिवा उस का कोई रब नहीं अगर वोह तुझ से मदद चाहते हैं तो उस की मदद करो वरना उसे उस के हाल पर छोड़ दो। चुनान्चे,
••• ➫ जब हज़रते सय्यिदुना इब्राहीम अलैहिस्सलाम को आग में डाला जाने लगा तो आप अलैहिस्सलाम ने अपने रब - से दुआ की तो अल्लाह ने आग को हुक्म इरशाद फ़रमाया :
••• ➫ *तर्जमए कन्जुल ईमान :* ऐ आग हो जा ठन्डी और सलामती इब्राहीम पर।
••• ➫ तो उस दिन मशरिक व मगरिब के तमाम लोगों पर आग ठन्डी हो गई और उस से बकरी का एक पाया भी न पक सका।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 69 📚*
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📮 नेस्ट पोस्ट कंटिन्यू ان شاء الله
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❝ तसव्वुफ़ के तीसरे मा 'ना की तहकीक ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना मुक़ातिल व सईद रादिअल्लाहु तआला अन्हु, फ़रमाते हैं : जब हज़रते सय्यिदुना इब्राहीम अलैहिस्सलाम को आग में डालने के लिये लाया गया तो आप के कपड़े उतार लिये गए और रस्सी से बांध कर मिन्जनीक में डाला गया तो आस्मान, जमीन, पहाड़, सूरज, चांद, अर्श, कुरसी, बादल, हवा और फ़िरिश्ते रो दिये और सब ने मिल कर अर्ज की : या अल्लाह अज़्ज़वज़ल ! तेरे बन्दए खास को आग में डाला जा रहा है हमें उस की मदद करने की इजाजत अता फरमा।
••• ➫ आग ने रोते हुवे अर्ज की : "ऐ रब - ! तू ने मुझे बनी आदम के लिये मुसख्खर में किया और तेरा बन्दए खास मेरे जरीए जलाया जा रहा है।
••• ➫ " अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने उन सब से इरशाद - फ़रमाया : "मेरे बन्दे ने मेरी इबादत की और मेरी ही वह से उसे तकलीफ दी जा रही है अगर वोह मुझ से दुआ करे तो मैं उस की दुआ कबूल करूंगा और अगर वोह तुम से मदद तलब करे तो तुम उस की मदद कर सकते हो।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 69-70 📚*
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❝ तसव्वुफ़ के तीसरे मा 'ना की तहकीक ❞
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⚘❆➮ चुनान्चे , जब हज़रते सय्यिदुना इब्राहीम अलैहिस्सलाम को आग की तरफ़ फेंका गया तो मिन्जनीक और आग के दरमियान हज़रते सय्यिदुना जिब्रील अलैहिस्सलाम ने आप की खिदमत में हाज़िर हो कर अर्ज की : “ ऐ इब्राहीम अलैहिस्सलाम ! आप पर सलाम हो मैं जिब्रील हूं , क्या आप अलैहिस्सलाम को कोई हाजत है।" फिर जब हज़रते सय्यिदुना इब्राहीम खलीलुल्लाह अलैहिस्सलाम को आग में डाल दिया गया तो आप - आग तक पहुंचे इस से पहले ही हज़रते सय्यिदुना इसराफ़ील अलैहिस्सलाम पहुंच गए और आग को रस्सियों पर मुसल्लत कर दिया और अल्लाह ने आग को हुक्म दिया:
••• ➫ *तर्जमए कन्जुल ईमान :* ऐ आग हो जा ठन्डी और सलामती इब्राहीम पर।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 70 📚*
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••──────────────────────••► ❝ तसव्वुफ़ के तीसरे मा 'ना की तहकीक ❞
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⚘❆➮ हुक्मे खुदावन्दी पाते ही वोह आग ठन्डी हो गई और ऐसी ठन्डी हुई कि अगर उस के साथ "वसल्लमा" लफ्ज़ न फ़रमाया जाता तो सख्त सर्दी की वजह से आप अलैहिस्सलाम के आ जाए मुबारका सुकड़ जाते।
••• ➫ हज़रते सय्यदुना मिन्हाल बिन अम्र रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : मुझे येह खबर पहुंची है कि जब हज़रते सय्यिदुना इब्राहीम ख़लीलुल्लाह अलैहिस्सलाम को आग में डाला गया तो आप अलैहिस्सलाम उस आग में रहे और मैं येह नहीं जानता कि चालीस दिन रहे या पचास दिन, अलबत्ता आप अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं : "जब मैं आग में था (तो इस में इतने अच्छे दिन गुजरे कि) मुझे ज़िन्दगी में उन से बढ़ कर अच्छे दिन-रात मुयस्सर नहीं आए मैं चाहता था कि मेरी सारी जिन्दगी उसी आग में गुज़र जाए।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 70 📚*
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❝ तसव्वुफ़ के चौथे मा 'ना की तहकीक ❞
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⚘❆➮ अगर तसव्वुफ़ को मा'रूफ लफ्ज़ "صُوْفُٗ" जिस का मा'ना ऊन है, से मुश्तक माना जाए) तो फिर सूफ़िया को सूफी कहने की वज्ह येह होगी कि वोह ऊन का लिबास पहनते हैं क्यूंकि इस को ! बनाने में इन्सान को कोई मशक्कत नहीं होती और सरकश नफ्स ऊन का लिबास पहनने से फरमा बरदार हो जाता है और ज़िल्लतो रुस्वाई का सामना होने से उस का गुरूर व तकब्बुर टूट जाता है और इन्सान कनाअत का आदी बन जाता है। मजीद फ़रमाते हैं : "हम ने अपनी किताब "लुबुसुस्सूफ" में इस की मिसालें अहसन अन्दाज़ से जिक्र कर दी हैं और तसव्वुफ़ के मुतअल्लिक मुहक्किकीन के कई मसाइल को हम ने एक और किताब में बयान किया है और अन करीब यहां भी उन में से बाज को जिक्र करेंगे।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 71 📚*
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❝ सुन्नी और सूफी की तारीफ ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना इमाम जा'फ़र बिन मुहम्मद सादिक रहमतुल्लाहि तआला अलैह फ़रमाते हैं: "जो शख्स रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के जाहिरी अहवाल के मुताबिक ज़िन्दगी गुजारे वोह सुन्नी (या'नी सुन्नत का पैरूकार) है और जो आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के बातिनी अहवाल के मुताविक ज़िन्दगी गुज़ारे वोह सूफ़ी है।" और बातिनी ज़िन्दगी से हज़रते सय्यिदुना इमाम जा' फर सादिक रादिअल्लाहु तआला अन्हु की मुराद रहमते आलम, शफ़ीए उम्मत सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के पाकीज़ा अख़्लाक़ और आखिरत को इख्तियार करना है। पस जो शख्स आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के अख्लाके करीमा से अपने आप को मुजय्यन करे और जिस चीज़ को आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इख्तियार फरमाया उसे इख्तियार करे, जिस चीज़ में रगबत रखी उस में रगवत रखे, जिन चीजों से आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इजतिनाब फ़रमाया उन से इजतिनाब करता रहे और आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने जिन कामों की तरगीब दिलाई उन्हें थाम ले तो बेशक वोह गन्दगी से पाको साफ़ हो कर गैर से नजात पा गया और जो शख्स आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के रास्ते से हट कर अपने नफ्स की पैरवी करने और अपने पेट व शर्मगाह की ख्वाहिशात को पूरा करने में मशगूल रहा तो ऐसा शख्स तसव्वुफ़ से आरी, नादानी में कोशां और आने वाले खतरनाक अहवाल से गाफिल है।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 71 📚*
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❝ अक़्लमन्द कौन है ? ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अबू सुवैद बिन गफ़ला रहमतुल्लाहि तआला अलैह बयान करते हैं कि एक दिन अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु बाहर तशरीफ़ लाए तो हुज़ूर नबिय्ये दो जहान , सरवरे कौनो मकान , महबूबे रहमान ﷺ से मुलाकात हुई। आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने अर्ज की : या रसूलल्लाह ﷺ आप ﷺ को किस चीज़ के साथ मबऊस किया गया? इरशाद फ़रमाया अक्ल के साथ। अर्ज़ की हम किस तरह अक्ल इख्तियार कर सकते हैं ?" इरशाद फ़रमाया बेशक अक्ल की कोई इन्तिहा नहीं लेकिन जिस शख़्स ने अल्लाह के हलाल को हलाल जाना और उस के हराम को हराम समझा उसे अक़्लमन्द कहा जाता है अगर वोह इस के बाद मजीद राहे खुदा में कोशिश करे तो उसे आबिद कहा जाता है इस के बाद मजीद कोशिश करे तो उसे जव्वाद कहा जाता है मगर जो शख़्स इबादत में कोशिश करे और नेकी की राह में तकालीफ़ पर सब्र करे लेकिन अक्ल का सहारा न ले जो उसे अल्लाह अज़्ज़वजल के हुक्म की इत्तिबा की तरफ रहनुमाई करे और उस की मन्अकर्दा अश्या से बाज़ रखे तो येही लोग हैं जो बदतरीन आमाल वाले हैं जिन की दुन्या में की गई कोशिशें बेकार गई हालांकि अपने गुमान में वोह अच्छे आमाल करने वाले थे।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 71-72 📚*
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❝ अक्ल के 3 हिस्से ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अबू सईद खुदरी बयान करते हैं : मैं ने सरकारे मदीना, करारे कल्बो सीना सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को इरशाद फ़रमाते हुवे सुना कि "अल्लाह ने अक्ल को 3 हिस्सों में तक्सीम फ़रमाया है जिस शख्स में वोह तीनों हिस्से हों वोह कामिल अक्ल वाला है और जिस शख्स में कोई हिस्सा न हो उस में कुछ अक्ल नहीं (वोह तीन हिस्से येह हैं)
❶ ➪ अल्लाह अज़्ज़वज़ल को हुस्ने मा रिफ़त
❷ ➪ अल्लाह अज़्ज़वज़ल की हुस्ने ताअत और
❸ ➪ अल्लाह अज़्ज़वज़ल के अहकाम पर हुस्ने सब्र
••• ➫ "हज़रते सव्यिदुना इमाम हाफ़िज़ अबू नुऐम अहमद बिन अब्दुल्लाह अस्फहानी क़ुद्सी सिरातुल नूरानी फ़रमाते हैं : "ऐसे शख्स को तसव्वुफ़ की तरफ़ कैसे मन्सूब किया जाए कि जब अल्लाह अज़्ज़वज़ल की मा'रिफ़ते हकीकी से उस का वासिता पड़े तो वोह इस में दूसरी बातें मिला दे और जब उस से ताअते इलाही के लवाज़िमात का मुतालबा किया जाए तो वोह उन से जाहिल हो और दूसरे को पागल बना दे और जब ऐसी मशक्कत में मुब्तला हो जिस पर सन्न करना जरूरी है तो बेसब्री का मुजाहरा करे।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 71-72 📚*••──────────────────────••►
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❝ सूफी और तसव्वुफ़ के मुतअल्लिक अक्वाल ❞
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⚘❆➮ उलमाए तसव्वुफ़ रहमाहुल्लाहु तआला ने तसव्वुफ़ के बारे में कलाम किया है और इस की हुदूद , मआनी , अक्साम व मबानी के बारे में वजाहत की है ल। चुनान्चे , तसबुफ़ के 10 म'आनी :
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अज़दियार बिन सुलैमान फ़ारसी अलैहि रहमतुल्लाहि तआला से मरवी है कि " हज़रते सय्यिदुना जुनैद बिन मुहम्मद अलैहि रहमतुल्लाहि तआला समद तसव्वुफ़ के मुतअल्लिक सुवाल किया गया , आप रहमतुल्लाहि तआला अलैह ने फ़रमाया : तसव्वुफ़ एक ऐसा नाम है जो 10 मआनी पर मुश्तमिल है!
❶➪ दुन्या की हर शै में कसरत की बजाए किल्लत पर इक्तिफ़ा करना।
❷ ➪ अस्बाब पर भरोसा करने की बजाए अल्लाह पर दिल से ए ' तिमाद रखना।
❸ ➪ सिहहत व तन्दुरुस्ती में नफ्ली इबादात में रगबत रखना।
❹ ➪ दुन्या छूट जाने पर भीक मांगने और शिक्वा व शिकायत करने के बजाए सब्र करना।
❺ ➪ किसी चीज़ के पाए जाने के बा वुजूद इस्ति ' माल के वक्त तमीज़ रखना।
❻ ➪ सारी मश्गूलियात तर्क कर के जिक्रुल्लाह में मश्गूल रहना।
❼ ➪ तमाम अज़कार के मुकाबले में जिक्रे ख़फ़ी करना।
❽ ➪ वसाविस के बा वुजूद इख्लास पर साबित कदम रहना।
❾ ➪ शक के बा वुजूद यकीन को मुतजलज़िल न होने देना।
❶⓿ ➪ इज़तिराब व वहशत के वक़्त अल्लाह की तरफ़ मुतवज्जेह हो कर सुकून हासिल करना।
••• ➫ पस जिस शख्स में येह सिफ़ात पाई जाएं वोह सूफ़ी कहलाने का मुस्तहिक़ है वरना वोह झूटा है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 72 📚*
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❝ सूफ़ी, हकाइक से पर्दा उठाता है ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यदुना अब्दुल्लाह बिन मुहम्मद बिन मैमून रहमतुल्लाहि तआला अलैह फ़रमाते हैं कि मैंने हज़रते सय्यिदुना जुनून मिसरी रहमतुल्लाहि तआला अलैह से सूफ़ी के बारे में पूछा तो उन्हों ने फ़रमाया : "सूफ़ी वोह है कि जब गुफ़्तगू करे तो हकाइक से पर्दा उठाए अगर खामोश हो तो उस के आ'जा दुन्या से तर्के तअल्लुक की गवाही दें।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना जा'फ़र बिन मुहम्मद रहमतुल्लाहि तआला अलैह से मरवी है कि हज़रते सय्यदुना अबू हसन मुज्य्यन रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : "तसव्वुफ़ ऐसी कमीस है जो अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने लोगों को पहनाई है अगर वोह उस पर शुक्र अदा करें तो ठीक वरना अल्लाह अज़्ज़वज़ल उस के बारे में मुवावजा फरमाएगा।
••• ➫ " हज़रते सय्यदुना खुवास रादिअल्लाहु तआला अन्हु से सुवाल हुवा कि तसव्वुफ़ क्या है ? फ़रमाया : "येह एक ऐसा नाम है जिस की आड़ ले कर इन्सान आम लोगों से ओझल हो जाता है सिवाए अहले मा'रिफ़त के और येह बहुत थोड़े लोग हैं।
••• ➫ "हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र बिन मुसाकिफ रहमतुल्लाहि तआला अलैह, फरमाते हैं : मैं ने हजरते सय्यदुना जुनैद बिन मुहम्मद रादिअल्लाहु तआला अन्हु से तसव्वुफ़ के बारे में पूछा तो उन्हों ने फ़रमाया : "हर बुरी आदत को तर्क कर देना और हर अच्छी आदत को अपना लेना तसव्वुफ़ है।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 73-74 📚*
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❝ आरिफ और सूफी की अलानात व सिफ़ात ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अबू हसन फ़रमानी रहमतुल्लाहि तआला अलैह- बयान करते हैं कि मैं ने हज़रते सय्यदुना अबू बक्र शिब्ली रादिअल्लाहु तआला अन्हु से आरिफ़ की अलामत दरयाफ्त की तो फ़रमाया : "आरिफ़ का सीना खुला होता है, दिल ज़ख्मी और जिस्म बे हाल होता है।" फिर मैं ने पूछ : "येह तो आरिफ की अलामत है, लेकिन आरिफ़ कौन है?" तो आप रहमतुल्लाहि तआला अलैह ने इरशाद फ़रमाया : "आरिफ़ वोह है जो अल्लाह अज़्ज़वज़ल और उस की मुराद को पहचान कर उस के अहकामात पर अमल करे, जिस चीज़ से उस ने मन्अ फरमाया उस से रुक जाए और उस के बन्दों को उस की तरफ बुलाए ।" अबू हसन फरगानी रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : "मैं ने फिर पूछा : "सूफ़ी कौन है ?" फ़रमाया : "जिस ने अपने दिल की सफाई की हो और उस का दिल साफ़ हो गया हो और हुजूर नविय्ये मुकर्रम, नूरे मुजस्सम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम- के नक्शे कदम पर चला, दुन्या को अपने पीछे फेंका और ख्वाहिशात को जफ़ा का मजा चखाया।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 74 📚*
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❝ आरिफ और सूफी की अलानात व सिफ़ात ❞
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⚘❆➮ मैंने अर्ज की : "येह सूफ़ी है तो फिर तसव्वुफ़ क्या है ?" फ़रमाया : " अल्लाह अज़्ज़वज़ल की तरफ़ मुतवज्जेह हो कर दुन्या से किनारा कशी इख्तियार करना और तकल्लुफ़ से बचना।" मैंने पूछा : "इस से बेहतर तसव्वुफ़ क्या है ? फ़रमाया : "दिल के साफ़ करने का मुआमला अल्लामुल गुयूब अल्लाह अज़्ज़वज़ल के सिपुर्द करना।" मैं ने अर्ज की : "इस से बेहतर तसव्वुफ़ क्या है?" फ़रमाया : "अल्लाह अज़्ज़वज़ल- के हुक्म की ता' जीम करना और उस के बन्दों पर मेहरबानी करना।" मैं ने पूछा : "इस से बेहतर सूफी की क्या सिफात हैं?" फरमाया : "जो गन्दगी से पाक हो कर और बुख्ल से नजात पा कर फिके इलाही से भर गया हो और उस के नज़दीक सोने और मिट्टी की हैसिय्यत बराबर हो।
••• ➫ " हज़रते सय्यिदुना नस्र बिन अबी नस - फ़रमाते हैं : मैं ने हज़रते सय्यिदुना अली बिन मुहम्मद मिस्री रहमतुल्लाहि तआला अलैह को फरमाते हुवे सुना कि हजरते सय्यिदुना सरी सकती रहमतुल्लाहि तआला अलैह से पूछा गया : "तसव्वुफ़ क्या है ?" आप रहमतुल्लाहि तआला अलैह ने फ़रमाया : "तसव्वुफ़ ऐसे अख्लाके करीमा (या'नी अच्छी आदात व सिफात) का नाम है जो अल्लाह अज़्ज़वज़ल मुअज्जज़ लोगों को अता फ़रमाता है।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 75 📚*
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❝ आरिफ और सूफी की अलानात व सिफ़ात ❞
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⚘❆➮ "हज़रते सय्यदुना अब्दुर्रहमान बिन मुजीब रहमतुल्लाहि तआला अलैह से सूफी के मुतअल्लिक पूछा गया : तो फ़रमाया : "सूफ़ी अपने नफ्स को ज़बह करने वाला, अपनी ख्वाहिशात को रुस्वा करने वाला, अपने दुश्मन (शैतान) को नुक्सान पहुंचाने वाला, मखलूक को नसीहत करने और हमेशा खौफे खुदा रखने वाला होता है। अमल को ठीक तौर पर अन्जाम देता और उम्मीदों से दूर रहता है, बिगाड़ दूर करता और लगज़िशों से दर गुज़र करता है। उस का उन सरमाया, उस का हुनर गम, उस की ज़िन्दगी सरापा कनाअत, हक को पहचानने वाला, अल्लाह अज़्ज़वज़ल के दरवाजे पर डेरा जमाने वाला, हर चीज़ से बे नियाज़ रहने वाला, नेकी की काश्त करने वाला, महब्बत का दरख्त लगाने वाला और अपने वादे की हिफाज़त करने वाला होता है।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना इमाम हाफ़िज़ अबू नुऐम अहमद बिन अब्दुल्लाह अस्फूहानी रहमतुल्लाहि तआला अलैह फ़रमाते हैं: "मैं ने इस किताब के इलावा दूसरी किताब में मशाइखे किराम रहमाहिमुल्लाहुस सलाम के तसव्वुफ़ के मुतअल्लिक कसीर जवाबात और मुख्तलिफ़ इबारतों को ज़िक्र कर दिया है जिन में से। हर एक ने तसव्वुफ़ को अपने हाल के मुताबिक बयान किया है।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 75 📚*
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❝ कलामे सूफिया की तीन अक्साम ❞
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⚘❆➮ सूफ़िया का कलाम तीन अक्साम पर मुश्तमिल होता है :
❶ ➪ तौहीद की दावत देना।
❷ ➪ मुराद व मरातिब के बारे में कलाम करना।
❸ ➪ मुरीद और उस के अहवाल के बारे में कलाम करना।
••• ➫ फिर हर किस्म बे शुमार मसाइल व फुरूआत पर मुश्तमिल है लिहागा सूफ़िया का सब से पहला उसूल अल्लाह तबारक व तआला का इरफ़ान हासिल करना है और फिर उस के अहकाम पर अपने आप को साबित कदम रखना और उस पर हमेशगी इख्तियार करना है। चुनान्चे,
••• ➫ हज़रते सय्यदुना अब्दुल्लाह बिन अब्बास से रिवायत है कि जब रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने हज़रते सय्यिदुना मुआज बिन जबल रादिअल्लाहु तआला अन्हु को यमन की तरफ़ भेजा तो इरशाद फरमाया : "तुम अहले किताब की तरफ जा रहे हो लिहाजा सब से पहले तुम उन्हें अल्लाह अज़्ज़वज़ल की इबादत की दावत देना, जब उन्हें अल्लाह अज़्ज़वज़ल का इरफान हासिल हो जाए तो फिर उन्हें बताना कि अल्लाह ने उन पर दिन रात में पांच नमानें फर्ज फ़रमाई हैं और जब वोह नमाज़ों की पाबन्दी करने वाले बन जाएं तो फिर उन्हें येह खबर देना कि अल्लाह ने उन पर ज़कात फ़र्ज़ फ़रमाई है जो उन के अगनिया के अमवाल से ले कर उन्ही के फुकरा में तक्सीम कर दी जाएगी।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 76 📚*
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❝ कलामे सूफिया की तीन अक्साम ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन मिस्वर रादिअल्लाहु तआला अन्हु : बयान फ़रमाते हैं : एक शख्स ने शहनशाहे मदीना, करारे कल्बो सीना, साहिबे मुअत्तर पसीना, बाइसे नुजूले सकीना सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की बारगाह में हाज़िर हो कर अर्ज की : “या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ! मुझे नादिर उलूम में से कुछ सिखा दीजिये!" आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : "तुम ने अस्ल इल्म में क्या सीखा है जो नादिर उलूम तलब कर रहे हो?" उस ने अर्ज की : "अस्ल इल्म क्या है ?" इरशाद फ़रमाया : "क्या तुम ने अल्लाह की मा'रिफ़त हासिल कर ली है ?" उस ने अर्ज की : "जी हां!" आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : "फिर तुम ने उस का कितना हक अदा किया है?" उस 2 ने अर्ज की : "जितना अल्लाह ने चाहा उतना अदा किया है।" आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम- ने इस्तिफ्सार फ़रमाया : "क्या तुम ने मौत को पहचान लिया है ?" उस ने जवाब दिया : "जी हां !" फ़िरमाया : "तुम ने उस के लिये किस कदर तय्यारी की ?" उस ने अर्ज की : "जितनी अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने चाही उतनी मैं ने मौत की तय्यारी कर ली है।" तो आप - सलल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम - ने इरशाद फरमाया : "जाओ पहले इन चीजों को पुख्ता करो फिर आना मैं तुम्हें नादिर उलूम सिखा दूंगा।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 76-77 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 65
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❝ तसव्वुफ़ के बुन्यादी अरकान ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना इमाम हाफ़िज़ अबू नुऐम अहमद बिन अब्दुल्लाह अस्फ़हानी रहमतुल्लाह तआला अलैह फ़रमाते हैं : "हक़ीकी तसव्वुफ़ की बुन्याद चार अरकान पर है!
❶ ••• ➫ अल्लाह अज़्ज़वज़ल और उस के अस्मा, सिफ़ात व अफ्आल की मा'रिफ़त।
❷ ••• ➫ नफ्स, इस की बुराइयों और इन बुराइयों की तरफ ले जाने वाले अस्वाब की मा'रिफ़त नीज़ दुश्मन (या'नी शैतान) के वसाविस, मक्रो फरेब और गुमराहियों की मा'रिफ्त।
❸ ••• ➫ दुन्या की मा'रिफ़्त, और इस बात की मा'रिफ़त कि दुन्या एक धोका है, दुन्या फ़ानी है, इस की रंगीनियां आरिज़ी हैं नीज़ इस से बचने और दूर रहने के तरीकों की मा'रिफत।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 77 📚*
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❝ तसव्वुफ़ के बुन्यादी अरकान ❞
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❹ ••• ➫ इन की मा रिफ़त के बाद अपने नफ्स को हमेशा मुजाहदा और सख्त मशक्कत का आदी बनाए, अपने औकात की हिफ़ाज़त करे, ताअत को गनीमत समझे, राहत व आराम और लज्जात से किनाराकशी इख्तियार करे, करामात की हिफाजत करे लेकिन मुआमलात से नाता न तोड़े और न बेजा तावीलात की तरफ़ माइल हो बल्कि दुन्यावी तअल्लुकात से बे रगबत हो कर हर चीज़ से ए'राज़ कर ले और तमाम गमों को एक ही गम गुमान करे, मालो मताअ में इज़ाफ़े से दामन छुड़ाए, मुहाजिरीन व अन्सार की पैरवी करे, जमीन व जाईदाद से किनाराकशी इख्तियार करे, राहे खुदा में खर्च व ईसार करने को तरजीह दे, अपने दीन की हिफाज़त की गरज से पहाड़ों और जंगलों की तरफ निकल जाए, बिला ज़रूरत निगाहें उठाए इधर उधर देखने से इणतिनाब करे कि इस की वज्ह से इस की तरफ़ उंगलियां उठें क्यूंकि येह चीज़ अन्वारो बरकात से दूरी का बाइस है। पस इन्हीं सिफ़ात से मुत्तसिफ़ लोग मुत्तकी, गोशा नशीन, अपने दीन की हिफ़ाज़त के लिये भागने वाले और आ'ला किरदार के मालिक होते हैं इन का अक़ीदा दुरुस्त और बातिन महफूज होता है।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना सा'द बिन अबी वक्कास रादिअल्लाहु तआला अन्हु अपने वालिद से रिवायत करते हैं। कि सरकारे मदीना, राहते कल्बो सीना, फैज गन्जीना, साहिबे मुअत्तर पसीना सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फ़रमाया : "बेशक अल्लाह अज़्ज़वज़ल मुत्तकी, सखी दिल और मलकी (या'नी गुमनाम) बन्दे से महब्बत फ़रमाता है।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 77-78 📚*
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❝ अल्लाह अज़्ज़वज़ल के पसंदीदा लोग ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यदुना अब्दुल्लाह बिन अम्र रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि सरकारे वाला तबार, हम बेकसों के मददगार, शफ़ीए रोजे शुमार सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : "अल्लाह अज़्ज़वज़ल के पसन्दीदा लोग गुरबा हैं। अर्ज की गई : "गुरबा कौन है ?" इरशाद फरमाया : "अपने दीन की हिफाजत के लिये भागने वाले। बरोजे कियामत अल्लाह अज़्ज़वज़ल उन्हें हज़रते ईसा (अलैहिस्सलाम) के साथ उठाएगा।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 78 📚*
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❝ चुने हुवे लोग ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन मसऊद रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : "जब अल्लाह अज़्ज़वज़ल किसी बन्दे से महब्बत फ़रमाता है तो उसे अपने लिये चुन लेता और उसे अहलो इयाल में मशगूल नहीं होने देता।" नीज़ बयान फ़रमाते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : "लोगों पर एक ऐसा जमाना आएगा कि किसी मुसलमान का दीन सलामत नहीं रहेगा सिवाए उस के जो अपने दीन की हिफाजत के लिये एक बस्ती से दूसरी बस्ती, एक घाटी से दूसरी घाटी और एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ की तरफ भागेगा।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 78 📚*
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❝ काबिले रश्क मोमिन ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अबू उमामा रादिअल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि हुस्ने अख़्लाक़ के पैकर, नबियों के ताजवर, महबूबे रब्बे अक्बर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : "हमारे दोस्तों में सब से जियादा काबिले रश्क वोह मोमिन है जो थोड़े माल वाला, नमाज़ रोजे का पाबन्द, अपने रब अज़्ज़वज़ल की अच्छे तरीके से इबादत करने वाला और तन्हाई में भी उस की ताअत करने वाला हो और लोगों में इस कदर गुमनाम हो कि उंगलियों से उस की तरफ इशारा न किया जाए, व कदरे किफायत रोज़ी मुयस्सर आने पर सब करे, जब उस की मौत करीब आ जाए तो उस पर रोने वालों की की तादाद कम हो और उस का तर्का भी बहुत थोड़ा हो।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 78-79 📚*
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❝ काबिले रश्क मोमिन ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना इमाम हाफ़िज़ अबू नुऐम अहमद बिन अब्दुल्लाह अस्फहानी रादिअल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं : "औलियाए किराम अलैहिस्सलाम अच्छी सिफ़ात और उम्दा आदात के मालिक होते हैं। उन का मक़ाम बुलन्द और सुवाल काबिले रश्क होता है।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन अब्बास रादिअल्लाहु तआला अन्हुमा फ़रमाते हैं : हुजूर नबिय्ये मुकर्रम, नूरे मुजस्सम, शाहे बनी आदम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने मुझ से इरशाद फ़रमाया : “ऐ लड़के ! क्या मैं तुम पर बखिशश न करूं ? क्या मैं तुम को न दूं? क्या मैं तुम को अता न करूं ?" आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : मैं ने अर्ज की : "क्यूं नहीं या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ! मेरे मां बाप आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम पर कुरबान हों।" फ़रमाते हैं : मैं ने समझा कि आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम- मुझे कुछ माल अता फरमाएंगे लेकिन आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : "हर दिन रात में 4 रक्अत वाली एक नमाज़ है। जिस में सूरए फ़ातिहा और सूरत पढ़ने के बाद 15 मरतबा سبحان اللہ والحمدللہ ولا الٰہ الا اللہ واللہ اکبر कहो फिर रुकूअ करो और रुकूअ में (तस्बीह के बा'द) 10 मरतबा पढ़ो फिर रुकूअ से उठो तो سمع الله لمن حمده कहने के बा'द) 10 मरतबा, फिर नमाज़ की हर रक्अत में इसी तरह पढ़ो जब फ़ारिग हो जाओ तो तशहुद के बाद और सलाम से पहले येह पढ़ो!..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 79 📚*
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❝ काबिले रश्क मोमिन ❞
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⚘❆➮ *तर्जमा :* ऐ अल्लाह ! मैं तुझ से हिदायत याफ्ता लोगों की तौफीक अहले यकीन के आ'माल, तव्वाबीन के खुलूस, साबिरीन के अज्म, अहले खुशिय्यत की कोशिश, अहले शौक़ की तलब, मुत्तकीन की सी इबादत, इल्म वालों की मा'रिफ़त का सुवाल करता हूं कि मैं तुझ से डरू और ऐ अल्लाह - मैं तुझ से ऐसे खौफ का सुवाल करता हूं जो मुझे तेरी ना फ़रमानियों से बाज़ रखे हत्ता कि मैं ऐसा अमल बजा लाऊं कि तेरी रिज़ा का मुस्तहिक बन जाऊं और तुझ से डरते हुवे सच्ची तौबा कर लूं और तेरी महब्बत के बाइस तेरे लिये खुलूस इख्तियार करूं और तुझसे हुस्ने जन रखते हुवे तमाम उमूर में तुझ पर भरोसा करूं। पाकी है नूर के खालिक अज़्ज़वज़ल) को) (फिर आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया) ऐ इब्ने अब्बास ! जब तुम ऐसा करोगे तो अल्लाह अज़्ज़वज़ल तुम्हारे छोटे और बड़े, नए और पुराने, छुपे और ज़ाहिर भूल कर किये और जो जान बूझ कर किये तमाम गुनाह बख्श देगा।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 79-80 📚*
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❝ अल्लाह अज़्ज़वज़ल के सफीर ❞
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⚘❆➮हज़राते औलियाए किराम रहमतुल्लाहि अलैह मखलूक की तरफ़ रब के सफ़ीर और खुद हक तबारक व तआला के असीर होते हैं। हिजो फिराक ने उन्हें परेशान और बे करारी ने परागन्दा हाल किया होता है। चुनान्चे,
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना मुआज बिन जबल रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि शहनशाहे मदीना, करारे कल्यो सीना, साहिबे मुअत्तर पसीना, बाइसे नुजूले सकीना, फैज गन्जीना सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : "ऐ मुआज । बेशक मोमिन अल्लाह अज़्ज़वज़ल का असीर होता है और जानता है कि इस पर और उस के कान, आंख, जबान, हाथ पाउं, पेट, शर्मगाह पर निगहबान मुकर्रर है जो उस को उंगली के साथ मिट्टी से खेलते सर्मा लगाते और तमाम आ'माल करते हत्ता कि हर लम्हे उसे देख रहा है। बेशक मोमिन का दिल न तो अम्न में होता है और न ही उस का खौफ़ व इतिराव जाता है। उसे सुव्हो शाम मौत का इन्तिज़ार रहता है। तक्वा उस का दोस्त, कुरआन उस की दलील, खौफ उस की हुज्जत, शराफ़त उस की सुवारी, एहतियात उस का हमनशीं, खुशिय्यते इलाही उस का शिआर, नमाज उस की जाए पनाह, रोज़ा उस की ढाल, सदका उस की आज़ादी का परवाना, सिद्क उस का वज़ीर, हया उस की अमीर और अल्लाह की जात इन तमाम पर निगहबान है।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 80 📚*
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❝ अल्लाह अज़्ज़वज़ल के सफीर ❞
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⚘❆➮ ऐ मुआज (रादिअल्लाहु तआला अन्हु) कुरआन मोमिन को बहुत सी नफ़्सानी ख्वाहिशात व शहवात से रोक देता है और (कुरआने करीम) अल्लाह के इन से बन्दे और ख्वाहिशात व शहवात के दरमियान हाइल हो जाता है।
••• ➫ ऐ मुआज (रादिअल्लाहु तआला अन्हु) मैं तेरे लिये भी वोही पसन्द करता हूं जो अपने लिये पसन्द करता हूं और मैं तुम्हें उन चीजों से मन्अ करता हूं जिन चीज़ों से हज़रते जिब्रील अलैहिस्सलाम ने मुझे रोका है। पस कियामत के दिन तुम मुझे इस हाल में मिलोगे कि तुम से ज़ियादा कोई सआदत मन्द नहीं होगा।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 80 📚*
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❝ ईमान की मिठास ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना इमाम हाफिज़ अबू नुऐम अहमद बिन अब्दुल्लाह अस्फहानी रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : "औलियाए किराम रहमतुल्लाहि तआला अलैह की महब्बत हक तआला के लिये होती है और वोह हक तआला की राह में ही जीते और मरते हैं। हक़ तआला के सिवा सारी मख्लूक उन का कुर्ब पाती और अपने गम भूल जाती है।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अनस बिन मालिक रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि नूर के पैकर, तमाम नबियों के सरवर सल्लल्लाहु तआला अन्हु ने इरशाद फ़रमाया : "3 बातें जिस में होंगी वोह ईमान की मिठास को पा लेगा।
❶ •• ➫ उसे अल्लाह अज़्ज़वज़ल और उस का रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम हर चीज़ से ज्यादा महबूब हो।
❷ •• ➫ उसे आग में डाला जाना कुफ़्र की तरफ लौटते से जियादा पसंद हो जब कि अल्लाह ने उसे आग से बचा लिया हो।
❸ •• ➫ वोह किसी शख्स से महज अल्लाह अज़्ज़वज़ल की खातिर महब्बत करे।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 81 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 75
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❝ ईमान की मिठास ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अनस रादिअल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि नबिय्ये करीम, रऊफुर्रहीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : "जिस शख्स में तीन ख़स्लतें होंगी वोह ईमान की मिठास को पा लेगा!
❶ •• ➫ अल्लाह और उस का रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम उसे तमाम चीजों से जियादा महबूब हों।
❷ •• ➫ महज़ अल्लाह अज़्ज़वज़ल की खातिर किसी से महब्बत करे।
❸ •• ➫ कुफ से नजात मिलने के बाद दोबारा उस में लौट जाने को इस तरह ना पसन्द करे जिस तरह आग में डाले जाने को ना पसन्द करता है।...✍
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❝ मुश्किल अहवाल और पाकीजा अख्लाक का नाम तसव्वुफ़ है! ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना इमाम हाफिज अबू नुऐम अहमद बिन अब्दुल्लाह अस्फ़हानी रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं कि "हज़रते सय्यिदुना मुआज विन जबल रादिअल्लाहु तआला अन्हु की हदीस और इस के इलावा रिवायात से साबित होता है कि तसव्वुफ़ मुश्किल अहवाल और पाकीज़ा अख़्लाक़ का नाम है और अहवाल, सूफ़ियाए किराम रहमाहिमुल्लाहुस सलाम को मगलूब कर के असीर बना लेते हैं। सूफ़ियाए किराम रहमाहिमुल्लाहुस सलाम जब अख्लाक का इल्म हासिल करते हैं तो वोह उन के सामने बिल्कुल जाहिर हो कर उन्हें हक तआला की खालिस इबादत से आरास्ता करते हैं। लिहाजा वोह हैरत के रास्तों से बचते और हक़ तआला से तअल्लुक टूट जाने से महफूज़ रहते हैं। वोह हक़ तआला से ही मानूस होते और उसी से राहत व आराम पाते हैं। पस वोह ऐसे दिलों के मालिक हैं जो अपने नूरे फिरासत से उमूरे गैविय्या को जान लेते और अपने महबूब का मुराकबा करते हैं। हक़ से मुन्हरिफ़ शख्स को छोड़ देते और हक़ ही के लिये जंग करते हैं। वोह सहाबए किराम व ताबेईने उज्जाम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के नक्शे कदम पर चलते हैं। वोह जो लोगों में से फटे पुराने लिबास में मलबूस बका व फ़ना को जानने वाले, इख्लास व रिया में तमीज़ करने वाले, वस्वसों और अजीमत व निय्यत को जानने वाले, बातिनी उयूब का मुहासबा करने वाले, राजों की मुहाफजत करने वाले, नफ्स की मुखालफ़त करने वाले और हर वक़्त गौरो फ़िक्र और ज़िक्रो अज़कार में मश्गूल रहने के जरीए शैतानी वस्वसों से बचने वाले हैं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 81-82 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 77
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❝ मुश्किल अहवाल और पाकीजा अख्लाक का नाम तसव्वुफ़ है! ❞
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⚘❆➮ लोग इन सूफ़ियाए किराम रहमाहिमुल्लाहुस सलाम का कुर्ब चाहते हुवे और सुस्ती व कोताही से जान छुड़ाते हुवे इन की पैरवी करते हैं, इन की खिदमत को हकीर वोही समझेगा जो बे दीन हो चुका हो और इन के अहवाल का दावा बे वुकूफ शख्स ही कर सकता है। इन के अक़ीदे का मो'तकिद आली हिम्मत और बहुत ख्वाहिश मन्द ही इन से तअल्लुक रखने का मुश्ताक होता है। येह लोग आफाक के सूरज हैं। इन की झलक देखने के लिये गर्दनें उठती हैं हम इन्ही नुफूसे कुदसिय्या की पैरवी करते और मरते दम तक इन्ही से अपनी दोस्ती का दम भरते हैं।"हज़रते सय्यिदुना इमाम हाफ़िज़ अबू नुऐम अहमद बिन अब्दुल्लाह अस्फ़हानी फ़रमाते हैं : "हम इस किताब में हर उस सहाबी का ज़िक्र करेंगे जो किसी वाकिए की वज्ह से मशहूर हुवे, जिन के अच्छे अफ्आल महफूज कर लिये गए, जो फुतूर और सुस्ती से मुबर्रा, जिन के साथ अच्छी यादें वाबस्ता हैं और थकावट व मलाल उन्हें राहे खुदा से मुन्हरिफ़ न कर सका। मुहाजिरीन सहावए किराम क़ुदसिरातुल नूरानी में सब से पहले अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रिज़वानुल्लाह तआला अलैहिम आज़माईन का तज़किरा किया जाता है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 82 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 78
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❝ अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ❞
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⚘❆➮ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु वोह सहाबी हैं जिन्हों ने सब से पहले ताजदारे रिसालत, शहनशाहे नबुव्वत सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की रिसालत की तस्दीक की। बारगाहे रिसालत सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से अतीक का लकब पाया। तौफीके इलाही की ताईद इन्हें हासिल रही, सफ़रो हज़र में हुजूर नबिय्ये पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के रफीक, ज़िन्दगी के हर मोड़ पर हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के मुख्लिस दोस्त और बा'दे विसाल भी रौज़ए अन्वर में (आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के) साथ आराम फरमा रहे हैं, अल्लाह ने आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु का कुरआने मजीद में फख्र के साथ ज़िक्र फ़रमाया जिस की वजह से आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु तमाम चुने हुवे लोगों से बढ़ गए और रहती दुन्या तक आप की बुजुर्गी व शरफ़ बाकी रहेगा, कोई साहिबे ताकत व बसारत आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु के बुलन्द रुत्वे तक नहीं पहुंच सकता क्यूंकि अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने कुरआने मजीद में इरशाद फरमाया : *तर्जमए कन्जुल ईमान :* सिर्फ दो जान से जब वोह दोनों गार में थे।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 83 📚*
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❝ अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ❞
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⚘❆➮ इस के इलावा बहुत सी आयात व अहादीस आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु की शान में वारिद हुई हैं जिन में रोजे रौशन की तरह वाजेह है कि आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु हर साहिबे फल से ज़ियादा फ़ज़ीलत वाले और हर मुकाबिल से बरतरी ले जाने वाले हैं। नीज़ येह आयते मुबारका भी आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु की शान में नाज़िल हुई हैं। चुनान्चे, अल्लाह ने इरशाद फरमाया : *तर्जमए कन्जुल ईमान :* तुम में बराबर नहीं वोह जिन्हों ने फ़हे मक्का से कब्ल खर्च और जिहाद किया।
••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने तमाम हालात में अपनी इनफ़िादिय्यत काइम रखी और जब आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु को हुजूर नविय्ये करीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इस्लाम की दावत दी तो आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फौरन इसे कबूल कर लिया और मालो इज्जत हत्ता कि हर चीज़ राहे खुदा में कुरबान कर दी। तौहीदे इलाही को काइम करना ही आप का मक्सद व मुद्दआ था इसी बिना पर परेशानियों और मुसीबतों का निशाना बने और इस्लाम की खातिर हर चीज़ तर्क कर दी और मख्लूक से मुंह मोड़ कर अल्लाह अज़्ज़वज़ल की राह इख्तियार की। मन्कूल भी येही है कि रास्तों के इख्तिलाफ़ के वक्त हकाइक को थामे रखना ही तसव्वुफ़ है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 83-84 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 80
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❝ सिद्दीके अकबर रादिअल्लाहु तआला अन्हु का दर्से तौहीद ❞
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⚘❆➮ हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास रादिअल्लाहु तआला अन्हुमा से मरवी है कि जब हुजूर नबिय्ये अकरम, रसूले मोहतशम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम का विसाले ज़ाहिरी हुवा तो अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु बाहर तशरीफ़ लाए और देखा कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सव्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु लोगों से कलाम फरमा रहे हैं। अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : ऐ उमर (रादिअल्लाहु तआला अन्हु) ! बैठ जाइये ! लेकिन अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर रादिअल्लाहु तआला अन्हु (शिद्दते जज्बात) की वजह से न बैठे। अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फिर फ़रमाया : ऐ उमर (रादिअल्लाहु तआला अन्हु) ! बैठ जाइये ! (अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु बैठ गए) तो अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने खुतबा दिया और हम्दो सलात के बाद इरशाद फ़रमाया : तुम में से जो शख्स हज़रते सय्यदुना मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम- की इबादत करता था वोह सुन ले कि आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम विसाले जाहिरी फरमा चुके हैं और जो अल्लाह अज़्ज़वज़ल को इबादत करता था तो वोह जान ले कि बेशक अल्लाह अज़्ज़वज़ल जिन्दा है और उसे कभी मौत नहीं आएगी।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 84 📚*
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❝ सिद्दीके अकबर रादिअल्लाहु तआला अन्हु का दर्से तौहीद ❞
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⚘❆➮ अल्लाह अज़्ज़वज़ल इरशाद फ़रमाता है : *तर्जमए कन्जुल ईमान :* और मुहम्मद तो एक रसूल हैं उन से पहले और रसूल हो चुके तो क्या अगर वोह इन्तिकाल फरमाएं या शहीद हों तो तुम उल्टे पाउं फिर जाओगे। रावी बयान करते हैं : " अल्लाह अज़्ज़वज़ल की कसम ! ऐसा लगता था गोया लोग जानते ही न थे कि अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने इस आयत को नाज़िल फ़रमाया हत्ता कि जब अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने आयत तिलावत की तो लोगों ने सुन कर इसे याद कर लिया फिर हस के बाद हम लोगों को इस की तिलावत करते सुना।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना इमाम इब्ने शिहाब जोहरी रादिअल्लाहु तआला अन्हु बयान करते हैं कि हज़रते ,सय्यदुना सईद बिन मुसय्यब रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : "अल्लाह की कसम ! मैं ने अमीरुल मोमिनीन ।
हज़रते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु को इस आयते मुबारका की तिलावत करते सुना तो मैं कांपने लगा हत्ता कि मेरे पाउं सुन हो गए और मैं घुटनों के बल जमीन पर गिर पड़ा और येह आयत सुन कर मुझे यकीन हुवा कि हुजूर नबिय्ये रहमत, शफ़ीए उम्मत सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम विसाले जाहिरी फ़रमा चुके हैं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 84-85 📚*
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❝ दीन पर इस्तिकामत ❞
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⚘❆➮ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्न सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु कामिल वफ़ादारी की बदौलत आ'ला मरातिब पर फ़ाइज़ हुवे। और कहा गया है कि तसव्वुफ़ भी यही है कि इन्सान अल्लाह वहदहु ला-शरीक के लिये गोशा नशीनी इख्तियार कर ले।
••• ➫ उम्मुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदतुना आइशा सिद्दीका रादिअल्लाहु तआला अन्हुमा फ़रमाती हैं कि जब इन्ने दगिना ने अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु को अपनी ज़िम्मेदारी में लिया और कुरैश ने कबूल कर लिया तो उन्हों ने इब्ने दगिना से कहा कि अबू बक्र से कहो कि अपने रब की इबादत अपने घर में किया करें, घर में जितनी चाहें नमाजें पढ़ें और जितना चाहें कुरआन पढ़ें, हमें इस से कोई तकलीफ़ नहीं होगी लेकिन वोह अपने घर से बाहर खुल्लम खुल्ला नमाज़ न पढ़ें। अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने इस पर अमल किया और अपने घर के सेहून को जाए नमाज़ बना लिया, उसी जगह नमाज पढ़ते और कुरआने मजीद की तिलावत करते लेकिन यहां भी मुशरिकीन की औरतों और बच्चों का इजदिहाम लगा रहता वोह आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु को देख देख कर हैरत व तअज्जुब करते क्यूंकि आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु का येह हाल था कि जब कुरआने करीम की तिलावत फ़रमाते तो अपने आंसूओं पर काबू न रख पाते और खूब आंसू बहाते।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 85 📚*
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❝ दीन पर इस्तिकामत ❞
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⚘❆➮ इस बात से सरदाराने कुरैश बहुत परेशान थे (कि कहीं इन की औरतें और बच्चे इस्लाम की तरफ़ माइल न हो जाएं) चुनान्चे, उन्हों ने इब्ने दगिना को बुला कर अपनी तशवीश का इज़हार किया तो इब्ने दगिना अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु के पास आया और कहा : "ऐ अबू बक्र ! जिस बात पर मैं ने आप की ज़िम्मेदारी कबूल की है वोह आप को मालूम है लिहाजा आप इसी पर काइम रहें या मेरा जिम्मा छोड़ दें क्यूंकि मुझे येह पसन्द नहीं कि कुरैश मेरे बारे में येह सुनें कि मैं ने अपने जिम्मे की हिफाजत नहीं की।" अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : "मैं तेरा जिम्मा तुझे लौटाता और अलाह अज़्ज़वज़ल और उस के रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के ज़िम्मे पर राजी होता हूं।" उन दिनों रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम मक्का ही में तशरीफ़ फ़रमा थे।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 85-86 📚*
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❝ आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु की फिक्रे आखिरत ❞
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⚘❆➮ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु दुन्या से किनारा कशी। इख्तियार करने और फिके आखिरत में मगन रहने वाले थे।
••• ➫ और सूफ़ियाए किराम रहमहुल्लाहुस्सलाम फ़रमाते हैं: "तसव्वुफ़ दुन्या को छोड़ कर इस के मालो मताअ से मुंह मोड़ने को कहते हैं।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना जैद बिन अरकम रादिअल्लाहु तआला अन्हु बयान फरमाते हैं : अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु पीने के लिये पानी तलब फरमाया तो एक कटोरे में पानी और शहद पेश किया गया।
••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने उसे मुंह के करीब किया तो रो पड़े और हाज़िरीन को भी रुला दिया फिर आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु तो खामोश हो गए लेकिन लोग रोते रहे।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 86-87 📚*
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❝ आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु की फिक्रे आखिरत ❞
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⚘❆➮उन का यह हालत देख कर आप पर रिक्कत तारी हो गई और आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु दोबारा रोने लगे यहां तक कि हागिरीन को गुमान हुवा कि वोह अब रोने का सबब भी दरयाफ्त नहीं कर सकेंगे फिर कुछ देर के बाद जब इफ़ाक़ा हुवा तो लोगों ने अर्ज की : "किस चीज़ ने आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु को इस कदर रुलाया ?" अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने इरशाद फ़रमाया : मैं एक मरतबा हुजूर नविय्ये अकरम, नूरे मुजस्सम, शाहे बनी आदम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के साथ था कि आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम अपने आप से किसी चीज़ को दूर करते हुवे फरमा रहे थे : मुझ से दूर हो जा, मुझ से दूर हो जा, लेकिन मुझे आप के पास कोई चीज़ दिखाई नहीं दे रही थी। मैं ने अर्ज की : "या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ! आप - सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम - किसी चीज़ को अपने आप से दूर फरमा रहे हैं जब कि मुझे आप के पास कोई चीज़ नज़र नहीं आ रही ?" सरकारे दो जहान, सरवरे जीशान सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : येह दुन्या थी, जो बन संवर कर मेरे सामने आई तो मैं ने उस से कहा: "मुझसे दूर हो जा तो वोह हट गई।" उस ने कहा : "अल्लाह की कसम ! आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम तो मुझ से बच गए लेकिन आप सल्लल्लाहु तआला अलैह वसल्लम- के बाद आने वाले न बच सकेंगे। " फिर आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : "मुझे खौफ़ लाहिक हुवा कि दुन्या मुझ से चिमट गई है। बस इसी बात ने मुझे रुला दिया।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 87 📚*
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❝ आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु का तक्वा ❞
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⚘❆➮अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु राहे खुदा में अपनी कोशिश को कम नहीं करते थे और अल्लाह अज़्ज़वजल की हदों से आगे नहीं बढ़ते थे। जैसा कि सूफ़ियाए उग्जाम रहमतुल्लाहि तआला अलैह तसव्वुफ़ का मा' ना बयान फ़रमाते हैं कि "अल्लाह का कुर्ब पाने की कोशिश में लगे रहने का नाम तसव्वुफ़ है।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना जैद बिन अरकम रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन की हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु का एक गुलाम था जो कमा कर लाया करता था। एक रात जब वोह खाना लाया तो अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने अभी उस में से एक ही लुक्मा तनावुल फ़रमाया था कि गुलाम ने अर्ज की: "आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु हर रात मुझ से दरयाफ्त किया करते थे कि खाना कहां से आया है लेकिन क्या बात है आज आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने येह सुवाल क्यूं नहीं किया ?..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 87-88 📚*
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❝ आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु का तक्वा ❞
••──────────────────────••►
⚘❆➮अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : " मुझे सख्त भूक लगी थी इस वज्ह से न पूछ सका अब बताओ कहां से लाए हो ? " गुलाम ने अर्ज की : " मैं ने ज़मानए जाहिलिय्यत में मन्तर पढ़ कर किसी का इलाज किया था और उन्होंने मुझे कुछ देने का वादा किया था , आज जब मैं उन के पास से गुज़रा तो उनके यहां शादी थी उन्होंने उस खाने में से मुझे भी दे दिया।
" अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : " करीब था कि तू मुझे हलाक कर देता। " येह कह कर उंगली मुंह में डाली और कै करने लगे , लेकिन खाना न निकला , किसी ने कहा : “ येह पानी के बिगैर नहीं निकलेगा। " तो अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना सिद्दीके अक्बर ने पानी मंगवाया और उसे पी कर कै करते रहे यहां तक कि उस खाने को पेट से बाहर निकाल दिया। किसी ने कहा : " अल्लाह आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु पर रहम फ़रमाए आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ) ने एक लुक्मे की वज्ह से इतनी मशक्कत क्यूं उठाई ? " फ़रमाया : अगर येह लुक्मा मेरी जान ले कर निकलता तब भी इसे निकाल कर रहता क्यूंकि मैं ने हुजूर नबिय्ये अकरम , नूरे मुजस्सम , शाहे बनी आदम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को फ़रमाते हुवे सुना है कि " जो जिस्म हराम से पला बढ़ा वोह आग के ज़ियादा लाइक़ है। "पस मुझे ख़ौफ़ लाहिक हुवा कि कहीं इस लुक्मे से मेरे जिस्म की कुछ नश्वो नुमा न हो जाए।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 88 📚*
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❝ आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु का इश्के रसूल ❞
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⚘❆➮अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु तकालीफ़ को बरदाश्त करने में सब से आगे होते थे क्यूंकि इस में बुलन्दिये दरजात की ज़ियादा उम्मीद होती है। जैसा कि अहले तसव्वुफ़, तसव्वुफ़ का एक मा'ना येह बयान फ़रमाते हैं कि महबूब के दीदार के लिये जलने,तड़पने और वे करार रहने में राहत व आराम महसूस करना तसव्वुफ़ कहलाता है।
••• ➫ हज़रते सय्यिदतुना अस्मा बिन्ते अबू बक्र सिद्दीक (रादिअल्लाहु तआला अन्हु) से मरवी है कि एक की फरयादी आले अबू बक्र के पास आया और अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीकी रादिअल्लाहु तआला अन्हुमा) से अर्ज की : "अपने रफ़ीक़ की खबर लो !" आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़ौरन हमारे पास से तशरीफ़ ले गए और हालत येह थी कि आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु के बाल चार हिस्सों में तक़सीम थे। आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु येह कहते हुवे मस्जिद में दाखिल हुवे : तुम्हारी हलाकत हो, क्या एक मर्द को इस पर मारे डालते हो कि वोह कहता है कि मेरा रब अल्लाह है और बेशक वोह तुम्हारे रब की तरफ से रौशन निशानियां तुम्हारे पास लाए। पस वोह लोग रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को छोड़ कर अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु पर झपट पड़े। हज़रते सय्यिदतुना अस्मा बिन्ते अबू बक्र सिद्दीक (रादिअल्लाहु तआला अन्हुमा) फ़रमाती हैं जब आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु वापस घर तशरीफ़ लाए तो हालत येह थी कि सर के जिस हिस्से पर भी हाथ फेरते तो बाल हाथ में आ जाते और इस के बा वुजूद आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु येह पढ़ रहे थे या'नी : ऐ बुजुर्गी व करामत वाले रब अज़्ज़वजल तेरी ज़ात बा बरकत है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 87-88 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 89
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❝ राहे खुदा में खर्च करने का जज़्बा ❞
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⚘❆➮अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु बड़ी चीज़ (या'नी आखिरत) के बदले में हक़ीर चीज़ (या'नी दुन्या) को कुरबान कर देते थे। जैसा कि सूफियाए किराम रहमतुल्लाहि तआला अलैह तसव्वुफ़ का एक मा'ना बयान करते हुवे फ़रमाते हैं : "अपनी तमाम तर कोशिशों को ने'मतें अता करने वाले परवर दगार अज़्ज़वजल के लिये वक्फ कर देने का नाम तसव्वुफ़ है।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना हसन बसरी रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु नबिय्ये करीम, रऊफुर्रहीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की बारगाह में सदका ले कर हाज़िर हुवे और उसे छुपाते हुवे अर्ज की : "या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम येह मेरी तरफ से सदक़ा है और अल्लाह अज़्ज़वज़ल का मुझ पर और भी हक है।" कुछ देर बाद अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु बारगाहे रिसालत सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम में सदका लाए और उसे जाहिर करते हुवे अर्ज की : "या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम येह मेरी तरफ से सदक़ा है और अल्लाह के हाँ मेरे लिये इस का बदला है।
••• ➫ हुजूर नविय्ये अकरम, नूरे सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया : "ऐ उमर ! तुम ने बिगैर धागे के कमान पर तीर की चढ़ाने की कोशिश की है और तुम दोनों के सदके में ऐसा ही फर्क है जैसा कि तुम्हारे कलाम में है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 88-90 📚*
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❝ सदका करने में सबसे आगे ❞
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⚘❆➮हज़रते सय्यिदुना जैद बिन अरकम रादिअल्लाहु तआला अन्हु अपने वालिद से रिवायत करते हैं कि उन्हों ने अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु को फ़रमाते हुवे सुना कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हुम को सदका देने का हुक्म दिया, इत्तिफ़ाक से उस वक्त मेरे पास माल मौजूद था, मैं ने (दिल में) कहा : "अगर मैं किसी दिन अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बन सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु से बढ़ सकता हूं तो वोह आज का दिन है।" आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : "मैं अपना आधा माल ले कर बारगाहे नबुव्वत सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम में हाजिर हो गया।" हुजूर नविय्ये अकरम, रसूले मोहतरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने दरयाफ्त फ़रमाया : "घर वालों के लिये क्या छोड़ा है?" मैं ने अर्ज की : "आधा माल घर वालों के लिये छोड़ आया हूं।" इतने में अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम अपना सारा माल ले कर हुजूर नबिय्ये अकरम, नूरे मुजस्सम, शाहे बनी आदम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की बारगाह में हाज़िर हो गए। आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने उन से दरयाफ्त फ़रमाया : "घर वालों के लिये क्या छोड़ा है ?" उन्हों ने अर्ज की : "उन के लिये अल्लाह अज़्ज़वज़ल और उस का रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम काफ़ी हैं।
••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : मैं ने (दिल में) कहा : "मैं कभी भी किसी मुआमले में अमीरुल मोमिनीन हज़रते सैय्यदुना अबु बकर सिद्दीक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु से आगे नही बढ़ सकता।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 90 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 91
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❝ अपनी जान आका ﷺ पर कुरबान ❞
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••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु सच्चे दोस्त और भाई चारगी को निभाते थे। जैसा कि उलमाए तसव्वुफ़ रहमहुमुल्लाहु तआला फ़रमाते हैं : "अल्लाह अज़्ज़वज़ल को महब्बत में दरपेश मुश्किलात को खुश दिली से सीने लगाने और तमाम उमूर को दिलों की सफाई पर सर्फ करने का नाम तसव्वुफ़ है।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अनस बिन मालिक रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : "गारे सौर वाली रात में अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने अर्ज की : "या रसूलल्लाह ﷺ मुझे आप पहले गार में दाखिल होने की इजाजत अता फरमाएं ताकि अगर कोई सांप या मूजी चीज़ हो तो पहले मुझे नुक्सान पहुंचाए।" मोमिनीन पर रहमो करम फरमाने वाले नविय्ये करीम, रऊफुर्रहीम ﷺ ने इजाजत अता फरमा दी तो आशिके अक्बर अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना सिद्दीके अक्बर रादिअल्लाहु तआला अन्हु अन्दर दाखिल हुवे और अपने हाथों से सूराख तलाश करते और जो भी सूराख मिलता अपना कपड़ा फाड़ कर उसे बन्द कर देते।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 90-91 📚*
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❝ अपनी जान आका ﷺ पर कुरबान ❞
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••• ➫ यहां तक कि कपड़ा ख़त्म हो गया मगर एक सूराख अभी बाकी था। आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने उस पर अपने पाउं की ऐड़ी रख दी फिर अलाह के हबीब, हबीबे लबीब सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम गार में दाखिल हुवे। सुबह हुई तो हुजूर नबिय्ये रहमत, शफ़ीए उम्मत सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने दरयाफ्त फ़रमाया : "ऐ अबू बक्र ! तुम्हारा कपड़ा कहां है ?" अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने सारा वाकिआ अर्ज कर दिया तो हुजूर नबिय्ये अकरम, रसूले मोहतशम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने बारगाहे खुदावन्दी में अपने हाथों को बुलन्द फ़रमाया और येह दुआ की : या'नी ऐ अल्लाह अज़्ज़वज़ल ! कियामत के दिन अबू बक्र को जन्नत में मेरे साथ जगह अता फरमा। अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने अपने हबीब सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की तरफ़ वही फरमाई कि "बेशक तुम्हारे रब ने तुम्हारी दुआ कबूल फ़रमा ली है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 91 📚*
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❝ अपना माल आका ﷺ पर कुरबान ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अस्मा बिन्ते अबी बक्र रादिअल्लाहु तआला अन्हा फ़रमाती हैं : "जब हुजूर नबिय्ये अकरम, रसूले मोहूतशम ﷺ और अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने हज किया तो हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु का माल नबिय्ये अकरम ﷺ के तसर्रुफ में था।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 91 📚*
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❝ जबान की हिफाजत ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना जैद बिन अस्लम रादिअल्लाहु तआला अन्हुमा अपने वालिद से रिवायत करते हैं कि अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यिदना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु की ख़िदमत में हाज़िर हुवे तो देखा कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु अपनी ज़बान पकड़ कर खींच रहे हैं। अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फ़ारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने अर्ज की : "अल्लाह अज़्ज़वज़ल आप की बख़्शिश फ़रमाये इसे छोड़ दीजिए अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया इस ने मुझे हलाकत में डाल दिया।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 91-92 📚*
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❝ मजबूत व मुतमइन दिल के मालिक ❞
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••• ➫ हज़रते सत्यिदुना अबू सालेह रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक़ सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु के जमानए खिलाफ़त में अहले यमन का एक वपद हाज़िर हुवा जब उन्हों ने कुरआन सुना तो रोने लगे।
••• ➫ अमीरुल मोमिनीन अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : "पहले हमारी भी येही हालत थी लेकिन अब दिल सख्त हो गए हैं।
••• ➫ हजरते सय्यिदुना इमाम हाफ़िज़ अबू नुऐम अहमद बिन अब्दुल्लाह अस्फ़हानी रहमतुल्लाह तआला अलैह फ़रमाते हैं : "अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु के फ़रमान "दिल सख्त हो गए" से मुराद येह है कि दिल मजबूत और अल्लाह अज़्ज़वज़ल की मा रिफ़त से मुतमइन हो गए।....✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 92 📚*
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❝ सिद्दीके़ अकबर रादिअल्लाहु तआला अन्हु की हया ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना उरवा बिन जुबैर रादिअल्लाहु तआला अन्हु अपने वालिद से रिवायत करते हैं कि एक मरतबा अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने लोगों को खुतबा देते हुवे इरशाद फ़रमाया ऐ मुसलमानो ! अल्लाह अज़्ज़वजल से हया करो, उस ज़ात की कसम ! जिस के क़ब्जए कुदरत में मेरी जान है जब मैं खुली फ़ज़ा में क़ज़ाए हाजत के लिये जाता हूं तो अल्लाह अज़्ज़वजल से हया की वजह से अपने ऊपर कपड़ा डाल लेता हूं।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अबू सफ़र रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि एक मरतबा अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु बीमार हुवे तो लोग आप की इयादत के लिये हाज़िर हुवे और अर्ज़ की क्या हम आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु के लिये किसी तबीब को न बुला लाएं? आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने इरशाद फ़रमाया तबीब मुझे देख चुका है। लोगों ने इस्तिफ्सार किया कि उस ने क्या कहा आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया उस ने कहा कि मैं जो चाहता हूं करता हूं। (आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने तबीबे हक़ीकी यानी अल्लाह अज़्ज़वजल के बारे में येह बात कही)।...✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 92-93 📚*
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❝ दुन्या के बारे में नसीहत ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अब्दुर्रहमान बिन औफ रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : "मैं अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु के मरजुल मौत में आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु की खिदमते अक्दस में हाज़िर हुवा और सलाम अर्ज किया। आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने जवाब देने के बा'द फ़रमाया : "मैं देख रहा हूं कि दुन्या हमारी तरफ़ मुतवज्जेह हो चुकी है लेकिन अभी पूरी तरह नहीं बल्कि आने ही वाली है। बहुत जल्द तुम रेशम के पदें और दीबाज के तक्ये अपनाओगे और ऊनी बिस्तरों पर इस तरह तक्लीफ़ महसूस करोगे जिस तरह "सा'दान" के कांटों पर महसूस करते हो और अल्लाह अज़्ज़वज़ल की कसम ! अगर तुम में से कोई इस दुन्या की तरफ लपके और उस की नाहक गर्दन मार दी जाए तो इससे बेहतर है कि वोह दुनियां की तारीकियों में भटकता फ़िरे।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 93 📚*
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❝ ख़लीफ़ाए अव्वल ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के खुतबात ❞
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••• ➫ *बादशाहों का अंज़ाम* हज़रते सय्यिदुना यहूया बिन अबू कसीर रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु अपने खुतबे में अकसर येह फ़रमाया करते थे : "कहां हैं खूब सूरत चेहरों वाले जिन्हें अपनी जवानियों पे नाज़ था ? और कहां हैं वोह बादशाह जिन्होंने शहर बनाए और इन की हिफ़ाज़त के लिये फ़सीलें (बुलन्द व मज़बूत दीवारें) ता'मीर करवाई ? कहां हैं वोह फ़ातिहीन जंगों में कामयाबी जिन के कदम चूमती थी ? ज़माने ने उन का नामो निशान तक मिटा डाला, अब वोह कब्र के अन्धेरों में पड़े हैं। जल्दी करो जल्दी *। नजात हासिल करो नजात !*...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 93-94 📚*
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❝ ख़लीफ़ाए अव्वल ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के खुतबात ❞
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••• ➫ *कबो हश्र की तय्यारी* हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन अकीम रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने हमें खुतबा दिया और हम्दो सलात के बा'द इरशाद फ़रमाया : "मैं तुम्हें अल्लाह अज़्ज़वज़ल से डरने की वसिय्यत करता हूं और तुम्हें ताकीद करता हूं कि उस की हम्दो सना इस तरह करो जिस तरह करने का हक है। अल्लाह की बारगाह में ख़ौफ़ और उम्मीद के साथ कसरत से दुआ किया करो क्यूंकि अल्लाह ने हज़रते सय्यिदुना जकरिय्या रादिअल्लाहु तआला अन्हु और उन के घर वालों की तारीफ करते हुवे फ़रमाया : *तर्जमए कन्जुल ईमान :* बेशक वोह भले कामों में जल्दी करते थे और हमें पुकारते थे उम्मीद और खौफ से और हमारे हुजूर गिड़ गिड़ाते हैं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 94 📚*
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❝ ख़लीफ़ाए अव्वल ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के खुतबात❞
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••• ➫ *कबो हश्र की तय्यारी* अल्लाह अज़्ज़वज़ल के बन्दो ! जान लो बेशक अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने अपने हक के इवज़ तुम्हारी जानों को गिरवी रखा है और इस पर तुम से पुख्ता वा'दा लिया है और तुम से कलील व फ़ानी ज़िन्दगी को हमेशा बाकी रहने वाली ज़िन्दगी के बदले में खरीद लिया है और तुम्हारे पास अल्लाह की किताब है जिस के अजाइबात कभी खत्म नहीं हो सकते और न ही उस का नूर बुझाया जा सकता है। उस की आयात की तस्दीक करो और इस से नसीहत हासिल करो नीज़ तारीकी वाले दिन के लिये उस से रौशनी हासिल करो बेशक अल्लाह ने तुम्हें इबादत के लिये पैदा फ़रमाया और तुम पर किरामन कातिबीन (या'नी आमाल लिखने वाले फ़िरिश्तों) को मुकर्रर फरमाया है और जो तुम करते हो वोह उसे जानते हैं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 94 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 101
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❝ ख़लीफ़ाए अव्वल ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के खुतबात❞
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••• ➫ *कबो हश्र की तय्यारी* अल्लाह अज़्ज़वज़ल के बन्दो ! जान लो तुम एक मुकर्ररा वक़्त (या'नी मौत आने) तक सुव्हो शाम कर रहे हो जिस का इल्म तुम्हें नहीं दिया गया है। अगर तुम अपनी जिन्दगी रिजाए रब्बुल अनाम अज़्ज़वज़ल वाले कामों में फ़ना कर सको तो ऐसा ही करो मगर येह अल्लाह अज़्ज़वज़ल की तौफ़ीक़ के बिगैर मुमकिन नहीं लिहाज़ा अपनी ज़िन्दगी को मोहलत से फाइदा उठाओ और एक दूसरे पर आ माल में सबक़त ले जाओ इस से पहले की मौत आए और तुम्हें तुम्हारे बुरे आ माल की तरफ़ लौटा दे। क्यूंकि बहुत सी कौमों ने अपनी उमें गैरों के लिये सर्फ कर डाली और अपने आप को भूल गए। इस लिये मैं तुम्हें रोकता हूं कि तुम उन जैसे न बन जाना। जल्दी करो जल्दी ! नजात हासिल करो नजात ! बेशक मौत तुम्हारे तआकुब में है और इस का मुआमला बहुत जल्दी है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 94-95📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 102
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❝ ख़लीफ़ाए अव्वल ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के खुतबात❞
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••• ➫ *अच्छे आमाल की तरगीब :* हज़रते सय्यिदुना अम्र विन दीनार रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक़ सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने खुतबा देते हुवे फ़रमाया : "मैं तुम्हें वसिय्यत करता हूं कि फ़को फ़ाका की हालत में भी अल्लाह से डरते रहो और उस की इस तरह हम्दो सना करो जिस तरह करने का हक है और अपने गुनाहों की बख्शिश मांगते रहो बेशक वोह बहुत ज़ियादा बख्शने वाला है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 95 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 103
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❝ ख़लीफ़ाए अव्वल ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के खुतबात❞
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••• ➫ *अच्छे आमाल की तरग़ीब :* इस के बाद हज़रते सय्यिदुना अम्र बिन दीनार रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन अकीम रादिअल्लाहु तआला अन्हु की रिवायत की मिस्ल बयान किया।
••• ➫ अलबत्ता इस रिवायत में इतना ज़ाइद बयान किया कि "जान लो ! जब तुम ने खालिसतन अल्लाह अज़्ज़वज़ल के लिये अमल किया तो तुम ने अपने रब न की इताअत और अपने हक की हिफाजत की। पस तुम अपने बकिव्या दिनों में अच्छे आ'माल कर के उन्हें अपनी आखिरत के लिये जखीरा कर लो ताकि जय तुम्हें उन की हाजत पड़े तो तुम्हें उन का पूरा पूरा बदला दिया जाए।
••• ➫ ऐ अल्लाह के बन्दो । फिर तुम अपने अस्लाफ़ के बारे में गौरो फ़िक्र करो कि वोह कल कहां थे और आज कहां हैं ? कहां हैं वोह बादशाह जिन्हों ने जमीन को आबाद किया ? लोग उन्हें भूल चुके और उन का जिक्र भुला दिया गया। आज वोह यूँ हैं गोया कभी थे ही नहीं।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 95 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 104
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❝ ख़लीफ़ाए अव्वल ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के खुतबात❞
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••• ➫ *अच्छे आमाल की तरग़ीब :* *तर्जमए कन्जुल ईमान :* तो येह हैं उन के घर ढे पड़े बदला उन के जुल्म का और वोह कब्र की तारीकियों में पडे हैं।
••• ➫ *तर्जमए कन्जुल ईमान :* क्या तुम उन में किसी को देखते हो या उन की भिनक सुनते हो।
••• ➫ कहां हैं तुम्हारे जानने पहचानने वाले दोस्त और भाई ? जो उन्हों ने आगे भेजा वोह उस तक पहुंच गए। कोई सआदत मन्दी को पाने में कामयाब हुवा तो कोई बद बख्ती के गढ़े में जा गिरा। बेशक अला, और उस की मख्लूक के दरमियान कोई ऐसी कराबत दारी नहीं है जिस की वज्ह से वोह उसे भलाई अता करे और उस से बुराई को दूर कर दे। हां जो उस की इताअत करे और उस के हुक्म की पैरवी करे तो वोह भलाई को पाने का हकदार है। बेशक वोह नेकी नेकी नहीं जिस के बाद जहन्नम में दाखिल होना पड़े और वोह बुराई बुराई नहीं जिस के मुर्तकिब को जन्नत नसीब हो। पस मुझे तुम से येही कहना था और मैं अल्लाह अज़्ज़वज़ल से अपने और तुम्हारे लिये बख्शिश का सुवाल करता हूं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 95-96 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 105
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❝ ख़लीफ़ाए अव्वल ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ के खुतबात❞
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••• ➫ *खैर से खाली चार चीजें :* हज़रते सय्यदुना नुऐम बिन नमिहा रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने खुतबा देते हुवे फ़रमाया : "क्या तुम्हें मालूम है कि तुम एक मुकर्ररा मुद्दत के अन्दर सुब्हो शाम कर रहे हो ?"
••• ➫ इस के बाद हज़रते सय्यिदुना नुऐम बिन नमिहा रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने हज़रते सय्यदुना अब्दुल्लाह बिन अकीम रादिअल्लाहु तआला अन्हु की रिवायत की मिस्ल बयान फ़रमाया।
••• ➫ *अलबत्ता इस रिवायत में इतना जाइद है कि*
••• ➫ ❶ उस बात में कोई भलाई नहीं जिस से अल्लाह अज़्ज़वज़ल की खुशनूदी मक्सूद न हो।
••• ➫ ❷ उस माल में कोई भलाई नहीं जिसे अल्लाह की राह में खर्च न किया जाए।
••• ➫ ❸ उस शख्स में खैर नहीं जिस की जहालत उस की बुर्दबारी पर गालिब आ जाए।
••• ➫ ❹ उस शख्स में भलाई नहीं जो अल्लाह के मुआमले में किसी मलामत करने वाले की मलामत से डर जाए।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 96 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 106
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❝ सैय्यदुना फारूके आजम रादिअल्लाहु तआला अन्हु को नसीहतें ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अब्दुर्रहमान बिन अब्दुल्लाह बिन साबित रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि जब अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक की वफात का वक्त करीब आया तो आप ने अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु को बुलाया और फ़रमाया : "ऐ उमर ! अल्लाह से डरो और जान लो ! अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने जिस अमल को दिन में अदा करने का हुक्म दिया अगर उसे रात में किया गया तो वोह उसे कबूल नहीं फ़रमाएगा और जिस अमल को रात में करने का हुक्म है अगर किसी ने उसे दिन में किया तो अल्लाह उसे भी कबूल न फ़रमाएगा और नफ्ल कबूल नहीं फ़रमाता जब तक फराइज़ अदा न कर लिये जाएं और जिन्हों ने दुन्या में हक की पैरवी को कियामत के दिन उन की नेकियों का पल्ला भारी होगा और मोज़ान पर लाज़िम है कि जब उस में हक रखा जाए तो वोह (नेकियों से) भारी हो जाए और जिन्हों ने दुन्या में बातिल को पैरवी की बरोजे कियामत उन की नेकियों का पल्ला हल्का होगा। और मीज़ान पर लाज़िम है कि जब उस में बातिल रखा जाए तो वोह हल्का हो जाए।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 97 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 107
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❝ सैय्यदुना फारूके आजम रादिअल्लाहु तआला अन्हु को नसीहतें ❞
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••• ➫ बेशक अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने अहले जन्नत का ज़िक्र अच्छे आ'माल से किया और उन की बुराइयों से दर गुजर फ़रमाया है। पस जब मैं उन्हें याद करता हूं तो डरता हूं कि उन में दाखिल होने से महरूम न हो जाऊं और अल्लाह ने जहन्नमियों का जिक्र उन के बुरे आ'माल के साथ फ़रमाया और उन की नेकियां उन के मुंह पर मार दी। पस जब मैं उन्हें याद करता हूं तो अल्लाह अज़्ज़वज़ल से उम्मीद रखता हूं कि मेरा अन्जाम उन के साथ नहीं होगा और बन्दे को चाहिये कि वोह उम्मीद और डर के दरमियान रहे और अल्लाह अज़्ज़वज़ल पर बेजा उम्मीदें बांधने से बाज़ रहे और उस की रहमत से ना उम्मीद भी न हो अगर तुम ने इन बातों को याद रखा तो आने वाली मौत से जियादा कोई चीज़ तुम्हें महबूब न होगी। अगर मेरी वसिय्यत को जाएअ कर दिया तो मौत से जियादा कोई चीज़ तुम्हें ना पसन्द न होगी हालांकि तुम मौत से छुटकारा नहीं पा सकते।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 97 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 108
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❝ औलाद की तरबिय्यत ❞
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••• ➫ हज़रते सैय्यदुना अलकमा रादिअल्लाहु तआला अन्हु की वालिदा रादिअल्लाहु तआला अन्हुमा से मरवी है, फ़रमाती हैं : उम्मुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदतुना आइशा सिद्दीका रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फरमाया : एक मरतबा जब मैंने कपड़े पहने और घर में आते जाते अपने दामन को देखने लगी और इस तरह मेरी तवज्जोह कपड़ों की तरफ़ हो गई तो मेरे वालिदे गिरामी, अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु मेरे पास तशरीफ़ लाए और फ़रमाया : "ऐ आइशा ! क्या तुम्हें मालूम है ? कि अब अल्लाह तुम से अपनी नज़रे रहमत हटा लेगा।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 97-98 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 109
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❝ औलाद की तरबिय्यत ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना उर्वा बिन जुबैर रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदतुना आइशा सिद्दीका रादिअल्लाहु तआला अन्हुमा फ़रमाती हैं : एक मरतबा मैंने अपनी एक नई चादर जेबे तन की और उस की तरफ देख कर खुश होने लगी तो अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फरमाया : "क्या देख रही हो? अल्लाह अज़्ज़वज़ल तेरी तरफ़ नज़रे रहमत नहीं फ़रमाएगा।" मैं ने अर्ज की : "वोह क्यूं ?" तो फ़रमाया : "क्या तुझे मालूम नहीं कि जब किसी बन्दे के दिल में दुन्यावी जेबो जीनत के बाइस उजुब (या'नी खुद पसन्दी) पैदा हो जाए तो अल्लाह उस से नाराज़ हो जाता है। यहां तक कि वोह उस जीनत को तर्क कर दे।" उम्मुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदतुना आइशा सिद्दीका रादिअल्लाहु तआला अन्हुमा फरमाती हैं : मैं ने वोह चादर उतार कर राहे खुदा में सदका कर दी तो आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फरमाया : "उम्मीद है कि अब येह अमल तेरे लिये कफ्फारा बन जाए।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 98 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 110
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❝ औलाद की तरबिय्यत ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना इल्ने हबीब बिन जमरा रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु का एक बेटा अपने मरजुल मौत में बार बार तक्ये की तरफ देखता था। जब उस का इन्तिकाल हो चुका तो लोगों ने अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु की खिदमत में अर्ज की, कि "हम ने आप के बेटे को देखा कि वो बार बार तक्ये की तरफ देखता था। जब उस का इन्तिकाल हो चुका तो लोगों ने अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु की खिदमत में अर्ज की, कि "हम ने आप के बेटे को देखा कि वोह चार बार तक्ये की तरफ देखता था?" जब लोगों ने उस तक्ये को उठाया तो उस के नीचे 5 या 6 दीनार पड़े थे। येह देख कर अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने अपने हाथ पर हाथ मारा और إِنَّا لِلّهِ وَإِنَّـا إِلَيْهِ رَاجِعون पढ़ कर फरमाया : "मैं नहीं समझता कि तेरी जिल्द इस की सजा बरदाश्त कर सकेगी।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 98 📚*
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📮 नेस्ट पोस्ट कंटिन्यू ان شاء الله
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❝ औलाद की तरबिय्यत ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र बिन मुहम्मद अन्सारी रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु से कहा गया "ऐ रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के खलीफ़ा ! आप अहले बद्र को आमिल (या'नी गवर्नर) क्यूं मुकर्रर नहीं फ़रमाते ?" आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : "मैं उन की कद्रो मन्ज़िलत जानता हूं लेकिन मुझे येह पसन्द नहीं कि मैं उन्हें दुन्या की आलूदगियों में मुलब्विस कर दूं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 98 📚*
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📮 नेस्ट पोस्ट कंटिन्यू ان شاء الله
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❝ औलाद की तरबिय्यत ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना कैस रादिअल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने हज़रते सय्यिदुना बिलाल रादिअल्लाहु तआला अन्हु को 5 ऊकिया सोना दे कर खरीदा। उन्हें पथ्थरों के साथ मारा जाता था तो फरोख्त करने वालों ने कहा : "अगर आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु एक ऊकिया पर ठहर जाते तो हम उसे एक ऊकिया में ही फरोख्त कर देते।" तो अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : "अगर तुम 100 ऊकिया से कम पर राजी न होते तो फिर भी मैं इतने सोने के इवज़ ख़रीद लेता।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 99 📚*
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❝ अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यिदुना उमर फारुक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ❞
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••• ➫ मुसलमानों में दूसरे अज़ीमुश्शान इन्सान अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फ़ारूक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु हैं जो पसन्दीदा और बुलन्द मकामो मर्तबे पर फ़ाइज़ थे। इन्हें अल्लाह ने ने सादिको मस्दूक नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की दा'वते (तौहीद) के गल्वे और हक व बातिल के दरमियान फर्क करने का ज़रीआ बनाया। इन्ही के जरीए हादिये बर हक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के लिये तौहीद के मैदान हमवार फ़रमाए, मसाइब के मुंह बन्द किये, जिस से दा'वते इस्लाम फैल गई और अल्लाह अज़्ज़वज़ल का कलिमा मजबूत हो गया।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 100 📚*
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❝ अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यिदुना उमर फारुक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ❞
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••• ➫ अल्लाह ने अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु को अस्करी शानो शौकत अता फरमाई जिस की बदौलत दुन्या में इस्लामी हुकूमत राइज हुई।
••• ➫ चुनान्चे, तौहीद के साथ मुसलमानों की पस्त आवाजें बुलन्द हो गई और अपने कमज़ोर हाल होने के बाद साबित कदम हो गए।
••• ➫ अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु के दिल में हक्कुल यकीन ईमान रासिख फ़रमाया।
••• ➫ जिस की वज्ह से आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु मुशरिकीन के तमाम मन्सूबों पर गालिब आ गए।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 100 📚*
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❝ अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यिदुना उमर फारुक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ❞
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••• ➫ आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु कभी कुफ्फार की कसरत व ताक़त की तरफ़ मुतवज्जेह नहीं हुवे। उन की रोक टोक की कभी परवाह न की। बल्कि उस पर भरोसा किया जो सब को पैदा करने वाला सब के लिये काफी और उस से मदद हासिल की जो मुसीबत को रफ्अ करने वाला और शाफ़ी है। आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने उस बोझ को उठाया जो हुजूर नविय्ये मुकर्रम, नूरे मुजस्सम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने उठाया था और मसाइबो तकालीफ़ पर सब किया क्यूंकि इसी से अल्लाह अज़्ज़वज़ल की मुलाकात की उम्मीद की जाती है और आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु हर ऐशो इशरत इख्तियार करने वाले से दूर रहे और हर उस शख्स को गले लगाया जो दीन की मदद व नुस्त के लिये तय्यार होता। आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु बातिल परस्तों से मुकाबला करने में तमाम सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हुम, से सब्कृत ले जाते और अहकाम में (आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु की राए) रब्बुल आलमीन अज़्ज़वज़ल के मुवाफिक होती।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 100 📚*
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❝ अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यिदुना उमर फारुक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ❞
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••• ➫ सकीना व इतमीनान आप की ज़बान पर गुफ्तगू करता और हिक्मत व दानाई आप के बयान से ज़ाहिर होती।
••• ➫ आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु हक़ की तरफ़ माइल, हक़ की खातिर लड़ने वाले और मुश्किलात को बरदाश्त
करने वाले थे और आप अल्लाह अज़्ज़वज़ल के सिवा किसी से नहीं डरते थे।
••• ➫ चुनान्चे, सूफ़ियाए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हुम फ़रमाते हैं : "तसव्वुफ़ बड़े बड़े मसाइब और मशक्कतों को बरदाश्त करने का नाम है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 101 📚*
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❝ फारूके आजम की शुजाअत व बहादुरी ❞
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••• ➫ हजरते सय्यिदुना बरा बिन आजिब रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं: गजवए उहुद के दिन अबू सुफ्यान विन हब (इन्हों ने फ़त्हे मक्का के वक्त इस्लाम कबूल किया) मुसलमानों की तरफ़ आया और पूछा : "क्या तुम्हारे दरमियान मुहम्मद (सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम) मौजूद हैं ?" तो हुजूर नविय्ये अकरम, रसूले मोहतशम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हुम को उस का जवाब देने से मन्अ फ़रमाया । उस ने फिर सुवाल किया : "क्या यहां मुहम्मद (सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम) हैं।" सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हुम, ने उसे कोई जवाब न दिया। उस ने तीसरी बार फिर येही सुवाल किया लेकिन अब की बार भी उसे कोई जवाब न मिला। फिर अबू सुफ्यान ने अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु के बारे में तीन मरतबा पूछा कि "क्या तुम्हारे दरमियान अबू कहाफ़ा का बेटा मौजूद है ?" मुसलमानों की तरफ से इस सुवाल का भी कोई जवाब न पा कर फिर उस ने तीन मरतबा येह दरयाफ़्त किया कि "क्या तुम में उमर बिन खताब है?" अब भी किसी ने कोई जवाब न दिया तो अबू सुफ्यान ने कहा : "शायद तुम उन की तरफ़ से किफ़ायत कर चुके हो (या'नी वोह शहीद हो गए)।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 101 📚*
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❝ फारूके आजम की शुजाअत व बहादुरी ❞
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••• ➫ " अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु जलाल में आ गए और फरमाया : "ऐ अल्लाह अज़्ज़वज़ल के दुश्मन ! तू झूट बकता है, येह हैं रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम और येह हैं अबू बक्र (रादिअल्लाहु तआला अन्हु) ! हम सब जिन्दा हैं और हमारी तरफ से तुम्हें एक बुरा दिन देखना होगा।" अबू सुफ्यान ने कहा : “येह दिन बद्र वाले दिन का बदला है और जंग डोल की तरह है (या'नी कभी फत्ह और कभी शिकस्त)।....✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 101 📚*
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❝ फारूके आजम की शुजाअत व बहादुरी❞
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••• ➫ " फिर उस ने कहा : " हुबल (बुत का नाम) आ'ला है। हुजूर नबिय्ये करीम, रऊफुहीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसलल्लम ने इरशाद फ़रमाया : "इसे जवाब दो।" सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हुम ने अर्ज की : "या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ! हम इसे क्या जवाब दें?" फ़रमाया : "तुम कहो अल्लाह अज़्ज़वज़ल बुलन्दो बाला है।" अबू सुफ्यान ने कहा : "हमारे पास उज्जा (बुत का नाम) है और तुम्हारे पास नहीं। आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : "इसे जवाब दो ।" अर्ज की गई : "या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम हम क्या जवाब दें?" फ़रमाया : "तुम कहो : या'नी अल्लाह अज़्ज़वज़ल हमारा मददगार है और तुम्हारा कोई मददगार नहीं।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 101-102 📚*
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❝फारूके आजम की शुजाअत व बहादुरी ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना इकरिमा रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि जब अबू सुफ्यान बिन हर्ब ने "हुबल आ'ला है" कहा तो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम - ने हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु से फ़रमाया : "कहो, अल्लाह अज़्ज़वज़ल आ'ला व बरतर है।" अबू सुफ्यान ने कहा : "हमारा हामी उज्जा है जब कि तुम्हारा हामी उज्जा नहीं।" तो आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने अमीरुल मोमिनीन हज़रते सदियदुना उमर फ़ारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु से फ़रमाया : "कहो हमारा मददगार अल्लाह अज़्ज़वज़ल है जब कि काफिरों का कोई मददगार नहीं।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 102 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 121
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❝ फारूके आजम की शुजाअत व बहादुरी ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना इब्ने शिहाब ज़ोहरी रादिअल्लाहु तआला अन्हु बयान करते हैं : "उहुद के दिन अबू सुप्यान ने "हुबल आ'ला है" का नारा लगाया और अपने बातिल मा'बूदों पर फन करने लगा तो अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने अर्ज की : "या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम सुनें, येह दुश्मने खुदा क्या कह रहा है ?" रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : "तुम भी उसे पुकार कर जवाब दो कि अल्लाह ही आ'ला व बरतर है।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 102 📚*
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❝ फारूके आजम की शुजाअत व बहादुरी ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना इमाम हाफ़िज़ अबू नुऐम अहमद बिन अब्दुल्लाह अस्फ़हानी रादिअल्लाहु तआला अन्हु फरमाते हैं : "हुजूर नबिय्ये अकरम, नूरे मुजस्सम, शाहे बनी आदम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हुम में से अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु को जवाब देने और दुश्मन को ललकारने के लिये इस लिये मुन्तख़ब फ़रमाया कि आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु हमला करने और बहादुरी के जोहर दिखाने में अपनी मिसाल आप थे और ईमान के मुआमले में आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु की सख्ती मशहूर थी। इसी वज्ह से हुजूर नबिय्ये अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने कुफ्फार का मुकाबला करने से आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु को मन्अ नहीं फ़रमाया।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 102 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 123
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❝ ईमान नहीं छुपाऊंगा ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना इमाम हाफ़िज़ अबू नुऐम अहमद बिन अब्दुल्लाह अस्फूहानी रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु दीन का ए'लानिय्या इज़हार फ़रमाते और नेक आ'माल को पोशीदा रखते थे। जैसा कि कहा गया है : "तसव्वुफ़ छुपे हक़ को ज़ाहिर करने का नाम है।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 103 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 124
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❝ ईमान नहीं छुपाऊंगा ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना जाबिर रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना उमर फ़ारूक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया मेरे इस्लाम लाने की इब्तिदा कुछ यूं हुई कि मेरी हमशीरा दर्दे जेह में मुब्तला थीं तो मैं सख्त तारीक रात में घर से निकला और बैतुल्लाह शरीफ़ पहुंचा और गिलाफ़े काबा को थाम लिया। इसी दौरान हुजूर नबिय्ये रहमत, शफ़ीए उम्मत ﷺ तशरीफ़ लाए और हजरे अस्वद के पास पहुंचे, आप ﷺ नालैन शरीफ़ पहने हुवे थे, जब तक अल्लाह ने चाहा आप ﷺ नमाज़ में मसरूफ़ रहे फिर वापस तशरीफ ले गए। इस के बाद मैं ने एक ऐसी आवाज सुनी जो इस से पहले नहीं सुनी थी तो मैं आप ﷺ पीछे पीछे चलने लगा।...✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 103 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 125
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❝ ईमान नहीं छुपाऊंगा ❞
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••• ➫ सरकारे मदीना, करारे कल्चो सीना सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने पूछा : "कौन ?" मैं ने कहा : "उमर " फरमाया : "ऐ उमर ! तू मुझे दिन में छोड़ता है न रात को।" आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : येह सुन कर मैं डर गया कि आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम मेरे लिये बद दुआ न फ़रमा दें तो मैंने फौरन कहा : या'नी मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और आप अल्लाह अज़्ज़वज़ल के सच्चे रसूल हैं।" येह सुन कर आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : "ऐ उमर ! इसे (या'नी ईमान को) छुपाए रखना।" लेकिन मैं ने अर्ज की : "उस जात की कसम ! जिस ने आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को हक के साथ मबऊस फ़रमाया ! मैं इस का इसी तरह ए'लान करूंगा जिस तरह शिर्क का ए'लानिय्या इरतिकाब करता था।...✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 103 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 126
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❝ फारूक का लकब कैसे मिला? ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना इब्ने अब्बास रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं कि मैंने अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु से पूछा : "आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु को फ़ारूक क्यूं कहा जाता है है?" फ़रमाया : मुझ से 3 दिन पहले हज़रते सय्यिदुना हम्जा रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने इस्लाम कबूल किया फिर अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने मेरा सीना इस्लाम के लिये खोल दिया तो मैं ने कहा : अल्लाह अज़्ज़वज़ल वोह है जिस के सिवा कोई मा'बूद नहीं, तमाम अच्छे नाम उसी के लाइक हैं, पस रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को बारगाह में हाज़िर होना मुझे रूए ज़मीन में सब से ज़ियादा महबूब था। मैं ने पूछा : "रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम- कहां तशरीफ फरमा हैं ?" मेरी बहन ने कहा : "वोह सफ़ा के पास दारे अरकम में हैं।" मैं सीधा वहां पहुंचा तो हज़रते सय्यिदुना हम्जा (रादिअल्लाहु तआला अन्हु) दीगर सहाबए किराम ( रादिअल्लाहु तआला अन्हुम ) के साथ वहां मौजूद थे और ताजदारे दो आलम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम हुजरे में तशरीफ़ फ़रमा थे, मैं ने दरवाज़ा खट खटाया तो तमाम सहाबए किराम (रादिअल्लाहु तआला अन्हुम) जम्अ हो गए। हज़रते सय्यिदुना हम्जा रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने पूछा : "क्या हुवा ?" तो सब ने कहा : "उमर (रादिअल्लाहु तआला अन्हु) आए हैं।..✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह 103-104 📚*
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❝ फारूक का लकब कैसे मिला? ❞
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••• ➫ येह सुन कर हुजूर सय्यिदे आलम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम बाहर तशरीफ़ लाए और मेरे कपड़ों को खींच कर छोड़ दिया मुझ पर इस कदर हैबत तारी हुई कि मैं घुटनों के बल गिर पड़ा, फिर इरशाद फरमाया : "ऐ उमर ! क्या बाज नहीं आओगे?" आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : मैं ने फौरन कलमा ए शहादत पढ़ा : दारे अरकम में मौजूद सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने इस ज़ोर से " अल्ल्लाहु अकबर " का नारा लगाया कि मस्जिद वालों ने सुना, मैं ने अर्ज की : “या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम हम जिन्दा रहें या मरें क्या हक पर नहीं हैं ?" इरशाद फरमाया : "हां क्यूं नहीं ! उस ज़ात की कसम जिस के कब्जए कुदरत में मेरी जान है ! अगचे तुम जिन्दा रहो या वयत पाओ हक़ पर हो।" मैं ने अर्ज की : "तो फिर छुपें क्यूं ? कसम है उस जात की जिस ने आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को हक के साथ मबऊस फ़रमाया ! आप ज़रूर निकलेंगे।" पस हुजूर नबिय्ये अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने हमें दो सफ़ों में निकलने का हुक्म दिया, एक में हज़रते सय्यिदुना हम्जा रादिअल्लाहु तआला अन्हु और दूसरी में, मैं था। भीड़ की वज्ह से हम आटे की तरह पिस रहे थे यहां तक कि हम मस्जिदे हराम में दाखिल हो गए, जब कुरैश ने मुझे और हज़रते सय्यिदुना हम्जा रादिअल्लाहु तआला अन्हु को देखा तो उन्हें ऐसी तक्लीफ़ पहुंची जो पहले कभी न पहुंची थी पस रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इस वजह से मुझे "फ़ारूक" का लकब दिया और अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने हक व बातिल के दरमियान फ़र्क फरमा दिया।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 104 📚*
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🅿🄾🅂🅃 ➪ 128
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❝ फारूक का लकब कैसे मिला? ❞
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••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : "मैं ने देखा कि अभी तक हुजूर नबिय्ये अकरम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के साथ 39 अफराद मुसलमान हुवे थे और मैं चालीसावां मुसलमान था, पस अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने अपने दीन को गलबा अता फरमाया और अपने नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसलल्लम की मदद फ़रमाई और इस्लाम को इज्जत बख्शी।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 104 📚*
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❝ इस्लाम के लिये मसाइब बरदाश्त किये ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना उसामा बिन जैद बिन अस्लम रादिअल्लाहु तआला अन्हु से रिवायत है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने हम से फ़रमाया : "क्या तुम पसन्द करते हो कि मैं तुम्हें अपने इब्तिदाए इस्लाम का वाकिआ बताऊं?" हम ने अर्ज की : "जी हां।" तो फ़रमाया : मैं लोगों में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसलल्लम की दुश्मनी में सब से ज़ियादा सख्त था, एक मरतबा सफ़ा के पास एक घर में हुजूर नबिय्ये पाक सलल्ललाहु तआला अलैहि वसल्लम की खिदमत में हाजिर हुवा और आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के सामने बैठ गया, आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने मेरी कमीज़ खींची और फरमाया : "ऐ इब्ने खताब। इस्लाम ले आ ! फिर दुआ की : या अल्लाह - इसे हिदायत अता फरमा।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 105 📚*
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❝ इस्लाम के लिये मसाइब बरदाश्त किये ❞
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••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं: फिर मैं ने पढ़ा : أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّٰهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا رَسُولُ ٱللَّٰهِ: मुसलमानों ने इस ज़ोर से " الله أكبر " का नारा लगाया कि मक्का की गलियां गूंज उठी, उस वक्त हालत येह थी कि मुसलमान अपना ईमान पोशीदा रखते थे। और जब कोई मुसलमान हो जाता तो कुफ्फार उस के दर पे हो जाते। वोह इसे मारते और येह उन्हें मारता। मैं अपने मानूं के पास आया और सारी सूरते हाल बताई उस ने घर में घुस कर दरवाज़ा बन्द कर लिया फिर मैं कुरैश के एक बड़े सरदार के पास गया उसे अपने इस्लाम के बारे में बताया लेकिन वोह भी घर में घुस गया मैं ने अपने दिल में कहा: "येह तो कोई बात न हुई लोग तो मुसलमानों को मारते हैं लेकिन मुझे क्यूं नहीं कोई मारता?" फिर एक शख्स ने कहा : "क्या तुम सब पर अपने इस्लाम को जाहिर करना चाहते हो ?" मैं ने कहा : "हां।" उस ने कहा : "जब लोग हजरे अस्वद के पास जम्अ हो जाएं तो फुलां के पास जा कर उसे अपने बारे में बता देना क्यूंकि वोह शख्स राज़ के मुआमले में हल्का है।" अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना फारूके आज़म रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : "मैं उस के पास गया और उसे बताया कि मैं ने तुम्हारा दीन छोड़ दिया है।" उस ने फौरन बुलन्द आवाज़ से ए'लान किया : "इब्ने खत्ताब बे दीन हो गया है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 105 📚*
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❝ इस्लाम के लिये मसाइब बरदाश्त किये ❞
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••• ➫ इस का येह कहना ही था कि कुफ्फार मुझे मारने लगे और मैं भी उन्हें मारने लगा इसी दौरान मेरे मामूं ने आ कर एलान किया ऐ लोगो ! मैं अपने भांजे को पनाह दे चुका हूं लिहाज़ा अब कोई इसे छूने की जुरअत न करे। सब लोग मुझ से दूर हो गए मगर मैं नहीं चाहता था। मैं ने कहा दूसरे मुसलमानों को ज़दो कोब किया जाता है। लेकिन मुझे नहीं मारा जाता। जब लोग बैतुल्लाह शरीफ़ में जम्अ हुवे तो मैं अपने मामूं के पास आया और कहा तुम सुन रहे हो उस ने कहा मैं ने नहीं सुना तुम ने क्या कहा मैं ने कहा मैं तुम्हारी पनाह तुम्हें लौटाता हूं। मेरे मामूं ने कहा ऐसा न करो लेकिन मैं ने उस की पनाह लेने से इन्कार कर दिया। उस ने कहा जैसे तुम्हारी मरज़ी है। फिर मेरी मार पीट होती रही यहां तक कि अल्लाह अज़्ज़वजल ने इस्लाम को गलबा अता फ़रमा दिया।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 106 📚*
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❝ हकगोई व सिलए रेहमी ❞
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••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु की गुफ्तगू सुकून व इतमीनान, सन्जीदगी और वकार के साथ होती और आप रादिअल्लाहु तआला अन्हु कतए रेहमी और फ़िराक से इजतिनाब फ़रमाते, अहकामे खुदावन्दी को फैलाते और मजबूती के साथ नाफ़िज़ करवाते थे।
••• ➫ उलमाए तसव्वुफ़ फ़रमाते हैं कि "तसव्वुफ़, हक़ की मुवाफ़िक़त और मख्लूक से दूर रहने का नाम है।...✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 106 📚*
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❝ हकगोई व सिलए रेहमी ❞
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••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अलिय्युल मुर्तजा करम अल्लाहु वहहुल करीम फ़रमाते हैं: हम आपस में कहा करते थे कि "कोई फ़िरिश्ता है जो अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फ़ारूक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु की जबान पर बोलता है।
••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यदुना अलिय्युल मुर्तजा करम अल्लाहु वहहुल करीम फरमाते हैं: "हम इस बात को विल्कुल बईद नहीं समझते थे कि सकीना व इत्मीनान अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु की ज़बान पर बोलता है'।
••• ➫ या'नी इजरते सप्यिदुना उमर रादिअल्लाहु तआला अन्हु के कलाम उन को जबान में मुसलमानों के दिलों को चैन होता था या वोह फ़िरिश्ता जिसे सीना कहते हैं वोह हज़रते उमर रादिअल्लाहु तआला अन्हु की ज़बान पर बोलता था।...✍
📔 मिरआतुल मनाजीह, ज़िल्द 8 सफ़ह 367
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 106 📚*
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❝ हकगोई व सिलए रेहमी ❞
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••• ➫ हजरते सय्यिदुना अम्र बिन मैमून से मरवी है कि हजरते सय्यिदुना अलिय्युल
मुर्तजा करम अल्लाहु वहाहुल करीम फ़रमाते हैं : "हम अस्हावे रसूल कसीर तादाद में होने के बा वुजूद इस बात का इन्कार नहीं करते थे कि सकीना अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु की ज़बान पर बोलता है।
••• ➫ हज़रते सय्यदुना अबू हुरैरा रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि सय्यिदुल मुबल्लिगीन, रहमतुल्लिल आलमीन -सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : "अल्लाह ने उमर फारूक (रादिअल्लाहु तआला अन्हु) की ज़बान और उन के दिल पर हक को जारी फरमा दिया है।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना अब्दुल्लाह बिन उमर रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया : "अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने (कुरआने पाक में) तीन बातों में मेरी मुवाफ़िक़त फरमाई है :
(1) मकामे इब्राहीम
(2) पर्दा और
(3) जंगे बद्र के कैदियों के बारे में।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 106 📚*
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❝ जंगे बद्र में ख़ास किरदार ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यदुना अब्दुल्लाह बिन अब्बास रादिअल्लाहु तआला अन्हु बयान करते हैं कि मुझे अमीरुल मोमिनीन हजरते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने बताया कि जब बद्र के दिन अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने मुशरिकौन को शिकस्त से दो चार किया तो उन के 70 आदमी कत्ल हुवे और 70 ही कैद हुवे तो हुस्ने अख़्लाक़ के पैकर, नबियों के ताजवर, महबूबे रब्बे अक्बर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मश्वरा तलब फ़रमाया और पूछा : "ऐ खत्ताब के बेटे (उमर रादिअल्लाहु तआला अन्हु) तुम्हारी इन कैदियों के मुतअल्लिक क्या राए है ?" अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : "मैं ने अर्ज की : मेरा ख़याल येह है कि आप मेरा फुलां रिश्तेदार मेरे हवाले फरमाएं मैं उस की गर्दन उड़ाता हूं और औलादे अकील (या'नी हज़रते अली रादिअल्लाहु तआला अन्हु) के चचा की औलाद) हज़रते अली रादिअल्लाहु तआला अन्हु के हवाले की जाए वोह उन की गर्दन उड़ाएं और फुलां हज़रते सय्यदुना हम्जा रादिअल्लाहु तआला अन्हु के हवाले हो, वोह उसे कत्ल करें ताकि अल्लाह ज़ाहिर फ़रमा दे कि हमारे दिलों में मुशरिकीन की कोई महब्बत नहीं, येह लोग। कुरैश के सरदार, अइम्मा और पेश्वा थे।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 107 📚*
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❝ जंगे बद्र में ख़ास किरदार ❞
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••• ➫ लेकिन रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने मेरी राए पर अमल न फ़रमाया और मुशरिकीन से फ़िदया ले कर उन्हें छोड़ दिया जब दूसरे दिन मैं हुजूर नविय्ये मुकर्रम, नूरे मुजस्सम, रसूले अकरम, शाहे बनी आदम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की बारगाह में हाज़िर हुवा तो आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम और सिद्दीके अक्बर (रादिअल्लाहु तआला अन्हु) को रोते हुवे देखा तो अर्ज की : "या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम मुझे बताइये आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम और आप के रफ़ीक (हज़रते सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु ) को किस चीज़ ने रुलाया ? अगर मुझे भी उस चीज़ की वज्ह से रोना आया तो रोऊंगा वरना आप दोनों के रोने की वजह से मैं रोने की कोशिश करूंगा।" हुजूर नविय्ये करीम, रऊफुर्रहीम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने (दरख्त की तरफ इशारा करते हुवे) फ़रमाया : "कैदियों से फ़िदया लेने की वजह से अल्लाह अज़्ज़वज़ल का अज़ाब इस दरख्त से भी ज़ियादा करीब आ चुका था।..✍
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 108 📚*
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❝ जंगे बद्र में ख़ास किरदार ❞
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••• ➫ पस अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने येह आयते करीमा नाज़िल फ़रमाई : तर्जमए कन्जुल ईमान : किसी नबी को लाइक नहीं कि काफिरों को ज़िन्दा कैद करे जब तक जमीन में उन का खून खूब न बहाए तुम लोग दुन्या का माल चाहते हो और अल्लाह आखिरत चाहता है और लाह गालिब हिक्मत वाला है अगर अलाह पहले एक बात लिख न चुका होता तो ऐ मुसलमानो ! तुम ने जो काफिरों से बदले का माल ले लिया उस में तुम पर बड़ा अज़ाब आता।
••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु फ़रमाते हैं : "फिर अल्लाह अज़्ज़वज़ल ने मुसलमानों के लिये गनीमत के अमवाल को हलाल फ़रमा दिया और आइन्दा साल जब उहुद का मा रिका पेश आया तो मुसलमानों ने जो बद्र में फ़िदया वुसूल किया था उस के बदले में 70 मुसलमान शहीद हुवे।...✍
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❝ जंगे बद्र में ख़ास किरदार ❞
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••• ➫ (फ़तह के बाद दूसरे हम्ले में) सहाबए किराम रादिअल्लाहु तआला अन्हु पस्पा हुवे और आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के सामने के चार दन्दाने मुबारक (के बा'ज़ हिस्से) भी शहीद हुवे और खौद (लोहे की जंगी टोपी) की कड़ियां सर में चुभ गई और हुजूर नबिय्ये मुकर्रम, नूरे मुजस्सम सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के चेहरए अक्दस पर खुन बहने लगा तो अल्लाह ने येह आयते मुबारका नाज़िल फ़रमाई : तर्जमए कन्जुल ईमान : क्या जब तुम्हें कोई मुसीबत पहुंचे कि इस से दूनी तुम पहुंचा चुके हो तो कहने लगो कि येह कहां से आई तुम फ़रमा दो कि वोह तुम्हारी ही तरफ़ से आई बेशक सब कुछ कर सकता है।
••• ➫ हज़रते सय्यिदुना इब्ने उमर रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मरवी है कि जब बद्र के दिन कुफ्फार को कैद कर लिया गया तो नूर के पैकर, तमाम नबियों के सरवर, दो जहां के ताजवर, सुल्ताने बहूरो बर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसलल्लम ने अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मश्वरा लिया।...✍
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❝ जंगे बद्र में ख़ास किरदार ❞
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••• ➫ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने अर्ज की येह आप की कौम और खानदान वाले हैं लिहाज़ा आप इन्हें आज़ाद फ़रमा दें।और जब अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फ़ारूक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मश्वरा लिया तो अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फ़ारूक़ रादिअल्लाहु तआला अन्हु ने उन्हें कत्ल कर देने का मश्वरा अर्ज किया लेकिन आप ﷺ ने उन से फ़िदया ले कर उन्हें छोड़ दिया तो अल्लाह अज़्ज़वजल ने येह आयते मुबारका नाज़िल फ़रमाई
••• ➫ तर्जमए कन्जुल ईमान : किसी नबी के लाइक नहीं कि काफिरों को ज़िन्दा कैद करे।
••• ➫ फिर आप ﷺ अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फ़ारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु से मिले तो फ़रमाया करीब था कि तुम्हारी मुखालफत की वज्ह से अज़ाब नाज़िल हो जाता।...✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 109 📚*
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❝ आप ﺭﺿﻲ ﺍﻟﻠﻪ ﺗﻌﺎﻟﻲ ﻋﻨﻪ की राए पर नुतले आयात ❞
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••• ➫ हज़रते सय्यिदुना इस्माईल बिन इयाश रादिअल्लाहु तआला अन्हु बयान करते हैं कि "मैंने अमीरुल मोमिनीन हज़रते सय्यिदुना उमर फारूक रादिअल्लाहु तआला अन्हु को फरमाते हुवे सुना : जब (मुनाफ़िकों का सरदार) अब्दुल्लाह बिन अबी सलूल मर गया तो हुजूर नविय्ये पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को उस की नमाजे जनाज़ा पढ़ने के लिये बुलाया गया, जब आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम उस मुनाफिक की नमाज़े जनाज़ा के इरादे से खड़े हुवे तो मैंने अर्ज की : "या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ! क्या आप अल्लाह के दुश्मन इब्ने अबी सलूल की नमाजे जनाज़ा पढ़ाएंगे जिस ने फुलां दिन यूं कहा और फुलां दिन यूं कहा ?" मैं उस की बुराई को शुमार करने लगा और रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम मुस्कुराते रहे यहां तक कि जब मैं ने बार बार येह बातें बयान की तोआप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : ऐ उमर ! मुझे छोड़ दो क्यूंकि मुझे नमाज़ पढ़ने या न पढ़ने का इख्तियार दिया गया तो मैं ने पढ़ने को तरजीह दी कि मुनाफिकीन के बारे में फरमाया गया है कि "आप उन के लिये इस्तिगफार करें या न करें।...✍🏻
*📬 अल्लाह वालों की बातें सफ़ह - 110 📚*
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